संतोष कुमार गुप्ता
मुजफ्फरपुर।चार्जशिट दाखिल नही करना दो आइओ को महंगा पड़ा। मधुबनी और वैशाली जिले के वर्षों पुराने मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर विशेष निगरानी अदालत ने केस के आईओ के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश डॉ. आरके सिंह ने दोनों मामलो की सुनवाई करते हुए निगरानी एसपी सह निगरानी थानाध्यक्ष को निर्देश जारी किया। साथ ही कार्रवाई की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपने को कहा है।
वैशाली जिले के हाजीपुर थाना में 16 अगस्त 1989 को अज्ञात ट्रैफिक पुलिस पर रुपये नहीं देने पर ट्रक ड्राइवर से मारपीट करने का मामला दर्ज हुआ था। पहाड़पुर महनार निवासी जगदीश पासवान ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि सोनपुर छोटी लाइन रेलवे मालगोदाम से चावल के टुकड़े (खुद्दी) ट्रक पर लोड कर वह बाढ़ जा रहा था। गंडक नदी के पुराने पुल के पश्चिमी हिस्से के पास एक ट्रैफिक पुलिस आकर पूछताछ करने लगा। ट्रक में बैठे व्यापारी से पैसे को लेकर बकझक करने लगा। औद्योगिक क्षेत्र के पास स्थित धर्मकांटा में ट्रक का कांटा कराने के बाद साइड में लगाकर रामा आशीष चौक से चार-पांच ट्रैफिक पुलिस को बुला लिया। इसके बाद मारपीट की। इससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया। पहले यह मामला वैशाली सीजेएम कोर्ट में चला। फिर पटना व 2002 में इसे मुजफ्फरपुर विशेष निगरानी कोर्ट में ट्रांसफर किया गया। वहीं, दूसरा मामला मधुबनी के जयनगर थाना में जयनगर बीडीओ के आवेदन पर 13 अक्टूबर 1991 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक देवधा के तत्कालीन प्रबंधक अवधेश कुमार सिंह व फिल्ड ऑफिसर शिव शंकर ठाकुर के विरुद्ध लोन के एवज में रुपये लेने की शिकायत दर्ज हुई थी। इसमें लोन लेने वाले व्यक्तियों का बयान भी शामिल किया गया था। इस मामले को वर्ष 2002 में विशेष निगरानी अदालत मुजफ्फरपुर को ट्रांसफर किया गया था।
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