भाषा…एक विज्ञान है। यह अत्यंत ही रोचक है। दुनिया में जितनी भी भाषाएं हैं। सभी सम्मानित है। भाषाओं का अपना एक अलग इतिहास है। यह मूक स्वरूप से शुरू होकर गले की खराश से होते हुए पत्थरों पर उकेरी जाने वाली सांकेतिक प्रतीकों से गुजर कर संप्रेषण की मौजूदा काल खंड तक पहुंची है। विकास वाद के आधुनिक दौर में दुनिया की कई भाषाएं विलुप्त हो चुकी है या विलुप्त होने के कगार पर है। मान्यता है कि जो भाषा जितना समृद्ध होगा। उसकी सभ्यता और संस्कृति भी उतनी ही समृद्ध होगी। भाषा के विकास से ही सभ्यता का जन्म हुआ है।
KKN न्यूज ब्यूरो। ऐसी मान्यता है कि बगैर भाषा के दुनिया नहीं चल सकती है। कहा जाता है कि भाषा के विकास से ही सभ्यता का जन्म हुआ है। आज की दुनिया में हजारों भाषाएं बोली जाती हैं। एक ही देश में कई अलग- अलग भाषाएं बोली जाती है। इसमें से कई भाषा अत्यंत ही समृद्ध है। दरअसल, शब्दों की संख्या से भाषा की समृद्धि का पता चलता है। कहतें हैं कि जिस भाषा के पास जितना अधिक शब्द होगा। वह उतना अधिक समृद्ध होगा। इसका एक दूसरा पहलू भी है। वह ये कि भाषा चाहे जितना भी समृद्ध हो। पर, आम बोल- चाल के लिए उस भाषा की बमुश्किल से 200 या 300 प्रचलित शब्द ही लोग अक्सर इस्तेमाल करते है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि एक व्यक्ति अपने पूरे जीवन में करीब 60 हजार शब्दों का इस्तेमाल करता है।
भाषा विज्ञान को ठीक से समझने के लिए मैंने कई पुस्तक और वेबसाइट का अध्ययन किया। इस दौरान मेरी नजर एक वेबसाइट पर पड़ी। उसका नाम है- ‘एथनोलॉग’। भाषा विज्ञान के अध्ययन के लिए इसको दुनिया में सबसे प्रमाणित वेबसाइट माना जाता है। अध्ययन से पता चला है कि इस वक्त दुनिया में करीब 7 हजार 139 भाषाएं उपलब्ध है। हालांकि, इस संख्या को लेकर कुछ विवाद है। दूसरे कई अन्य वेबसाइट पर अलग अलग संख्या बताई गई है। मौटे तौर पर आप इस आंकड़े को मान सकते हैं।
भारत को विविधताओं का देश कहा गया है। क्योंकि, भारत में अनेक भाषा बोली जाती है। बावजूद इसके बोलचाल के भाषा में हम चौथे पादान पर खड़े है। अध्ययन से पता चला है कि इस मामले में भी दुनिया के तीन देश हमसे आगे है। पहले पादान पर एक बहुत ही छोटा देश है। इसका नाम- पापुआ है। इसको न्यू गिनिया भी कहा जाता है। इसकी कुल आबादी 80 लाख के आसपास है। हैरान करने वाली बात ये है कि पापुआ जैसे छोटे से देश में करीब 851 भाषाएं बोली जाती है। हालांकि, वहां की मुख्य भाषा अंग्रेजी है। दूसरे नंबर पर है- इंडोनेशिया। यहां 712 भाषाएं बोली जाती हैं। अफ्रीका के देश नाइजीरिया का स्थान तीसरे नंबर पर है। यहां 522 भाषाएं बोली जाती हैं। इस कड़ी में हमारा देश भारत चौथे नंबर पर है। भारत में करीब 454 भाषाएं प्रचलन में है। अमेरिका 326 प्रकार की भाषा के साथ पांचवें स्थान पर है। इस क्रम में आस्ट्रेलिया छठे स्थान पर, चीन सातवें स्थान पर, मैक्सिको आठवें स्थान पर, कैमरून नौवें स्थान पर और ब्राजील दशवें स्थान पर मौजूद है।
