KKN गुरुग्राम डेस्क | अब यूपीआई (Unified Payments Interface) से पेमेंट करना और भी आसान होने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ग्राहकों को अपनी पसंदीदा या सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली UPI ID को पॉपुलर मर्चेंट वेबसाइट्स पर सेव करने की सुविधा देने जा रहा है। इससे ग्राहकों को ऑनलाइन शॉपिंग और अन्य डिजिटल लेन-देन को और अधिक सरल और तेज़ तरीके से पूरा करने में मदद मिलेगी। हालांकि, इस सुविधा को लॉन्च करने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से मंजूरी प्राप्त करनी होगी।
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इस लेख में, हम इस नए फीचर के बारे में विस्तार से जानेंगे, कि यह कैसे काम करेगा, और इसके संभावित फायदे और चुनौतियाँ क्या हो सकती हैं।
UPI ID सेव करने की नई सुविधा: पेमेंट प्रोसेस को बनाएगा और भी आसान
आजकल, जब कोई ग्राहक किसी ई-कॉमर्स साइट पर चेकआउट करता है, तो उसे पहले अपनी UPI ऐप को चुनना पड़ता है और फिर अपने अकाउंट को सिलेक्ट करना पड़ता है, जिससे वह पेमेंट करना चाहता है। यह प्रक्रिया कई बार समय लेने वाली होती है, खासकर जब यूज़र कई बार खरीदारी करते हैं।
अब NPCI ग्राहकों को अपनी UPI ID को पॉपुलर मर्चेंट वेबसाइट्स पर सेव करने की सुविधा देने की तैयारी कर रहा है, जिससे पेमेंट प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया जा सके। यदि ग्राहक अपनी UPI ID को पहले से लॉक कर देंगे, तो चेकआउट करते समय उन्हें हर बार ऐप और अकाउंट का चयन करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे पेमेंट का एक स्टेप कम हो जाएगा, जिससे ग्राहकों को ज्यादा समय नहीं लगेगा और वे जल्दी से पेमेंट पूरा कर सकेंगे।
RBI से मंजूरी के बाद शुरू होगी यह सुविधा
हालांकि यह प्रक्रिया अभी शुरुआत के चरण में है, लेकिन इससे पहले कि इसे लॉन्च किया जाए, NPCI को RBI से मंजूरी प्राप्त करनी होगी। एक बार मंजूरी मिलने के बाद, यह सुविधा ग्राहकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। NPCI ने इस बारे में कई उद्योग विशेषज्ञों और स्टेकहोल्डर्स से बातचीत की है, लेकिन आधिकारिक रूप से इसे लॉन्च करने का कोई तय समय नहीं आया है।
क्या होंगे फायदे?
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सिंपल और फास्ट पेमेंट प्रोसेस
जब ग्राहक अपनी UPI ID को किसी वेबसाइट या ऐप पर सेव कर सकेंगे, तो उन्हें बार-बार ऐप और अकाउंट का चयन करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे ऑनलाइन शॉपिंग या अन्य डिजिटल लेन-देन के दौरान पेमेंट प्रक्रिया बहुत सरल और तेज हो जाएगी। -
पेमेंट गेटवे की सफलता दर में वृद्धि
इस फीचर के लागू होने के बाद, UPI पेमेंट्स की सफलता दर में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि ग्राहक को पेमेंट करने के लिए कम कदम उठाने पड़ेंगे, जिससे चेकआउट के दौरान कोई परेशानी नहीं होगी। इससे मर्चेंट वेबसाइट्स पर ज्यादा पेमेंट्स प्रोसेस किए जा सकते हैं। -
कार्ड पेमेंट्स के बराबरी में आ सकता है UPI
यदि यह सुविधा शुरू होती है, तो UPI पेमेंट्स ऑनलाइन कार्ड पेमेंट्स के बराबर हो जाएगा। जैसे हम कार्ड पेमेंट्स में कार्ड डिटेल्स को सेव कर सकते हैं, वैसे ही UPI ID को भी सेव किया जा सकेगा, जिससे पेमेंट करना और भी आसान हो जाएगा।
