गुरूवार, जुलाई 17, 2025
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मशहूर अभिनेता मुकुल देव का 54 साल की उम्र में निधन, इंडस्ट्री में शोक की लहर

Veteran Actor Mukul Dev Passes Away at 54: Tributes Pour In from Film and Television Fraternity

KKN गुरुग्राम डेस्क | बॉलीवुड और टेलीविजन इंडस्ट्री से एक दुखद खबर सामने आई है। अभिनेता मुकुल देव का 23 मई 2025 की रात निधन हो गया। वह 54 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनकी तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

मुकुल देव के निधन से उनके परिवार, दोस्तों और मनोरंजन जगत के कलाकारों को गहरा आघात पहुंचा है। उनके निधन की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई।

 बीमारी से जूझ रहे थे मुकुल देव

विंदू दारा सिंह, जो मुकुल के करीबी दोस्त और सह-कलाकार रह चुके हैं, ने उनके निधन की पुष्टि की। इंडिया टुडे से बातचीत में विंदू ने बताया कि मुकुल पिछले कुछ समय से बीमार थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। विंदू के अनुसार, अपने माता-पिता के निधन के बाद मुकुल काफी अकेले हो गए थे और सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली थी।

 विंदू दारा सिंह का भावुक संदेश

विंदू दारा सिंह ने ट्विटर पर मुकुल को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा:

RIP मेरे भाई मुकुल देव! तुम्हारे साथ बिताए हर पल को हमेशा संजोकर रखूंगा। Son of Sardaar 2 में तुम्हारा अंतिम गाना दर्शकों को हंसाने और खुशी देने वाला होगा।”

उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें वे दोनों फिल्म के सेट पर साथ नजर आ रहे हैं।

 दीपशिखा नागपाल को भी लगा गहरा झटका

टीवी एक्ट्रेस दीपशिखा नागपाल, जो मुकुल की करीबी दोस्त थीं, ने भी सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर साझा कर दुख जताया। उन्होंने बताया कि मुकुल ने कभी अपनी तबीयत के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया था।

“हमारे एक वॉट्सऐप ग्रुप में मुकुल चुपचाप रहते थे। जब मैंने आज सुबह उनकी मौत की खबर पढ़ी, तो मैं बार-बार उन्हें कॉल करती रही… उम्मीद थी कि शायद वह फोन उठा लें।”

 फिल्मों और टीवी में मुकुल देव का सफर

दिल्ली में जन्मे मुकुल देव ने अपने करियर की शुरुआत 1996 में दूरदर्शन के धारावाहिक ‘मुमकिन’ से की थी। उन्होंने उसी साल सुष्मिता सेन के साथ फिल्म ‘दस्तक’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया।

बॉलीवुड में उनके कुछ प्रमुख फिल्में थीं:

  • दस्तक (1996)

  • किला (1998)

  • वजूद (1998)

  • कोहराम (1999)

  • मुझे मेरी बीवी से बचाओ (2001)

  • यमला पगला दीवाना (2011) — इस फिल्म के लिए उन्हें 7वां अमरीश पुरी पुरस्कार मिला।

 क्षेत्रीय फिल्मों में भी बेमिसाल योगदान

मुकुल ने सिर्फ हिंदी ही नहीं, बल्कि कई पंजाबी, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और बंगाली फिल्मों में भी शानदार अभिनय किया। इसके अलावा उन्होंने कई म्यूजिक एल्बम्स में भी काम किया, जिससे वे 90 के दशक में युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हो गए।

 सम्मान और सराहना

  • ‘यमला पगला दीवाना’ में उनके प्रदर्शन को दर्शकों और आलोचकों ने काफी सराहा।

  • उन्हें नेचुरल डायलॉग डिलीवरीबहुभाषी क्षमता, और किरदार में घुल जाने की कला के लिए जाना जाता था।

 टीवी पर भी रहा मुकुल का मजबूत प्रभाव

मुकुल ने टीवी सीरियल्सक्राइम शोज, और कंटेंट बेस्ड रियलिटी शोज में भी बेहतरीन काम किया। उनकी सरल और सहज अभिनय शैली ने उन्हें हर उम्र के दर्शकों का पसंदीदा कलाकार बना दिया था।

 आखिरी फिल्म: ‘Son of Sardaar 2’

