इन दिनो हमारे समाज का एक बहुत बड़ा हिस्सा श्लो डेथ यानी धीमी मौत को, तेजी से आत्मसात कर रहा है और मौत का यह सौदागर है, अपाके आसपास बजने वाला लाउडस्पीकर या डीजे से निकला तेज और कर्कस ध्वनि। समाजिक समारोह की आर में चुप चाप इसे सहन कर लेने की हमारी प्रवृति, दरअसल हमारे अनजाने पन की वजह से है। बहुत कम लोगो को मालुम है कि तेज ध्वनि का हमारे शरीर पर खतरनाक असर पड़ता है। सिर्फ इंसान के शरीर पर ही इसका घातक असर होता है, ऐसी बात नहीं है। शोध से पता चला है कि आपके पालतु जानवर और पेंड़ पौधें भी तेज ध्वनि से बुरी तरीके से प्रभावित होते है। क्या है पूरा मामला? देखिए इस रिपोर्ट में…