KKN गुरुग्राम डेस्क | शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक भीषण भगदड़ मचने से 18 यात्रियों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हादसे ने रेलवे स्टेशन की भीड़-भाड़ और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। यह घटना उस समय हुई जब महाकुंभ यात्रा के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के लिए भारी संख्या में लोग स्टेशन पर पहुंचे थे।
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घटना का विवरण
यह दर्दनाक हादसा रात लगभग 10 बजे हुआ जब प्रयागराज की ट्रेनों के लिए बड़ी संख्या में लोग स्टेशन पर जुटे थे। भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, और कई लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे। इस दौरान कई लोग सीढ़ियों और एस्केलेटर से गिर गए, जिससे मौतें और घायलों की संख्या बढ़ गई।
स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ के कारण यह स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। इस हादसे में 18 लोगों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। घायल यात्रियों को तुरंत अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
मृतकों का विवरण
मृतकों में अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। लोकनायक अस्पताल के आपातकालीन विभाग की प्रमुख डॉ. ऋतु सक्सेना ने 15 मौतों की पुष्टि की है, जिनमें 11 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल थे। इसके अलावा, दो और लोगों की मौत लेडी हार्डिंग अस्पताल में हुई। इस घटना ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हादसे का कारण
इस घटना का मुख्य कारण भारी भीड़ थी। महाकुंभ के अवसर पर हजारों श्रद्धालु प्रयागराज जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे। इस भारी भीड़ के चलते स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। रेलवे प्रशासन द्वारा उचित भीड़ नियंत्रण व्यवस्था की कमी के कारण यह घटना घटी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्लेटफार्म संख्या 12 से 14 तक भारी भीड़ थी। इन प्लेटफार्मों से प्रयागराज की ट्रेनें रवाना हो रही थीं। एक यात्री ने बताया कि प्लेटफार्म संख्या 12 पर शिवगंगा एक्सप्रेस जा रही थी, जिसके बाद सभी यात्री प्लेटफार्म संख्या 14 और 15 पर दौड़ पड़े। इसके परिणामस्वरूप, सीढ़ियों और एस्केलेटर पर भारी दबाव बन गया, और भगदड़ मच गई।
क्या हुआ घटना के दौरान
एक चश्मदीद यात्री ने बताया कि जब भगदड़ मची, तो लोग एक-दूसरे पर चढ़ने लगे थे। कई लोग धक्का-मुक्की के दौरान सीढ़ियों से गिर गए। कुछ यात्री कह रहे थे कि स्टेशन पर इतना अधिक दबाव था कि सीढ़ियों और एस्केलेटर से लोग नीचे गिर गए। घटना के बाद, रेलवे प्रशासन ने त्वरित राहत कार्य शुरू किया, और घायल यात्रियों को अस्पतालों में भेजा गया।
रेलवे प्रशासन का रवैया
रेलवे प्रशासन की ओर से पहले इस घटना को अफवाह बताने की कोशिश की गई। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने प्रारंभ में इस भगदड़ को अफवाह बताया, लेकिन बाद में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मृतकों की संख्या की पुष्टि की। रेलवे द्वारा प्रत्येक घंटे में 1500 जनरल टिकट बेचने के कारण भीड़ बेकाबू हो गई और स्थिति और बिगड़ गई।
इसके अलावा, जब प्रयागराज जाने के लिए विशेष ट्रेन की घोषणा की गई, तो यात्रियों की और अधिक भीड़ प्लेटफार्म पर जमा हो गई, जिससे स्थिति और विकट हो गई। रेलवे अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ट्रेनें देरी से चल रही थीं, जिससे भीड़ और बढ़ी।
घटनास्थल पर हुई राहत कार्य की शुरुआत
घटना के बाद दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। रात 9:55 बजे, प्लेटफार्म संख्या 14 और 15 पर भगदड़ की सूचना मिलने पर चार गाड़ियों समेत अतिरिक्त स्टाफ को मौके पर भेजा गया। राहत और बचाव कार्य में स्थानीय पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने सक्रिय रूप से मदद की। हालांकि, हादसे के कारण स्थिति पूरी तरह से काबू से बाहर हो गई थी, और कई लोग अपनी जान गंवा बैठे।
लोकप्रिय ट्रेनें और प्लेटफार्मों पर अत्यधिक भीड़
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें अक्सर बहुत व्यस्त होती हैं, और इन ट्रेनों के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में वृद्धि महाकुंभ के दौरान और भी ज्यादा हो जाती है। प्लेटफार्म संख्या 12 से 14 तक की भारी भीड़ ने स्थिति को नियंत्रित करना और भी कठिन बना दिया।
साथ ही, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्लेटफार्म पर अत्यधिक भीड़ होने के कारण लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगे, जिससे घबराहट और भगदड़ मच गई। इसके बाद एस्केलेटर के पास भीड़ का दबाव बढ़ने से दुर्घटना हुई।
प्रतिक्रियाएँ और जांच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरी शोक व्यक्त करते हुए कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना बेहद दुखद है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस हादसे पर दुख जताया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। घटना के बाद रेलवे मंत्रालय ने उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है, और यह स्पष्ट किया गया कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने भारतीय रेलवे के भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। भारी संख्या में यात्री हर दिन रेलवे स्टेशनों पर आते हैं, और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रशासन को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को और अधिक संसाधन और सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यकता है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ एक दुखद घटना थी, जिससे न केवल रेल मंत्रालय बल्कि समग्र सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंताएं उठी हैं। भारतीय रेलवे को इस त्रासदी से सीख लेनी चाहिए और ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कड़े उपाय करने चाहिए। विशेषकर ऐसे समय में, जब महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन हो रहे हों, रेलवे को यात्री भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपायों को लागू करना चाहिए।
वर्तमान में, पीड़ित परिवारों के लिए राहत कार्य जारी है, और सरकार ने घोषणा की है कि पीड़ितों के परिवारों को मदद दी जाएगी। इसके अलावा, रेलवे प्रशासन को इस घटना के कारणों की गहराई से जांच करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर सुरक्षा प्रबंधों की योजना बनाने की जरूरत है।
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