भाषा का अध्ययन करने वालों की माने तो कतिपय कारणो से प्रत्येक साल दुनिया की करीब 25 भाषाएं लुप्त हो जाती हैं। इस तरह से अभी तक सैकड़ो भाषा लुप्त हो चुकी है। वास्तव में यह खतरनाक पहलू है और भाषा वैज्ञानिक इसको लेकर कई बार चिंता प्रकट कर चुकें है। हम पहले ही बता चुकें हैं कि दुनिया में 7 हजार से अधिक भाषाएं बोली जाती है। यह एक सच्चाई है। पर, दूसरी सच्चाई ये है कि मुख्य रूप से पांच भाषा का ही पूरी दुनिया में दबदबा है और इसमें अंग्रेजी की भाषा सबसे ऊपर है।
दुनिया के करीब 140 करोड़ से ज्यादा लोग अंग्रेजी बोलते है। अंग्रेजी को दुनिया का सबसे पसंदीदा संपर्क भाषा माना गया है। इसमें दूसरे नंबर पर चीन की मेंदरिन भाषा है। मेंदरिन भाषा को दुनिया के 100 करोड़ से अधिक लोग बोलते है। इस दौर में हमारी हिन्दी तीसरे नंबर पर है। हिन्दी बोलने वालों की संख्या करीब 60 करोड़ या इससे कुछ अधिक है। उर्दू और बंगाली भाषा बोलने वालों की भी दुनिया में अच्छी तादाद है। यानी इसी पंचा भाषाओं का दुनिया की करीब 90 फीसदी संप्रेषण पर दबदबा कायम है।
भाषा की समृद्धि उस भाषा के शब्दकोष की संख्या पर निर्भर करता है। शुरूआत अंग्रेजी से करते है। अंग्रेजी के शब्दकोष में करीब 7 लाख 90 हजार शब्द मौजूद है। इसके बाद फ्रेंच, जर्मन और मेंदरिन भाषा में शब्दों की प्रबलता है। हिंदी की बात करें तो 2019 के एक आंकड़े के अनुसार हिन्दी में करीब 1 लाख 83 हजार 175 शब्द उपलब्ध हैं। अच्छी बात ये है हालिया वर्षो में हिन्दी का प्रसार तेजी से बढ़ा है और इसके शब्दकोष में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
वर्णमाला की दृष्टि से देखें तो कंबोडिया की भाषा खैमर इसमें सबसे आगे है। खैमर भाषा में 74 वर्ण होता हैं। इसके अलावा अंग्रेजी के अल्फाबेट में कुल 26 लेटर्स होते हैं। हमारी हिन्दी में 11 स्वर और 35 व्यंजन हैं। हालांकि, परंपरागत हिन्दी वर्णमाला में 13 स्वर और 33 व्यंजन हुआ करता था। उर्दू में 36 करेक्टर्स होता है। लिखने में सबसे कलात्मक भाषा चीन के मेंदरिन को माना गया है।
This post was published on जून 7, 2022 22:28
लोकसभा चुनाव को लेकर क्या सोचते है Muzaffarpur के Mushari के लोग... Read More
बिहार के कांटी से आरजेडी विधायक Israil Mansuri ने कहा कि आजादी के बाद आज… Read More
क्या सोचते है Muzaffarpur के रजवाड़ा भगवान के लोग | Inki Suniye Read More
Bihar को विशेष राज्य का दर्जा कब देंगे ? PM नरेन्द्र मोदी Read More
भारत के पहले लोकसभा चुनाव में महिलाओं का नाम, मतदाता सूची में क्यों शामिल नहीं… Read More
Bihar के लिए क्या किया PM मोदी जो किया गुजरात के लिए Read More