KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार के मुजफ्फरपुर का कई इलाका बाढ़ से परेसान है। किंतु, ऐसा भी गांव है, जो बाढ़ से नहीं बल्कि, बरसात की पानी भर जाने से टापू बन गया है। मीनापुर थाना के मदारीपुर गांव का सहनी टोला, ऐसा ही एक गांव है। अधिकारी और जन प्रतिनिधि से निराश होकर ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाई और 24 घंटे के भीतर चचरी का पुल बना कर एक नजीर पेश कर दिया। गुरुवार को आवागमन बहाल होते ही मदारीपुर गांव के सहनी टोला में उत्सव का नजारा था। गांव के पुनीत सहनी बतातें है कि सड़क पर करीब छह फीट बरसात का पानी जमा हो जाने से यहां के करीब 500 परिवार का पिछले एक सप्ताह से आवागमन ठप था।

संतोष सहनी ने मुखिया से गुहार लगाई और फिर विधायक से भी मदद मांगी। किंतु, जब किसी ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने बुधवार को बैठक कर चंदा से 40 हजार रुपये जमा किए और आनन-फानन में बांस का पुल बनाने का काम शुरू कर दिया। दो दर्जन से अधिक लोगों के दिनरात की मेहनत रंग लाई और मात्र 24 घंटे में गांव की लाइफलाइन कहलाने वाली चचरी पुल बन कर तैयार हो गया। पुल के चालू होते ही गांव के लोगो का समीप के दूसरे गांवों से संपर्क बहाल हो गया और ग्रामीण चहक उठे।
इस मौके पर गांव में मौजूद छात्र राजद के जिला अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि वे दो साल से गांव में सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं। इस बीच जिलाधिकारी से गुहार लगाई और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। थक कर लोक अदालत में मामल दर्ज कराया। अदालत का निर्णय निराशा करने वाला था। इसमें कहा गया कि विधायक से मिल कर सड़क बनाने का आग्रह करें। जबकि, विधायक से पहले भी अनुरोध किया जा चुका था। पर, उन्होंने सुध नहीं ली। छात्र नेता ने बरसात के बाद सड़क की मांग को लेकर गांववालों के साथ आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है।
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