गुजरात। गुजरात के दभोई में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्वकर्मा जयंती है, भारत में सदियों से जो हाथ से काम करते हैं, पसीना बहाते हैं, श्रम करते हैं, निर्माण का कार्य करते हैं। टेक्निशियन, इंजीनियर, मिस्त्री हों या जो भी स्थापत्य के काम से जुड़ा है, उनको भारत में विश्वकर्मा के नाम से जाना जाता है।
यहां सरदार सरोवर बांध के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आपके सपने साकार हों इसके लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति जुटाकर एक नए भारत को पाकर रहना है। एक दुबले-पतले गांधी साधना करते-करते आजादी के लिए देश को जोड़ सकते हैं तो मां नर्मदा के आशीर्वाद से एक नए भारत का निर्माण बनाने में कोई कमी नहीं रखेंगे। कहा कि मैं यहां बहुत बार आया, कभी बस में आता था कभी स्कूटर पर आता था। मेरी बहुत यादें यहां से जुड़ी हैं। लेकिन ऐसा विराट दृश्य कभी नहीं था।
पीएम ने कहा कि सरदार पटेल ने बहुत पहले सरदार सरोवर बांध का सपना देखा था। बाबा साहब अंबेडकर और सरदार पटेल अगर कुछ समय और जीवित रहते तो देश कामयाबी की नई ऊंचाइयों पर होता। आज सरदार सरोवर बांध सवा सौ करोड़ देशवासियों को समर्पित हो रहा। देश की नई ताकत का ये एक नया प्रतीक बनेगा। पीएम ने कहा कि आपके सपनों के लिए जिऊंगा।
उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान की सीमा पर खड़े बीएसएफ के जवानों तक मैंने नर्मदा का पानी पहुंचाने की बात ठान ली थी। यह गुजरात के ही नहीं महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश के किसानों के भी भाग्य को बदलने वाली परियोजना है। ठान लिया था कि इसे राजनीति का शिकार नहीं बनने देंगे। कितनी मुसीबतें हुई हैं और किसने किसने तकलीफ दी है उसका कच्चा चिट्ठा है, लेकिन मुझे वहां तक जाना नहीं है। मै जन्मदिन बनाने वालों में से नहीं रहा, लेकिन विश्वकर्मा जयंती के दिन और इतने लोगों का प्यार पाकर मैं अभिभूत हो गया हूं।
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