KKN गुरुग्राम डेस्क | अहमदाबाद में ह्यूमन मेटापनेउमोवायरस (HMPV) का दस दिनों में पांचवां मामला दर्ज किया गया है। बुधवार को स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की कि एक चार वर्षीय बच्चा इस संक्रमण से ग्रस्त पाया गया है। गुजरात में अब तक कुल छह HMPV मामले दर्ज किए गए हैं।
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नवीनतम मामले का विवरण
संक्रमित बच्चा अहमदाबाद के कृष्णनगर का निवासी है। उसे 13 जनवरी को जाइडस अस्पताल में खांसी, सर्दी, और बुखार के लक्षणों के साथ भर्ती कराया गया। अहमदाबाद नगर निगम के चिकित्सा अधिकारी डॉ. भविन सोलंकी ने बताया कि अस्पताल में उसी दिन परीक्षण के माध्यम से HMPV संक्रमण की पुष्टि हुई।
अहमदाबाद में HMPV मामलों का वितरण:
- अहमदाबाद: 3 मामले
- राजस्थान: 1 मामला
- गुजरात के कच्छ जिले: 1 मामला
HMPV का अवलोकन
ह्यूमन मेटापनेउमोवायरस (HMPV) पहली बार 2001 में खोजा गया था। यह पैरामिक्सोविरिडे परिवार का हिस्सा है और रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस (RSV) से संबंधित है। यह वायरस सभी आयु वर्ग में श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है, लेकिन छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग अधिक जोखिम में होते हैं।
लक्षण:
- खांसी
- सर्दी
- बुखार
- गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई
संक्रमण का प्रसार:
- खांसी या छींकने से निकली श्वसन बूंदों के माध्यम से।
- संक्रमित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से।
मौसमी पहला मामला और व्यापक प्रभाव
अहमदाबाद में इस मौसम का पहला HMPV मामला 6 जनवरी को दर्ज किया गया। यह तब सामने आया जब चीन में इस वायरस के प्रकोप के बाद इस पर वैश्विक ध्यान केंद्रित हुआ। स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
HMPV संक्रमण को रोकने के उपाय
- स्वच्छता बनाए रखें:
- साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोएं।
- साबुन उपलब्ध न हो तो सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
- निकट संपर्क से बचें:
- श्वसन संक्रमण वाले व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें।
- अपनी आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- सतहों की सफाई:
- अक्सर छुई जाने वाली सतहों को साफ करें।
- तत्काल चिकित्सा सलाह लें:
- यदि लक्षण बने रहें या बढ़ें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
गुजरात, विशेष रूप से अहमदाबाद में, HMPV के बढ़ते मामलों ने सार्वजनिक जागरूकता और सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित किया है। यह वायरस नया नहीं है, लेकिन इसका पुनरुत्थान और संभावित जटिलताएं तत्काल रोकथाम और चिकित्सा हस्तक्षेप की मांग करती हैं।
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