KKN गुरुग्राम डेस्क | नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद देशभर में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। कांग्रेस ने इस कार्रवाई को ‘राजनीतिक बदले की भावना’ बताया है और इसके विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।
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इसी बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को भी लैंड डील केस में लगातार दूसरे दिन ईडी के समक्ष पेश होना पड़ा। इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया है।
ईडी की चार्जशीट में क्या है?
15 अप्रैल 2025 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कुछ कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
चार्जशीट में ईडी ने आरोप लगाया है कि:
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कांग्रेस नेताओं ने मिलकर 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने की साजिश रची।
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इसके लिए उन्होंने एजेएल (Associated Journals Limited) के 99% शेयर मात्र 50 लाख रुपये में यंग इंडियन नामक निजी कंपनी को ट्रांसफर कर दिए।
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इस यंग इंडियन कंपनी में सोनिया और राहुल गांधी सबसे बड़े शेयरधारक हैं।
कांग्रेस का हमला: ‘लोकतंत्र पर हमला’
ईडी की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा:
“यह सिर्फ गांधी परिवार नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की विरासत पर हमला है। नेशनल हेराल्ड अखबार को 1938 में पंडित नेहरू ने शुरू किया था। अब बीजेपी सरकार इसे निशाना बना रही है।”
कांग्रेस का दावा है कि यह सरकार द्वारा जानबूझकर किया गया हमला है ताकि पार्टी को कमजोर किया जा सके।
देशभर में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस ने दिल्ली स्थित 24, अकबर रोड पार्टी कार्यालय से लेकर देश के हर राज्य में ईडी दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन किए हैं। प्रदर्शन में शामिल हुए:
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सांसद और विधायक
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युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता
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महिला कांग्रेस और NSUI के सदस्य
प्रदर्शन में ‘ईडी वापस जाओ’ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगे।
बीजेपी का जवाब: ‘कानून से ऊपर नहीं है कोई’
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा:
“नेशनल हेराल्ड कभी भी गांधी परिवार की निजी संपत्ति नहीं रही। कांग्रेस को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन कानून का उल्लंघन करने का नहीं।“
बीजेपी का कहना है कि:
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ईडी की कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत हो रही है।
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यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है, राजनीति से नहीं।
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कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं हो सकता, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता हो।
रॉबर्ट वाड्रा से लगातार पूछताछ
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को भी हाल ही में एक लैंड डील केस में ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया। वह 15 अप्रैल को ईडी कार्यालय पहुंचे और 6 घंटे तक सवालों का जवाब दिया।
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16 अप्रैल को वह फिर से पूछताछ के लिए पहुंचे, उनके साथ प्रियंका गांधी भी थीं।
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वाड्रा का कहना है कि उन्होंने पहले भी 23,000 पेज के दस्तावेज और सभी सवालों के जवाब दिए हैं।
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उन्होंने पैदल चलकर ईडी कार्यालय पहुंचने के बाद मीडिया से कहा:
“यह राजनीतिक प्रतिशोध है। जब-जब कांग्रेस मजबूत होती है, सरकार हमें निशाना बनाती है।“
रॉबर्ट वाड्रा का बयान: ‘एजेंसियों पर अब भरोसा नहीं’
वाड्रा ने प्रेस से बातचीत में कहा:
“आज देश में कोई भी यह नहीं मानता कि जांच एजेंसियां निष्पक्ष हैं। उन्हें राजनीतिक दबाव में इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार का मकसद विपक्षी नेताओं को डराना और असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार हिंदू और मुस्लिम के बीच तनाव बढ़ाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।
नेशनल हेराल्ड केस की प्रमुख टाइमलाइन
तारीख | घटनाक्रम |
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अगस्त 2014 | ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया |
दिसंबर 2015 | सोनिया और राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत मिली |
2023-24 | ईडी ने संपत्तियां जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की |
अप्रैल 2025 | 661 करोड़ की संपत्तियों पर ईडी की नोटिस |
15 अप्रैल 2025 | ईडी ने पहली चार्जशीट दाखिल की |
कांग्रेस का अगला कदम क्या?
कांग्रेस अब इस मुद्दे को:
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संसद और विधानसभा में उठाने की योजना बना रही है
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देशभर में “लोकतंत्र बचाओ यात्रा” जैसी मुहिम शुरू कर सकती है
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इसे चुनावी मुद्दा बनाकर जनता के बीच ले जाने की रणनीति बना रही है
नेशनल हेराल्ड मामला, रॉबर्ट वाड्रा की पूछताछ, और कांग्रेस का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन भारत की राजनीति में एक नया मोड़ ला रहा है।
जहां एक तरफ सरकार इसे कानूनी कार्रवाई बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे तानाशाही और बदले की राजनीति कह रही है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में यह मामला कांग्रेस के लिए सियासी हथियार बनता है या कानूनी जटिलता।
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