भारत निर्वाचन आयोग (ECI) आज 6 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। यह घोषणा दिल्ली के विज्ञान भवन से होगी। चुनाव आयोग द्वारा राज्य में चुनाव की तैयारियों की दो दिनों तक समीक्षा की गई, जिसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी ने राज्य के अधिकारियों और राजनीतिक दलों से विस्तृत बैठकें की।
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छठ पूजा के बाद दो चरणों में होंगे चुनाव
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने की संभावना है, और मतदान छठ पूजा के बाद, 28 अक्टूबर के आसपास शुरू होने की उम्मीद है। राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि मतदान छठ पूजा के तुरंत बाद कराया जाए ताकि प्रवासी बिहारियों को अपने घर लौटने से पहले मतदान का अवसर मिल सके।
जेडी(U) ने विशेष रूप से एक ही चरण में मतदान की मांग की है, ताकि प्रवासी मतदाता बिना अपने कार्यस्थल लौटे वोट कर सकें। भाजपा ने भी इस मांग का समर्थन किया है और कहा है कि चुनाव एक या दो चरणों में होने चाहिए, साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में पैरामिलिट्री बलों की पर्याप्त तैनाती होनी चाहिए।
बिहार विधानसभा का चुनावी परिदृश्य और मुख्य आंकड़े
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें से 131 सीटें एनडीए के पास और 111 सीटें महागठबंधन के पास हैं। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवम्बर 2025 को समाप्त हो रहा है, ऐसे में चुनाव आयोग के लिए यह जरूरी है कि वह इस तारीख से पहले चुनाव प्रक्रिया को पूरा कर ले।
चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी की, जिसमें 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज किए गए हैं। इससे पहले 24 जून को यह संख्या 7.89 करोड़ थी। इस सूची के साथ विशेष पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया पूरी की गई है।
चुनावी तैयारी में किए गए नए कदम
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 17 नई पहल की घोषणा की है। इसमें हर मतदान केंद्र पर 100% वेबकास्टिंग, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVMs) पर उम्मीदवारों की रंगीन फोटो, और चुनाव कर्मियों के लिए बढ़ी हुई वेतन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल फोन जमा करने के लिए काउंटर लगाए जाएंगे, और मतदान केंद्रों के बाहरी इलाके तक मतदाता मोबाइल फोन ले जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे पटना मेट्रो का उद्घाटन
आज, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना मेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। यह उद्घाटन सुबह 11 बजे किया जाएगा। पटना मेट्रो के पहले चरण में 3.6 किलोमीटर का उंचा मार्ग, जिसे ‘ब्लू लाइन’ के नाम से जाना जाता है, का संचालन शुरू होगा। यह मार्ग तीन प्रमुख स्टेशनों को जोड़ता है: न्यू पटलिपुत्र बस टर्मिनल (ISBT), जीरो माइल और भूतनाथ।
पटना मेट्रो सेवा की जानकारी
पटना मेट्रो, जिसे दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने बिहार सरकार के सहयोग से विकसित किया है, प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेगी। इसमें किराया ₹15 से ₹30 तक होगा। प्रत्येक तीन कोच की ट्रेन में लगभग 900 यात्रियों को बैठने और खड़े होने की सुविधा मिलेगी, जिसमें प्रत्येक कोच में 138 बैठने की और 945 खड़े होने की क्षमता होगी।
पटना मेट्रो के कोचों को मधुबनी पेंटिंग्स से सजाया गया है, जिनमें बिहार की सांस्कृतिक धरोहर जैसे गोलघर, महाबोधि मंदिर, बुद्ध स्तूप और नालंदा के खंडहर शामिल हैं। हालांकि, आज उद्घाटन समारोह होगा, लेकिन पब्लिक ऑपरेशंस 7 अक्टूबर से शुरू होंगे।
भविष्य के विस्तार की योजनाएँ
उद्घाटन समारोह के दौरान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना जंक्शन सहित छह भूमिगत मेट्रो स्टेशनों की नींव भी रखेंगे। इसके साथ ही, 9.35 किलोमीटर लंबी सुरंग भी बनाई जाएगी, जो कॉरिडोर-I का हिस्सा होगी। यह भूमिगत कॉरिडोर पटना जंक्शन से रुकनपुरा तक जुड़ेगा, जिससे राज्य की राजधानी में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार होगा।
राजनीतिक प्रभाव
चुनाव की तारीखों की घोषणा और पटना मेट्रो का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षण है, क्योंकि यह मापदंड के संचालन से पहले हो रहा है। पटना मेट्रो का उद्घाटन नीतीश कुमार सरकार के लिए एक बड़ी बुनियादी ढांचे की उपलब्धि मानी जा रही है और यह विधानसभा चुनावों के दौरान एक प्रमुख अभियान बिंदु बन सकता है।
आगामी चुनाव में यह मुकाबला प्रमुख रूप से सत्ताधारी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन के बीच होगा। महागठबंधन की अगुवाई तेजस्वी यादव कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से जुड़े हैं। इसके अलावा, तीसरे खिलाड़ी के रूप में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी मैदान में है, जिन्होंने घोषणा की है कि वह सभी 243 विधानसभा सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे।
आज की घटनाएँ बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने वाली हैं। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा और पटना मेट्रो का उद्घाटन दोनों ही घटनाएँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं। पटना मेट्रो का उद्घाटन जहां बिहार के बुनियादी ढांचे के विकास को दर्शाता है, वहीं चुनाव की तारीखों की घोषणा चुनावी प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है।
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