गाजियाबाद। आरुषि और हेमराज की दोहरे हत्याकांड में चार वर्षो से जेल में बंद तलवार दंपति रिहा होने के साथ ही, असली हत्यारा को लेकर एक बार से सवाल उठने लगा है। जेल में चार साल इस दंपति ने बड़े कष्ट के साथ काटे। ऐसा कोई दिन नहीं रहा जब बेटी को याद न किया हो। राजेश और नूपुर अक्सर जेल स्टाफ और कैदियों से कहते कि बेटी का कातिल आजाद है और हम जेल में सजा काट रहे हैं। जब उनकी रिहाई के आदेश हुए तब दोनों भावुक होकर कैदियों से मिले।
जेल अधीक्षक दधिराम मौर्या ने बताया कि राजेश और नूपुर के दिन की शुरुआत योग और ध्यान से होती थी। नाश्ता करने के बाद दोनों क्लीनिक पर बैठकर मरीजों का उपचार करते थे। खाली समय किताबें पढ़कर बिताया। दोनों ने जेल नियमों का भी अच्छे से पालन किया। डॉ. राजेश तलवार अमूमन जेल में खामोश ही रहते थे। वह चुनिंदा कैदियों और जेल स्टाफ से ही बात करते थे। मगर, बेटी आरुषि को यादकर अक्सर भावुक हो जाते थे। जेल में जब भी राजेश और नूपुर की मुलाकात होती तो आरुषि को लेकर उनमें चर्चा होती। सूत्रों ने बताया कि आरुषि को लेकर नूपुर तलवार ज्यादा परेशान रहती थी। उन्होंने खुद को संभालने के लिए बच्चों और महिलाओं को पढ़ाना शुरू किया था।
जेल अधीक्षक ने बताया कि रिहा होने से पहले तलवार दंपति ने कुछ कैदियों से भी मुलाकात की। इस बीच कई कैदी भावुक हो गए। इस पर तलवार दंपति ने कहा कि वह जेल में उनसे मिलने आते रहेंगे। इसके अलावा तलवार दंपति ने महीने में दो बार जेल में आकर मरीजों के दांतों का उपचार करने की भी बात कही।
This post was published on अक्टूबर 17, 2017 10:13
या आप जानते हैं कि गिद्ध क्यों विलुप्त हो गए? और इसका मानव जीवन पर… Read More
भारत और पाकिस्तान के 1947 के बंटवारे में केवल जमीन ही नहीं, बल्कि घोड़ागाड़ी, बैंड-बाजा,… Read More
7 दिसंबर 1941 का पर्ल हार्बर हमला केवल इतिहास का एक हिस्सा नहीं है, यह… Read More
सफेद बर्फ की चादर ओढ़े लद्दाख न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता बल्कि इतिहास और संस्कृति… Read More
आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और चीन ने साम्यवाद का पथ चुना।… Read More
मौर्य साम्राज्य के पतन की कहानी, सम्राट अशोक के धम्म नीति से शुरू होकर सम्राट… Read More