शुक्रवार, जुलाई 18, 2025
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बिहार विश्वविद्यालय में परीक्षा घोटाला: फेल छात्र को पास कर दिया एजेंसी ने, गायब हुई उत्तरपुस्तिका

Examination Irregularities at BRA Bihar University: Agency Error Leads to Student's Result Discrepancy

KKN गुरुग्राम डेस्क | बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (BRABU), मुजफ्फरपुर में परीक्षा से संबंधित एक चौंकाने वाली गलती सामने आई है। एक निजी एजेंसी की लापरवाही के कारण एक फेल छात्र को पास दिखा दिया गया, जिसके आधार पर वह आगे की परीक्षाएं भी पास करता चला गया। लेकिन फाइनल रिजल्ट बनाते समय यह गंभीर गड़बड़ी सामने आई। इस मामले ने विश्वविद्यालय प्रशासन, परीक्षा प्रणाली और एजेंसी की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कैसे हुआ पूरा मामला?

मुजफ्फरपुर स्थित एबीएस कॉलेज, लालगंज के छात्र ने 2018-21 सत्र में टीडीसी (TDC) पार्ट-वन की परीक्षा दी थी। विश्वविद्यालय ने रिजल्ट प्रोसेसिंग के लिए एक निजी एजेंसी एक्सेलआईसीटी को ठेका दिया था। इसी एजेंसी की गलती के कारण छात्र को फेल होने के बावजूद पास दिखा दिया गया।

इस आधार पर छात्र ने न केवल टीडीसी पार्ट-टू की परीक्षा दी बल्कि पार्ट-थर्ड में भी शामिल हुआ और दोनों में पास हो गया। लेकिन जब अंतिम वर्ष का रिजल्ट जारी करने की बारी आई, तब जांच में पाया गया कि छात्र वास्तव में पार्ट-वन में एक विषय में फेल था।

फेल विषय में मिले थे कम अंक

छात्र ने एनएच (Non-Honours) विषय में 50-50 अंकों के दो पेपर लिए थे — हिंदी और अंग्रेजी। इन दोनों विषयों में पास होने के लिए न्यूनतम 15 अंक आवश्यक थे। छात्र को हिंदी में 12 अंक और अंग्रेजी में 30 अंक मिले थे, यानी एक विषय में वह फेल था।

लेकिन एजेंसी ने उसे पास घोषित कर दिया, जिससे वह उच्चतर कक्षाओं की परीक्षा में बैठ गया। अब विश्वविद्यालय ने इस त्रुटि के कारण छात्र का अंतिम रिजल्ट रोक दिया है।

कॉपी गायब, अब बोर्ड में जाएगा मामला

छात्र जब विश्वविद्यालय में अपना रिजल्ट स्पष्ट करने पहुंचा, तब उसे बताया गया कि उसकी उत्तरपुस्तिका स्टोर से गायब हो गई है। साथ ही यह भी कहा गया कि एजेंसी की लापरवाही से यह स्थिति बनी है। अब यह मामला विश्वविद्यालय के परीक्षा बोर्ड में प्रस्तुत किया जाएगा, जहाँ अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

इस पूरे घटनाक्रम ने एजेंसी की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। विश्वविद्यालय ने एजेंसी से स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि यही एजेंसी पहले भी कई छात्रों के परिणाम में गड़बड़ी कर चुकी है और अब वह विश्वविद्यालय के साथ काम नहीं कर रही है।

छात्र संवाद में उठी कई और शिकायतें

सोमवार को विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस में आयोजित छात्र संवाद कार्यक्रम में दर्जनों छात्र-छात्राएं अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। इस दौरान कई छात्रों ने रिजल्ट, डिग्री, रजिस्ट्रेशन और प्रमाण पत्र से जुड़ी गंभीर शिकायतें कीं:

  • सकलदीप कुमार, महेश प्रसाद सिंह स्नातक महाविद्यालय के छात्र, का टीडीसी पार्ट-थर्ड के प्रैक्टिकल में ‘अनुपस्थित’ दिखाया गया, जबकि उन्होंने अटेंडेंस और मेमो दोनों जमा किए हैं। उनकी प्रायोगिक उत्तरपुस्तिका भी गायब है।

  • रंजीत कुमार, डॉ. जगन्नाथ मिश्र कॉलेज के छात्र, ने अगस्त 2024 में डिग्री के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक डिग्री नहीं मिली।

  • मो. जावेद अख्तर, जो 1995 में एसकेजे ला कॉलेज से उत्तीर्ण हुए थे, ने अप्रैल 2025 में डिग्री के लिए आवेदन किया, लेकिन उन्हें भी अब तक डिग्री नहीं दी गई है।

  • राकेश राम ने शिकायत की कि पीजी में पंजीकरण की अंतिम तिथि बीत जाने के बाद वह आवेदन नहीं कर सके, इसलिए तिथि बढ़ाई जाए।

  • निशांत राज ने आरोप लगाया कि उन्हें समय पर प्रवजन प्रमाण पत्र नहीं मिला, जिससे वे पीजी प्रथम सेमेस्टर के लिए आवेदन नहीं कर सके।

विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया

इन सभी समस्याओं को सुनने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि उनके मामलों की जांच की जाएगी और जल्द से जल्द समाधान दिया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुबालाल ने कहा कि कई मामलों में रिकॉर्ड्स की गहन जांच जरूरी है और इसके लिए संबंधित विभागों को निर्देश दे दिए गए हैं।

शिक्षा प्रणाली पर बड़ा सवाल

यह पूरा मामला सिर्फ एक छात्र तक सीमित नहीं है। जिस तरह से एक एजेंसी की गलती से छात्र की पूरी शैक्षणिक यात्रा प्रभावित हुई, उससे यह साफ हो जाता है कि विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली में गंभीर खामियां हैं।

इस बात की सख्त जरूरत है कि एजेंसियों पर निगरानी बढ़ाई जाए, रिजल्ट प्रोसेसिंग को पूर्णतः पारदर्शी और उत्तरदायी बनाया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों।

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में सामने आई यह गड़बड़ी यह दिखाती है कि कैसे एक छोटी सी गलती किसी छात्र के पूरे भविष्य को खतरे में डाल सकती है। जब एक छात्र मेहनत करता है, परीक्षा देता है, तो उसे न्यायपूर्ण मूल्यांकन और निष्पक्ष परिणाम मिलना चाहिए।

अब देखना होगा कि विश्वविद्यालय इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या वाकई छात्रों को समय पर न्याय और समाधान मिल पाएगा।

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प्रशांत किशोर का बड़ा हमला: क्या नीतीश कुमार मानसिक रूप से ठीक नहीं है ? बिहार चुनाव 2025 से पहले गरमाई सियासत

प्रशांत किशोर

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक है और राजनीतिक हलचल अपने चरम पर पहुंच चुकी है। इसी बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोलते हुए न केवल उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं, बल्कि उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति को लेकर भी चिंता जताई है।

प्रशांत किशोर के इस बयान ने बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया है। आइए जानते हैं इस पूरे विवाद का विश्लेषण और इसका आगामी चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

“नीतीश कुमार मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं” – प्रशांत किशोर का सीधा आरोप

प्रशांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब न तो मानसिक रूप से सक्षम हैं और न ही शारीरिक रूप से ऊर्जावान। वह अब बिहार नहीं संभाल सकते। उन्हें स्वेच्छा से इस्तीफा दे देना चाहिए।”

किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य का प्रशासन अब नीतीश कुमार के नियंत्रण में नहीं है और बिहार की बागडोर अब कुछ नौकरशाहों और पार्टी नेताओं के हाथों में है।

मुख्यमंत्री की सेहत पर मेडिकल बुलेटिन की मांग

प्रशांत किशोर ने एक और साहसिक मांग उठाई — उन्होंने राज्य सरकार से नीतीश कुमार की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर मेडिकल बुलेटिन जारी करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि उनके मुख्यमंत्री कितने सक्षम हैं।

उनके अनुसार, “अगर मुख्यमंत्री ठीक हैं तो सरकार को उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर आधिकारिक जानकारी साझा करने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए।” यह बयान राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है, खासकर चुनाव से ठीक पहले।

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं

प्रशांत किशोर के इस बयान पर बिहार की प्रमुख पार्टियों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं:

  • जदयू (JDU): नीतीश कुमार की पार्टी ने किशोर के बयान को ‘निम्न स्तर की राजनीति’ बताया और कहा कि यह केवल सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि नीतीश कुमार पूरी तरह स्वस्थ हैं और 2025 का चुनाव उनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।

  • बीजेपी (BJP): भाजपा ने भी किशोर के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि यह बयान जनता को भ्रमित करने के लिए दिया गया है।

  • राजद (RJD) और कांग्रेस: इन विपक्षी दलों ने हालांकि किशोर के बयान का सीधे समर्थन नहीं किया, लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल जरूर उठाए और कहा कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है।

जन सुराज पार्टी की रणनीति और चुनावी तैयारी

प्रशांत किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी जन सुराज बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने दावा किया कि जनता अब पारंपरिक पार्टियों से ऊब चुकी है और विकल्प चाहती है।

उनकी पार्टी का मुख्य फोकस रहेगा:

  • भ्रष्टाचार मुक्त शासन

  • युवाओं के लिए रोजगार

  • शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार

  • ग्राम स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना

किशोर का मानना है कि उनकी पार्टी बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा और दिशा ला सकती है।

क्या यह रणनीति काम करेगी?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि किशोर का यह कदम दोहरा उद्देश्य रखता है:

  1. चुनावी माहौल में खुद को स्थापित करना

  2. नीतीश कुमार की लोकप्रियता को सीधे निशाने पर लेना

यह स्पष्ट है कि किशोर अपने शब्दों से सुर्खियां बटोरना जानते हैं, लेकिन क्या यह रणनीति उन्हें जन समर्थन दिला पाएगी, यह चुनाव परिणाम ही बताएंगे।

प्रशांत किशोर द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर उठाए गए सवाल बिहार की राजनीति में बड़ा मोड़ साबित हो सकते हैं। एक तरफ जहां विपक्ष को सरकार पर हमला करने का नया मुद्दा मिल गया है, वहीं सत्ताधारी दल इस मुद्दे को लेकर रक्षात्मक मुद्रा में आ गए हैं।

जनता अब देख रही है कि चुनाव के समय कौन से मुद्दे वास्तव में उनके जीवन में बदलाव ला सकते हैं — क्या यह सेहत और नेतृत्व का सवाल होगा, या विकास और रोजगार का?

KKNLive पर पढ़ते रहें बिहार चुनाव 2025 से जुड़ी सबसे सटीक और विश्लेषणात्मक खबरें।

ये रिश्ता क्या कहलाता है में बड़ा ट्विस्ट: मायरा स्कूल से भागी, अभिरा और अरमान की जिंदगी में फिर जागे पुराने ज़ख्म

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: Emotional Drama Unfolds in Upcoming Episodes with Major Family Twists

KKN गुरुग्राम डेस्क | स्टार प्लस का सबसे लंबे समय तक चलने वाला सीरियल “ये रिश्ता क्या कहलाता है” (YRKKH) इन दिनों लगातार इमोशनल और ड्रामेटिक ट्विस्ट्स के चलते चर्चा में है। शो में अब एक ऐसा मोड़ आने वाला है जहां मायरा स्कूल से भाग जाएगी, और अभिरा व अरमान की जिंदगी फिर से टकरा जाएगी। इस एपिसोड में भावनाओं की उथल-पुथल और बीते रिश्तों का दर्द दोबारा उभरकर सामने आएगा।

 मायरा का भाग जाना—एक इमोशनल ट्रिगर

आने वाले एपिसोड में दिखाया जाएगा कि मायरा अचानक स्कूल से भाग जाती है। इस बात की जानकारी मिलते ही अरमान परेशान होकर उसकी तलाश में निकल पड़ते हैं। काफी तलाश के बाद उन्हें मायरा एक खिलौनों की दुकान के डिब्बे में छुपी मिलती है। उसकी आंखों में डर और मायूसी देखकर अरमान समझ जाते हैं कि कोई बड़ी बात हुई है।

हालांकि मायरा किसी से कुछ नहीं कहती, ना ही अरमान से। उसका ये व्यवहार अरमान को अंदर से तोड़ देता है। उन्हें लगता है कि वो एक पिता के रूप में विफल हो गए हैं।

 गीतांजलि बनीं सहारा

जब अरमान मायरा को संभाल नहीं पाते, तब गीतांजलि मायरा से अकेले में बात करने का निर्णय लेती हैं। वह उसकी देखभाल करती हैं और प्यार से उसकी भावनाएं समझने की कोशिश करती हैं। गीतांजलि की ममता इस ट्रैक में एक अहम भूमिका निभाती है। यह देखा जाएगा कि क्या वह मायरा की चुप्पी तोड़ पाएंगी।

अभिरा की मजबूरी और संघर्ष

दूसरी ओर, अभिरा की जिंदगी में भी एक और नई चुनौती दस्तक देती है। एक बैंक पेनल्टी के बोझ के कारण वह आर्थिक तंगी में फंस जाती है। मजबूरी में वह एक क्लाइंट अरमान गुप्ता का केस लेती है। दिलचस्प बात यह है कि अरमान गुप्ता वही नाम है जो बार-बार उसे उसके अतीत की याद दिलाता है—अतीत, जो अब भी उसके ज़ख्मों को हरा कर देता है।

फिर भी अभिरा को मजबूरी में वो केस लेना पड़ता है, जिससे उसका दिल टूटता है। हर दिन उस क्लाइंट से जुड़ी बातचीत उसके बीते हुए दर्द को और गहरा कर देती है।

पुराने जख्म फिर से ताजे होंगे?

