बिहार की 14 जिलों में बाढ़ ने हाहाकार मची दी है। भागलपुर, कटिहार, सुपौल, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और यूपी के गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, सीतापुर, बलरामपुर, गोंडा, बाराबंकी, बहराइच सहित कई अन्य जिलों में स्थिति काफी खराब है। दर्जनों जगह तटबंधों के टूटने से एक करोड़ से अधिक आबादी फंसी हुई हैं। इन्हें बचाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। पश्चिम चम्पारण में हेलीकॉप्टरों से जवानों को उतारा जा रहा है। उत्तर बिहार की बागमती, लखनदेई, अधवारा समूह की कई नदियां, कोसी, बूढ़ी गंडक तथा गोरखपुर में राप्ती आदि सहायक नदियां तेज उफान पर हैं।
हालांकि, एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में लगी है। पटना में भी गंगा नदी खतरे के निशान तक पहुंच रही है। भारी बारिश के कारण गंगा और उसकी सहायक नदियों में आई बाढ़ पूरे उत्तर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहर बरपा रही है। इन दोनों राज्यों में पिछले दो दिनों में 90 लोगों के मारे जाने के साथ ही एक करोड़ से अधिक आबादी बाढ़ में फंसी है। कई इलाकों का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से कट गया है, कई पुल बह गए हैं तो सड़क के साथ ही रेलमार्ग बाधित हुए है। मोतिहारी-वाल्मीकिनगर, नरकटियागंज-साठी, सीतामढ़ी-रक्सौल, सुगौली-रक्सौल, दरभंगा-सीतामढ़ी पर कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। दिल्ली की ओर से जानेवाली कई ट्रेनों को भी रद्द किया गया है। कई जगह बाढ़ पीड़ित लोग आंदोलन पर उतारू हैं।
यूपी के गोरखपुर में राप्ती और रोहिन नदी में उफान से दहशत व्याप्त है। तकरीबन 25 हजार लोग प्रभावित हो गए हैं। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में बाढ़ के पानी में डूब कर पांच युवकों की मौत हो गई। इसके अलावा दो लोगों की गोण्डा में और एक की बहराइच में डूबने से मौत हो गई। देवरिया के डुमरी गांव में शिव बनकटा से बहकर आए पीपे के पुलिए को निकालते समय एक युवक नदी के तेज धारा के साथ बह गया। सिद्धार्थनगर-बस्ती राजमार्ग और सिद्धार्थनगर-ककरहवा मार्ग बंद हो गया है। कुशीनगर में सेना के हेलीकाप्टरों में कुल 10 हजार परिवारों के लिए खाने का पैकेट, तीन दिन का राशन, दवा और कपड़े भेजे गए।
इधर, बिहार के मघुबनी में 8, मोतिहारी में 6, सीतामढ़ी में 13 व बेतिया में 10 लोगों की डूब कर मौत हो जाने की खबर है। सीतामढ़ी, शिवहर व मोतिहारी शहर में बाढ़ का पानी घुस गया है। एनएच 104 पर पानी के बहाव से मधुबन-शिवहर पथ पर आवागमन ठप है। मधुबनी में बाढ़ को लेकर 19 अगस्त तक विद्यालयों को बंद कर दिया गया है। मधुबनी- सीतामढ़ी स्टेट हाईवे पर पानी चढ़ जाने से यातायात ठप हो गया है। दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड पर भी ट्रेनों का परिचालन हुआ ठप है। शिवहर का सीतामढ़ी व मोतिहारी से सड़क संपर्क चौथे दिन भी बहाल नही हो सका है। शिवहर-सीतामढ़ी पथ में धनकौल के पास बुनियादगंज पुल का डायवर्सन तेज धार में बह गया है। दरभंगा में कमला-बलान नदी का तटबंध टूटने से घनश्यामपुर के नये इलाकों में पानी प्रवेस करने लगा है। लिहाजा वहां जबरदस्त अफरा तफरी मची है। मुजफ्फरपुर के औराई में 25 हजार व साहेबगंज में 13 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित बताये जा रहें हैं। कटरा में पांच हजार से अधिक लोगों ने बांधी पर शरण लेने को विवश हो चुकें हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में लोगा अपने घरों की छतों पर फंसे है।