उत्तर भारत में तेज बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त-व्यस्त, बिजली गिरने से कई मौतें

Tragic Lightning Strikes

KKN गुरुग्राम डेस्क | रविवार, 5 मई को उत्तर भारत के कई राज्यों में तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने एक बार फिर से जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कई जिलों में अचानक मौसम बिगड़ा, जिसके चलते आम लोग और किसान संकट में आ गए। बिजली गिरने से उत्तर प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि हिमाचल के चंबा जिले में बादल फटने से एक भेड़पालक की मौत हो गई।

इस असामान्य मौसम ने जहां खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाया, वहीं पर्यटक स्थलों पर भी अफरा-तफरी का माहौल रहा। मौसम विभाग (IMD) ने अगले दो दिन के लिए भारी बारिश और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से तीन मौतें

रविवार दोपहर बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मौसम अचानक बदल गया। तेज हवा और आंधी के साथ बिजली गिरने की घटनाएं सामने आईं। विशेष रूप से जौनपुर, चंदौली और सोनभद्र में स्थिति गंभीर रही।

  • जौनपुर में आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई और दो अन्य झुलस गए।

  • सोनभद्र में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया।

  • चंदौली में भी एक महिला की जान वज्रपात की चपेट में आकर चली गई।

इसके अलावा, बरेली मंडलशाहजहांपुर और निगोही में भी ओलावृष्टि हुई, जिससे फसलों और बाजारों को खासा नुकसान हुआ।

चंबा, हिमाचल में बादल फटने से तबाही

हिमाचल प्रदेश में लगातार तीसरे दिन बारिश और ओलावृष्टि का सिलसिला जारी रहा। शनिवार रात को चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के डोंडरा नाला में बादल फटने की घटना हुई, जिससे भारी बाढ़ आ गई।

इस हादसे में 65 वर्षीय भेड़पालक अमरो पुत्र फीणू राम, निवासी गांव चेली (डाकघर रायपुर), की बाढ़ में बहने से मौत हो गई। साथ ही उसकी 100 से अधिक भेड़-बकरियां भी बह गईं।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

मसूरी में कैम्पटी फॉल का जलस्तर बढ़ा, पर्यटकों में दहशत

उत्तराखंड के मसूरी क्षेत्र में भारी बारिश के चलते कैम्पटी फॉल का जलस्तर अचानक बहुत बढ़ गया, जिससे वहां मौजूद पर्यटकों और दुकानदारों में दहशत फैल गई।

कैम्पटी थाना प्रभारी संजय मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए पर्यटकों को कैम्पटी फॉल की ओर जाने से रोक दिया गया। फॉल के पास पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया था, जिसे JCB मशीन की मदद से हटाकर आवाजाही बहाल की गई।

उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में भी आंधी-तूफान

उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी जैसे पहाड़ी जिलों में भी रविवार को मौसम ने करवट ली। दोपहर बाद तेज गरज, बिजली की चमक और झमाझम बारिश ने तापमान में भारी गिरावट ला दी। इससे चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालु भी प्रभावित हुए।

मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए अगले 48 घंटों तक अंधड़, भारी वर्षा और बिजली गिरने का पूर्वानुमान जारी किया है।

पंजाब में ओलावृष्टि से किसानों की चिंता बढ़ी

पंजाब के लुधियाना, पटियाला और जालंधर जिलों में भी रविवार को तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई। इस समय राज्य में गेहूं की कटाई और मंडियों में खरीदी का कार्य चल रहा है, जिसे इस अचानक मौसम ने बुरी तरह बाधित कर दिया।

  • खेतों में खड़ी और कटी हुई फसलें भीग गईं।

  • मंडियों में खुले में रखी गेहूं की बोरियां बारिश में खराब हो रही हैं।

  • आढ़तियों और किसानों ने राज्य सरकार से तत्काल मुआवजा और राहत व्यवस्था की मांग की है।

मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले 48 घंटे में इन क्षेत्रों में:

  • तेज हवाएं (50–60 किमी/घंटा तक)

  • ओलावृष्टि की घटनाएं

  • आकाशीय बिजली गिरने की संभावना

  • पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा

जनता को सलाह दी गई है कि खुले स्थानों से बचें, मौसम से जुड़े अपडेट पर नजर रखें और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।

कृषि और दैनिक जीवन पर प्रभाव

इस अनियमित मौसम का प्रभाव व्यापक है:

  • रबी फसल की कटाई और खरीद में देरी

  • मंडियों और सड़कों पर परिवहन बाधित

  • पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कें बंद और आवागमन ठप

  • भंडारण में रखी फसलों में फंगल संक्रमण का खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति अधिक दिनों तक बनी रही, तो इससे कृषि अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

प्रशासन और सरकार की तैयारियां

उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने राहत एवं बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि बिजली, पानी और यातायात जैसी आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता से बहाल रखा जाए।

मौसम अलर्ट को एसएमएस, सोशल मीडिया और लोकल मीडिया के जरिए जनता तक पहुंचाया जा रहा है।

5 मई 2025 का दिन उत्तर भारत के लिए प्राकृतिक आपदाओं का दिन साबित हुआ। बिजली गिरने से हुई मौतें, चंबा में बादल फटना, मसूरी में बढ़ता जलस्तर और पंजाब में फसलों का नुकसान — ये सभी घटनाएं हमें जलवायु परिवर्तन और मौसम की अनिश्चितताओं की गंभीरता को दर्शाती हैं।

जनता से अपील है कि मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट और दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी संकट की स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें

Read this article in

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

KKN Public Correspondent Initiative


Discover more from KKN Live

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply