KKN गुरुग्राम डेस्क | जैसे-जैसे अप्रैल 2025 की शुरुआत हो रही है, कई बैंकिंग नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। इन नियमों में कुछ नई सेवाओं का आगमन होगा, तो कुछ सेवाएं बंद हो जाएंगी। इन बदलावों का सीधा असर खाताधारकों पर पड़ेगा, इसलिए इन नियमों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। इस लेख में हम आपको 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले प्रमुख बैंकिंग नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे, जिससे आप इन बदलावों को समझ सकें और समय रहते तैयार हो सकें।
Article Contents
1. क्रेडिट कार्ड से जुड़े नए नियम
बैंकिंग क्षेत्र में क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। खासकर SBI और IDFC First Bank के को-ब्रांडेड विस्तारा क्रेडिट कार्ड में बदलाव किए गए हैं।
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SBI क्लब विस्तारा क्रेडिट कार्ड और SBI प्राइम क्रेडिट कार्ड से जुड़े कुछ लाभों में बदलाव किया जाएगा। अब टिकट वाउचर और रिन्यूअल बेनिफिट्स नहीं मिलेंगे। इसके अलावा, कुछ खर्चों पर मिलने वाले माइलस्टोन बेनिफिट्स भी बंद कर दिए जाएंगे।
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IDFC First Bank ने भी अपने विस्तारा क्रेडिट कार्ड के लिए माइलस्टोन बेनिफिट्स को खत्म कर दिया है।
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Axis Bank ने विस्तारा क्रेडिट कार्ड से जुड़े नए नियम 18 अप्रैल से लागू करने की घोषणा की है।
इन बदलावों का उद्देश्य क्रेडिट कार्ड से जुड़ी सुविधाओं को ज्यादा पारदर्शी और स्पष्ट बनाना है।
2. मिनिमम बैलेंस और जुर्माना नियम
SBI, PNB, और Canara Bank सहित कई प्रमुख बैंकों ने सेविंग्स अकाउंट के मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। ये बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।
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मिनिमम बैलेंस के नियम: अब समीप-शहरी (semi-urban), ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के हिसाब से सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना जरूरी होगा। यदि ग्राहक अपने अकाउंट में तय न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं, तो उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है।
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ब्याज दरों में बदलाव: कई बैंकों ने सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरों में बदलाव किया है। अब, ब्याज दरें खाते के शेष राशि के आधार पर मिलेगी। उच्च शेष राशि रखने वाले ग्राहकों को अधिक ब्याज मिलेगा।
यह बदलाव ग्राहकों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से अपने खाते में संतुलन नहीं बनाए रखते हैं।
3. पॉजिटिव पे सिस्टम और चेक से जुड़ी नई नियमावली
पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) को बैंकिंग सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए लागू किया जा रहा है। यह नया नियम खासकर चेक भुगतान के लिए महत्वपूर्ण होगा।
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₹5,000 से अधिक के चेक: अब ₹5,000 या उससे अधिक के चेक भुगतान के लिए ग्राहकों को चेक में दर्ज जानकारी की पुष्टि करनी होगी। इस प्रक्रिया से धोखाधड़ी की संभावना को कम किया जाएगा और सुरक्षा बढ़ेगी।
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चेक की जानकारी सत्यापित करना: ग्राहकों को चेक में दर्ज की गई सभी जानकारी की पुष्टि करनी होगी, जिससे बैंक को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि चेक में कोई गड़बड़ी नहीं है।
यह कदम धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है और बैंकिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बना सकता है।
4. एटीएम से पैसे निकालने पर फीस में बदलाव
एटीएम से पैसे निकालने के नियमों में भी अप्रैल 2025 से कुछ बदलाव होंगे। इन बदलावों का असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा, जो तीसरे पक्ष के एटीएम का उपयोग करते हैं।
