भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी के राज्य अध्यक्ष सम्राट चौधरी द्वारा मंगलवार, 14 अक्टूबर को पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह सूची सार्वजनिक की गई। इस सूची में कुल 71 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिनमें से 9 महिला उम्मीदवार हैं। बिहार विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के अहम घटक के रूप में जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। NDA के अंदर सीटों के बंटवारे के तहत बीजेपी 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
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बीजेपी की उम्मीदवारों की सूची और जाति आधारित रणनीति
बीजेपी की पहली सूची में उन सीटों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो जाति समीकरणों और सामाजिक समूहों के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं। पार्टी ने सीटों की बंटवारे में कुर्मी, पिछड़े वर्ग (EBC), अनुसूचित जाति (SC), और महिलाओं को उपयुक्त प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। यह रणनीति बीजेपी के लिए राज्य में अपने पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करने और विभिन्न सामाजिक वर्गों को एकजुट करने की दिशा में एक अहम कदम है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि बीजेपी इस बार जाति आधारित समीकरणों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न सामाजिक समूहों के नेताओं को टिकट दे रही है। इस सूची में महिला उम्मीदवारों का समावेश यह दिखाता है कि पार्टी महिला सशक्तिकरण के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रही है। इसके साथ ही पार्टी ने 9 महिला उम्मीदवारों को टिकट देकर यह सुनिश्चित किया है कि महिला वोटरों को भी पार्टी का समर्थन मिले।
चुनाव में बीजेपी की रणनीति
इस बार बीजेपी का चुनावी अभियान राज्य में जाति समीकरणों को पुनः व्यवस्थित करने की कोशिशों पर केंद्रित है। पार्टी ने कई ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिनका जातिगत प्रभाव क्षेत्र में मजबूत आधार है। इसके अलावा, कुछ प्रमुख नेताओं को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी यह संदेश दे रही है कि वह अपने पुराने वोट बैंक को लेकर पूरी तरह से संजीदा है।
बीजेपी ने अपने चुनावी अभियान में अनुभवी नेताओं और नए चेहरों का मिश्रण रखा है। यह रणनीति पार्टी को एक तरफ पुराने वोटर्स से जुड़ी रहने में मदद करेगी, तो दूसरी तरफ नए चेहरों के जरिए नए वोटर्स को आकर्षित करने की कोशिश की जाएगी। पार्टी ने जिन नए चेहरों को टिकट दिया है, वे राज्य की राजनीतिक भूमि में बदलाव की प्रतीक माने जा सकते हैं।
प्रमुख उम्मीदवारों की सूची
बीजेपी के 71 उम्मीदवारों की सूची में कुछ प्रमुख नाम शामिल हैं जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इनमें से कुछ अनुभवी नेता हैं, जबकि कुछ नए चेहरे भी हैं, जो राज्य की राजनीति में अपनी छाप छोड़ने की कोशिश करेंगे। प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं:
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बेतिया – रेनु देवी: रेनु देवी को इस बार बेतिया से टिकट दिया गया है। वह बीजेपी की एक मजबूत महिला नेता हैं।
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रक्सौल – प्रमोद कुमार सिन्हा: प्रमोद कुमार सिन्हा को रक्सौल सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। उनका क्षेत्र में मजबूत समर्थन है।
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पिपरा – श्यामबाबू प्रसाद यादव: श्यामबाबू प्रसाद यादव को पिपरा से उम्मीदवार बनाया गया है, और उनकी स्थानीय पकड़ मजबूत है।
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मोतिहारी – प्रमोद कुमार: प्रमोद कुमार को मोतिहारी से टिकट दिया गया है, और उनकी सीट पर बीजेपी का प्रभाव काफी मजबूत है।
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सीवान – मंगल पांडेय: मंगल पांडेय को सीवान से उम्मीदवार बनाया गया है। वह कुर्मी समुदाय में अपनी अपार पहचान रखते हैं।
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कटिहार – तारकिशोर प्रसाद: कटिहार से तारकिशोर प्रसाद को उम्मीदवार बनाया गया है, जो EBC वोटरों के बीच अपनी मजबूत पहचान रखते हैं।
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औरंगाबाद – गिरिराज सिंह: गिरिराज सिंह, जो केंद्रीय मंत्री भी हैं, को औरंगाबाद सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। उनका ऊंची जाति के वोटरों में अच्छा प्रभाव है।
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पटना साहिब – रत्नेश कुशवाहा: रत्नेश कुशवाहा को पटना साहिब से उम्मीदवार बनाया गया है, और उनकी स्थानीय राजनीति में एक मजबूत पकड़ है।
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गया – प्रेम कुमार: गया में प्रेम कुमार बीजेपी के अनुभवी नेता हैं। उनकी भूमिका यहां महत्वपूर्ण हो सकती है।
बीजेपी की पूरी उम्मीदवार सूची
यहां बीजेपी के उम्मीदवारों की पूरी सूची दी जा रही है, जो बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पार्टी ने घोषित की है:
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बेतिया – रेनु देवी
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रक्सौल – प्रमोद कुमार सिन्हा
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पिपरा – श्यामबाबू प्रसाद यादव
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मधुबन – राणा रणधीर सिंह
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मोतिहारी – प्रमोद कुमार
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ढाका – पवन जायसवाल
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रीगा – बैद्यनाथ प्रसाद
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बथनाहा – अनिल कुमार राम
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परिहार – गायत्री देवी
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सीतामढ़ी – सुनील कुमार पिंटू
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बेनीपट्टी – विनोद नारायण झा
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खजौली – अरुण शंकर प्रसाद
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बिस्फी – हरिभूषण ठाकुर बचौल
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राजनगर – सुजीत पासवान
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झंझारपुर – नीतीश मिश्रा
