Drone Attack in Pakistan: पाकिस्तान के छह बड़े शहरों में ड्रोन हमले से हड़कंप, कराची से लाहौर तक दहशत

India's Decisive Response to Pakistan: From Air Defense to Water Warfare

KKN गुरुग्राम डेस्क | पाकिस्तान एक बार फिर सुरक्षा संकट से गुजर रहा है। 8 मई 2025 को पाकिस्तान के छह प्रमुख शहरों — कराची, लाहौर, गुंजरावाला, चकवाल, घोटकी और उमरकोट — में ड्रोन हमलों की पुष्टि हुई है। कुल मिलाकर 12 धमाके दर्ज किए गए हैं, जिनमें से कुछ सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए।

इन हमलों के बाद पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली (Air Defense System) की विफलता पर सवाल उठने लगे हैं। इन घटनाओं को भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जोड़कर देखा जा रहा है, जो पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया एक सैन्य अभियान है।

कौन-कौन से शहर हुए निशाना?

पाकिस्तानी मीडिया और रक्षा सूत्रों के अनुसार, अब तक जिन शहरों में ड्रोन हमले हुए हैं, वे हैं:

  • कराची: सबसे बड़ा हमला एक आर्मी बेस पर हुआ, जिसके बाद पूरे क्षेत्र को सेना ने सील कर दिया।

  • लाहौर: यहाँ तीन धमाकों की पुष्टि हुई, जिनमें से एक नेवी बेस के पास हुआ।

  • गुंजरावाला, चकवाल, घोटकी और उमरकोट: इन शहरों में भी ड्रोन धमाके दर्ज किए गए हैं, जिससे आपातकाल जैसे हालात बन गए हैं।

 पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली हुई फेल

हमलों के समय पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली पूरी तरह से निष्क्रिय साबित हुई। यह घटना और भी चौंकाने वाली तब हो गई जब हमलों से कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने वायुसेना की तारीफ करते हुए कहा था कि “हमारी वायुसेना पूरी तरह से सतर्क और तैयार है।”

हमले के बाद यह दावा सवालों के घेरे में आ गया है, और सोशल मीडिया पर लोग पाकिस्तान की सुरक्षा तैयारियों पर तंज कस रहे हैं।

 भारत का ऑपरेशन सिंदूर: हमलों का संभावित जवाब

इन ड्रोन हमलों की टाइमिंग और प्रकृति को देखते हुए इन्हें भारत द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जोड़कर देखा जा रहा है। यह ऑपरेशन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर चलाया जा रहा है।

भारत सरकार ने अभी तक आधिकारिक रूप से इन ड्रोन हमलों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है

 किस तरह के ड्रोन इस्तेमाल हुए?

पाकिस्तानी रक्षा सूत्रों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन हमलों में इज़रायली तकनीक पर आधारित ‘हारोप ड्रोन’ (Harop Drones) का इस्तेमाल हुआ। यह ड्रोन हवा में घंटों तक उड़ सकते हैं और सटीक निशाना लगाने में सक्षम होते हैं।

यह ड्रोन विशेष रूप से ‘कामिकाज़ी मिशन’ के लिए डिजाइन किए गए हैं, यानी ये दुश्मन के टारगेट पर खुद जाकर टकराते हैं और विस्फोट करते हैं।

नागरिकों पर असर और हताहतों की जानकारी

  • कराची में आर्मी बेस पर धमाके के बाद आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल बन गया।

  • लाहौर में धमाके के बाद अमेरिकी दूतावास ने अपने सभी स्टाफ को “शेल्टर इन प्लेस” का आदेश दिया।

  • सिंध प्रांत में ड्रोन के मलबे से एक आम नागरिक की मौत और एक अन्य के घायल होने की सूचना है।

  • रावलपिंडी और इस्लामाबाद में कई जगहों पर ब्लैकआउट और हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस घटना पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने गहरी चिंता जताई है:

  • अमेरिका, यूके, चीन और तुर्की जैसे देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने और राजनयिक वार्ता से मुद्दा सुलझाने की अपील की है।

  • संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि भारत-पाक जैसे परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच तनाव बढ़ना वैश्विक शांति के लिए खतरा है।

🇮🇳 भारत सरकार की ओर से बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रगति की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा:

“बॉर्डर पर हालात तेजी से बदल रहे हैं। यह एक लंबी लड़ाई है और कई जानकारियां सुरक्षा कारणों से गोपनीय रखी जा रही हैं। सरकार पूरी तरह सतर्क है।”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “संकट की इस घड़ी में पूरा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा है।”

पाकिस्तान बनाम भारत: सैन्य और रणनीतिक स्थिति

मुद्दाभारतपाकिस्तान
ड्रोन टेक्नोलॉजीइजरायली तकनीक, सटीक निशानासीमित क्षमताएं, एयर डिफेंस फेल
अंतरराष्ट्रीय समर्थनसंयम और कूटनीति के पक्षधरहमले को ‘कायरता’ बताया
सैन्य अभियानऑपरेशन सिंदूर – सर्जिकल और लक्षितजवाब में घबराहट, कई दावे, कोई प्रमाण नहीं

पाकिस्तान में हुए ड्रोन हमले केवल एक सैन्य घटना नहीं, बल्कि यह एक बड़े रणनीतिक और भू-राजनीतिक बदलाव की ओर इशारा करते हैं। भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ अपनाई गई आक्रामक नीति अब साफ दिख रही है। वहीं पाकिस्तान की सुरक्षा तैयारियों की पोल भी इन हमलों ने खोल दी है।

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