मर्चेंट वेबसाइट्स और ऐप्स के लिए फायदे
इस फीचर के आने से मर्चेंट वेबसाइट्स और ऐप्स के लिए भी कई फायदे हो सकते हैं। जब ग्राहक अपनी UPI ID को सेव कर देंगे, तो वे पेमेंट प्रक्रिया को जल्दी पूरा कर पाएंगे, जिससे वेबसाइट पर ज्यादा ट्रांजैक्शन होंगे और कार्ट एबेंडमेंट की दर कम हो सकती है। खासकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, ट्रैवल बुकिंग ऐप्स, और फूड डिलीवरी ऐप्स जैसे क्षेत्रों में यह सुविधा बहुत लाभकारी साबित हो सकती है।
छोटे UPI ऐप्स पर पड़ सकता है असर
हालांकि यह सुविधा ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगी, लेकिन कुछ उद्योग विशेषज्ञों ने छोटे UPI ऐप्स के लिए इसे एक चुनौती के रूप में देखा है। क्योंकि जब UPI ID सेव करने का विकल्प बड़े ऐप्स जैसे PhonePe और Google Pay पर होगा, तो ग्राहक अपनी UPI ID इन ऐप्स पर सेव करना पसंद करेंगे, जो पहले से ही बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बना चुके हैं।
इससे छोटे UPI ऐप्स के लिए खुद को स्थापित करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि ग्राहक पहले से ही बड़े ऐप्स पर अपनी UPI ID सेव करने की आदत बना चुके होंगे। यह छोटे खिलाड़ियों के लिए एक कड़ी प्रतिस्पर्धा हो सकती है।
सुरक्षा से जुड़े मुद्दे: क्या है खतरा?
जहां एक ओर इस सुविधा से पेमेंट प्रक्रिया सरल हो जाएगी, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा को लेकर कुछ चिंता भी जताई गई है। अगर ग्राहक अपनी UPI ID को विभिन्न मर्चेंट साइट्स पर सेव करेंगे, तो यह संभावित सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकता है।
अगर किसी मर्चेंट साइट पर सुरक्षा में चूक होती है और हैकिंग जैसी घटनाएँ होती हैं, तो ऐसे में UPI ID को स्टोर करने से ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी और वित्तीय डेटा भी खतरे में पड़ सकता है। इस मुद्दे को लेकर NPCI को और भी मजबूत सुरक्षा उपायों की आवश्यकता हो सकती है, ताकि ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
स्मार्ट पेमेंट गेटवे और डिजिटल पेमेंट्स के लिए नई दिशा
यदि यह फीचर सफलतापूर्वक लागू होता है, तो यह UPI को डिजिटल पेमेंट्स के सबसे आसान और सुविधाजनक विकल्प के रूप में स्थापित कर सकता है। भारत में UPI का उपयोग तेजी से बढ़ा है, और इस नए फीचर से UPI पेमेंट्स को और भी मजबूत और विश्वसनीय बनाया जा सकता है।
भारत में डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में इस तरह के बदलाव UPI के भविष्य को और भी बेहतर बना सकते हैं, जिससे भारत को एक डिजिटल पेमेंट्स सुपरपावर के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
NPCI का यह कदम भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली के लिए एक अहम कदम हो सकता है। यदि RBI से मंजूरी मिलती है और यह सुविधा लागू होती है, तो UPI पेमेंट्स को और भी ज्यादा लोकप्रियता मिल सकती है।
इसके साथ ही, सुरक्षा और प्राइवेसी के मुद्दों को हल करके इसे और भी सुरक्षित बनाया जा सकता है। यह सुविधा डिजिटल लेन-देन को और सरल और सुविधाजनक बना सकती है, जिससे UPI भारत में डिजिटल भुगतान के मुख्य विकल्प के रूप में उभर सकता है।
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