कौन सुनेगा किसको सुनाये-गगनदेव का दर्द सुनकर रो पड़ेंगे आप

 वृद्धावस्था को लेकर पत्नी के साथ रोज पहुंचता है ब्लॉक

​कब तक मक्के की सत्तू को लेकर प्रखंड मुख्यालय दौड़ता रहेगा गगनदेव, आनलाइन होने के बाद भी एक साल से वृदावस्था पेंशन नसीब नही, भूखे प्यासे घर से आता है, मक्के की सत्तू खाकर लौट जाता है

संतोष कुमार गुप्ता

मीनापुर। गोरिगामा पंचायत के टेंगराहा गांव के गगनदेव हजारी जेठ की चिल्लचिलाती धूप मे शनिवार को प्रखण्ड मुख्यालय पहुंचे थे। वह नौ बजे से ही अधिकारियो का बाट जोह रहा था। गगनदेव हजारी अब 80 वर्ष के हो चुके है। उनके आंख की रोशनी भी जा चुकी है। उनको पैर से भी चला पार नही लग रहा है। गगनदेव अपनी पत्नी राधा देवी के कांधे और लाठी के सहारे प्रखंड मुख्यालय पहुंचा था। वह कई दिनो से प्रखण्ड आकर लौट जाता था। राधा देवी ने बताया कि जेठ साल लग गेल। एक साल से दूनू आदमी के पेंशन के पैसा ना मिलल। ई त आंख से अंधा हथिन। अब ठेहुना से भी न चला होइछै। बताते चले कि गगनदेव व इनकी पत्नी प्रखण्ड मुख्यालय से लेकर बैंक तक चक्कर लगाकर थक गये। किंतु एक साल से वृदावस्था पेंशन की राशि इनके खाते मे नही आयी। बैंक वाला कहता है ब्लॉक जाओ। प्रखंड जाने पर कहा जाता है पैसा बैंक मे भेज दिया गया है। गरमी मे दोनो लोग परेशान है। शनिवार को प्रखण्ड मुख्यालय आते वक्त गांव के ही वसूली ठाकुर ने मक्के की सत्तू दिया था। दोनो को जब भूख लगी तो प्रखंड मुख्यालय मे सत्तू खाकर भूख मिटाया। गगनदेव को एक लड़का और दो लड़की है। वह आर्थिक तंगहाली से परेशान है। पैसे नही है कि वह पैर का इलाज करा सके। वावजूद आटो से उसको प्रखण्ड मुख्यालय आने मे 40 रूपया रोज खर्च हो जाता है। मुखिया अनामिका ने बताया कि उनके पंचायत मे इस तरह के दो सौ मामले है। खाता खुलने के बाद और आनलाइन होने के बाद वृदावस्था पेंशन के लाभुको के खाते मे पैसा नही भेजा गया है। हालांकि कई पेंशनधारियो का खाता भी नही खुल सका है। मुखिया ने बताया कि गगनदेव हजारी व राधा के खाते मे अगले सप्ताह तक राशि चली जायेगी।राधा को केवाइसी मे प्रोब्लेम के कारण दौड़ाया जा रहा है।

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