पटना। बिहार का तीसरा बजट मंगलवार को विधानसभा में पेश हो गया। वित्त मंत्री सह उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक लाख 76 हजार 990 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए मोदी ने बताया कि बिहार 10.3 फीसदी की दर से बढ़ रहा है, उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास की रफ्तार देश की विकास दर से 3.3 फीसदी तेज है।
बतातें चलें कि बजट में नीतीश सरकार का मुख्य फोकस शिक्षा पर रहा। बजट पेश करते हुए मोदी ने कहा कि 32 हजार 125 करोड़ रुपये अकेले शिक्षा पर खर्च किये जाएंगे। बतातें चलें कि इस साल बजट में शिक्षा को सबसे अधिक राशि दी गयी है। प्रदेश में 32 हजार 125 करोड़ रुपये शिक्षा पर खर्च होंगे। हर प्रमंडल में आईटीआई संस्थान खोले जायेंगे। इसके तहत सूबे के 16 जिलों में आईटीआई की स्थापना का प्रस्ताव है।
इसी प्रकार सात हजार 793 करोड़ स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च करने का प्रावधान है। इसके साथ ही राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज में आई बैंक की स्थापना की जायेगी। ग्रामीण विकास पर 10 हजार 505 करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना विकास पर 2841 करोड़, पंचायती राज पर 8694.43 करोड़, समाज कल्याण पर 10 हजार 188 करोड़ रुपये बजट में दिये गये हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार पर 862.21 करोड़ रुपये, नगर विकास पर 4413.58 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है।
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर घर में बिजली पहुंचाने लिए सरकार 10 हजार 257 करोड़ 66 लाख रुपये खर्च करेगी। सरकार इस साल प्रदेश में 1500 किलोमीटर लंबी नई सड़कों का निर्माण कराएगी। इसके लिए सरकार 17 हजार 396 करोड़ 67 लाख रुपये का बजट में प्रावधान किया है। सभी पंचायतों में साइबर कैफे के जरिये नागरिक सुविधा की शुरुआत होगी। राजगीर मे 60 करोड़ की लागत से जू सफारी का निर्माण किया जाएगा। राजधानी दिल्ली स्थित द्वारका में 78 करोड़ रुपये की लागत से बिहार सदन भवन का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश के मंदिरों की चारदीवारी की घेराबंदी के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पांच लाख 35 हजार परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।