अब दर्शकों को देखने को मिलेगा कि कैसे अरमान और अभिरा का रास्ता फिर से टकराता है। मायरा का व्यवहार और अभिरा की आर्थिक मजबूरी इन दोनों को फिर से एक-दूसरे के सामने खड़ा कर देती है। यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि क्या पुराने रिश्ते एक बार फिर से जुड़ेंगे या फिर नए घाव देंगे।

 क्या मायरा को हुआ कुछ गलत?

दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया गया है कि आख़िर मायरा के साथ ऐसा क्या हुआ जो उसे स्कूल से भागना पड़ा? क्या उसे किसी ने डराया? क्या किसी ने उस पर कोई दबाव डाला? या फिर वो अपने परिवार की सच्चाई जान चुकी है?

इन सवालों के जवाब आने वाले एपिसोड्स में मिलेंगे, लेकिन इससे एक बात तो साफ़ है कि मायरा का कैरेक्टर अब कहानी का सेंटर पॉइंट बन गया है।

 टीआरपी में उछाल की उम्मीद

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के इस नए ट्रैक से टीआरपी में भारी उछाल आने की संभावना है। शो के पुराने दर्शक जहां अरमान-अभिरा की केमिस्ट्री को दोबारा देखने के लिए उत्सुक हैं, वहीं नए दर्शक मायरा की मासूमियत से जुड़ते नजर आ रहे हैं।

“ये रिश्ता क्या कहलाता है” एक बार फिर साबित कर रहा है कि क्यों यह शो इतने वर्षों से दर्शकों की पसंद बना हुआ है। परिवार, प्रेम, जिम्मेदारियों और जज्बातों की कहानी को जब खूबसूरती से पिरोया जाता है, तो वह सीधे दिल में उतरती है।

आने वाले एपिसोड्स में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अभिरा और अरमान दोबारा एक हो पाएंगे, या फिर मायरा की मासूमियत ही उन्हें जोड़ने का जरिया बनेगी। साथ ही, क्या अभिरा अपनी मजबूरी से बाहर निकल पाएगी या नहीं, ये कहानी का अगला बड़ा मोड़ होगा।

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धड़क 2 की रिलीज डेट घोषित: तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी की रोमांटिक जोड़ी 1 अगस्त 2025 को मचाएगी धमाल

Dhadak 2 Release Date Announced: Triptii Dimri and Siddhant Chaturvedi Set to Ignite the Screen on August 1, 2025

KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड की बहुप्रतीक्षित रोमांटिक फिल्म ‘धड़क 2’ को लेकर दर्शकों के बीच काफी समय से चर्चा थी। अब आखिरकार धड़क 2 की रिलीज डेट सामने आ चुकी है। करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी यह फिल्म 1 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

इस फिल्म में एनिमल फेम तृप्ति डिमरी और गली बॉय फेम सिद्धांत चतुर्वेदी पहली बार साथ नजर आएंगे। नए पोस्टर के साथ निर्माताओं ने फिल्म की रिलीज डेट का ऐलान कर फैंस को बड़ी खुशखबरी दी है।

 कब रिलीज होगी धड़क 2?

करण जौहर और धर्मा प्रोडक्शन ने 26 मई 2025 को आधिकारिक तौर पर धड़क 2 की रिलीज डेट की घोषणा की। फिल्म 1 अगस्त 2025 को देशभर के सिनेमाघरों में दस्तक देगी।

इस एलान के साथ फिल्म के दो नए पोस्टर भी जारी किए गए, जिसमें तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी एक-दूसरे के साथ भावनात्मक और रोमांटिक अंदाज में नजर आ रहे हैं।

 पहली बार साथ नजर आएंगे तृप्ति और सिद्धांत

तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी की जोड़ी पहली बार बड़े पर्दे पर साथ दिखाई देगी। दोनों कलाकारों की एक्टिंग स्किल्स को देखते हुए दर्शकों में काफी उत्सुकता है। फिल्म के पोस्टर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहानी में प्यार, संघर्ष और जुनून की जबरदस्त झलक देखने को मिलेगी।

तृप्ति डिमरी: एनिमल के बाद करियर की नई उड़ान

तृप्ति डिमरी को फिल्म एनिमल में उनके दमदार प्रदर्शन के बाद देशभर में पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने बैड न्यूज़ जैसी सफल फिल्म दी और अब धड़क 2 उनके करियर की एक और बड़ी फिल्म बनने जा रही है। उनके फैंस को इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं।

 सिद्धांत चतुर्वेदी: रोमांटिक रोल में पहली बार

सिद्धांत चतुर्वेदी, जिन्होंने गली बॉयबंटी और बबली 2, और गहराइयां जैसी फिल्मों में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई है, पहली बार पूरी तरह से रोमांटिक किरदार निभाते नजर आएंगे। दर्शक उन्हें एक नए अवतार में देखने के लिए बेहद उत्साहित हैं।

 धड़क की विरासत, क्या दोहराएगी सफलता?

2018 में रिलीज हुई धड़क, जो कि मराठी फिल्म सैराट की हिंदी रीमेक थी, बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी। जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर की केमिस्ट्री और फिल्म की भावनात्मक कहानी ने युवाओं को खास प्रभावित किया था।

अब धड़क 2 पूरी तरह से नई कहानी और नए किरदारों के साथ आ रही है। इसे सीक्वल के रूप में नहीं, बल्कि एक नई लव स्टोरी के तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है।

 सेंसर बोर्ड ने हटाए 16 सीन

फिल्म की रिलीज से पहले खबर आई है कि सेंसर बोर्ड ने धड़क 2 के 16 सीन पर कैंची चला दी है। कुछ डायलॉग्स को हटाया गया है या उनमें बदलाव किया गया है। हालांकि, यह कहा जा रहा है कि इन कट्स से फिल्म की मुख्य कहानी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

फिल्म का म्यूजिक और निर्देशन

धड़क के पहले भाग की तरह ही इस बार भी फिल्म का संगीत एक बड़ी भूमिका निभाएगा। फिल्म के म्यूजिक एल्बम को लेकर दर्शकों में काफी उत्साह है, हालांकि म्यूजिक डायरेक्टर और गीतकार के नाम की अभी पुष्टि नहीं की गई है।

निर्देशक की घोषणा भी जल्द होने की उम्मीद है, और माना जा रहा है कि यह फिल्म किसी नए निर्देशक की क्रिएटिव दृष्टि के साथ बनाई जा रही है।

 सोशल मीडिया पर फैंस की प्रतिक्रियाएं

धड़क 2 के पोस्टर और रिलीज डेट के एलान के बाद सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर जबरदस्त हाइप है। #Dhadak2, #TriptiiDimri, और #SiddhantChaturvedi जैसे हैशटैग ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रेंड कर रहे हैं।

फैंस नए जोड़े की तारीफ करते हुए लिख रहे हैं कि यह जोड़ी बॉलीवुड की नई रोमांटिक आइकन बन सकती है।

 क्या धड़क 2 करेगी बॉक्स ऑफिस पर धमाल?

1 अगस्त 2025 को रिलीज होने जा रही धड़क 2 का सामना कई बड़ी फिल्मों से होगा। लेकिन फिल्म की स्टार कास्ट, रोमांटिक थीम और करण जौहर का नाम इसके पक्ष में मजबूत फैक्टर हैं।

अगर फिल्म की कहानी और म्यूजिक दर्शकों को पसंद आया तो यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ा कलेक्शन कर सकती है।

धड़क 2 एक ऐसी फिल्म है जिसे लेकर दर्शकों में काफी समय से उत्सुकता है। तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी की नई जोड़ी, करण जौहर का प्रोडक्शन, और रिलीज डेट का ऐलान – इन सभी बातों ने फिल्म को सुर्खियों में ला दिया है।

अब देखना ये है कि क्या धड़क 2 अपने पहले भाग जैसी सफलता हासिल कर पाती है या नहीं। फिलहाल तो फैंस 1 अगस्त 2025 का इंतजार कर रहे हैं।

पटना एम्स में डॉक्टर समेत तीन नए कोरोना संक्रमित, बिहार सरकार ने सभी जिलों को किया अलर्ट पर

Patna Records a Gradual Increase in COVID-19 Cases

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार की राजधानी पटना स्थित एम्स (AIIMS) में एक डॉक्टर समेत तीन लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया है। नए मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है।

कोविड-19 की यह नई लहर भले ही पहले जैसी गंभीर न हो, लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर से सवाल उठने लगे हैं, खासकर जब संक्रमण बड़े अस्पतालों से शुरू हो रहा हो।

 बिहार सरकार ने सभी जिलों को किया अलर्ट

कोविड मामलों में उभार को देखते हुए, बिहार सरकार ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने की, जिसमें सभी सिविल सर्जनों, मेडिकल अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की गई।

बैठक में चर्चा के मुख्य बिंदु:

  • अस्पतालों में संक्रमण की स्थिति की निगरानी

  • ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और दवाओं की उपलब्धता

  • कोविड जांच और निगरानी टीमों की सक्रियता

  • हेल्पलाइन और आपातकालीन सेवाओं की समीक्षा

 एम्स पटना में कोविड प्रोटोकॉल लागू

एम्स प्रशासन ने डॉक्टर के संक्रमित पाए जाने के बाद अस्पताल के अंदर कोविड प्रोटोकॉल को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इसके तहत:

  • संपर्क में आए कर्मचारियों और मरीजों की जांच शुरू कर दी गई है

  • संबंधित विभागों की सैनिटाइजेशन प्रक्रिया शुरू की गई है

  • अस्पताल में अनावश्यक प्रवेश पर रोक लगाई गई है

एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में संक्रमण का फैलाव गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि यह राज्य भर के मरीजों का प्रमुख केंद्र है।

 भारत में कोविड के दो नए सब-वेरिएंट: LF.7 और NB.1.8.1

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में भारत में दो नए कोविड-19 सब-वेरिएंट्स की जानकारी दी है:

  • LF.7 – गुजरात में पाया गया

  • NB.1.8.1 – तमिलनाडु में मिला

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन्हें अभी तक “Variants of Concern” नहीं बल्कि “Variants Under Monitoring” की श्रेणी में रखा है, लेकिन इनकी तेजी से फैलने की क्षमता को देखते हुए निगरानी की आवश्यकता है।

 इन नए वेरिएंट्स की प्रमुख बातें

LF.7 सब-वेरिएंट:

  • ओमिक्रोन से विकसित हुआ नया वेरिएंट

  • तेजी से फैलने की क्षमता

  • हल्के लक्षणों के बावजूद सामुदायिक प्रसार का खतरा

NB.1.8.1 सब-वेरिएंट:

