प्रसिद्ध यूट्यूबर और विवादित पत्रकार मनीष कश्यप आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में चंपतिया विधानसभा सीट से जन सुराज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। यह उनका उसी सीट से दूसरा चुनावी प्रयास है। 34 वर्षीय डिजिटल इन्फ्लुएंसर मनीष कश्यप, जो अपनी यूट्यूब चैनल “सच तक न्यूज” के माध्यम से अपने सख्त जमीनी रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं, ने मंगलवार को घोषणा की कि वह 18 अक्टूबर 2025 को अपनी नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
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नामांकन की घोषणा और पार्टी की पुष्टि
(14 अक्टूबर) को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मनीष कश्यप ने लिखा, “प्रिय चंपारणवासियों, आपके आशीर्वाद और समर्थन से 18 अक्टूबर को मैं, मनीष कश्यप, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चंपतिया विधानसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करूंगा।”
अपने इस ऐलान के साथ कश्यप ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के साथ एक तस्वीर भी साझा की, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनका नामांकन पार्टी के झंडे तले होगा। हालांकि जन सुराज पार्टी ने आधिकारिक रूप से अभी तक उनकी उम्मीदवारी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन कश्यप का सार्वजनिक ऐलान और प्रशांत किशोर के साथ की गई तस्वीर ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह पार्टी के उम्मीदवार होंगे।
“यह सिर्फ एक चुनाव नहीं है, बल्कि यह जनता की आवाज को विधानसभा तक पहुंचाने का संकल्प है,” कश्यप ने अपनी पोस्ट में लिखा, और मतदाताओं से अपील की कि वे इस “ऐतिहासिक क्षण” का गवाह बनें और उनके “जन आंदोलन” का समर्थन करें।
पिछले टिकट विवाद और पार्टी की रणनीति
कश्यप की उम्मीदवारी कुछ समय पहले जन सुराज की दूसरी उम्मीदवार सूची में एक विवाद के बाद तय हुई। 13 अक्टूबर को पार्टी ने अपनी दूसरी उम्मीदवार सूची जारी की थी, जिसमें शुरू में 66 नाम थे, लेकिन अंत में केवल 65 नामों की घोषणा की गई। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा थी कि जो नाम हटाया गया, वह मनीष कश्यप का था, जिन्हें “रोक दिया गया” था।
हालांकि, 24 घंटे के भीतर कश्यप ने मीडिया इंटरव्यू में स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रशांत किशोर से फोन पर बात की थी और यह पुष्टि की कि चंपतिया से उनकी उम्मीदवारी तय हो गई है। पार्टी के करीबी सूत्रों ने बताया कि यह देरी रणनीतिक थी, जो जाति संतुलन और उम्मीदवारों के चयन को सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
जन सुराज ने अब तक बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए 116 उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिसमें पहली सूची में 51 नाम और दूसरी सूची में 65 नाम शामिल हैं। पार्टी ने सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का संकल्प लिया है और अत्यंत पिछड़ी जातियों (EBC) के लिए विशेष रूप से प्रतिनिधित्व का वादा किया है, जिसमें 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई है।
मनीष कश्यप कौन हैं?
मनीष कश्यप का जन्म 9 मार्च 1991 को पश्चिम चंपारण जिले के डामरिया गांव, महनवा में हुआ था। उन्हें “बिहार का बेटा” के नाम से भी जाना जाता है। 2009 में अपनी इंटरमीडिएट शिक्षा पूरी करने के बाद वह पुणे गए थे, जहां उन्होंने सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 2016 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
सामान्य इंजीनियरिंग करियर को छोड़कर कश्यप ने जुलाई 2018 में अपना यूट्यूब चैनल “सच तक न्यूज” शुरू किया, जो जमीनी पत्रकारिता पर आधारित था। इस चैनल के माध्यम से उन्होंने भ्रष्टाचार, चिकित्सा लापरवाही, इंफ्रास्ट्रक्चर घोटाले और सामाजिक अन्याय को उजागर किया। उनकी रिपोर्टिंग शैली ने दर्शकों के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल की, और अब उनके चैनल के पास 6.4 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर और लगभग 4,000 वीडियो हैं।
कश्यप की रिपोर्टिंग शैली सरकारी दफ्तरों, पुलिस थानों, अस्पतालों और अपराध स्थलों पर तीखे सवाल करने की रही है, जिसमें अधिकारियों के साथ जोरदार बहस और सीधे चुनौती दी जाती है। यह तरीका उन्हें विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और युवा दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना चुका है, जो पारंपरिक मीडिया से निराश थे।
राजनीतिक यात्रा और विवाद