उनकी अंतिम फिल्म ‘Son of Sardaar 2’ जल्द ही रिलीज होने वाली है। विंदू दारा सिंह के अनुसार, मुकुल ने अपनी शूटिंग पूरी कर ली थी। यह फिल्म अब उनके लिए श्रद्धांजलि के रूप में देखी जाएगी।

 मनोरंजन जगत में शोक की लहर

बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के कई बड़े सितारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी:

  • “एक शानदार कलाकार, जिन्होंने हमेशा किरदारों में जान डाली।”

  • “उनकी मुस्कान और आवाज हमेशा याद रहेगी।”

  • “हमने एक असली इंसान खो दिया।”

 याद रहेंगे मुकुल देव

मुकुल देव का निधन सिर्फ एक अभिनेता का जाना नहीं है, बल्कि एक संवेदनशील कलाकार और विनम्र व्यक्तित्व की विदाई है। उनके जाने से एक खामोशी सी छा गई है, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार उन्हें हमेशा जीवित रखेंगे।

मुजफ्फरपुर सड़क हादसा: तेज रफ्तार कार ने बाइक सवारों को मारी टक्कर, 2 की मौत, 1 गंभीर

Tragic Road Accident in Meerut's Rohta:

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-22 (NH-22) पर शुक्रवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ।
तेज रफ्तार कार ने एक बाइक पर सवार तीन युवकों को रौंद दिया, जिसमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक की हालत नाजुक है।

 हादसे की जानकारी: कब और कैसे हुआ एक्सीडेंट

पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार:

  • तीनों युवक पेंट का काम कर वापस लौट रहे थे

  • बाइक पर तीनों सवार थे और जैसे ही वे मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रोड पर पहुंचे, एक तेज रफ्तार कार ने सीधी टक्कर मार दी

  • टक्कर के बाद घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई और पुलिस को सूचित किया गया।

 मृतकों की पहचान

हादसे में जान गंवाने वाले युवकों के नाम हैं:

  • सुरज गिरी (26 वर्ष)

  • अबोध गिरी (25 वर्ष)

दोनों युवक बसौली गांव, थाना कुढ़नी के रहने वाले थे।

घायल युवक:

  • अन्नू कुमार, जो इसी गांव से हैं, उन्हें SKMCH अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इलाज और पुलिस कार्रवाई

  • सूचना मिलते ही फकुली थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

  • तीनों को पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले जाया गया।

  • डॉक्टरों ने दो युवकों को मृत घोषित कर दिया, जबकि अन्नू कुमार को गंभीर स्थिति में रेफर कर दिया गया

हिट एंड रन: आरोपी चालक फरार

हादसे के बाद:

  • कार चालक ने मौके से भागने की कोशिश की।

  • इसी दौरान वह पुल के डिवाइडर से टकरा गया, जिससे गाड़ी को भी नुकसान पहुंचा।

  • वह मौके पर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया

 पुलिस ने शुरू की जांच

  • पुलिस ने नंबर प्लेट के आधार पर वाहन मालिक की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

  • सीसीटीवी फुटेजगवाहों के बयान और फॉरेंसिक रिपोर्ट की मदद से जांच आगे बढ़ाई जा रही है।

  • लापरवाही से वाहन चलाने और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है।

 बिहार में सड़क सुरक्षा सवालों के घेरे में

बिहार में लगातार बढ़ते रोड एक्सीडेंट गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं:

  • ओवरस्पीडिंग और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी आम हो गई है।

  • इस तरह के हादसे लोगों की जान जोखिम में डालते हैं और सिस्टम की कमियों को उजागर करते हैं।

विशेषज्ञों का सुझाव:

  • सख्त ट्रैफिक निगरानी व्यवस्था लागू हो

  • जागरूकता अभियान चलाए जाएं

  • स्पीड लिमिट का कड़ाई से पालन करवाया जाए

मुजफ्फरपुर का यह हादसा एक मानव जीवन की कीमत और सिस्टम की विफलता की याद दिलाता है। जब तक ट्रैफिक नियमों का पालन सख्ती से नहीं होगा और चालक जिम्मेदारी नहीं समझेंगे, ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे।

आज का सोना चांदी भाव (24 मई 2025): दिल्ली, मुंबई, चेन्नई समेत इन शहरों में गिरे रेट, चांदी भी हुई सस्ती