  • पहली बार दक्षिण भारत में मिला

  • अभी तक गंभीर मामलों की पुष्टि नहीं

  • लगातार निगरानी में रखा जा रहा है

इन दोनों वेरिएंट्स को लेकर वैज्ञानिक समुदाय सतर्क है, क्योंकि ये भविष्य में प्रतिरोधक क्षमता से बच निकलने में सक्षम हो सकते हैं।

 बिहार सरकार की तैयारियां

राज्य सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

  • सभी जिलों में कोविड निगरानी टीमें पुनः सक्रिय की गई हैं

  • हेल्पलाइन नंबर और नियंत्रण कक्षों को अपडेट किया गया है

  • अस्पतालों में मास्क, सैनिटाइजर और PPE किट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है

  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोविड टेस्टिंग कैपेसिटी की समीक्षा की जा रही है

 विशेषज्ञों की राय: सावधानी जरूरी

पटना के जाने-माने संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविंद मिश्रा के अनुसार:

“कोविड खत्म नहीं हुआ है, सिर्फ शांत पड़ा है। समय-समय पर इसके म्यूटेशन सामने आते रहेंगे। हमें सावधानी बरतने की आदत बनानी चाहिए।”

उन्होंने बताया कि टीकाकरण गंभीर संक्रमण से बचाव में कारगर है, लेकिन मास्क और सामाजिक दूरी जैसी सावधानियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

 देशभर में कोरोना की स्थिति

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 26 मई 2025 तक भारत में 1,009 सक्रिय कोविड मामले हैं।

हाल की रिपोर्ट:

  • 19 मई के बाद 752 नए मामले

  • 305 मरीज ठीक हुए

  • 7 मरीजों की मृत्यु

प्रमुख प्रभावित राज्य:

  • केरल

  • महाराष्ट्र

  • दिल्ली

  • गुजरात

बिहार में मामले अभी सीमित हैं, लेकिन सरकार ने सभी संभावित खतरे को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं।

 आम जनता के लिए दिशा-निर्देश

बिहार स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:

  • भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें

  • हल्के लक्षण होने पर भी तुरंत जांच करवाएं

  • नियमित रूप से हाथ धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें

  • बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें

  • जिन लोगों को बूस्टर डोज लेना बाकी है, वे जल्द से जल्द लें

पटना एम्स में कोविड के नए मामलों ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि महामारी अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। बिहार सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी से फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन आगे की सुरक्षा सामूहिक जागरूकता और सावधानी पर निर्भर है।

हमें मास्क पहनना, टेस्ट कराना और भीड़ से बचना जैसे छोटे कदमों से बड़े खतरे को रोकना होगा।

खान सर ने चुपके से कर ली शादी, क्लास में किया खुलासा, 2 जून को रिसेप्शन और 6 जून को विद्यार्थियों के लिए भोज

Khan Sir Hosts Exclusive Wedding Reception for Female Students in Patna

KKN गुरुग्राम डेस्क | खान सर, जिनका असली नाम फैजल खान है, भारत के सबसे लोकप्रिय शिक्षक और यूट्यूबर्स में से एक हैं। वे पटना स्थित एक कोचिंग संस्थान चलाते हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं के विद्यार्थियों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हैं।

उनकी खास बात है उनकी युनिक टीचिंग स्टाइल, जिसमें वे कठिन से कठिन विषयों को आसान भाषा और मजेदार उदाहरणों के माध्यम से समझाते हैं।

 क्लास में किया शादी का ऐलान

सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में खान सर अपने छात्रों को बताते नजर आ रहे हैं कि उन्होंने चुपचाप शादी कर ली है। उन्होंने कहा:

“तुम लोगों को हमने एक चीज नहीं बताया है। युद्ध के दौरान हमने ब्याह भी कर लिया है। अब आप लोगों के लिए भोज की व्यवस्था हम कर रहे हैं।”

 शादी का रिसेप्शन और छात्रों के लिए भोज

वीडियो में खान सर ने जानकारी दी कि उनका रिसेप्शन 2 जून 2025 को रखा गया है, जबकि उनके विद्यार्थियों के लिए एक विशेष भोज 6 जून को आयोजित किया जाएगा।

महत्वपूर्ण तिथियां:

  • रिसेप्शन: 2 जून 2025

  • विद्यार्थियों के लिए भोज: 6 जून 2025

युद्ध के दौरान रचाई शादी, देश को दी प्राथमिकता

खान सर ने कहा कि उनकी शादी की तारीख पहले से तय थी, लेकिन उसी दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई, जिसके कारण उन्होंने शादी को गुप्त रूप से संपन्न किया।

“देश सबसे पहले आता है। ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में मैं किसी को आमंत्रित नहीं कर सका, लेकिन अब जब हालात सामान्य हैं, तो मैं यह खुशी आप सबके साथ बांटना चाहता हूं।”

 सामने आया शादी का कार्ड, दुल्हन का नाम ए.एस. खान

खान सर की शादी का डिजिटल वेडिंग इनविटेशन भी सामने आ चुका है, जिसमें उनकी दुल्हन का नाम ए.एस. खान लिखा हुआ है। हालांकि, उनकी पत्नी के बारे में विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

इस खबर के सामने आते ही #KhanSirKiShaadi सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा और उनके लाखों प्रशंसकों ने उन्हें बधाइयां दीं।

 खान सर की शिक्षा और करियर

खान सर का जन्म उत्तर प्रदेश के बरबंकी जिले में हुआ था। उनकी शिक्षा कुछ इस प्रकार रही है:

  • 10वीं कक्षा: CBSE बोर्ड

  • 12वीं कक्षा: यूपी बोर्ड

  • स्नातक: इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी

  • स्नातकोत्तर: भूगोल में मास्टर्स

  • प्रबंधन की पढ़ाई: गुजरात में

उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे बचपन में सेना में अफसर बनना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने परीक्षा भी दी, लेकिन सफल नहीं हो सके। इसके बाद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र को चुना और आज वे लाखों छात्रों के प्रेरणास्त्रोत हैं।

 टीचिंग स्टाइल के दीवाने हैं छात्र

खान सर की टीचिंग में शामिल हैं:

  • सामान्य भाषा में जटिल विषयों की व्याख्या

  • ह्यूमर और व्यंग्य का संतुलित उपयोग

  • करेंट अफेयर्स पर बेबाक राय

  • छात्रों के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव और राष्ट्रप्रेम

उनकी क्लासेस में न सिर्फ पढ़ाई होती है, बल्कि समाज और देश से जुड़े मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा होती है।

 स्टूडेंट्स के साथ पहला साझा किया यह खास पल

वीडियो में खान सर बताते हैं कि:

“हमारा वजूद आप लोगों से है। इसलिए सबसे पहले आप लोगों को बताया है।”

छात्रों के चेहरे पर आश्चर्य और खुशी साफ झलक रही थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो को लाखों बार देखा जा चुका है।

 सोशल मीडिया पर बधाईयों की बाढ़

उनकी शादी की खबर सामने आते ही ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोग उन्हें बधाइयां देने लगे।

ट्रेंडिंग हैशटैग:

  • #KhanSirKiShaadi

  • #KhanSirReception

  • #KhanSirWedding

लोगों ने उनकी सादगी, देशभक्ति, और विद्यार्थियों के प्रति समर्पण की जमकर तारीफ की।

खान सर ने यह सिद्ध किया कि प्रसिद्धि के बाद भी विनम्रता कैसे बरकरार रखी जाती है। उन्होंने अपनी शादी के बारे में सबसे पहले अपने छात्रों को बताया और इस खुशी को सबसे पहले उन्हीं के साथ साझा किया।

उनकी यह पहल न सिर्फ प्रशंसनीय है, बल्कि प्रेरणादायक भी। उनकी जिंदगी और कार्यशैली देश के युवाओं को यह सीख देती है कि सफलता के साथ जिम्मेदारी और सादगी भी जरूरी है।

Bigg Boss 19: कब शुरू होगा, क्या होंगे नए नियम और इस बार कौन होगा शामिल?

Bigg Boss 19: Premiere Date, Format Changes, Contestant Criteria, and What Makes This Season Different

KKN गुरुग्राम डेस्क | सलमान खान का बहुप्रतीक्षित रियलिटी शो ‘बिग बॉस 19’ एक बार फिर से छोटे पर्दे पर धमाकेदार वापसी करने जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शो का प्रसारण 30 जुलाई 2025 से शुरू हो जाएगा।

पहले खबरें थीं कि प्रोडक्शन टीम और चैनल के बीच मतभेद के कारण इस साल शो नहीं होगा, लेकिन अब उन विवादों को सुलझा लिया गया है और तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। सलमान खान जून के आखिरी हफ्ते में शो के प्रोमो की शूटिंग शुरू करेंगे।

 इस बार शो की अवधि बढ़ी, जनवरी 2026 तक चलेगा सीजन

Bigg Boss 19 के इस सीजन में सबसे बड़ा बदलाव उसकी अवधि को लेकर है। इस बार शो पूरे 5.5 महीने तक चलेगा यानी कि जनवरी 2026 तक। यह बिग बॉस के इतिहास का सबसे लंबा सीजन हो सकता है।

दिलचस्प बात यह है कि इस बार Bigg Boss OTT 4 नहीं आएगा, और पूरा फोकस टीवी संस्करण पर ही रहेगा।

इस बार नहीं दिखेंगे सोशल मीडिया स्टार्स

बिग बॉस 19 के लिए मेकर्स ने एक बड़ा फैसला लिया है — कोई भी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर या यूट्यूबर इस बार शो का हिस्सा नहीं होगा।

नई भागीदारी शर्तें:

  • सिर्फ टीवी और फिल्म इंडस्ट्री के चर्चित चेहरे ही हिस्सा लेंगे

  • लेडिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स, इंस्टाग्राम स्टार्स, यूट्यूबर्स को एंट्री नहीं मिगी

  • मेकर्स ने कई लोकप्रिय टीवी सितारों और रियलिटी शो चेहरों से संपर्क करना शुरू कर दिया है

यह बदलाव शायद पिछले सीजन में सोशल मीडिया विवादों और ओवरड्रामा को लेकर हुई आलोचना के चलते आया है।

 इस बार बिग बॉस 19 को क्या बनाता है अलग?

बिग बॉस 19 सिर्फ नए चेहरे ही नहीं, बल्कि नई सोच और रणनीति के साथ आ रहा है। मेकर्स ने दर्शकों की पिछली प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए कई बड़े बदलाव किए हैं।

  • ओरिजिनल फॉर्मेट की वापसी: ड्रामा तो रहेगा, लेकिन ओवरएक्टिंग नहीं

  • टीवी वर्जन पर पूरा ध्यान: OTT प्लेटफॉर्म से कोई समानांतर शो नहीं

  • लंबे टास्क और गहरी कहानियां: लंबे सीजन में कंटेस्टेंट को बेहतर दिखाने का मौका

  • परिवार के अनुकूल टेलीविजन टाइम स्लॉट: ऐसा माना जा रहा है कि शो का टाइम स्लॉट थोड़ा ‘फैमिली फ्रेंडली’ बनाया जा सकता है

 कौन-कौन हो सकते हैं संभावित कंटेस्टेंट?

फिलहाल किसी भी कंटेस्टेंट के नाम की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इंडस्ट्री सूत्रों के अनुसार कई टीवी एक्टर्स और रियलिटी शो के पुराने चेहरों से बात चल रही है।

नए नियमों के तहत:

  • हर कंटेस्टेंट को साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग से गुजरना होगा

  • एंट्री से पहले पर्सनल इंटरव्यू और बैकग्राउंड चेक भी अनिवार्य किया गया है

  • इस बार पॉपुलैरिटी से ज़्यादा पर्सनैलिटी को वरीयता दी जाएगी

 कहां और कैसे देखें बिग बॉस 19?

  • चैनल: कलर्स टीवी

  • स्ट्रीमिंग पार्टनर: जियोसिनेमा

  • सम्भावित टाइम स्लॉट: रात 9:00 से 10:30 बजे (अभी पुष्टि नहीं)

  • भाषा: हिंदी (सबटाइटल या डबिंग संभव है)

 साप्ताहिक फॉर्मेट क्या हो सकता है?

