बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे हम निकले
KKN न्यूज ब्यूरो। अफगानिस्तान में 20 साल तक संघर्ष करने के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है। अमेरिका ने आखिरी डेडलाइन से पहले ही 30 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ दिया। अमेरिका के आखिरी विमान सी-17 ने 30 ने कल यहां से उड़ान भरी। हालांकि, अमेरिकी को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से हटाना था। किंतु, तालिबान को दी गई डेडलाइन से पहले ही उसने अफगानिस्तान से अपनी सेना के आखिरी सैनिक को वापस बुला लिया है। अमेरिका के आखिरी विमान सी-17 ने 30 अगस्त की काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही तालिबानियो ने हवा में फायरिंग करके जश्न मनाया है। जानकार इसको सुपर पावर की सुपर बेइज्जती बता रहें हैं। दूसरी ओर स्वयं अमेरिका इसको अपनी जीत बता रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि तालिबान ने सुरक्षित मार्ग पर चलने की प्रतिबद्धता जताई है। दुनिया उन्हें अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम रखेगी।
काम नही आया 83 अरग डॉलर
अमेरिका ने अफगान सुरक्षा बलों की ट्रेनिंग और उपकरणों पर करीब 83 अरब डॉलर खर्च कर दिए। बावजूद इसके वह तालिबान को काबू में नहीं रख पाया। अमेरिका ने दावा किया है कि 17 दिनों में अमेरिका ने इतिहास के सबसे बड़े एयरलिफ्ट को अंजाम दिया। करीब 1.20 लाख से अधिक अमेरिकी नागरिक और सहयोगियों के नागरिकों और संयुक्त राज्य अमेरिका ने एयरलिफ्ट किया है।