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छातापुर – नीरज कुमार सिंह बबलू
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नरपतगंज – देवंती यादव
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फारबिसगंज – विद्यासागर केसरी
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सिकटी – विजय कुमार मंडल
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किशनगंज – स्वीटी सिंह
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बनमनखी – कृष्ण कुमार ऋषि
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पूर्णिया – विजय कुमार खेमका
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कटिहार – तारकिशोर प्रसाद
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प्राणपुर – निशा सिंह
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कोढ़ा – कविता देवी
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सहरसा – आलोक रंजन झा
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गौरा बौराम – सुजीत कुमार सिंह
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दरभंगा – संजय सरावगी
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केवटी – मुरारी मोहन झा
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जाले – जीवेश मिश्रा
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औराई – रमा निषाद
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कुढ़नी – केदार प्रसाद गुप्ता
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बरुराज – अरुण कुमार सिंह
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साहेबगंज – राजू कुमार सिंह
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बैकुंठपुर – मिथिलेश तिवारी
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सीवान – मंगल पांडेय
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दरौंदा – कर्णजीत सिंह
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गोरेयाकोठी – देवेश कांत सिंह
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तरैया – जनक सिंह
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अमनौर – कृष्ण कुमार मंटू
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हाजीपुर – अवधेश सिंह
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लालगंज – संजय कुमार सिंह
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पातेपुर – लखेंद्र कुमार रौशन
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मोहिउद्दीननगर – राजेश कुमार सिंह
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बछवाड़ा – सुरेंद्र मेहता
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तेघड़ा – रजनीश कुमार
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बेगूसराय – कुंदन कुमार
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भागलपुर – रोहित पांडेय
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बांका – राम नारायण मंडल
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कटोरिया – पूरण लाल टुडू
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तारापुर – सम्राट चौधरी
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मुंगेर – कुमार प्रणय
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लखीसराय – विजय कुमार सिन्हा
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बिहारशरीफ – सुनील कुमार
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दीघा – संजीव चौरसिया
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बांकीपुर – नितिन नवीन
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कुम्हरार – संजय गुप्ता
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पटना साहिब – रत्नेश कुशवाहा
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दानापुर – रामकृपाल यादव
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बिक्रम – सिद्धार्थ सौरव
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बड़हरा – राघवेंद्र प्रताप सिंह
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आरा – संजय सिंह टाइगर
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तरारी – विशाल प्रशांत
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अरवल – मनोज शर्मा
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औरंगाबाद – त्रिविक्रम सिंह
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गुरुआ – उपेंद्र दांगी
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गया शहर – प्रेम कुमार
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वजीरगंज – बीरेंद्र सिंह
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हिसुआ – अनिल सिंह
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वारसलीगंज – अरुणा देवी
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जमुई – श्रेयसी सिंह
बीजेपी की रणनीति: जाति समीकरण और सामूहिक राजनीति पर जोर
बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची में जाति आधारित राजनीति पर विशेष ध्यान दिया गया है। पार्टी ने विभिन्न जाति समूहों को ध्यान में रखते हुए अपने उम्मीदवारों को चुना है ताकि राज्य की विविध सामाजिक संरचनाओं में अपनी पकड़ मजबूत कर सके। बीजेपी का उद्देश्य आगामी चुनावों में महागठबंधन को चुनौती देना है, और इसके लिए पार्टी ने स्थानीय प्रभाव वाले नेताओं और समुदायों को टिकट देने पर जोर दिया है।
बीजेपी का यह चुनावी दांव जाति समीकरणों को पुनः व्यवस्थित करने का है, जिससे पार्टी को राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी। पार्टी ने इस बार न केवल अनुभवी नेताओं को चुना है बल्कि नए चेहरों को भी टिकट दिया है, ताकि पार्टी का चुनावी अभियान और भी अधिक प्रभावशाली हो सके।
बीजेपी ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों के लिए जो उम्मीदवार सूची जारी की है, वह पार्टी की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा है। आने वाले दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी अपनी जाति आधारित रणनीतियों के जरिए महागठबंधन के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश कर पाती है। पार्टी ने अपने पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करने के साथ-साथ नए चेहरों को भी अवसर दिया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि बीजेपी बिहार में एक नया मोर्चा खोलने के लिए तैयार है।