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फ्री एटीएम ट्रांजैक्शंस की संख्या में कमी: अब, ग्राहकों को तीसरे पक्ष के एटीएम से महीने में सिर्फ तीन बार फ्री पैसे निकालने की सुविधा मिलेगी। इसके बाद, उन्हें प्रति लेन-देन ₹20 से ₹25 तक का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
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आधिकारिक एटीएम का उपयोग: ग्राहकों को अपनी बैंक के एटीएम का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वे अतिरिक्त शुल्क से बच सकें और सुविधा का लाभ उठा सकें।
यह बदलाव एटीएम शुल्क को नियंत्रित करने और बैंकिंग सेवाओं की लागत को कम करने के उद्देश्य से किया गया है।
5. डिजिटल बैंकिंग में वृद्धि और सुरक्षा फीचर्स
वर्तमान में डिजिटल बैंकिंग का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, और एटीएम, ऑनलाइन बैंकिंग, और मोबाइल बैंकिंग सेवाओं से जुड़े कई नए फीचर्स आने वाले समय में लागू होंगे।
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एआई चैटबॉट्स: कई बैंक अपने ग्राहकों के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) चैटबॉट्स को शुरू करेंगे। ये चैटबॉट्स 24/7 ग्राहकों की सहायता करेंगे, उनके सवालों का जवाब देंगे और ट्रांजैक्शन से जुड़ी जानकारी प्रदान करेंगे।
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दो-कारक सत्यापन (2FA): दो-कारक सत्यापन (Two-Factor Authentication) को और मजबूत किया जाएगा, ताकि डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन बैंकिंग को ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके। ग्राहकों को OTP और पासवर्ड के माध्यम से सुरक्षित लेन-देन की प्रक्रिया अपनानी होगी।
इसके साथ ही, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स को और सुरक्षित बनाने के लिए बेहतर सुरक्षा प्रणालियाँ लागू की जाएंगी। यह कदम डिजिटल बैंकिंग को सुरक्षित बनाने और फ्रॉड को कम करने के उद्देश्य से है।
6. एफडी और सेविंग्स अकाउंट में ब्याज दरों में बदलाव
कई बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) और सेविंग्स अकाउंट में ब्याज दरों में बदलाव करने जा रहे हैं। यह बदलाव उन ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण होगा जो अपनी बचत को लंबे समय तक निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
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एफडी पर ब्याज दरें: अब, फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए ब्याज दरें बैंक और FD की अवधि के हिसाब से अलग-अलग हो सकती हैं। ग्राहक अपनी लंबी अवधि की योजना के हिसाब से बेहतर ब्याज दरों का चुनाव कर सकते हैं।
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सेविंग्स अकाउंट पर ब्याज: सेविंग्स अकाउंट में ब्याज दरें अब खाता शेष राशि के आधार पर निर्धारित की जाएंगी।
7. ग्राहकों के लिए नए डिजिटल बैंकिंग सुविधाएँ
कई बैंक अब डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए नई सेवाएं शुरू करेंगे। इन सेवाओं में मोबाइल बैंकिंग ऐप्स, ऑनलाइन बिल भुगतान और फास्ट ट्रांजैक्शन्स जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
इसके अलावा, इंवेस्टमेंट और बचत योजनाओं को भी डिजिटल प्लेटफार्मों पर उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि ग्राहक आसानी से अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये बैंकिंग नियम ग्राहकों के लिए नई चुनौती और नए अवसर लेकर आएंगे। चाहे वह क्रेडिट कार्ड से जुड़े बदलाव हों, मिनिमम बैलेंस से जुड़ी नई पॉलिसी हो, या फिर ATM से जुड़ी फीस में बदलाव, इन सभी नियमों का उद्देश्य सुरक्षा, पारदर्शिता, और ग्राहक सुविधा को बढ़ाना है।
ग्राहकों को इन बदलावों के बारे में सही जानकारी होना चाहिए ताकि वे अपने बैंकिंग अनुभव को बेहतर बना सकें और इन बदलावों से उत्पन्न होने वाली किसी भी परेशानी से बच सकें।
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