बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के बालिका गृह में बच्चियों से कथित उत्पीड़न के मामले में सीबीआई ने जांच का जिम्मा अपने हाथो में ले ली है। किंतु, अब इसके मायने तलाशे जाने लगे हैं। दरअसल, बिहार सरकार के एक मंत्री पति का नाम उछलते ही सूबे की सरकार पर सीबीआई से जांच कराने का दबाव बढ़ने लगा था। दूसरा कारण ये कि इस बालिका गृह से जुड़े रसूखदारो का सरकारी गलियारे से जुड़ता संबंध और विपक्ष के तल्ख होते तेवर से सरकार को सीबीआई ही बचा सकती थी।
ये है पूरा मामला
मामला मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों के मानसिक, शारीरिक और यौन उत्पीड़न से जुड़ा है। हालांकि, आरंभिक जांच में बिहार की पुलिस ने बालिका गृह के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार भी कर चुकी है। आरोप है कि सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह के अधिकारी व कर्मचारियों ने यहां रह रही बालिकाओं का मानसिक, शारीरिक एवं यौन शोषण किया है।
ऐसे हुआ खुलाशा
मामला तब प्रकाश में आया जब इस साल के शुरू में मुम्बई स्थित एक संस्था के द्वारा किये गये सोशल ऑडिट के आधार पर बिहार सामाजिक कल्याण विभाग ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई और इसके बाद शुरू हुई जांच में परत दर परत खुलाशा होते चला गया। फिलहाल, बालिका गृह चलाने वाले मुजफ्फरपुर के गैर सरकारी संगठन सेवा संकल्प को काली सूची में डाल दिया गया है और यहां रहने वाली लड़कियों को पटना एवं मधुबनी के बालिका गृहों में स्थानांतरित भी कर दिया गया है।
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This post was published on जुलाई 30, 2018 19:07
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