पिछले सीजन की तरह, बिग बॉस 19 में भी हर दिन कुछ न कुछ नया होगा:

  • सोमवार: नॉमिनेशन

  • मंगलवार से गुरुवार: टास्क और झगड़े

  • शुक्रवार: समीक्षा और परिणाम

  • शनिवार–रविवार: वीकेंड का वार सलमान खान के साथ

  • ऐप आधारित वोटिंग और पब्लिक पोल्स के ज़रिए नतीजे

 फैंस की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया बज़

सोशल मीडिया पर बिग बॉस 19 को लेकर उत्साह चरम पर है। खासकर इन्फ्लुएंसर्स को बाहर रखने के फैसले को लेकर दर्शकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया है।

“अब असली सेलिब्रिटी आएंगे, न कि इंस्टा वाले ड्रामा किंग-क्वीन,” एक यूजर ने ट्वीट किया।

“इन्फ्लुएंसर्स नहीं होंगे? मतलब इस बार ड्रामा थोड़ा कम और कंटेंट ज़्यादा होगा,” एक इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा।

 निर्माता क्या कह रहे हैं?

प्रोडक्शन टीम से जुड़े सूत्रों के अनुसार:

  • इस बार का शो अधिक प्रामाणिक और वास्तविक होगा

  • कंटेस्टेंट का चुनाव उनकी वैयक्तिकता और रियल बिहेवियर के आधार पर किया जाएगा

  • शो के मूल सिद्धांतों पर वापसी की जा रही है

बिग बॉस 19, 30 जुलाई 2025 से एक नए जोश और नए फॉर्मेट के साथ आएगा। इस बार शो में रियलिटी, ड्रामा और परफॉर्मेंस का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिलेगा, बिना फालतू विवादों और बनावटी कंटेंट के।

अगर आप बिग बॉस के पुराने फैन हैं या पहली बार इसे देखना चाहते हैं, तो यह सीजन खासतौर पर आपके लिए है। बिग बॉस 19 टीवी पर एक बार फिर से ‘घर-घर की चर्चा’ बनने जा रहा है।

भुज में 1971 की युद्ध नायिकाओं ने पीएम मोदी का किया स्वागत, सिंदूर का पौधा भेंट कर दी श्रद्धांजलि

PM Modi Honored by 1971 War Heroines in Bhuj, Presented With Sindoor Plant

KKN गुरुग्राम डेस्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के भुज दौरे के दौरान एक ऐतिहासिक और भावनात्मक दृश्य देखने को मिला। 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध में योगदान देने वाली माधापर गांव की वीरांगनाओं ने पीएम मोदी का आत्मीय स्वागत किया और उन्हें सिंदूर का पौधा भेंट किया।

इन महिलाओं ने उस दौर की यादें साझा कीं जब उन्होंने 72 घंटे में वायुसेना का रनवे दोबारा बनाया था, जिससे भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को माकूल जवाब दिया था।

 सिंदूर का पौधा: सम्मान और परंपरा का प्रतीक

माधापर की वीरांगनाओं ने प्रधानमंत्री को “सिंदूर का पौधा” भेंट किया, जो भारतीय संस्कृति में शक्ति, त्याग और परंपरा का प्रतीक माना जाता है। पीएम मोदी ने भावुकता से यह पौधा स्वीकार करते हुए कहा:

“मैं इस पौधे को प्रधानमंत्री आवास में लगाऊंगा, यह एक वटवृक्ष की तरह देश की प्रेरणा का प्रतीक रहेगा।”

यह पौधा केवल एक उपहार नहीं, बल्कि देश की नारी शक्ति के साहस और योगदान का प्रतीक बन गया।

 1971 की नायिकाएं: असली देशभक्त

पीएम मोदी से मिलने वाली वीरांगनाओं में शामिल थीं:

  • कानबाई हिरानी (80 वर्ष)

  • शामबाई खोखनी (83 वर्ष)

  • लालबाई भूरिया (82 वर्ष)

  • सामू भंडेरी (75 वर्ष)

इन सभी महिलाओं ने आजतक से बातचीत में बताया कि 1971 में पाकिस्तान द्वारा भुज एयरबेस पर बमबारी की गई थी, जिससे रनवे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। सेना के अनुसार रनवे की मरम्मत में 4–6 महीने लग सकते थे, लेकिन इन महिलाओं ने सिर्फ 72 घंटे में रनवे बना दिया

 1971 का युद्ध: जब 300 महिलाओं ने रचा इतिहास

महिलाओं ने बताया कि शुरुआत में मात्र 30 महिलाएं काम पर लगी थीं, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, यह संख्या बढ़कर 300 हो गई। इन महिलाओं ने बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के, अपने हाथों से मिट्टी और मलबा उठाकर रनवे दोबारा तैयार कर दिया

उन्होंने बताया:

“हमें सिखाया गया था कि अगर पहला सायरन बजे तो बंकर में जाना है, और दूसरे पर बाहर आकर काम शुरू करना है। हम डरती नहीं थीं, हमें गर्व था कि हम देश के लिए कुछ कर रही हैं।”

 ₹50,000 का पुरस्कार और पंचायत भवन में एक कमरा

उनके इस साहसिक कार्य के लिए सरकार ने उन्हें ₹50,000 का पुरस्कार दिया था। लेकिन इन महिलाओं ने इस राशि को अपने लिए नहीं रखा, बल्कि माधापर पंचायत भवन में एक कमरा बनवाया, जो आज भी उनकी सेवा की याद दिलाता है।

यह कार्य सच्चे सेवा भाव और राष्ट्रभक्ति का उदाहरण है।

 पीएम मोदी का संबोधन और भुज दौरा

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे में रोड शो किया और एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा:

“भुज की धरती सिर्फ युद्ध की गवाह नहीं, बल्कि नारी शक्ति के अद्वितीय योगदान की प्रेरणा भी है।”

उन्होंने वीरांगनाओं के साहस को आधुनिक भारत की आत्मा बताया और इसे “संघर्ष से सेवा” का उदाहरण बताया।

 ऑपरेशन सिंदूर से आज की प्रेरणा

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद हुआ है। उन्होंने 1971 की जीत को आज की सैन्य नीतियों और रणनीतियों की प्रेरणा बताया।

उन्होंने कहा कि जैसे उस समय वीर महिलाओं ने अपने साहस से देश को जिताया था, वैसे ही आज भी देश की जनता और सेना मिलकर आतंकवाद को हराने में सक्षम है

 वीरांगनाओं की जुबानी

“हमसे कोई ज़बरदस्ती नहीं हुई। हम खुद सेना की मदद को आए। जब हम पहुंचे थे, तब रनवे पर सिर्फ मलबा और बम के गड्ढे थे।”

“तीसरे दिन जब भारतीय वायुसेना के विमान फिर से उड़ने लगे, तो हमें लगा जैसे हमारी मेहनत सफल हो गई।”

“₹50,000 का इनाम हमें मिला, लेकिन हमने उसे गांव के काम में लगा दिया। यह हमारी सामूहिक सेवा की निशानी है।”

1971 युद्ध की वीरांगनाएं आज भी भारत के गौरवशाली इतिहास की गवाह हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उन्हें सम्मानित करना केवल एक प्रतीकात्मक घटना नहीं, बल्कि पूरे देश को यह संदेश देना है कि देशभक्ति सिर्फ सीमा पर नहीं, गांव की मिट्टी में भी पलती है।

सिंदूर का पौधा, जो अब प्रधानमंत्री आवास में लगाया जाएगा, उस नारी शक्ति, त्याग और आत्मबल का प्रतीक बन चुका है जिसने देश को युद्ध में जिताया और आज भी प्रेरणा बनकर जीवित है।

IPL 2025 के फाइनल में मनाया जाएगा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न, BCCI ने की खास तैयारी

IPL 2025 Final: Punjab Kings vs Royal Challengers Bengaluru

KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत में क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, भावना है। यही वजह है कि इस बार आईपीएल 2025 के फाइनल मैच के साथ देश की सैन्य ताकत और पराक्रम को भी सलामी दी जाएगी। 3 जून को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होने वाले IPL 2025 के समापन समारोह (Closing Ceremony) में, भारतीय सशस्त्र बलों को समर्पित एक विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

इसका उद्देश्य है “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान देना।

ऑपरेशन सिंदूर: जवाब आतंक के खिलाफ

6 और 7 मई 2025 की रात को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस अभियान को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया था। इसका सीधा उद्देश्य था  pahalgam   आतंकी हमले का बदला लेना, जिसमें अप्रैल 2025 में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने समन्वित कार्रवाई की और कई आतंकी शिविरों को तबाह किया।

🇮🇳 IPL समापन समारोह में सेना को सलामी

BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने इस वर्ष के आईपीएल समापन समारोह को सेना को समर्पित करने का निर्णय लिया है। BCCI के सचिव देवजीत सैकिया ने बताया कि इस समारोह में CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) सहित तीनों सेनाओं – थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है।

“हमारे सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को सलाम करते हुए, IPL 2025 का समापन समारोह भारतीय सशस्त्र बलों को समर्पित रहेगा,” – देवजीत सैकिया, BCCI

 IPL 2025 का बदला गया शेड्यूल

मूल रूप से IPL 2025 का फाइनल 25 मई को कोलकाता में होना था। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के कारण टूर्नामेंट को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया गया।

नया शेड्यूल:

  • IPL पुनः शुरू: 17 मई

  • प्लेऑफ की शुरुआत: 29 मई, मुल्लांपुर में

  • फाइनल मैच और समापन समारोह: 3 जून, नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद

 भारतीय वायुसेना की निर्णायक भूमिका

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, तो भारतीय वायुसेना (IAF) ने सटीक और तेज प्रतिक्रिया दी। इस गतिरोध के बाद 10 मई को सीजफायर की घोषणा की गई, जो कि कूटनीतिक संवाद के जरिए संभव हुआ।

 समापन समारोह में क्या होगा खास?

बीसीसीआई ने अभी तक पूरा कार्यक्रम सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार समारोह में शामिल होंगे:

  • भारतीय सेना के शौर्य को समर्पित वीडियो प्रस्तुति

  • सांस्कृतिक कार्यक्रम जो वीरता और राष्ट्रभक्ति पर आधारित होंगे

  • सेना प्रमुखों की उपस्थिति और संबोधन

  • यदि अनुमति मिली तो वायुसेना द्वारा एरियल सैल्यूट भी

 खिलाड़ी और दर्शक भी हुए भावुक

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही आईपीएल में देशभक्ति की झलक देखने को मिली है:

  • टीमों ने ब्लैक आर्मबैंड पहनकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी

  • मैचों से पहले मौन रखा गया

  • कई खिलाड़ियों और टीमों ने सोशल मीडिया पर सेना को सलामी दी

RR बनाम PBKS मैच के दौरान भी दर्शकों और खिलाड़ियों ने “जय हिंद” के नारों के साथ भारतीय सेना को धन्यवाद दिया।

 जन प्रतिक्रिया और राजनीतिक समर्थन

बीसीसीआई के इस फैसले की राजनीतिक दलों, क्रिकेट प्रशंसकों और सैन्य विश्लेषकों द्वारा सराहना की गई है। सोशल मीडिया पर #OperationSindoor और #SaluteToForces जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

पूर्व सेनाधिकारियों ने इस पहल को “राष्ट्रवाद और खेल का सुंदर मेल” बताया है।

IPL 2025 का समापन समारोह अब सिर्फ खेल का उत्सव नहीं रहेगा, बल्कि वह दिन भारत की सैन्य शक्ति, साहस और बलिदान को राष्ट्रीय मंच पर सम्मान देने का दिन बन जाएगा।

3 जून को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सिर्फ क्रिकेट का चैंपियन तय नहीं होगा, बल्कि पूरे देश की भावना एक बार फिर दिखेगी—जहां क्रिकेट और देशभक्ति एक साथ खड़े होंगे।

तेजस्वी यादव दूसरी बार बने पिता, कोलकाता में पत्नी राजश्री ने बेटे को दिया जन्म

Tejashwi Yadav Becomes Father Again: Welcomes Baby Boy in Kolkata Hospital

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के परिवार में मंगलवार का दिन एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया। तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव ने कोलकाता के एक निजी अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। यह उनका दूसरा बच्चा है। इससे पहले मार्च 2023 में तेजस्वी पहली बार पिता बने थे, जब उनकी बेटी कात्यायनी का जन्म हुआ था।

तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

तेजस्वी यादव ने इस शुभ अवसर की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर दी। उन्होंने अपने नवजात बेटे के साथ एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा:

गुड मॉर्निंग! आखिरकार इंतजार खत्म हुआ। हमारे नन्हे बेटे के आगमन की घोषणा करते हुए बहुत आभारी, धन्य और प्रसन्न हूं। जय हनुमान।

इस पोस्ट पर राजनीतिक हस्तियों, पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों की तरफ से बधाइयों की बाढ़ आ गई। कुछ ही घंटों में यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

लालू-राबड़ी पहुंचे कोलकाता

लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी, जो बिहार की राजनीति के प्रमुख चेहरों में शामिल हैं, अपने बेटे और बहू से मिलने के लिए पहले ही कोलकाता पहुंच चुके थे। तेजस्वी यादव पहले से ही कोलकाता में मौजूद थे और उन्होंने पत्नी की डिलीवरी के दौरान अस्पताल में पूरा समय बिताया।

मां और बच्चा दोनों स्वस्थ

परिवार के करीबी सूत्रों के अनुसार, राजश्री और नवजात बेटा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। अस्पताल में डॉक्टर्स ने विशेष निगरानी में डिलीवरी कराई। सुरक्षा के लिहाज से भी अस्पताल प्रशासन ने पूरी सतर्कता बरती।

2023 में बेटी कात्यायनी का हुआ था जन्म

तेजस्वी यादव और राजश्री यादव ने मार्च 2023 में पहली बार माता-पिता बनने का सुख प्राप्त किया था। उनकी बेटी का नाम कात्यायनी रखा गया, जो चैत्र नवरात्र के दौरान जन्मी थी। नामकरण खुद लालू यादव ने किया था, जो देवी कात्यायनी के नाम पर आधारित है।

क्या राजनीति पर पड़ेगा असर?

