KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार विधानसभा का सत्र चल रहा है और इसी दौरान पारा-मेडिकल छात्रों ने सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर पटना में जोरदार प्रदर्शन किया। गांधी मैदान थाना से बिहार विधानसभा तक मार्च निकाल रहे छात्रों को जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन और अन्य ट्रेड्स से जुड़े छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बिहार के युवाओं के रोजगार के अवसर बाहरी राज्यों के लोगों को देने का आरोप लगाया।
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छात्र क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?
बिहार पारा-मेडिकल संघ लंबे समय से डोमिसाइल नीति की मांग कर रहा है, जिससे बिहार के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता मिल सके। संघ के अध्यक्ष भारत भूषण ने बताया कि हाल ही में एक कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस मांग पर सहमति जताई थी, लेकिन जब बिहार में 10,000 पारा-मेडिकल पदों पर भर्ती निकली, तो उसमें डोमिसाइल का कोई जिक्र नहीं किया गया। इससे नाराज होकर छात्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए।
पारा-मेडिकल छात्रों की मुख्य मांगें
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बिहार के युवाओं के लिए डोमिसाइल नीति लागू हो
- भर्ती में बिहार के निवासियों को प्राथमिकता मिले, जिससे अन्य राज्यों के उम्मीदवार बिहार की नौकरियां ना ले सकें।
- अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी सरकारी भर्तियों में स्थानीय युवाओं को आरक्षण मिले।
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सरकारी अस्पतालों में अधिक पदों पर भर्ती की जाए
- बिहार के अस्पतालों में लाखों पद खाली हैं, लेकिन सिर्फ 10,000 पदों पर ही भर्ती निकाली गई।
- छात्रों का कहना है कि सरकार को बड़ी संख्या में नौकरियों की घोषणा करनी चाहिए।
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भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो
- सरकार को भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना चाहिए ताकि बिहार के योग्य उम्मीदवारों को नौकरी मिल सके।
- छात्रों ने भर्ती में देरी और अनियमितताओं को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए।
पुलिस ने रोका मार्च, छात्रों में आक्रोश
जैसे ही पारा-मेडिकल छात्रों का विधानसभा मार्च जेपी गोलंबर के पास पहुंचा, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। इससे छात्रों और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई। पुलिस बल की तैनाती के बावजूद छात्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते रहे और डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग करते रहे।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक प्रशासन छात्रों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार डोमिसाइल नीति पर कोई फैसला लेती है या नहीं।
अन्य राज्यों में डोमिसाइल नीति कैसी है?
- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलती है।
- बिहार के छात्र चाहते हैं कि यह नीति उनके राज्य में भी लागू हो, ताकि बिहार के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।
- अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में सरकारी भर्तियां भी कम होती हैं, जिससे बेरोजगारी की समस्या और बढ़ रही है।
अब क्या होगा?
- पारा-मेडिकल छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे प्रदर्शन को और तेज करेंगे।
- वे सरकार से बातचीत की मांग कर रहे हैं, ताकि डोमिसाइल नीति को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जा सके।
- अगर सरकार ने समस्या का हल नहीं निकाला, तो छात्र आंदोलन राज्यव्यापी हो सकता है।
बिहार में पारा-मेडिकल छात्रों का विरोध प्रदर्शन यह दिखाता है कि राज्य में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। बिहार के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या डोमिसाइल नीति को भर्ती प्रक्रिया में जोड़ा जाएगा।
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