कश्यप ने पहली बार 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चंपतिया से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने 9,239 वोट (5.26% वोट शेयर) प्राप्त किए थे और तीसरे स्थान पर रहे थे, जबकि बीजेपी के उमाकांत सिंह और कांग्रेस के अभिषेक रंजन पहले और दूसरे स्थान पर रहे थे।
कश्यप की राजनीतिक यात्रा कई कानूनी विवादों से भी जुड़ी रही है। मार्च 2023 में बिहार पुलिस ने उन्हें तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों के हमले के बारे में फर्जी वीडियो फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इन वीडियो ने राजनीतिक हलचल मचा दी थी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की जांच के लिए एक टीम तमिलनाडु भेजी थी।
इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट (EOU) ने उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज किए और उनके चार बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। बाद में कश्यप को पश्चिम चंपारण के जगदीशपुर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण करने के बाद गिरफ्तार किया गया। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम राहत के लिए याचिका दायर की थी।
2024 के अप्रैल में जमानत मिलने के बाद कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की, लेकिन उनका भाजपा में समय बहुत कम था। मई 2024 में उन्होंने पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों के साथ झगड़े के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
प्रशांत किशोर का स्वागत और राजनीतिक रणनीति
प्रशांत किशोर ने कश्यप का जन सुराज में स्वागत करते हुए कहा, “मनीष कश्यप सिर्फ यूट्यूबर नहीं हैं, वे बिहार के बेटे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और बुद्धिमानी से अपनी पहचान बनाई है। अब वह राज्य के लिए कुछ करना चाहते हैं।”
किशोर ने जन सुराज को एक ऐसी प्रणाली बताया जो हर युवा और व्यक्ति को बिहार के विकास में योगदान करने का अवसर प्रदान करती है। कश्यप को इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का भरोसा जताते हुए किशोर ने कहा कि यह सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि हजारों युवाओं की आवाज का मिलन है, जो बिहार में बदलाव लाना चाहते हैं।
चंपतिया विधानसभा: चुनावी परिप्रेक्ष्य
चंपतिया, पश्चिम चंपारण जिले की एक सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है और यह पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र में आती है। इस सीट पर बीजेपी का दबदबा रहा है और यह पार्टी 2000, 2005, 2010, 2015, और 2020 चुनावों में जीत चुकी है।
2020 के चुनाव में बीजेपी के उमाकांत सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवार को 13,469 वोटों से हराया था। 2015 का चुनाव काफी करीबी था, जिसमें बीजेपी के प्रकाश राय ने जेडीयू के एन.एन. साहि को सिर्फ 464 वोटों से हराया था। यह दर्शाता है कि बीजेपी ने हाल के वर्षों में इस सीट पर मजबूत पकड़ बनाई है, लेकिन सही उम्मीदवार और रणनीति से चुनावी हालात बदल सकते हैं।
चुनाव की तैयारियाँ और समर्थन
जन सुराज में शामिल होने के बाद कश्यप चंपतिया में घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। उनके यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर उनकी वीडियो और तस्वीरें बड़ी सभाओं और गांवों में प्रचार करते हुए नजर आ रही हैं। उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर “चंपतिया मांगे मनीष कश्यप” का नारा बुलंद किया है, जो उनकी मजबूत स्थानीय समर्थन को दर्शाता है।
जन सुराज की चुनावी रणनीति
कश्यप की उम्मीदवारी प्रशांत किशोर की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बिहार की पारंपरिक राजनीतिक समीकरणों को तोड़ना है। जन सुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का संकल्प लिया है और पार्टी ने समाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए अत्यंत पिछड़ी जातियों और अन्य पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है।
चुनाव की समयसीमा और संभावनाएँ
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर 2025 को होंगे, और मतगणना 14 नवंबर को होगी। कश्यप का नामांकन 18 अक्टूबर को पहले चरण की नामांकन की अंतिम तिथि के भीतर होगा। कश्यप की उम्मीदवारी पर दांव इस बात पर निर्भर करेगा कि वह अपने डिजिटल प्रभाव को वास्तविक वोट में कैसे बदल सकते हैं और विरोधियों के खिलाफ कितनी सख्ती से मुकाबला कर सकते हैं।
उनकी 2020 की प्रदर्शन, जहां उन्होंने 9,000 से अधिक वोट प्राप्त किए, यह दर्शाता है कि उनके पास समर्थकों को जुटाने की क्षमता है। जन सुराज के समर्थन से और अधिक रणनीतिक प्रचार के साथ कश्यप अपने वोट शेयर में सुधार कर सकते हैं।
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