तेजस्वी यादव की यह पारिवारिक खबर ऐसे समय पर सामने आई है जब बिहार की राजनीति में फिर से हलचल तेज हो रही है। लोकसभा चुनावों के बाद प्रदेश में नई राजनीतिक रणनीति तैयार हो रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे व्यक्तिगत अवसर तेजस्वी की सार्वजनिक छवि को अधिक मानवीय और पारिवारिक बना सकते हैं। इससे विशेष रूप से ग्रामीण और पारंपरिक वोटरों के बीच सकारात्मक संदेश जाता है कि नेता परिवारिक मूल्यों को महत्व देता है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

तेजस्वी यादव की पोस्ट पर INDIA गठबंधन के नेताओं, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, और टीएमसी के नेताओं ने बधाइयाँ दीं।

यहां तक कि बीजेपी नेताओं ने भी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन खुशियों के ऐसे पल सबके लिए खास होते हैं।”

तेजस्वी यादव का अगला कदम?

तेजस्वी यादव के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह फिलहाल कुछ दिनों के लिए कोलकाता में ही रहेंगे और परिवार के साथ समय बिताएंगे। इसके बाद वह राजनीतिक गतिविधियों में फिर से सक्रिय होंगे।

RJD कार्यालय के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भी इस खबर से उत्साह है, और कई जिलों में मिठाइयां बांटी गईं।

तेजस्वी यादव के परिवार में इस नई खुशी ने राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों ही जीवन को नए रंग दिए हैं। जहां एक ओर यह खबर उनके समर्थकों के लिए जश्न का मौका है, वहीं यह उनके विरोधियों के लिए मानवीय आधार पर सम्मान देने का अवसर भी बन गया है।

अब देखना यह होगा कि तेजस्वी कब तक राजनीतिक मंच पर वापसी करते हैं और आने वाले दिनों में इस पारिवारिक खुशी को वे अपनी जनसंपर्क रणनीति का हिस्सा कैसे बनाते हैं।

AK-47 लिए 6 सुरक्षाकर्मियों संग पाकिस्तान में घूमती दिखीं Jyoti Malhotra

Indian YouTuber Jyoti Malhotra's Pakistan Visit Sparks Espionage Concerns

भारत की यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार कारण है एक वायरल वीडियो, जिसमें वे पाकिस्तान के लाहौर स्थित न्यू अनारकली बाजार में 6 हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों के साथ AK-47 लिए घूमती नजर आ रही हैं। इस वीडियो को स्कॉटलैंड के एक व्लॉगर कैलम मिल ने शूट किया है, जिसने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी है। वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर ज्योति के पाकिस्तान कनेक्शन और जासूसी आरोपों को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

स्कॉटिश व्लॉगर का वीडियो बना सबूत

स्कॉश व्लॉगर Callटिum Mill, जो “Callum Abroad” नामक यूट्यूब चैनल चलाते हैं, मार्च 2025 में पाकिस्तान यात्रा पर थे। इसी दौरान उन्होंने लाहौर के न्यू अनारकली मार्केट में ज्योति मल्होत्रा को देखा और बातचीत की। वीडियो में ज्योति पाकिस्तान की मेहमाननवाजी की तारीफ करती दिखती हैं। हालांकि सबसे चौंकाने वाला दृश्य यह था कि उनके साथ 6 हथियारबंद गार्ड्स AK-47 के साथ मौजूद थे।

Callum ने वीडियो में कहा:

“वो लड़की है जिसके साथ इतनी सिक्योरिटी है… AK-47 लिए हुए गनर्स… मुझे समझ नहीं आ रहा, क्या ज़रूरत है इतनी सुरक्षा की?”

वीडियो में सुरक्षाकर्मियों ने “No Fear” नाम के जैकेट पहने थे, जिससे और भी शक गहराया।

कौन हैं ज्योति मल्होत्रा?

ज्योति मल्होत्रा, हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं। उनकी यूट्यूब चैनल “Travel With JO” पर 3.8 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। वे भारत, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे देशों की यात्रा कर चुकी हैं।

लेकिन हाल ही में ज्योति को भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए संवेदनशील सूचनाएं साझा करने का दोषी माना जा रहा है।

क्या है जासूसी का पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, 2023 में जब ज्योति ने पाकिस्तान के लिए वीजा के लिए आवेदन किया, तभी उनकी मुलाकात एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई, जो दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करता था। यहीं से उनकी ISI से कथित कनेक्शन की शुरुआत हुई।

सूत्रों का कहना है कि:

  • ज्योति ने 2023 से 2025 के बीच तीन बार पाकिस्तान का दौरा किया।

  • वे एक पाकिस्तानी एजेंट के साथ बाली (इंडोनेशिया) भी गई थीं।

  • उन्होंने एन्क्रिप्टेड माध्यमों से पाकिस्तानी अधिकारियों से संवाद किया।

  • उनकी आर्थिक स्थिति उनकी यात्रा शैली से मेल नहीं खा रही थी – बिजनेस क्लास यात्रा, 5-स्टार होटलों में ठहराव, महंगे रेस्टोरेंट में खाना।

इन सभी कारणों से उन पर पाकिस्तानी एजेंसी के लिए भारत में जासूसी करने का शक गहराया।

कानूनी कार्रवाई और जांच का दायरा

हिसार जिला कोर्ट ने ज्योति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। मामले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) सक्रिय हैं।

  • उनकी डिजिटल डिवाइसों की जांच हो रही है।

  • बैंक अकाउंट्स और लेन-देन की जानकारी खंगाली जा रही है।

  • उनके सभी अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की छानबीन हो रही है।

जांच एजेंसियों का मानना है कि ज्योति के संपर्क में कई अन्य संदिग्ध व्यक्ति भी शामिल हो सकते हैं, जो किसी बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं बाढ़ की तरह आने लगीं। कई लोगों ने सवाल उठाया कि:

  • एक यूट्यूबर को पाकिस्तान में इतनी सिक्योरिटी क्यों मिल रही है?

  • क्या उनके पाकिस्तान दौरे सरकारी थे या ISI प्रायोजित?

  • क्या YouTube जैसे प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग अब राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है?

डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स और राष्ट्रीय सुरक्षा

इस मामले ने डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स और इन्फ्लुएंसरों की जवाबदेही को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। क्या सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग, खासकर वे जो विदेशों में घूमते हैं और वहां वीडियो बनाते हैं, उन्हें सरकार की निगरानी में रखना जरूरी है?

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार:

“यह घटना बताती है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल रणनीतिक सूचनाएं इकट्ठा करने के लिए किया जा सकता है। हमें सतर्क रहने की जरूरत है।

एक व्लॉगर, कई सवाल

ज्योति मल्होत्रा का मामला केवल एक व्लॉगर के वायरल वीडियो का नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर खतरे का संकेत देता है। पाकिस्तान यात्रा, सुरक्षाकर्मियों के साथ घुमना, ISI संपर्कों और लग्जरी लाइफस्टाइल जैसे कई तत्व इस मामले को गहराई से जांच की मांग करते हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि जांच में और क्या खुलासे होते हैं और क्या ज्योति अकेली थीं या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा?

सीजफायर का श्रेय अमेरिका को नहीं, भारतीय सेना को जाता है: विदेश मंत्री एस. जयशंकर का दो टूक जवाब

“Ceasefire Happened Because of Indian Army's Action”: Jaishankar

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुआ संघर्ष और उसके बाद लागू हुआ सीजफायर अब एक राजनीतिक बहस का विषय बन गया है। खासकर तब जब एक जर्मन पत्रकार ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से यह सवाल पूछा कि क्या भारत इस युद्धविराम के लिए अमेरिका को धन्यवाद देगा? इस पर जयशंकर का जवाब साफ, सीधा और बेहद सटीक था— “हम अपने सैनिकों का धन्यवाद करते हैं, किसी और का नहीं।”

भारतीय सेना की कार्रवाई से घुटनों पर आया पाकिस्तान: जयशंकर

नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण नहीं, बल्कि भारतीय सेना की सख्त कार्रवाई के चलते हुआ। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस और डिफेंस सिस्टम को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद पाकिस्तान को खुद भारत के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस) को फोन करके सीजफायर की अपील करनी पड़ी।

“हमारी सेना ने जिस तरह से कार्रवाई की, उसने पाकिस्तान को मजबूर कर दिया कि वह खुद सीजफायर की मांग करे। हमारी तरफ से यह फैसला उसी वक्त लिया गया,” जयशंकर ने कहा।

सीजफायर सैन्य कमांडरों की सीधी बातचीत का नतीजा था

जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो फायरिंग रोकी गई, वह किसी तीसरे देश की मध्यस्थता का नतीजा नहीं थी, बल्कि दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच सीधी बातचीत का परिणाम थी।

“सीजफायर का निर्णय हमारी और पाकिस्तान की सेना के उच्च अधिकारियों की बातचीत से हुआ। उससे पहले हमारी तरफ से सुबह एक प्रभावशाली जवाब दिया गया था, जिसमें पाकिस्तान के एयरबेस और डिफेंस सिस्टम को गंभीर क्षति पहुंचाई गई थी।”

क्या अमेरिका ने युद्धविराम कराया? ट्रंप के दावे पर विवाद

सीजफायर के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच शांति बहाल कराने में भूमिका निभाई। इस बयान को पाकिस्तान सरकार ने भी तेजी से समर्थन दिया और इसे अपनी ‘कूटनीतिक जीत’ के रूप में प्रचारित करने की कोशिश की।

लेकिन भारत सरकार और विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि सीजफायर सिर्फ भारतीय सेना की ताकत और कार्रवाई के चलते संभव हुआ है। पाकिस्तान को अपनी स्थिति कमजोर लगने लगी और उसने खुद पहल करते हुए भारत से सीजफायर की गुहार लगाई।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया

हालांकि आधिकारिक रूप से ज्यादा जानकारी साझा नहीं की गई, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और रक्षा प्रतिष्ठानों पर सटीक हमले किए।

विदेश मंत्री ने इस बात की पुष्टि की कि भारत ने पहले ही संकेत दिया था कि TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) जैसे आतंकी संगठन भारत में हमले की योजना बना रहे हैं। जब यह खतरा वास्तविक हो गया, तो भारतीय सेना ने तेजी से और निर्णायक कार्रवाई की।

“हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि TRF भारत में कुछ गलत कर सकता है। जब ऐसा हुआ, तो हमने स्पष्ट जवाब दिया।”

क्या भारत-पाक के बीच परमाणु युद्ध की आशंका थी?

