धर्मो के बीच कोई विवाद है नही, बल्कि विवाद को पैदा किया जाता है। हिन्दू मुस्लिम आपस में लड़ते नही, बल्कि लड़ाया जाता है। बावजूद इसके, कुछ लोग आज भी ऐसे है, जो इस मिथक को तोड़ कर इंसानियत को जिंदा रखने में लगें हैं। यूपी की राजधानी लखनऊ के अलीगंज का हनुमान मन्दिर इसका सबसे बड़ा मिसाल है। यह मंदिर मन्दिर हिन्दू-मुस्लिम एकता की बेजोर मिसाल हैं। यहां दोनो समुदाय के लोग अपने अपने परंपरा के मुताबकि पूजा या इबादत करते है और दोनो ही समुदाय की इससे आस्था जुड़ी है।
कहतें है कि करीब दो सौ वर्ष पहले आलिया बेगम के सिपहसालार जठमल ने अलीगंज में हनुमान मन्दिर को बनवाया था। यहां पर हुई खुदाई में निकली मूर्तियों को हाथी पर रखकर इमामबाड़े के पास नए मन्दिर में स्थापित करने के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन हाथी यहीं पर रुक गया। काफी कोशिश की गई लेकिन हाथी उठा नहीं। बाद में साधु-संतों ने बेगम को बताया कि गोमतीपार का क्षेत्र लक्ष्मण जी का है। यहां से हनुमान जी जाना नहीं चाहते हैं। फिर मूर्तियों को यहीं पर स्थापित किया गया। बाद में महमूदाबाद के राजा ने मन्दिर के लिए जमीन दी। इसके बाद नवाब वाजिद अली शाह ने जेठ के पहले मंगल पर भण्डारे की परम्परा शुरू की, जो आज भी जारी है।
This post was published on मई 16, 2017 12:31
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