Gold and Silver Prices Witness Significant Drop: Market Reactions Amidst Global Developments

KKN गुरुग्राम डेस्क | शनिवार, 24 मई को देशभर में सोने की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है। दिल्ली सहित कई बड़े शहरों में 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने के रेट में मामूली बदलाव हुआ है। चांदी की कीमत में भी गिरावट दर्ज की गई।

 शहरवार सोने के रेट (प्रति 10 ग्राम)

दिल्ली:

  • 24 कैरेट: ₹97,670

  • 22 कैरेट: ₹89,540

मुंबई, चेन्नई, कोलकाता:

  • 24 कैरेट: ₹97,520

  • 22 कैरेट: ₹89,390

हैदराबाद, बेंगलुरु:

  • 24 कैरेट: ₹97,520

  • 22 कैरेट: ₹89,390

जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़:

  • 24 कैरेट: ₹97,670

  • 22 कैरेट: ₹89,540

भोपाल, अहमदाबाद:

  • 24 कैरेट: ₹97,570

  • 22 कैरेट: ₹89,440

एमसीएक्स गोल्ड वायदा कारोबार और ग्लोबल ट्रेंड्स

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में शुक्रवार को:

  • जून डिलीवरी वाले सोने का कॉन्ट्रैक्ट ₹527 की बढ़त के साथ ₹96,063 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।

अंतरराष्ट्रीय बाजार:

  • न्यूयॉर्क में सोना 1.07% की तेजी के साथ $3,329.65 प्रति औंस रहा।

इन वैश्विक संकेतों के अनुसार, भारत में आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में स्थिरता या हल्की बढ़त देखी जा सकती है।

 चांदी का भाव

शनिवार को चांदी की कीमत में ₹100 की गिरावट हुई:

  • देश में औसत रेट: ₹99,900 प्रति किलोग्राम

  • दिल्ली सर्राफा बाजार: ₹2,000 की गिरावट के बाद ₹99,200 प्रति किलोग्राम

  • इंदौर: 23 मई को ₹350 की गिरावट, नई कीमत ₹97,850 प्रति किलोग्राम

 कीमतों में गिरावट के कारण

  1. हालिया ऊंचाई से मुनाफावसूली

  2. वैश्विक स्तर पर कमजोर मांग संकेत

  3. भारतीय रुपया मजबूत होने से इम्पोर्ट सस्ता हुआ

  4. शादी-ब्याह का सीजन ढलान पर – रिटेल मांग में गिरावट

आने वाले सप्ताह का अनुमान

  • वैश्विक बाजार में तेजी बनी रही तो दाम फिर से बढ़ सकते हैं

  • निवेशकों को चाहिए कि कमजोरी के समय खरीदारी करें

  • आर्थिक रिपोर्ट और वैश्विक घटनाक्रम पर नज़र रखें

24 मई को सोने-चांदी के भाव में जो गिरावट देखने को मिली है, वह बाजार की स्वाभाविक चाल का हिस्सा है। कीमतें अभी भी ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं, ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही निवेश निर्णय लें।

हर दिन के सोने-चांदी भाव, इन्वेस्टमेंट टिप्स और बाजार विश्लेषण के लिए जुड़े रहें KKNLive.com के साथ।

भूल चूक माफ बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे 1: जानिए कैसा रहा पहले दिन का प्रदर्शन

Bhool Chuk Maaf Box Office Collection Day 1: A Controlled Start – Will the Hype Last?

KKN गुरुग्राम डेस्क | राजकुमार राव और वामिका गब्बी की फिल्म भूल चूक माफ ट्रेलर रिलीज के बाद से ही चर्चा में थी। फिल्म की अनोखी टाइम लूप आधारित कहानी और विवादों ने दर्शकों की जिज्ञासा को बढ़ा दिया था। सवाल ये है – क्या इस चर्चा ने फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर फायदा पहुंचाया?