जयशंकर से यह सवाल भी पूछा गया कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच यह तनाव परमाणु युद्ध तक जा सकता था? इस पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“हम इस सवाल से थक चुके हैं। हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, आम जनता को नुकसान न हो इसका पूरा ध्यान रखा। इसके बावजूद पाकिस्तान की सेना ने हम पर फायरिंग की, जिसके जवाब में हमने कार्रवाई की।”

जयशंकर का यह बयान भारत की रणनीतिक संतुलन और संयम को दर्शाता है।

भारत की विदेश नीति: आत्मनिर्भरता और स्पष्टता

भारत सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अपनी विदेश नीति में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास के साथ फैसले लेती है। चाहे अमेरिका हो या कोई और देश, भारत अपने रक्षा और सुरक्षा मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को नहीं मानता।

जयशंकर ने यह संदेश साफ कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता से जुड़े निर्णयों में किसी भी प्रकार की विदेशी दखलअंदाजी को स्वीकार नहीं करता।

जनता का समर्थन: भारतीय सेना के साथ देश

जयशंकर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर #ThankYouIndianArmy, #OperationSindoor, और #जयशंकर_डॉक्ट्रिन जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। देशभर में लोगों ने भारतीय सेना के साहस और सरकार के स्पष्ट रुख की सराहना की।

पूर्व सैनिकों, सामरिक विश्लेषकों और आम नागरिकों ने जयशंकर की उस दृढ़ता को सराहा जिसमें उन्होंने भारत के फैसले को पूरी तरह से भारतीय सेना और नेतृत्व के पराक्रम का नतीजा बताया।

 युद्धविराम का श्रेय सेना को, न कि अमेरिका को

10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सीजफायर एक बार फिर दर्शाता है कि भारत अब कूटनीति और ताकत दोनों में आत्मनिर्भर राष्ट्र बन चुका है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी के दबाव में नहीं बल्कि अपनी सैन्य शक्ति और रणनीतिक सोच के दम पर फैसले लेता है।

जब सवाल आया कि अमेरिका को धन्यवाद देना चाहिए या नहीं, तो जवाब था—

“हम भारतीय सेना का धन्यवाद करते हैं।”

यही आज के नए भारत की विदेश नीति और रक्षा रणनीति की असली तस्वीर है।

थिएटर के बाद नेटफ्लिक्स पर भी फीकी रही सलमान खान (Salman Khan) की ‘सिकंदर’

Salman Khan's Sikandar Lands on Netflix After Poor Theatrical Run

ईद पर बड़े धूमधाम से रिलीज हुई सलमान खान (Salman Khan)और रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) की एक्शन फिल्म सिकंदर (Sikandar) अब नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। लेकिन जैसे थिएटर में यह फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई, वैसे ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी इसे ठंडी प्रतिक्रिया मिली है। फिल्म की ओटीटी रिलीज 25 मई को एक दमदार प्रोमो के साथ हुई थी, लेकिन यह प्रोमो ही शायद फिल्म से बेहतर साबित हुआ।

बॉक्स ऑफिस पर नाकामी के बाद सलमान के प्रशंसकों को उम्मीद थी कि फिल्म ओटीटी पर बेहतर प्रदर्शन करेगी। लेकिन सोशल मीडिया रिएक्शंस बता रहे हैं कि फिल्म की कमजोर स्क्रिप्ट और अधूरी परफॉर्मेंस दर्शकों को रास नहीं आई।

नेटिज़न्स ने बताया सलमान खान की सबसे कमजोर फिल्म

नेटफ्लिक्स पर रिलीज के तुरंत बाद ट्विटर पर सिकंदर  (Sikandar) को लेकर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। अधिकतर समीक्षाएं फिल्म की आलोचना करती नज़र आईं। एक यूजर ने लिखा, “#Sikandar ऐसी फिल्म है जिसमें सलमान खान ने बिना किसी इंटरेस्ट के अभिनय किया है। हर किरदार किसी न किसी रूप में कमजोर है।”

एक अन्य यूजर ने कहा, “सलमान खान का फैन होते हुए भी मानता हूँ कि #SikandarOnNetflix उनकी सबसे खराब फिल्म है। एक्टिंग, डायरेक्शन, एक्शन—सब कुछ बेहाल है। बैकग्राउंड म्यूजिक और सीन का कोई तालमेल नहीं है। पूरा सेटअप एक अव्यवस्थित गड़बड़झाला है।”

क्या गलत हो गया ‘सिकंदर’ के साथ?

फिल्म को एक भव्य एक्शन ड्रामा के रूप में तैयार किया गया था, जिसमें सलमान की स्टार पॉवर और रश्मिका की फ्रेश अपील से दर्शकों को खींचने की उम्मीद थी। लेकिन कमजोर स्क्रीनप्ले, साधारण संवाद और पूर्वानुमानित कहानी ने फिल्म को डुबो दिया।

उच्च प्रोडक्शन वैल्यू होने के बावजूद एक्शन सीन दर्शकों पर असर नहीं छोड़ पाए। कई समीक्षकों और दर्शकों ने यह तक कहा कि सलमान खुद फिल्म में ‘उत्साहित’ नहीं दिखे।

रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) का किरदार भी रहा फीका

फिल्म में रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) के शामिल होने से शुरुआत में काफी चर्चा हुई थी, लेकिन फिल्म में उनका किरदार उतना मजबूत नहीं दिखा। दर्शकों ने माना कि उन्हें बस एक सपोर्टिंग कैरेक्टर के रूप में इस्तेमाल किया गया, जिसकी कोई ठोस भूमिका नहीं बन पाई।

ईद ब्लॉकबस्टर का चूका हुआ मौका

ईद जैसे त्योहार पर रिलीज होने वाली फिल्म से दर्शकों की उम्मीदें हमेशा अधिक होती हैं। लेकिन सिकंदर (Sikandar) इस उम्मीद पर खरी नहीं उतरी। ट्रेड एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म को नया जीवन जरूर मिल सकता है, लेकिन अगर मूल कंटेंट कमजोर हो, तो कोई प्रचार या प्लेटफॉर्म भी इसे बचा नहीं सकता।

 हर मोर्चे पर चूकी ‘सिकंदर’

थिएटर में फ्लॉप होने के बाद नेटफ्लिक्स पर भी सिकंदर (Sikandar) को खास रिस्पॉन्स नहीं मिल पाया। सलमान खान (Salman Khan) की इस फिल्म ने ना केवल बॉक्स ऑफिस पर निराश किया बल्कि ओटीटी पर भी दर्शकों को निराश किया। फिल्म की कमजोर स्क्रिप्ट, दिशाहीन निर्देशन और अधपकी परफॉर्मेंस ने इसे बॉलीवुड की 2024 की सबसे बड़ी विफलताओं में ला खड़ा किया।

दर्शकों को जहां एक जोरदार एक्शन रिटर्न की उम्मीद थी, वहीं उन्हें मिली एक अधूरी और बेजान फिल्म।

तेज प्रताप यादव के विवाद के बीच लालू परिवार अचानक कोलकाता क्यों गया?

बिहार की राजनीति में इन दिनों एक नया विवाद छिड़ा हुआ है, और इसका कारण है तेज प्रताप याद की प्रेम कहानी और उनके परिवार से जुड़े विवाद। तेज प्रताप यादव, जो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे हैं, ने हाल ही में अपने 12 साल पुराने प्रेम संबंध का खुलासा किया, जिससे बिहार की राजनीति में हलचल मच गई। लेकिन इस बीच, अचानक लालू परिवार के कई सदस्य कोलकाता के लिए रवाना हो गए। सवाल उठता है कि इस अचानक यात्रा का क्या कारण था और इस समय कोलकाता क्यों गए थे लालू परिवार के सदस्य? आइए जानते हैं पूरी कहानी।

तेज प्रताप यादव की प्रेम कहानी से बिहार की राजनीति में हलचल

तेज प्रताप यादव के व्यक्तिगत जीवन में हाल ही में कुछ नए मोड़ आए हैं। 25 मई 2025 को तेज प्रताप ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी 12 साल पुरानी प्रेम कहानी का खुलासा किया, जिससे बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया। इस खुलासे ने राष्ट्रवादी जनता दल (RJD) और इसके नेताओं के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। तेज प्रताप यादव के इस बयान के बाद उनकी पार्टी और परिवार के अन्य सदस्य भी विवादों में फंस गए।

हालाँकि, परिवार के विवाद और पार्टी से बेदखल होने के बाद तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय ने सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए और कहा कि लालू यादव और उनके परिवार ने उनका साथ नहीं दिया। ऐश्वर्या ने तलाक की अर्जी भी कोर्ट में दायर कर दी है। इसके साथ ही मीडिया के कैमरों के सामने उन्होंने लालू परिवार पर जमकर हमला बोला। इस समय तेज प्रताप के विवादों के बीच लालू परिवार का कोलकाता दौरा अचानक चर्चा का विषय बन गया।

लालू परिवार की कोलकाता यात्रा: क्या है कारण?

तेज प्रताप यादव के विवादों के बीच, यह अचानक खबर आई कि लालू परिवार के अधिकतर सदस्य कोलकातारवाना हो गए। इसके बाद बिहार में यह सवाल उठने लगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि परिवार को इस समय कोलकाता जाना पड़ा। लेकिन जब जानकारी मिली, तो स्पष्ट हुआ कि यह यात्रा तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री यादव के लिए थी, जो गर्भवती हैं और उनकी डिलीवरी का समय करीब आ गया है।

इसलिए लालू यादव और उनका पूरा परिवार राजश्री यादव की डिलीवरी के लिए कोलकाता गए। जानकारी के अनुसार, परिवार के कई सदस्य एयर इंडिया की फ्लाइट से पटना से कोलकाता गए हैं। इस यात्रा में लालू यादव, राबड़ी देवी, और उनकी बेटी मीसा भारती भी शामिल हैं। यह यात्रा तेजस्वी यादव की पत्नी के स्वास्थ्य और प्रसव के लिए थी, और परिवार के सभी सदस्य उनके साथ रहना चाहते थे।

लालू परिवार के लिए खुशियों का पल

कोलकाता की यात्रा में एक ख़ास बात यह है कि यह यात्रा एक खुशखबरी के मौके पर हो रही है। तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी राजश्री यादव के घर जल्द ही एक नया सदस्य आने वाला है। यह परिवार के लिए खुशी का अवसर है, खासकर तब जब पिछले कुछ समय से परिवार में राजनीतिक और व्यक्तिगत विवादों का दौर चल रहा था।

यह यात्रा लालू यादव और राबड़ी देवी के लिए भी एक महत्वपूर्ण पल है क्योंकि उनका छोटा बेटा तेजस्वी अब पिता बनने वाला है। कोलकाता में राजश्री यादव को अस्पताल में भर्ती किया गया है और जल्द ही बच्चे के जन्म की संभावना जताई जा रही है।

मीडिया में मीसा भारती का बयान

तेज प्रताप यादव के विवादों और ऐश्वर्या राय द्वारा किए गए आरोपों के बाद, लालू यादव की बेटी मीसा भारती ने इस पर अपना बयान दिया। उन्होंने कहा:

“हमारे परिवार के मुखिया, लालू यादव जी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने स्टैंड को स्पष्ट कर दिया है। अब हमे कुछ और नहीं कहना है।”

इसके अलावा, जब ऐश्वर्या राय के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो मीसा भारती ने कहा कि यह मामला अब कोर्ट में है और इस पर परिवार का कोई और बयान नहीं होगा।

तेज प्रताप यादव और RJD के लिए चुनौती

तेज प्रताप यादव के व्यक्तिगत जीवन और उनके विवादों का असर RJD पर भी पड़ रहा है। पार्टी को इस समय भारी राजनीतिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। तेज प्रताप यादव का यह कृत्य न सिर्फ उनके व्यक्तिगत जीवन के बारे में एक बड़ा खुलासा था, बल्कि RJD की छवि पर भी सवाल उठाने का कारण बन रहा है।

तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय का आरोप है कि परिवार ने उनका साथ नहीं दिया और अब तेज प्रताप यादव को पार्टी से निकाले जाने का निर्णय भी किया गया है। इससे पार्टी और परिवार के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है।

आने वाले समय में क्या हो सकता है?

