अगर सद्दाम व जिहाद नाम रखा तो सरकारी सुविधाओ से होंगे वंचित

​चीन मे इन नामो पर प्रतिबंध का हुआ बड़ा फैसला

संतोष कुमार गुप्ता

बीजिंग। चीन मे मुस्लीम समुदाय के लोगो मे नामाकरण को लेकर बखेरा खड़ा हो गया है।वहां पर कुछ ऐसे नामो को प्रतिबंधित कर दिया गया है,जिस नाम से सौहार्द बिगड़ने का खतरा रहता है।  चीन ने अशांत मुस्लिम बहुल शिनझियांग प्रांत में बच्चों के ‘सद्दाम’ और ‘जिहाद’ जैसे दर्जनों इस्लामी नाम रखने पर पाबंदी लगा दी है।  जिसके बारे में एक प्रमुख मानवाधिकार समूह का कहना है कि इस कदम से इस समुदाय के बच्चे शिक्षा और सरकारी योजनाओं के लाभों से वंचित होंगे। मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वाच’ (एचआरडब्ल्यू) के अनुसार शिनझियांग के अधिकारियों ने हाल ही में धार्मिक संकेत देने वाले दर्जनों नामों पर प्रतिबंध लगा दिया है जो दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय में आम हैं।

पाबंदी लगाने के पीछे कारण बताया गया है कि इन नामों से धार्मिक भावनाएं तेज हो सकती हैं। रेडियो फ्री एशिया ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि सत्तारूढ़ चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के ‘जातीय अल्पसंख्यकों के नाम रखने के नियमों’ के तहत बच्चों के इस्लाम, कुरान, मक्का, जिहाद, इमाम, सद्दाम, हज और मदीना जैसे कई नाम रखने पर रोक लगाई गई है। संगठन के अनुसार प्रतिबंधित नाम वाले बच्चे ‘हुकोऊ’ यानी घर का पंजीकरण नहीं हासिल कर सकेंगे जो सरकारी स्कूलों और अन्य सामाजिक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए जरूरी है।

नया फैसला इस संकटग्रस्त क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ चीन की लड़ाई का हिस्सा है। इस क्षेत्र में एक करोड़ मुस्लिम उइगर जातीय अल्पसंख्यक आबादी रहती है। एचआरडब्ल्यू ने कहा कि धार्मिक कट्टरता को रोकने के नाम पर धार्मिक आजादी पर लगाम लगाने के नियमों की कड़ी में यह ताजा फैसला है। शिनझियांग में उइघर समुदाय और बहुसंख्यक हान के बीच टकराव की घटनाएं आम बात हैं। हान समुदाय का सरकार पर भी नियंत्रण है। एचआरडब्ल्यू ने कहा कि नामों की पूरी सूची अभी तक प्रकाशित नहीं की गई है।

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