पहले दिन की कमाई का पूरा ब्योरा

फिल्म ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर अपने पहले दिन 6.75 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है। यह एक संतुलित शुरुआत मानी जा रही है।

राजकुमार राव की परफॉर्मेंस एक बार फिर बनारसी लड़के की झलक देती है, जो उन्होंने स्त्री और स्त्री 2 में निभाई थी। हालांकि, कुछ दर्शकों को इसमें नयापन कम महसूस हो सकता है।

 शहरवार प्रदर्शन और ऑडियंस रिस्पॉन्स

  • चेन्नई: केवल 14 शो में भी फिल्म को मिला 71% फुटफॉल – दर्शकों में जबरदस्त उत्साह

  • जयपुर: 32.75% सीटें भरी गईं

  • बेंगलुरु: थिएटरों में 25% उपस्थिति रही

यह प्रदर्शन दिखाता है कि फिल्म ने महानगरों में अच्छा रिस्पॉन्स पाया है, लेकिन छोटे शहरों में इसका असर अपेक्षाकृत कम रहा।

 राजकुमार राव की फिल्मों में ओपनिंग डे तुलना

पीछे छोड़ी ये फिल्में:

  • विकी विद्या का वो वाला वीडियो – ₹5.71 करोड़

अभी इनसे पीछे है:

  • स्त्री – ₹6.82 करोड़

  • मिस्टर एंड मिसेज माही – ₹6.85 करोड़

  • स्त्री-2 – ₹55.40 करोड़

इससे साफ है कि भूल चूक माफ ने मिड-रेंज ओपनिंग दर्ज की है। बड़ी हिट बनने के लिए इसे अब दूसरे और तीसरे दिन की कमाई पर निर्भर रहना होगा।

 क्या फिल्म बॉक्स ऑफिस पर टिकेगी?

फिल्म की सफलता अब इस बात पर टिकी है कि क्या यह पॉजिटिव वर्ड ऑफ माउथ कमा पाती है या नहीं।

प्लस पॉइंट्स:

  • अनोखी कहानी

  • अर्बन सेंटर में रिस्पॉन्स अच्छा

  • राजकुमार की फैन फॉलोइंग

चुनौतियां:

  • कॉन्सेप्ट बहुत ज्यादा मास अपील वाला नहीं

  • छोटे शहरों में कमजोर शुरुआत

  • आने वाली फिल्मों से टक्कर

 वीकेंड का अनुमान

यदि शनिवार और रविवार को दर्शकों की संख्या में इजाफा होता है, तो फिल्म का ओपनिंग वीकेंड कलेक्शन ₹20 करोड़ के आसपास जा सकता है। सोमवार का ट्रेंड फिल्म के भविष्य का निर्धारण करेगा।

फिल्म भूल चूक माफ ने पहले दिन औसत से थोड़ी बेहतर शुरुआत की है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह दर्शकों के दिलों में जगह बना पाएगी और बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ मजबूत रख पाएगी या नहीं।

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बिहार में मौसम का येलो और ऑरेंज अलर्ट: जानिए किन जिलों में आज वज्रपात और तेज़ आंधी का खतरा

Rajasthan Weather Update: Torrential Rain Causes Flooding

KKN गुरुग्राम डेस्क | मौसम विभाग ने बिहार के कई हिस्सों में आज आंधी और वज्रपात को लेकर येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश भी हो सकती है। उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार दोनों ही क्षेत्रों में अलग-अलग स्तर की मौसमी गतिविधियों की संभावना जताई गई है।

क्या होता है येलो और ऑरेंज अलर्ट?

  • येलो अलर्ट: सतर्कता की चेतावनी, जहां 30-40 किमी/घंटा की गति से हवा चल सकती है और वज्रपात की संभावना रहती है।

  • ऑरेंज अलर्ट: ज्यादा गंभीर चेतावनी, जिसमें 50-60 किमी/घंटा की तेज़ हवा और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका होती है।

आज किन जिलों में है ऑरेंज अलर्ट

  • पूर्वी चंपारण

  • पश्चिम चंपारण

  • गोपालगंज

  • सीवान

  • सारण

  • मुजफ्फरपुर

  • शिवहर

  • सीतामढ़ी

  • मधुबनी

  • दरभंगा

  • समस्तीपुर

  • वैशाली

इन जिलों में कहीं-कहीं तेज आंधी, वज्रपात और 50 से 60 किमी/घंटा की हवा चलने की संभावना है।

येलो अलर्ट वाले जिले

शेष सभी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां 30 से 40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा और वज्रपात की स्थिति बन सकती है।

शुक्रवार की मौसमी स्थिति

शुक्रवार को राज्य के अधिकतर हिस्सों में गर्मी और उमस बनी रही। बादलों की मौजूदगी ने रात के न्यूनतम तापमान को बढ़ाया।

