संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर। 1551 कन्याओ के कलश यात्रा के साथ ही बनघारा पोखर पर 11 दिवसिय महाविष्णु यज्ञ प्रारम्भ हो गया। गाजे बाजे व आकर्षक झाकी के साथ कलश यात्रियो का जत्था रघई घाट पर पहुंचा। जेठ की तपती धूप का परवाह किये बगैर कन्याओ पर आस्था का उल्लास भारी था। कन्याओ ने रघई के पावन बूढी गंडक नदी से गागर मे सागर भरा। ज्योतिष सम्राट आचार्य शिवशंकर शास्त्री के वैदिक मंत्रोच्चारण से कन्याओ ने संकल्प लिया। मंत्रोच्चारण से गंडक का तट गुंजयमान रहा। कन्याओ ने यज्ञ मंडप मे कलश स्थापना के बाद परिक्रमा किया। कन्या भोज का भी आयोजन किया गया। जगह जगह पर कलश यात्रियो का भव्य स्वागत किया गया। मुख्य यजमान देवकीलाल सहनी , कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार व सरपंच रामजीवन पंडित ने बताया की मेले मे आसमानी झूला व मौत का कुंआ आकर्षण का केंद्र होगा। साथ ही प्रवचन व भक्ति आधारित सांस्कृतिक कार्यकर्मो का भी आयोजन होगा।
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