लालू परिवार और RJD के लिए आगामी समय चुनौतियों से भरा हो सकता है। अब सवाल यह है कि तेज प्रताप यादव का भविष्य क्या होगा और क्या वे RJD में लौटेंगे या अपनी अलग राह चुनेंगे। उनका राजनीतिक प्रभाव बिहार में महत्वपूर्ण है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस विवाद के बाद किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।

इसी बीच, तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी राजश्री यादव के लिए खुशियों का पल आ रहा है, और यह परिवार के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है। हालांकि, बिहार में अगले कुछ महीनों में होने वाले चुनावों के मद्देनजर यह घटनाएँ RJD के भविष्य को प्रभावित कर सकती हैं।

लालू परिवार की कोलकाता यात्रा का कारण, तेजस्वी यादव की पत्नी का प्रसव, खुशियों का अवसर तो है, लेकिन तेज प्रताप यादव के विवादों ने इस यात्रा को एक राजनीतिक सन्देश बना दिया है। लालू परिवार के लिए यह समय एक ओर खुशियों का है तो दूसरी ओर गंभीर राजनीतिक और पारिवारिक समस्याओं का भी। आने वाले समय में इन घटनाओं का असर बिहार की राजनीति और RJD के भविष्य पर देखा जाएगा।

क्या बिना बाबू भैया के “हेरा फेरी 3” संभव है?

Paresh Rawal’s Shocking Exit from Hera Pheri 3

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता परेश रावल ने 18 मई को हेरा फेरी 3 से अपने बाहर होने की घोषणा की, जिससे फिल्म इंडस्ट्री और फैन्स में हलचल मच गई। रावल, जिन्होंने बाबूराव गणपत राव अप्टे यानी “बाबू भैया” के किरदार से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई, ने इस फैसले से सभी को चौंका दिया। उनका अचानक फिल्म छोड़ना एक कानूनी विवाद का कारण बन गया है।

अक्षय कुमार के प्रोडक्शन हाउस ने परेश रावल के खिलाफ कानूनी कदम उठाया

25 मई को परेश रावल ने अपनी सोशल मीडिया पर इस विवाद पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने लिखा, “मेरे वकील, अमित नाइक ने मेरी वैध निकासी और हटने के बारे में उचित जवाब भेजा है। जब वे मेरा जवाब पढ़ेंगे, तो सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे।”

अक्षय कुमार की प्रोडक्शन कंपनी, केप ऑफ गुड फिल्म्स की वकील पूजा तिडके ने परेश रावल के खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें रावल के बाहर होने को लेकर गंभीर परिणामों का संकेत दिया गया था। पूजा तिडके ने कहा, “इस फैसले ने फिल्म फ्रेंचाइजी को नुकसान पहुँचाया है। इसके कारण बहुत सी कानूनी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसमें कास्ट, क्रू, ट्रेलर शूट और अन्य लॉजिस्टिक खर्चे शामिल हैं।”

क्या परेश रावल फिल्म से बाहर होने के बाद कानूनी विवाद में हैं?

अक्षय कुमार की कानूनी टीम का कहना है कि परेश रावल ने जनवरी में अपनी भागीदारी को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था और इसके बाद शूटिंग शुरू हुई थी। इसके बाद लगभग तीन मिनट की फिल्म भी शूट की गई थी। लेकिन अचानक कुछ दिन पहले रावल ने फिल्म से बाहर होने का नोटिस भेजा, जो सभी के लिए एक बड़ा सदमा था।

कानूनी टीम के मुताबिक, परेश रावल का यह फैसला न केवल फिल्म के लिए बल्कि उनके साथ जुड़े कलाकारों और क्रू के लिए भी वित्तीय नुकसान का कारण बना है। इसके अलावा, दर्शकों के बीच निराशा का माहौल भी पैदा हुआ है, क्योंकि अब हेरा फेरी 3 बिना बाबू भैया के होने की संभावना है।

परेश रावल ने ₹11 लाख वापस किए, हालांकि उनका कुल पारिश्रमिक ₹15 करोड़ था

कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि परेश रावल ने ₹11 लाख की साइनिंग अमाउंट को 15% ब्याज के साथ वापस कर दिया है। उनकी कुल फीस ₹15 करोड़ तय की गई थी। हालांकि, यह अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन यह उनके इस कदम को पूरी तरह से फिल्म से खुद को अलग करने की दिशा में एक इशारा माना जा रहा है।

परेश रावल का बयान: “मैं अब इसका हिस्सा महसूस नहीं करता”

परेश रावल ने मिड-डे से एक इंटरव्यू में अपने फैसले की वजह बताई। उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि यह बहुतों के लिए चौंकाने वाली बात है। हम तीनों, यानी अक्षय, सुनील और मैं, एक शानदार कॉम्बिनेशन बनाते हैं, और प्रियदर्शन जी हमें निर्देशित करते हैं। लेकिन मुझे यह महसूस हुआ कि अब मैं इसका हिस्सा नहीं महसूस करता।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी फिल्म छोड़ने का कारण पैसा नहीं था, जैसा कि कुछ लोग अनुमान लगा रहे हैं। वह इस बारे में स्पष्ट थे: “यह फिलहाल का निर्णय है। मैं हमेशा कहता हूं, कुछ भी हो सकता है, भविष्य में कुछ भी बदल सकता है।”

फैन्स की प्रतिक्रिया: “बाबू भैया के बिना हेरा फेरी नहीं हो सकती”

हेरा फेरी की फ्रेंचाइजी ने 2000 में अपनी शुरुआत की थी और जल्द ही एक पॉपुलर बॉलीवुड हिट बन गई। परेश रावल का बाबू भैया का किरदार एक आइकॉनिक कॉमिक रोल बन गया था। उनकी भूमिका को दर्शकों ने बेहद पसंद किया और यह एक राष्ट्रीय पसंदीदा बन गया।

अब फैन्स सोशल मीडिया पर यह दावा कर रहे हैं कि बिना बाबू भैया के हेरा फेरी 3 को रद्द कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि उनका मानना है कि फिल्म का असली मजा सिर्फ बाबू भैया के किरदार से आता है।

सुनील शेट्टी का बयान: “बिना परेश रावल के हेरा फेरी 3 संभव नहीं है”

फ्रेंचाइजी के दूसरे अभिनेता सुनील शेट्टी ने भी परेश रावल के बाहर होने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा, “हेरा फेरी 3 बिना परेश रावल के संभव नहीं है। अक्षय, परेश और मैं, हम तीनों की केमिस्ट्री इस फिल्म की आत्मा है।”

यह बयान दर्शाता है कि सुनील शेट्टी भी इस कदम से नाखुश हैं और रावल के लौटने की उम्मीद जता रहे हैं।

हेरा फेरी 3 का भविष्य: कानूनी और भावनात्मक असमंजस

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हेरा फेरी 3 का भविष्य क्या होगा। क्या प्रोड्यूसर किसी और अभिनेता से बाबू भैया का किरदार निभवाएंगे या वे परेश रावल के बिना फिल्म को आगे बढ़ाएंगे? यह फिल्म अब कानूनी पचड़े में फंसी हुई है और इसकी शूटिंग आगे नहीं बढ़ पा रही है।

फिल्म के सभी पक्ष अब एक समाधान की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि यह अनिश्चितता खत्म हो और फिल्म अपनी ट्रैक पर वापस आ सके।

 बॉलीवुड की कॉमिक जेवेल हेरा फेरी 3 में आया बड़ा मोड़

परेश रावल का हेरा फेरी 3 से बाहर होना न सिर्फ एक कास्टिंग बदलाव है, बल्कि यह बॉलीवुड की एक महत्वपूर्ण फिल्म फ्रेंचाइजी के लिए एक भावनात्मक और सांस्कृतिक झटका है। फिल्म में उनके किरदार बाबू भैया का जुड़ाव एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।

अब तक, कानूनी प्रक्रिया और सार्वजनिक विवाद चल रहे हैं, और यह देखने लायक होगा कि भविष्य में क्या निर्णय आता है। एक बात साफ है, हेरा फेरी 3 बिना बाबू भैया के कभी भी दर्शकों के दिलों में वही जगह नहीं बना पाएगी।

मुजफ्फरपुर पहुंचे अनिरुद्धाचार्य जी, कथा के मंच से उठाई भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात

Aniruddhacharya Ji in Muzaffarpur: A Spiritual Gathering Sparks the Call for a Hindu Nation

बिहार के मुजफ्फरपुर में इस वक्त आध्यात्मिकता की गूंज सुनाई दे रही है। शहर में चल रहे श्री श्री 1008 विष्णु महायज्ञ के आयोजन ने न सिर्फ धार्मिक माहौल बनाया है, बल्कि अनिरुद्धाचार्य जी महाराज की उपस्थिति ने इसे और खास बना दिया है।

पांच दिन तक चलने वाली श्रीमद्भागवत कथा के पहले ही दिन अनिरुद्धाचार्य जी ने वो बात कह दी, जो आज देशभर में चर्चा का विषय बन चुकी है। उन्होंने कहा – “अब समय आ गया है कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए।”

कथा से उठी एक बड़ी आवाज़

अनिरुद्धाचार्य जी कोई आम संत नहीं हैं। उनके प्रवचनों में भक्ति तो होती ही है, साथ ही समाज को जगाने वाला संदेश भी छिपा होता है। जब उन्होंने कथा में महाभारत की घटना का ज़िक्र किया—जहां द्रौपदी भगवान श्रीकृष्ण को पुकारती है—तो उन्होंने बेहद सहज ढंग से एक बड़ी बात कह दी:

“जब संकट आता है, तो न रिश्तेदार साथ होते हैं, न मित्र। उस समय बस भगवान ही साथ होते हैं।”

उनकी इस बात पर पंडाल में बैठे हजारों लोग भावुक हो गए।

भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग

अपनी कथा के दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत की आत्मा सनातन धर्म में बसती है, और अब समय है कि इसे एक हिंदू राष्ट्र का दर्जा दिया जाए। उनके शब्दों में:

“यह देश शुरू से सनातन संस्कृति का वाहक रहा है। अब जब देश जागरूक हो चुका है, तो इसे आधिकारिक रूप से हिंदू राष्ट्र बनाना चाहिए।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसका मतलब यह नहीं कि किसी और धर्म का अपमान हो, बल्कि यह देश की संस्कृति और मूल्यों की रक्षा के लिए ज़रूरी है।

मुजफ्फरपुर की शाही लीची का ज़िक्र भी खास रहा

अनिरुद्धाचार्य जी जहां भी जाते हैं, वहां की खासियत को पहचानते हैं। इस बार उन्होंने मुजफ्फरपुर की मशहूर शाही लीची की तारीफ की। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा:

“जितनी मिठास इन लीचियों में है, उतनी ही मिठास इस धरती के लोगों में भी है।”

उनकी इस टिप्पणी से स्थानीय लोग बेहद खुश दिखे।

आयोजन में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

इस महायज्ञ का आयोजन मुजफ्फरपुर सेवा संस्थान की ओर से किया गया है। कथा शुरू होने से पहले एक भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाओं की बड़ी भागीदारी रही। सिर पर कलश लिए महिलाएं भक्ति में लीन थीं और पूरा शहर भक्तिरस में डूबा हुआ था।

हर दिन:

  • श्रीमद्भागवत कथा होती है

  • सुंदर भजनों की प्रस्तुति होती है

  • भंडारे में हज़ारों लोग भोजन करते हैं

  • और सबके लिए सुरक्षा और सुविधा का खास ख्याल रखा गया है

कथा के बीच समाज को एकता का संदेश

कथा सिर्फ पूजा और भजन तक सीमित नहीं रही। अनिरुद्धाचार्य जी ने कई बार लोगों से कहा कि आज के दौर में अगर हमें समाज को बेहतर बनाना है, तो पहले अपने नैतिक मूल्यों को मज़बूत करना होगा।

उन्होंने एक बात बार-बार दोहराई:

“सच्चा धर्म वही है जो कर्म में हो। जब हम सच्चाई, ईमानदारी और करुणा के रास्ते पर चलते हैं, तब ही धर्म जीवित रहता है।”

