मीनापुर। एक ओर अर्थी तो दूसरी ओर जनाजा…। शनिवार की देर रात से रविवार की सुबह तक एक के बाद एक करके नौ मासूम स्कूली छात्रो की अंतिम विदाई करते धरमपुर के लोगो की आंखों से आंसू थमने का नाम ही नही ले रहा है। कोई, सुबक रहा है, तो कोई दहाड़े मार कर रो रहा है। पल भर में ही नौ मॉ की गोद सुनी हो गई और पिता के अरमान टूट गये। हिन्दू बच्चो का शनिवार की देर रात ही दाह संस्कार कर दिया गया था। किंतु, मुस्लिम बच्चो का माटी मंजिल रविवार की सुबह में किया गया। लोगो ने बताया कि मौत की गिनती तो थमी। किंतु, दर्द का दस्तक महीनो टिस बन कर चुभता रहेगा।
स्मरण रहें कि शनिवार को एक बेकाबू बोलेरो से कुचल कर नौ नन्हीं जाने पल भर में मौत के मुंह में समा गई थी। जबकि, दस अन्य बुरी तरीके से जख्मी होकर एसकेएमसीएच में जिन्दगी से संघर्ष कर रहें हैं। गांव के करीब दो दर्जन परिवार में पिछले 24 घंटे से चुल्हा नही जला है। गगनदेव सहनी सुबकते हुए बतातें हैं कि घटना के बाद उनके परिवार का कोई भी सदस्य अन्य का एक भी निवाला ग्रहण नही किया है।
बतातें चलें कि अपने दस वर्षीय पुत्र बिरजू का अंतिम संस्सकार करने के बाद अब गगनदेव की दुनिया में अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा है। बिरजू के बड़े भाई कृष्णा के ऑखो से भी आंसू थमने का नाम ले रहा है। कमोवेश यही हाल गोनौर सहनी की है। कुल मिला कर पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है और सभी की ऑखे नम है।
जनाजा में शामिल होने को उमड़ी भीड़
स्कूली छात्रो की जनाजा में शामिल होने के लिए रविवार को भीड़ उमड़ पड़ी। अल्पसंख्यक नेता अहमद अंसारी, इसराइल मंसूरी, मोइम अंसारी, मो. सदरूल खान, जैनुद्दीन अंसारी, जिआउद्दीन अंसारी आदि ने जनाजे की नमाज में शिरकत की। वही, किसान नेता सच्चिदानन्द कुशवाहा, शविचन्द्र प्रसाद, अमरेन्द्र कुमार, उमाशंकर सहनी, बिक्रांत यादव, नीरज कुमार, शंभूनाथ सहनी आदि लोगो ने घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है।