आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज की स्वास्थ्य स्थिति ने उनके अनुयायियों में मिश्रित भावनाओं को जन्म दिया है। हाल ही में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, जहाँ महाराज की स्थिति स्थिर और सचेत है, वहीं वह गंभीर किडनी समस्याओं से जूझ रहे हैं और उन्हें रोजाना डायलिसिस की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है।
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वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति
प्रेमानंद जी महाराज, जिनकी उम्र 56 वर्ष है, अब पोलिसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) नामक एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी से ग्रस्त हैं। इस बीमारी के कारण उनके दोनों किडनी पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। उनके डॉक्टरों ने उनके उपचार के लिए पूरे दिन डायलिसिस की सिफारिश की है। इसके बावजूद, श्री हिट राधा केलि कुंज आश्रम, वृन्दावन ने यह स्पष्ट किया है कि महाराज मानसिक रूप से पूरी तरह सक्रिय हैं और अपनी रोज़ की दिनचर्या का पालन कर रहे हैं, हालांकि उनका प्रातःकाल का पदयात्रा (आध्यात्मिक भ्रमण) अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।
हाल ही में, एक यूट्यूबर एल्विश यादव के साथ बातचीत में महाराज ने अपनी स्थिति के बारे में खुलकर बताया। “दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं। अब ठीक करने के लिए कुछ नहीं बचा है — जो समय बाकी है, मैं उसे भक्तों और भगवान की सेवा में व्यतीत करूंगा,” यह कहकर उन्होंने अपने अनुयायियों को गहरी भावनाओं से अभिभूत कर दिया।
भक्तों और सार्वजनिक हस्तियों की प्रतिक्रियाएं
वीडियो में महाराज के सूजे हुए चेहरे और कांपती आवाज को देखकर उनके भक्तों में चिंता का माहौल बन गया। सोशल मीडिया पर भी इस स्थिति को लेकर उनकी चिंता व्यक्त की गई। इस बीच, अभिनेता अयाज खान और व्यवसायी राज कुंद्रा जैसी हाई प्रोफाइल हस्तियों ने उनके लिए किडनी दान करने की पेशकश की, लेकिन प्रेमानंद जी महाराज ने विनम्रता से इन प्रस्तावों को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि कोई उनके लिए किडनी दान कर अपनी पीड़ा सहन करे।
इस दौरान, बाबा बागेश्वर धाम के संत पं. धीरेंद्र शास्त्री ने महाराज से हाल ही में मुलाकात की और स्थिति को लेकर सकारात्मक जानकारी दी। पं. शास्त्री ने कहा, “वह अब स्थिर हैं और ठीक हो रहे हैं। अफवाहों पर विश्वास करने की जरूरत नहीं है; महाराज जी ने हमारे पदयात्रा निमंत्रण को आशीर्वाद के साथ स्वीकार किया है।”
आश्रम से आधिकारिक बयान
प्रेमानंद जी महाराज के स्वास्थ्य को लेकर बढ़ी चिंताओं के बीच, श्री हिट राधा केलि कुंज आश्रम ने एक आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें भक्तों से अफवाहें फैलाने से बचने की अपील की गई है। आश्रम ने स्पष्ट किया कि महाराज अपनी नियमित दिनचर्या का पालन कर रहे हैं और वह मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, हालांकि चिकित्सा कारणों से उनकी सार्वजनिक उपस्थिति को सीमित कर दिया गया है।
आश्रम के प्रबंधन ने यह भी बताया कि महाराज की स्थिति पर नजर रखी जा रही है और भक्तों से अनुरोध किया कि वे केवल आधिकारिक अपडेट्स पर विश्वास करें। आश्रम ने यह भी कहा कि महाराज चाहते हैं कि सभी भक्त सेवा, सत्य और भक्ति पर ध्यान केंद्रित करें—वही मूल्य जिनका उन्होंने हमेशा पालन किया है।
भक्तों की वैश्विक लहर