लोगों के दिलों तक पहुंचा यह संदेश

अनिरुद्धाचार्य जी के इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं। ट्विटर से लेकर इंस्टाग्राम तक, लोग उनकी हिंदू राष्ट्र वाली टिप्पणी पर चर्चा कर रहे हैं। कुछ इसे समर्थन दे रहे हैं, तो कुछ सवाल भी उठा रहे हैं—लेकिन एक बात तो तय है, उन्होंने मुद्दा ज़रूर जगा दिया है।


भारत के जंगलों में खून का बदला! 31 इनामी नक्सली ढेर – अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन

छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के घने जंगलों में सुरक्षाबलों ने रचा इतिहास! भारत की एकीकृत सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर 31 कुख्यात और इनामी नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया। यह मुठभेड़ सिर्फ एक सैन्य जीत नहीं, बल्कि भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। सरकार द्वारा घोषित 1.72 करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों को ढेर करना एक बड़ी सफलता है। इस ऑपरेशन में CRPF, छत्तीसगढ़ पुलिस और नक्सल विरोधी स्पेशल फोर्स की टीम ने जान की बाज़ी लगाकर नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में बड़ा कदम उठाया। जानिए इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में — कैसे सुरक्षा बलों ने जंगलों में घात लगाकर छिपे नक्सलियों को ढूंढ निकाला और देश के दुश्मनों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया।

नवादा ने मारी बाज़ी! बिहार राज्यस्तरीय फ्लोरबॉल प्रतियोगिता में बालक और बालिका दोनों वर्गों में हासिल किया खिताब

उद्घाटन करते विधायक

KKN ब्यूरो। मुजफ्फरपुर। 25 मई, 2025: बिहार में खेल के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा देखने को मिली जब मीनापुर प्रखंड के मकसूदपुर उत्क्रमित हाईस्कूल में राज्यस्तरीय द्वितीय फ्लोरबॉल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस खास अवसर पर बिहार के 11 जिलों की 18 टीमों ने हिस्सा लिया और खेल भावना के साथ रोमांचक मुकाबला देखने को मिला।

प्रतियोगिता की प्रमुख बातें:

  • आयोजन स्थल: उत्क्रमित हाईस्कूल, मकसूदपुर, मीनापुर, मुजफ्फरपुर
  • प्रतियोगिता का स्तर: राज्यस्तरीय (बालक और बालिका वर्ग)
  • प्रतिभागी टीमें: 11 जिलों से 12 बालक और 6 बालिका टीमें
  • आयोजन तिथि: 25 मई 2025
  • संयोजक: फ्लोरबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार

प्रतियोगिता के विजेता:

वर्ग      विजेता जिला    उपविजेता        तृतीय स्थान
बालक वर्ग        नवादा    मुजफ्फरपुर          दरभंगा
बालिका वर्ग        नवादा    मुजफ्फरपुर          सीतामढ़ी

नवादा ज़िला की टीमों ने दोनों वर्गों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। फाइनल मुकाबले में नवादा ने मेज़बान मुजफ्फरपुर को कड़े मुकाबले में हराकर यह गौरव हासिल किया।

फ्लोरबॉल: बिहार में एक उभरता हुआ खेल

फ्लोरबॉल भारत में अपेक्षाकृत नया लेकिन तेजी से लोकप्रिय हो रहा इनडोर खेल है, जिसे हॉकी की शैली में खेला जाता है। फ्लोरबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार इस खेल को राज्य भर में बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर रहा है।

युवाओं में जोश और उत्साह

इस प्रतियोगिता में बच्चों के साथ अभिभावकों और खेलप्रेमियों की भी भारी भागीदारी देखने को मिली। खिलाड़ियों में जीत का जुनून और हार के बावजूद सीखने की ललक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आयोजन ने न केवल खिलाड़ियों को राज्य स्तर पर प्रदर्शन का मंच दिया, बल्कि उन्हें भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने का सपना भी दिखाया।

विधायक ने किया उद्घाटन

मीनापुर के विधायक मुन्ना यादव ने मैच का उद्घाटन करते हुए कहा कि बच्चों के सर्वागिंण विकास में खेल की महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार नही किया जा सकता है। मौके पर तिरहुत शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शक्तिमान सिंह, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राम नरेश प्रसाद, जिला पार्षद हिमांशू गुप्ता, विरेन्द्र कुमार यादव और शिक्षक शमशाद अहमद साहिल की गरिमामय मौजूदगी के बीच फ्लोरबॉल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।

प्रतियोगिता की झलकियां

  • उद्घाटन समारोह में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
  • खिलाड़ियों की अनुशासन और तकनीकी दक्षता की सराहना
  • पुरस्कार वितरण समारोह में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी

क्या कहते हैं आयोजक?

फ्लोरबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार के प्रतिनिधियों का कहना है कि “राज्य के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से उन्हें सही मार्गदर्शन और अवसर मिले।”

फ्लोरबॉल से जुड़ें

यदि आप भी फ्लोरबॉल खेलना चाहते हैं या अपने स्कूल/कॉलेज में इसकी शुरुआत करना चाहते हैं, तो फ्लोरबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार से संपर्क कर सकते हैं:

बिहार में फ्लोरबॉल

बिहार में फ्लोरबॉल की यह सफलता राज्य में खेल संस्कृति को नई दिशा दे रही है। नवादा की जीत न केवल जिले बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व का विषय है। आने वाले समय में फ्लोरबॉल जैसे खेल युवाओं के लिए करियर और आत्मविकास का मजबूत माध्यम बन सकते हैं।

टिकटपुर: जहां घोषणाएं बिकती हैं और लड्डू बांटने से तय होता है टिकट

कहानी है टिकटपुर की—एक ऐसा काल्पनिक कस्बा, जहां नेता बनने का सपना अब बच्चों तक पहुंच गया है। जहां टी-स्टॉल अब टी-कैम्पेन सेंटर बन चुके हैं और पान की दुकान पर घोषणापत्र तैयार होता है। • टिकटपुर की गलियों में कैसे बच्चे भी फुचका पार्टी के वादे करने लगे? • सोशल मीडिया पर टिकट की होड़ क्यों मची है? • गठबंधन सिंह के दरबार में कौन सा उम्मीदवार सबसे भारी पड़ेगा? सुनिए और देखिए, टिकटपुर की वो कहानी, जो हकीकत से ज्यादा सच्ची लगती है।

विराट कोहली और अनुष्का शर्मा पहुंचे अयोध्या, रामलला और हनुमान गढ़ी में किए दर्शन

Virat Kohli and Anushka Sharma Visit Ayodhya: Seek Blessings at Ram Lalla Temple and Hanuman Garhi

KKN Gurugram Desk |  भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व टेस्ट कप्तान विराट कोहली और उनकी पत्नी एवं अभिनेत्री अनुष्का शर्मा रविवार को धार्मिक नगरी अयोध्या पहुंचे। दोनों ने पहले रामलला मंदिर में दर्शन किए और फिर हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना कर भगवान से आशीर्वाद लिया।

टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद विराट कोहली और अनुष्का शर्मा आध्यात्मिक स्थलों पर अधिक सक्रिय नजर आ रहे हैं। इस यात्रा को भी उनके आध्यात्मिक सफर का हिस्सा माना जा रहा है।

रामलला मंदिर में विराट-अनुष्का ने टेका माथा

अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराट और अनुष्का रविवार सुबह पहुंचे। दोनों ने भगवान रामलला के दर्शन किए और श्रद्धा से पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें विधिवत पूजन कराया और धार्मिक रीतियों के अनुसार तिलक एवं पुष्पमाला अर्पित की।

मंदिर प्रबंधन ने बताया कि यह एक पूर्व-निर्धारित निजी यात्रा थी और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बेहद संयमित तरीके से दर्शन कराए गए।

“विराट और अनुष्का ने बहुत श्रद्धा और शांति से भगवान राम के चरणों में पूजन किया। उनके चेहरे पर भक्ति भाव स्पष्ट झलक रहा था,” एक पुजारी ने कहा।

हनुमान गढ़ी में की विशेष पूजा, लिया आशीर्वाद

रामलला के दर्शन के बाद कोहली दंपत्ति अयोध्या के प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने बजरंगबली के समक्ष विशेष पूजा-अर्चना की। महंत संजय दास जी महाराज ने विराट और अनुष्का का स्वागत पुष्पमाला और तिलक से किया

पूजा के बाद दोनों ने मंदिर परिसर में कुछ समय बिताया और आध्यात्म पर चर्चा भी की।

“विराट कोहली और अनुष्का शर्मा का भगवान और आध्यात्म के प्रति गहरा लगाव है। उन्होंने पूरे मन से हनुमान जी की पूजा की,” महंत संजय दास जी ने कहा।

इस दौरान मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं में विराट और अनुष्का की एक झलक पाने की होड़ मच गई। कई लोग मोबाइल फोन से वीडियो और तस्वीरें लेते नजर आए।

टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद आध्यात्मिक राह पर विराट

विराट कोहली ने 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी। इसके बाद से वह लगातार विभिन्न धार्मिक स्थलों का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वह अपनी पत्नी के साथ वृंदावन में प्रेमानंद महाराज से भी मिलने पहुंचे थे, जहां उन्होंने आध्यात्मिक चर्चा की थी।

यह संकेत देता है कि विराट अब केवल क्रिकेट के मैदान तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि आंतरिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन की ओर भी ध्यान दे रहे हैं।

आईपीएल 2025 के बीच मिला 4 दिन का ब्रेक, पहुंचे अयोध्या

विराट कोहली इस समय आईपीएल 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) टीम की ओर से खेल रहे हैं। 23 मई को उन्होंने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच खेला था, जिसमें उन्होंने 25 गेंदों में 43 रन बनाए।

अगला मुकाबला 27 मई को लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ है। इस चार दिन के अंतराल में विराट और अनुष्का ने अयोध्या पहुंचकर अपने आध्यात्मिक जीवन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।

फैंस की भारी भीड़, यूपी पुलिस ने संभाली सुरक्षा

अयोध्या यात्रा के दौरान विराट और अनुष्का की सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस ने कड़े इंतजाम किए। राम जन्मभूमि परिसर और हनुमान गढ़ी मंदिर के आस-पास बैरिकेडिंग की गई और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया।

इसके बावजूद स्थानीय फैंस और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी। लोग उनके दर्शन को आतुर नजर आए और कई स्थानों पर ‘कोहली-कोहली’ के नारे भी लगे।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो, लोगों ने की सराहना

विराट और अनुष्का के दर्शन और पूजा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लाखों लोगों ने उनके इस कदम की सराहना की है और इसे भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान बताया है।

कुछ चर्चित प्रतिक्रियाएं इस प्रकार रहीं:

  • “विराट का आध्यात्मिक पक्ष देखना प्रेरणादायक है।”

  • “अनुष्का के साथ रामलला के दर्शन—सुंदर और सादगी भरा पल।”

  • “सेलिब्रिटी होने के बावजूद इतनी विनम्रता—वाकई सराहनीय।”

अयोध्या बन रहा है आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र

राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या तेजी से धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। श्रद्धालुओं के साथ-साथ अब बॉलीवुड और क्रिकेट जगत की हस्तियां भी यहां दर्शन करने आ रही हैं, जिससे इस स्थान की महत्ता और लोकप्रियता और बढ़ रही है।

स्थानीय प्रशासन का मानना है कि विराट और अनुष्का जैसे नामी लोग जब अयोध्या आते हैं, तो इससे युवाओं में भी संस्कृति और धर्म के प्रति रुचि बढ़ती है।

विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की अयोध्या यात्रा न केवल धार्मिक कर्तव्यों का पालन थी, बल्कि यह एक अंतरात्मा की खोज, मानसिक शांति और जीवन संतुलन का प्रतीक भी है।

एक तरफ विराट कोहली अभी भी आईपीएल और सीमित ओवर क्रिकेट में सक्रिय हैं, वहीं दूसरी ओर वह अपने आध्यात्मिक जीवन को भी उतना ही महत्व दे रहे हैं।

इस यात्रा से यह संदेश मिलता है कि सफलता के शिखर पर पहुंचकर भी अगर व्यक्ति विनम्र और आत्म-चिंतनशील बना रहे, तो वह सच्चे अर्थों में महान कहलाता है।