दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की बदहाली: CAG रिपोर्ट में खुलासा, डॉक्टर और दवाओं की भारी कमी
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KKN Gurugram Desk
फ़रवरी 27, 2025 10:59
KKN गुरुग्राम डेस्क | दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की स्थिति Comptroller and Auditor General (CAG) रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार के हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में Doctors, Nurses और Paramedical Staff की भारी कमी है। इसके अलावा, दवाओं की खरीद में अनियमितताएं पाई गईं, जिससे मरीजों को Low-Quality Medicines दी जा रही हैं।
इसके अलावा, Delhi Government Healthcare Budget का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है। 2016-17 से 2021-22 के बीच 13.29% से 78.41% तक फंड बिना इस्तेमाल के बचा रह गया।
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की भारी कमी
CAG रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के Government Hospitals और Medical Colleges में स्टाफ की भारी कमी है। रिपोर्ट में बताया गया:
Doctors, Nurses और Paramedical Staff की भारी कमी के कारण मरीजों को इलाज में देरी हो रही है।
दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में बेड डबल करने का वादा किया था, लेकिन यह अधूरा रह गया।
2016-17 से 2021-22 के बीच हेल्थ प्रोजेक्ट्स के लिए मिले बजट का बड़ा हिस्सा बिना इस्तेमाल के रह गया।
दवाओं की खरीद में गड़बड़ी, घटिया दवाएं दी जा रही हैं
CAG रिपोर्ट के अनुसार, Medicines Procurement में बड़ी अनियमितताएं सामने आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार:
Essential Drug List (EDL) को हर साल अपडेट नहीं किया गया। 10 साल में सिर्फ 3 बार ही सूची बदली गई।
Central Procurement Agency (CPA), जो दवाओं की खरीद की जिम्मेदार है, सभी जरूरी दवाएं Supply नहीं कर पाई।
Hospitals में Medicines Suppliers से सीधे पहुंचाई गईं, जिससे CPA की निगरानी प्रक्रिया फेल हो गई।
कुछ दवाएं खराब गुणवत्ता की थीं, लेकिन जब तक Quality Report आई, ये दवाएं मरीजों को दी जा चुकी थीं।
दवा जांच में देरी, Quality Control की बड़ी लापरवाही
CAG रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि Drug Testing Process भी काफी धीमा और लचर है:
Drug Testing Labs के पास जरूरी National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories (NABL) का प्रमाणपत्र नहीं था।
दवाओं की Quality Testing में देरी के कारण, मरीजों को Unverified Medicines दे दी गईं।
Blacklisted और Banned Companies से भी दवाएं खरीदी गईं, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका बढ़ गई।
Delhi Drug Control Department में 52% स्टाफ की कमी
Drug Control Department में 52% पद खाली हैं, जिससे Drug Testing और Quality Control प्रभावित हो रहा है।
Drug Inspectors के 62% पद खाली हैं।
Modern Equipment की कमी के कारण, Drug Testing Reports में देरी होती है।
Substandard Medicines के कारण मरीजों की जान को खतरा बढ़ गया है।
CAG रिपोर्ट में Healthcare System की अन्य गड़बड़ियां भी उजागर
CAG की रिपोर्ट में कई अन्य बड़ी लापरवाहियां भी पाई गईं:
33% से 47% जरूरी दवाएं लोकल मेडिकल स्टोर्स से खरीदी गईं, क्योंकि CPA इन्हें समय पर सप्लाई नहीं कर सका।
CPA के 86 में से केवल 24 टेंडर आवंटित हुए, जिससे दवाओं की खरीद में देरी हुई।
Hemophilia और Anti-Rabies Injection की भारी कमी रही।
CPA ने दवाओं की Quality Testing Reports आने में 2-3 महीने का समय लिया।
दिल्ली का हेल्थ बजट सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा
CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य बजट का सही उपयोग नहीं किया।
2016-17 से 2021-22 के बीच 78.41% बजट खर्च नहीं किया गया।
अस्पतालों के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए मिले फंड का सही इस्तेमाल नहीं हुआ।
भ्रष्टाचार, लेट प्रोजेक्ट्स और लचर प्लानिंग के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हुईं।
CAG रिपोर्ट विधानसभा में होगी पेश, बढ़ सकता है सियासी विवाद
यह रिपोर्ट जल्द ही Delhi Assembly में पेश की जाएगी। रिपोर्ट के खुलासे के बाद AAP सरकार की हेल्थ पॉलिसी पर सवाल उठने लगे हैं।
AAP सरकार पर उठे सवाल, विपक्ष का हमला तेज
AAP सरकार ने दिल्ली के Healthcare Model को भारत का बेस्ट मॉडल बताया था, लेकिन CAG की रिपोर्ट इसके उलट तस्वीर पेश कर रही है।
Doctors और Medical Staff की कमी से मरीजों को इलाज मिलने में देरी हो रही है।
Hospitals में घटिया दवाएं दी जा रही हैं, जिससे मरीजों की सेहत पर असर पड़ रहा है।
जरूरी दवाओं की सप्लाई नहीं हो रही है, जिससे मरीजों को मजबूरी में बाहर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।
Healthcare Budget पूरी तरह इस्तेमाल नहीं किया गया, जिससे नई मेडिकल सुविधाओं का विकास रुक गया।
CAG रिपोर्ट पर क्या बोले हेल्थ एक्सपर्ट्स?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस रिपोर्ट को चिंताजनक बताया है। उनका कहना है कि:
“दिल्ली जैसे बड़े शहर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की इतनी भारी कमी बेहद गंभीर मामला है।”
“सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाएं दिए जाने से मरीजों की जान को खतरा हो सकता है।”
“स्वास्थ्य बजट का सही इस्तेमाल न होना बताता है कि हेल्थ पॉलिसी में खामियां हैं।”
अब आगे क्या? सुधार के लिए क्या जरूरी है?
CAG रिपोर्ट के बाद Delhi Government Healthcare System में बड़े सुधार की जरूरत है।
जरूरी कदम जो सरकार को उठाने चाहिए:
Doctors, Nurses और Paramedical Staff की भर्ती तुरंत शुरू होनी चाहिए।
Drug Procurement System में पारदर्शिता लाई जानी चाहिए।
Quality Control System को मजबूत किया जाए, ताकि घटिया दवाएं मरीजों तक न पहुंचे।
Modern Drug Testing Labs बनाई जाएं और वहां पर्याप्त स्टाफ तैनात किया जाए।
Unspent Healthcare Budget को तेजी से उपयोग में लाया जाए।
CAG रिपोर्ट ने Delhi Government Healthcare System की सच्चाई उजागर कर दी है।
Doctors, Nurses और Paramedical Staff की भारी कमी है।
Medicines की Quality पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
Healthcare Budget का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
Blacklisted कंपनियों से दवाएं खरीदी गईं, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका बढ़ गई।
अगर Delhi Government ने जल्द ही Health Sector में सुधार नहीं किया, तो मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज कराना मुश्किल हो जाएगा। सरकार को इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेकर तुरंत एक्शन लेना चाहिए।
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