भारत के लोग अन्तराष्ट्रीय संगठन, एजेंसी या अन्तराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट पर आंख मूंद कर भरोसा करते है। बचपन से हमे यहीं बताया जाता है कि अन्तराष्ट्रीय एजेंसिया कभी गलत हो ही नही सकती। नतीजा, इनके हवाले को कोड करना, आज एक फैशन के जैसा हो गया। हममें से बहुत कम लोग है, जो जानते है कि अधिकतर अन्तराष्ट्रीय एजेंसिया, एक सुनियोजित एजेंडा के तहत काम करती है और एशिया में अपनी दबदबा बढ़ा रहे भारत को न सिर्फ नजरअंदाज करती है। बल्कि, इसको कमजोर करने की अनेक- अनेक साजिश भी रचती रहती है। खैर, इस पर हम दूसरे एपीसोड में विस्तार से बात करेंगे। फिलहाल, कोरोना वायरस को लेकर डब्लूएचओ की भूमिका पर उठ रहे सवालो की पड़ताल करना यहा जरुरी हो गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप इस संगठन की लापरवाही के कारण इतना फैल गई। ट्रंप ने संगठन पर चीन के साथ सांठगांठ का भी आरोप लगाया था। बतादें कि इस महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ की भूमिका संदेह के दायरे में है। कहा तो यह भी जा रहा है कि चीन की साख को बचाने के चक्कर में डब्लूएचओ ने पूरी दुनिया को इस महामारी की आग में झोंक दिया। देखिए, इस रिपोर्ट में…
This post was published on अप्रैल 24, 2020 17:01
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