कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर इस बार पटना के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। बुधवार तड़के से ही पटना के विभिन्न गंगा घाटों पर लोगों ने गंगा स्नान किया और भगवान विष्णु की आराधना में लीन रहे। यह अवसर हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, और इस दिन को लेकर गंगा तटों पर एक दिव्य और आलौकिक माहौल देखा गया। श्रद्धालु इस दिन गंगा नदी में स्नान करने के बाद दीपदान करते हैं, जो एक धार्मिक परंपरा है।
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गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़ और सुरक्षा इंतजाम
पटना के प्रमुख गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। गांधी घाट, कलेक्टरी घाट, दीघा घाट, नगदमनी घाट, बाबू घाट और गुलबी घाट सहित कई प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखा गया। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में लोग इस मौके पर गंगा में स्नान करने पहुंचे थे। इसके बाद श्रद्धालुओं ने दीपदान भी किया, जिससे घाटों पर एक अलौकिक दृश्य बन गया।
इस दौरान प्रशासन ने पूरी तरह से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। भारी भीड़ को देखते हुए एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीमों को तैनात किया गया था, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इसके अलावा, पुलिस बल भी लगातार घाटों पर गश्त कर रहा था। प्रशासन ने घाटों पर बैरिकेडिंग भी की थी और ड्रोन से निगरानी रखी जा रही थी। यह सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें।
धार्मिक उत्सव और प्रशासनिक व्यवस्था
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दीपदान की परंपरा को लेकर पटना के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का उत्साह बेहद उच्च था। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वे सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग करें और घाटों पर सावधानी बरतें। इस दौरान श्रद्धालु भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने के बाद गंगा में स्नान कर अपने जीवन की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
खाजेकला घाट पर भी गंगा स्नान करने वालों की भारी भीड़ देखने को मिली। यहां महिलाएं और बच्चों के साथ लोग गंगा में स्नान कर दीपदान कर रहे थे। इस दिन के महत्व को समझते हुए श्रद्धालु विशेष रूप से गंगा में स्नान करने के लिए पहुंचे थे। साथ ही, दिव्य वातावरण में, पूजा-अर्चना और दीपदान की प्रक्रिया ने हर श्रद्धालु को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव दिया।
सुरक्षा और व्यवस्था में प्रशासन की सक्रियता
इस बड़े धार्मिक आयोजन को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए थे। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए, एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीमों को घाटों पर तैनात किया गया था। पुलिस बल द्वारा घाटों पर निरंतर गश्त की जा रही थी ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। इसके अलावा, घाटों पर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी मौजूद थे, जिन्होंने श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश दिए और उन्हें सुरक्षा उपायों के पालन की सलाह दी।
सुरक्षा के लिहाज से घाटों पर बैरिकेडिंग की गई थी ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित हो सके और वे बिना किसी परेशानी के गंगा स्नान कर सकें। इसके साथ ही, घाटों के ऊपर ड्रोन के जरिए निगरानी भी की जा रही थी, जिससे प्रशासन को घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में मदद मिल रही थी।
दिव्यता और आलोकिक माहौल
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पटना के गंगा घाटों पर एक अद्वितीय वातावरण देखा गया। गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु दीपदान करते थे, और यह दृश्य अत्यंत आकर्षक था। नदी के किनारे जलते हुए दीपों ने एक दिव्य माहौल बना दिया था, जो वहां उपस्थित हर व्यक्ति को एक नई ऊर्जा और शांति का अहसास करवा रहा था। यह दिन भक्तों के लिए खास होता है क्योंकि यह उनके धार्मिक कर्तव्यों को निभाने और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।
आस्था और श्रद्धा से ओतप्रोत श्रद्धालु इस दिन को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ, इस दिन को लेकर गंगा नदी में स्नान और दीपदान की परंपरा आज भी जीवित है। इस दिन को लेकर पटना के गंगा घाटों पर एक उत्सव का माहौल था, जो धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक था।
प्रशासन की अपील और श्रद्धालुओं से सहयोग
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वे घाटों पर सावधानी बरतें और सुरक्षा व्यवस्था में प्रशासन का सहयोग करें। प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से कहा कि वे कतार में रहें और किसी भी प्रकार की अनावश्यक भीड़-भाड़ से बचें। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना था कि गंगा स्नान और दीपदान के दौरान ध्यान रखना चाहिए कि कोई अप्रिय घटना न हो, और सभी श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से इस धार्मिक अवसर का लाभ उठाएं।
पटना प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया था कि इस मौके पर हर श्रद्धालु को पूरी तरह से सुरक्षा और सुविधा मिल सके। साथ ही, प्रशासन ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी भी प्रकार का हादसा न हो और घाटों पर साफ-सफाई और व्यवस्थाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया।
पटना के गंगा घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुई गंगा स्नान और दीपदान की प्रक्रिया ने श्रद्धालुओं को एक दिव्य और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया। प्रशासन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता के कारण यह आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। श्रद्धालु आस्था और भक्ति के साथ इस विशेष दिन को मनाने पहुंचे थे, और उनके द्वारा की गई पूजा-अर्चना ने घाटों को एक अद्वितीय और आलौकिक माहौल प्रदान किया। इस आयोजन के सफल और सुरक्षित संपन्न होने में प्रशासन की अहम भूमिका रही।



