यशस्वी जायसवाल, भारतीय क्रिकेट का युवा सितारा, ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में जारी दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के 3000 रन पूरे किए। इस शानदार उपलब्धि के साथ वह भारत के लिए सबसे तेज 3000 रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। जायसवाल ने यह कारनामा केवल 71 पारियों में किया। इस प्रदर्शन ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में और भी ज्यादा पहचान दिलाई, हालांकि वह लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गए। गावस्कर ने अपने करियर के पहले 3000 रन 69 पारियों में बनाए थे।
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यशस्वी जायसवाल का तेज़ी से उभरता करियर
यशस्वी जायसवाल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी शुरुआत से ही अपनी क्षमता और ताकत को साबित किया है। अब 3000 रन पूरे करने के साथ ही वह भारतीय क्रिकेट के तेज़ी से उभरते हुए सितारे बन चुके हैं। उनका यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उनका यह रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों को चुनौती देता है। सुनील गावस्कर के बाद, अब यशस्वी जायसवाल दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने 71 पारियों में यह आंकड़ा छुआ है।
क्रिकेट के दिग्गजों को पछाड़ते हुए जायसवाल ने बनाई जगह
गावस्कर के 69 पारियों के रिकॉर्ड को तोड़ने में यशस्वी जायसवाल नाकाम रहे, लेकिन उन्होंने सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और विराट कोहली जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए अपनी जगह टॉप-2 में बनाई। गांगुली ने 74 पारियों में, शुभमन गिल ने 77, राहुल द्रविड़ ने 78, और विराट कोहली ने 80 पारियों में 3000 रन पूरे किए थे। इस तरह से जायसवाल ने इन सभी खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
23 साल की उम्र में 3000 रन की उपलब्धि
यशस्वी जायसवाल ने यह कारनामा 23 साल की उम्र में किया है। इस उम्र में 3000 रन बनाना कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है, और यह उन्हें भारतीय क्रिकेट के इतिहास में छठे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है। इस उपलब्धि के साथ वे भारतीय क्रिकेट के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने इतनी कम उम्र में इतने रन बनाए हैं। 23 साल की उम्र में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है। उन्होंने इस उम्र में कुल 8696 रन बनाए थे।
23 साल की उम्र में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी
यशस्वी जायसवाल की उम्र और उनके रन के आंकड़े उन्हें भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों के बराबर खड़ा करते हैं। 23 साल की उम्र में सबसे ज्यादा रन बनाने की सूची में सबसे ऊपर सचिन तेंदुलकर हैं। इसके बाद विराट कोहली, युवराज सिंह, सुरेश रैना, रवि शास्त्री और अब यशस्वी जायसवाल का नाम आता है।
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सचिन तेंदुलकर – 8696 रन
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विराट कोहली – 5052 रन
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युवराज सिंह – 3853 रन
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सुरेश रैना – 3350 रन
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रवि शास्त्री – 3224 रन
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यशस्वी जायसवाल – 3000 रन
जायसवाल ने यह दिखा दिया कि युवा होने के बावजूद वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक बड़ी शक्ति बन सकते हैं। इस उपलब्धि ने उन्हें एक नया मुकाम दिलाया है और यह उनकी मेहनत और संघर्ष का परिणाम है।
वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में, भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। भारतीय टीम का स्कोर 100 रन को पार कर चुका था। इस दौरान यशस्वी जायसवाल ने शानदार अर्धशतक जड़ा। उनका यह पारी भारतीय टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी। हालांकि, टीम इंडिया को एकमात्र झटका केएल राहुल के रूप में लगा, जो 38 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए।
यशस्वी जायसवाल की पारी ने भारतीय टीम को एक मजबूत शुरुआत दिलाई और वे इस टेस्ट में टीम को और ज्यादा मजबूती से खड़ा कर रहे हैं। उनकी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास इस मैच के दौरान देखने को मिला है, और यह एक संकेत है कि वह भविष्य में और भी बड़े रिकॉर्ड बनाएंगे।
आने वाले समय में यशस्वी जायसवाल का योगदान
यशस्वी जायसवाल का क्रिकेट करियर अभी भी शुरुआत में है, और उन्होंने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वह भविष्य में और भी बड़े रिकॉर्ड बनाने की ओर इशारा करती हैं। उनका संयम, कड़ी मेहनत और लगातार प्रदर्शन ही उन्हें भारतीय क्रिकेट का भविष्य बना सकते हैं।
भारत के लिए 3000 रन बनाना और फिर भी अपने खेल में निरंतरता बनाए रखना उनके अगले सालों के लिए एक चुनौती होगी। हालांकि, इस युवा खिलाड़ी में वह सब कुछ है जो उसे एक महान क्रिकेटर बनाने के लिए चाहिए। भारतीय टीम के लिए उनका भविष्य बहुत ही उज्जवल दिखाई दे रहा है।
यशस्वी जायसवाल ने जिस तरह से 3000 रन पूरे किए हैं, वह एक अद्वितीय उपलब्धि है। उन्होंने अपने तेज़ी से क्रिकेट में कदम रखते हुए भारतीय क्रिकेट में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। भारत के लिए सबसे तेज 3000 रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी के रूप में वह अब सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज के बाद आते हैं।
उनकी क्षमता, मेहनत और खेल में निरंतरता इस बात को साबित करती है कि वह आने वाले समय में और भी बड़े रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। 23 साल की उम्र में 3000 रन बनाना उनके करियर का एक अहम कदम है। उनके खेलने का तरीका और आत्मविश्वास भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
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