KKN न्यूज ब्यूरो। Bihar Election 2025 को लेकर राजनीति का पारा चढ़ चुका है। जनसुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आगामी चुनावों पर बड़ा बयान दिया है। प्रशांत किशोर का कहना है कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का राजनीतिक प्रभाव उतना मजबूत नहीं है जितना दिखाया जाता है। उनके अनुसार, इस बार चुनाव में चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिल सकते हैं।
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BJP को बिहार में संघर्ष करना होगा: प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में BJP की स्थिति काफी कमजोर है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को 20% वोट हासिल करने में 20 साल लग गए। इसके विपरीत, जनसुराज को महज 11 दिनों की मेहनत में 10% वोट मिले। किशोर के अनुसार, बिहार के मतदाता बदलाव चाहते हैं, और यही आगामी चुनाव में बड़े नतीजों की वजह बनेगा।
बदलाव के लिए तैयार बिहार
प्रशांत किशोर ने एक निजी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि बिहार के दो-तिहाई लोग राज्य में बदलाव चाहते हैं। उनके मुताबिक, बिहार के हालात को सुधारने के लिए नई सोच और नई रणनीति की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में हाल ही में हुए चार विधानसभा उपचुनाव और एक एमएलसी चुनाव में एनडीए को हार का सामना करना पड़ा। यह संकेत है कि जनता बदलाव चाहती है।
जनसुराज के प्रदर्शन पर प्रशांत किशोर का विश्वास
प्रशांत किशोर ने बताया कि जनसुराज ने अब तक जो प्रदर्शन किया है, वह आश्चर्यजनक है। महज 11 दिनों की मेहनत से पार्टी ने 10% वोट हासिल किए। उन्होंने BJP की तुलना में जनसुराज के प्रदर्शन को बेहतर बताया। किशोर का दावा है कि आगामी चुनावों में जनसुराज को जबरदस्त सफलता मिलेगी।
BJP का राजनीतिक गणित
प्रशांत किशोर ने BJP की स्थिति को लेकर कहा कि पार्टी आमतौर पर बिहार में 100 सीटों पर चुनाव लड़ती है और केवल एक बार 150 सीटों पर चुनाव लड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि BJP, जो हरियाणा और महाराष्ट्र में जीत दर्ज कर रही है, बिहार में उतनी बड़ी खिलाड़ी नहीं है। उनके अनुसार, BJP बिहार में दूसरे या तीसरे नंबर की पार्टी है।
क्या कहता है जनता का मूड?
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के मतदाताओं का मूड इस बार अलग है। राज्य में बेरोजगारी, शिक्षा और विकास जैसे मुद्दों पर जनता की नाराजगी बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली और हरियाणा के चुनाव परिणामों से जनसुराज की रणनीति पर कोई असर नहीं पड़ा है। बिहार में जनता नए नेतृत्व और नई दिशा की उम्मीद कर रही है।
लोकसभा चुनाव के बाद NDA की स्थिति
प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में हुए चार उपचुनाव और एक एमएलसी चुनाव में एनडीए को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि बिहार में बदलाव की लहर चल रही है। उनका मानना है कि बिहार के लोग अब परंपरागत राजनीति से आगे बढ़कर नई सोच को अपनाने के लिए तैयार हैं।
Bihar Election 2025: क्या BJP पर भारी पड़ेगा जनसुराज?
प्रशांत किशोर ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में BJP को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि BJP के पास राज्य में स्थायी जनाधार नहीं है, और पार्टी अब भी जनता का विश्वास हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है। दूसरी ओर, जनसुराज तेजी से अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
जनसुराज की रणनीति और भविष्य की योजना
प्रशांत किशोर ने जनसुराज की रणनीति पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने कम समय में बेहतर प्रदर्शन किया है। उनका दावा है कि जनसुराज आने वाले चुनावों में बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी अधिकतम सीटें जीतेगी।
बिहार में BJP के लिए मुश्किलें क्यों हैं?
- मुद्दों पर ध्यान देने की कमी: बिहार में बेरोजगारी, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दों पर BJP की निष्क्रियता।
- स्थानीय नेतृत्व की कमजोरी: राज्य में BJP का कोई मजबूत क्षेत्रीय चेहरा नहीं है।
- NDA में फूट: एनडीए गठबंधन में बार-बार बदलाव से पार्टी की छवि कमजोर हुई है।
बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर प्रशांत किशोर की राय
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार का राजनीतिक परिदृश्य बदल रहा है। उन्होंने कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दलों के प्रदर्शन पर भी सवाल उठाए। उनका मानना है कि राहुल गांधी की कांग्रेस बिहार में अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी भी वह BJP और जनसुराज से पीछे है।
क्या बिहार में जनता बदलाव के लिए तैयार है?
प्रशांत किशोर का कहना है कि बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं। उनका यह दावा है कि जनता अब पारंपरिक राजनीति से उकता चुकी है। उन्होंने कहा कि यदि सही नेतृत्व और मुद्दे उठाए जाएं, तो जनता बदलाव का समर्थन करने के लिए तैयार है।
ऐतिहासिक होगा बिहार का चुनाव
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कई मायनों में ऐतिहासिक हो सकता है। प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी जनसुराज की चुनौती BJP और अन्य दलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। किशोर के बयान और बिहार की जनता का मूड यह संकेत देता है कि इस बार चुनावी नतीजे चौंकाने वाले होंगे।
आने वाले चुनाव में कौन विजयी होगा और कौन पीछे रह जाएगा, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि बिहार में बदलाव की लहर चल रही है, और इसका असर सभी राजनीतिक दलों पर पड़ेगा।
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