प्रेमानंद जी महाराज के अनुयायी सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी उनकी सेहत के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। एक विशेष घटना में, एक मुस्लिम भक्त, सुफियान अल्लाहाबादी, जिन्हें वह “एक बहुत अच्छे व्यक्ति और संत” के रूप में सम्मानित करते हैं, सऊदी अरब के मदीना में महाराज की सेहत के लिए दुआ करते हुए देखे गए। यह घटना इस बात का प्रतीक है कि महाराज का संदेश न केवल हिन्दू समुदाय तक सीमित है, बल्कि सभी धर्मों के लोगों को जोड़ने का कार्य करता है।
भक्तों की यह एकता और उनके दिलों में महाराज के प्रति जो प्रेम है, वह किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक दीवारों को पार करता हुआ दिखाई देता है। यह वह सशक्त संदेश है जो प्रेमानंद जी महाराज ने अपनी जीवन यात्रा के दौरान फैलाया है।
महाराज की सहनशक्ति और समर्पण
अक्टूबर 2025 के मध्य तक, प्रेमानंद जी महाराज की स्थिति स्थिर लेकिन गंभीर बनी हुई है। उन्हें नियमित डायलिसिस की आवश्यकता है, लेकिन उनकी आंतरिक शक्ति और समर्पण अभी भी अभूतपूर्व हैं। उनके अनुयायी उनकी ताकत, आस्था, और सेवा की भावना से प्रेरित होते हैं, जो आज भी हर एक भक्त को उनकी कठिनाइयों के बावजूद मार्गदर्शन प्रदान करती है।
महाराज का संदेश हमेशा से यही रहा है कि सेवा, भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलना ही जीवन का उद्देश्य है। अपनी बीमारी के बावजूद, वह अपने अनुयायियों को यही प्रेरणा देते हैं कि वे इस जीवन को अच्छे कार्यों और सेवा में लगाएं।
संत की अंतिम इच्छाएँ
महाराज की स्वास्थ्य स्थिति पर चल रही चर्चाओं के बावजूद, यह स्पष्ट है कि वह केवल शांति की इच्छा रखते हैं और अपने जीवन के शेष समय को भगवान और भक्तों की सेवा में समर्पित करना चाहते हैं। “जो समय बचा है, उसे मैं भगवान और भक्तों की सेवा में बिताऊँगा,” यह शब्द उनके आत्मसमर्पण और भक्ति की गहरी भावना को प्रकट करते हैं।
महाराज की हालिया स्थिति ने उनके अनुयायियों को यह सोचने पर मजबूर किया है कि उनके मार्गदर्शन और उपदेशों के बाद उनके बिना उनका जीवन कैसे आगे बढ़ेगा। हालांकि, महाराज के अनुयायी जानते हैं कि उनके जीवन का उद्देश्य हमेशा उनके संदेश के साथ बना रहेगा, चाहे वे शारीरिक रूप से हमारे बीच हों या न हों।
भविष्य की ओर एक दृष्टि
प्रेमानंद जी महाराज की किडनी फेल होने की स्थिति गंभीर है, लेकिन वह हमेशा अपने अनुयायियों के दिलों में जीवित रहेंगे। उनके अनुयायी लगातार उनकी सेहत के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और यह विश्वास जताते हैं कि उनकी आत्मशक्ति और ईश्वर में विश्वास उन्हें इस संकट से उबारने में मदद करेंगे।
महाराज की बीमारी के बावजूद, उनके द्वारा छोड़े गए उपदेश, उनका भक्ति का मार्ग, और सेवा की भावना हमेशा जीवित रहेगी। यही वह धरोहर है जो वे हमें छोड़ कर जाएंगे, और उनके अनुयायी इसे अपने जीवन में आत्मसात करेंगे।
प्रेमानंद जी महाराज की स्वास्थ्य स्थिति अक्टूबर 2025 के मध्य में स्थिर लेकिन गंभीर बनी हुई है। वह नियमित रूप से डायलिसिस ले रहे हैं, लेकिन उनकी आंतरिक शक्ति और समर्पण ने उन्हें इस कठिन समय में भी प्रेरित किया है। उनके अनुयायी पूरे दिल से उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं और उनकी शिक्षा पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। महाराज का संदेश हमेशा सच्चाई, सेवा और भक्ति का रहा है, जो दुनिया भर के लाखों अनुयायियों को आज भी मार्गदर्शन देता है।
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