KKN गुरुग्राम डेस्क | Reserve Bank of India (RBI) ने 25 बेसिस पॉइंट (bps) की Repo Rate कटौती की घोषणा की है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे लंबा रेट फ्रीज समाप्त हो गया। शुक्रवार को हुई इस घोषणा के बाद Home Loan, Personal Loan और Business Loan लेने वाले ग्राहकों को राहत मिलेगी।
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पिछले पांच सालों में पहली बार RBI ने रेपो रेट घटाया है। यह फैसला Union Budget 2025-26 में घोषित टैक्स छूट के तुरंत बाद आया है, जिससे खपत (consumption) और निवेश (investment) बढ़ाने की उम्मीद है।
RBI ने Repo Rate में कटौती क्यों की?
यह घोषणा RBI Governor संजय मल्होत्रा ने की, जो दिसंबर 2024 में भारत के 26वें गवर्नर बने थे। उन्होंने कहा कि कम होती महंगाई (inflation) और वैश्विक आर्थिक मंदी (global slowdown) को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
मल्होत्रा ने अपने पहले मॉनेटरी पॉलिसी स्टेटमेंट में कहा:
“मौजूदा growth-inflation के संतुलन को देखते हुए, मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने कम restrictive नीति अपनाने का निर्णय लिया है। आने वाली मीटिंग्स में macroeconomic conditions की समीक्षा के बाद आगे के निर्णय लिए जाएंगे।”
Repo Rate कटौती के मुख्य प्रभाव:
✅ सस्ते होंगे होम लोन और बिजनेस लोन – Floating Interest Rate वाले ग्राहकों को फायदा होगा।
✅ बैंकिंग सिस्टम में liquidity बढ़ेगी – जिससे बैंक ज्यादा लोन देंगे।
✅ Consumer Spending बढ़ेगी – बाजार में मांग (demand) बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
✅ Economic Growth को बढ़ावा मिलेगा – व्यापार और स्टार्टअप्स को सस्ती फंडिंग मिलेगी।
Home Loan और Business Loan Borrowers को होगा फायदा
इस Repo Rate कटौती से बैंक और NBFCs अपने लेंडिंग रेट को जल्द ही घटा सकते हैं, जिससे EMI कम होने की उम्मीद है।
1️⃣ Home Loan Borrowers: EMI घटने से Real Estate Market में तेजी आ सकती है।
2️⃣ Personal Loan Borrowers: Personal और Consumer Loans सस्ते होंगे, जिससे बाजार में खपत (consumption) बढ़ेगी।
3️⃣ Business Loans: Startup और MSME सेक्टर के लिए यह राहत की खबर है क्योंकि सस्ता क्रेडिट मिलेगा।
Inflation और Growth के बीच RBI का संतुलन
RBI की मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य महंगाई पर नियंत्रण रखना और आर्थिक वृद्धि को बनाए रखना है।
📉 Inflation Control: महंगाई दर घटने से RBI को ब्याज दरों में कटौती करने की छूट मिली।
🌍 Global Economic Slowdown: वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती को देखते हुए भारत ने यह कदम उठाया।
📈 Economic Growth: इस कदम से लोन सस्ता होगा, जिससे बाजार में निवेश और खपत बढ़ेगी।
दुनियाभर में कई केंद्रीय बैंक (Central Banks) इसी तरह ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं ताकि आर्थिक मंदी से बचा जा सके।
Stock Market पर RBI Rate Cut का असर
RBI के इस फैसले का असर Stock Market पर भी देखा गया।
📊 Banking Stocks: बैंकों के शेयरों में तेजी आई क्योंकि लोन डिमांड बढ़ने की उम्मीद है।
🏡 Real Estate Stocks: Housing Market को फायदा मिलेगा, जिससे रियल एस्टेट कंपनियों के शेयर चढ़ सकते हैं।
🚗 Auto & FMCG Sector: कंज्यूमर डिमांड बढ़ने से Auto और FMCG सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) को भी आकर्षित कर सकता है, जिससे Stock Market को मजबूती मिलेगी।
Union Budget 2025-26 और RBI की Monetary Policy: एक रणनीतिक कदम?
RBI का यह फैसला सरकार द्वारा Union Budget 2025-26 में दी गई टैक्स छूट के तुरंत बाद आया है। इससे जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) को मजबूती देने की रणनीति साफ नजर आती है।
🔹 Income Tax में राहत – मिडिल क्लास के लिए टैक्स कटौती, जिससे खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी।
🔹 Corporate Tax में छूट – कंपनियों को टैक्स में राहत, जिससे वे ज्यादा निवेश कर सकेंगी।
🔹 Consumption Boost – सस्ते लोन और टैक्स बचत से बाजार में खर्च बढ़ेगा।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह दोहरे प्रोत्साहन (dual stimulus) से भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
क्या 2025 में RBI और Rate Cut करेगा?
अब सवाल यह है कि क्या RBI आगे भी Repo Rate घटाएगा?
📌 Inflation: अगर महंगाई नियंत्रण में रही, तो RBI अगली बैठकों में और कटौती कर सकता है।
📌 Global Factors: अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) और यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ECB) की नीतियों का असर भारत पर भी पड़ेगा।
📌 Government Policies: सरकारी खर्च और राजस्व संग्रह RBI के फैसलों को प्रभावित कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति के आधार पर और कटौती की जा सकती है।
RBI की Repo Rate में 25 bps की कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए Game Changer साबित हो सकती है।
✅ होम लोन और बिजनेस लोन होंगे सस्ते।
✅ बाजार में निवेश और खपत बढ़ेगी।
✅ स्टार्टअप और MSMEs को फंडिंग का फायदा मिलेगा।
✅ विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा।
सरकार की टैक्स राहत नीति और RBI की मॉनेटरी पॉलिसी मिलकर भारतीय अर्थव्यवस्था को 2025 में मजबूत कर सकती हैं।
आने वाले महीनों में इसका असर देखना दिलचस्प होगा। लेटेस्ट अपडेट्स के लिए जुड़े रहें!
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