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नही चलेगा बहाना, ताड़ के पेड़ पर चढ़ के होगा दिखाना

​-नीरा के लिए सरकार का नया पैंतरा

-ताड़ का पेड़ उगाने वाले जमींदारो को जोर का झटका

संतोष कुमार गुप्ता

पटना। अपने जमीन मे ताड़ व खजूर के सैकड़ो पेड़ उगाने वाले जमींदारो के लिए यह खबर जोर का झटका है।अगर वह सोंचते है की इस नाम पर उन्हे नीरा का लाइसेंस मिल जाये तो ये उनका भ्रम है। अब उन्हे ताड़ के पेड़ पर चढने का अभ्यास शुरू कर देना चाहिए।  नीरा निकालने का लाइसेंस देने के पहले ताड़ के पेड़ पर चढ़ने की परीक्षा ली जाएगी। लाइसेंस के लिए आवेदन में ताड़ पेड़ के किसान की सहमति भी दर्शाना होगा। लाइसेंस इस शर्त पर मिलेगी कि सूर्यास्त के बाद पेड़ पर लवनी या बर्तन लगा कर नीरा सूर्योदय के पहले निकाल लेगा। लाइसेंस लेने के बाद सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी को ही नीरा देना होगा। लाइसेंस लेने वाला व्यक्ति नीरा से गुड़ या अन्य खाद्य पदार्थ तैयार कर व्यवसाय कर सकता है। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ और मद्य निषेध व उत्पाद आयुक्त आदित्य कुमार दास ने गुरुवार को नीरा निकालने के लिए लाइसेंस की शर्तों की जानकारी दी।

 नि:शुल्क मिलेगा नीरा का लाइसेंस

नीरा प्रोजेक्ट पर कार्यशाला व प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि लाइसेंस नि:शुल्क मिलेगा। लाइसेंस के लिए आवेदन जिला उत्पाद अधीक्षक या सहायक उपायुक्त उत्पाद को दिया जा सकता है। नीरा निकालने का लाइसेंस लेकर ताड़ी या अन्य मादक पेय पदार्थ बेचने पर लाइसेंस रद्द होने के साथ ही बिहार मद्य निषेध एवं उत्पादन नीति 2016 के तहत सजा और अन्य कार्रवाई होगी।  लाइसेंस लेने वालों की मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्य को लाइसेंस मिल सकता है, बशर्ते उसे भी ताड़ के पेड़ पर चढ़ना और नीरा उतारने की कला आनी चाहिए। ताड़ के पेड़ बहुल जिलों से कार्यशाला में लोगों को बुलाया गया था। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि जीविका से सहयोग लेना है, लीजिए नहीं तो खुद नीरा या इससे संबंधित उत्पाद का  व्यवसाय कर सकते हैं। इसमें बंदिश नहीं है।

कारोबार के लिए एक करोड़ तक मिल सकता है लोन   

ताड़ी निकालने के कारोबार से जुड़े लोगों को नीरा का कारोबार या दूसरा व्यवसाय शुरू करने के लिए  एक लाख से एक करोड़ रुपए तक का लोन मिल सकता है।

क्या होता है नीरा यहां जानिये

नर-मादा पेड़ के फूलों का इसाव है। इसे फर्मेंटेशन के पहले संग्रहित किया जाता है। नीरा में खनिज लवण, कैल्शियम, फास्फोरस, लौह, विटामिन ए, बी एवं सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह पाचन शक्ति व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

This post was published on अप्रैल 14, 2017 16:44

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संतोष कुमार गुप्‍ता

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