  • 22 जिलों में बारिश (हल्की से मध्यम)

  • असरगंज (मुंगेर): सबसे अधिक बारिश 112.8 मिमी

  • शेखपुरा और समस्तीपुर (पूसा): सबसे ठंडे शहर – 22.1°C

  • रोहतास (डेहरी): सबसे गर्म – 40°C

24 से 31 मई तक बारिश का पूर्वानुमान

पटना मौसम केंद्र के अनुसार, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी नमीयुक्त हवाओं के प्रभाव से आने वाले दिनों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, और एक-दो स्थानों पर तेज बारिश की भी संभावना है।

किसानों के लिए विशेष सलाह

  • कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें

  • खेतों में काम करते समय सतर्क रहें

  • खुले में अनाज न छोड़ें

पटना का आज का मौसम पूर्वानुमान

राजधानी पटना में आज बादल छाए रहने और एक-दो स्थानों पर बारिश के आसार हैं। शुक्रवार को भी शहर में बादलों की आवाजाही देखी गई।

शुक्रवार का तापमान:

  • अधिकतम: 36.1°C (सामान्य से 1.6°C अधिक)

  • न्यूनतम: 28.1°C (सामान्य से 1.7°C अधिक)

सावधानी और सुरक्षा सुझाव

  • आंधी-तूफान के समय घर से बाहर न निकलें

  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग न करें

  • पेड़ के नीचे शरण न लें

  • खेतों में कार्यरत किसान अलर्ट पर रहें

वृश्चिक राशिफल 24 मई 2025: लाइफ में सफलता के योग, जानिए आज का राशिफल

Daily Horoscope for 29th June 2025

KKN गुरुग्राम डेस्क | वृश्चिक राशि (Scorpio Sign) के जातकों के लिए 24 मई 2025 का दिन ऊर्जा से भरपूर है। ग्रहों की चाल और चंद्रमा की स्थिति आज आपको नई शुरुआत के लिए प्रेरित कर रही है। यदि आप लंबे समय से किसी बदलाव की प्रतीक्षा कर रहे थे, तो आज का दिन उस दिशा में पहला कदम बढ़ाने के लिए शुभ है। सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें, सफलता आपके कदम चूमेगी।

 वृश्चिक राशि लव राशिफल (Love Horoscope Scorpio)

रिश्तों में लाएं समझदारी और धैर्य

आज के दिन प्रेम संबंधों में थोड़ी सावधानी की जरूरत है। खासकर जब किसी बहस या टकराव की स्थिति बन रही हो, तो शब्दों के चयन में सतर्कता बरतें। छोटी-छोटी बातें भी बड़े झगड़े का कारण बन सकती हैं। पार्टनर के साथ अधिक समय बिताएं और उनकी बातों को ध्यान से सुनें।

  • लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं तो फोन या वीडियो कॉल के जरिए भावनाएं साझा करें।

  • मैरिड पुरुषों को ऑफिस में किसी प्रकार का रोमांटिक संबंध नहीं बनाना चाहिए, यह आपके पारिवारिक जीवन में तनाव ला सकता है।

  • जो लोग प्रेम संबंध में हैं, उनके लिए आज रोमांटिक डेट या खुलकर बात करना बेहतर साबित हो सकता है।

 वृश्चिक राशि करियर राशिफल (Career Horoscope Scorpio)

करियर में आगे बढ़ने का सुनहरा मौका

आज कार्यस्थल पर आपकी सक्रियता और जिम्मेदारी उठाने की क्षमता आपको सीनियर्स की नजरों में लाएगी। जो लोग नौकरी कर रहे हैं उन्हें कोई अहम प्रोजेक्ट मिल सकता है, जिससे भविष्य में पदोन्नति या वेतन वृद्धि के रास्ते खुल सकते हैं।

  • ऑफिस जल्दी पहुंचें और महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी लें।

  • सरकारी कर्मचारियों को शहर से बाहर ट्रांसफर या विशेष मिशन मिल सकता है।

  • उद्यमियों को फंडिंग या लाइसेंसिंग से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन धैर्य से निर्णय लें।

  • ऑफिस पॉलिटिक्स से दूर रहें, नहीं तो अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।

 वृश्चिक राशि आर्थिक राशिफल (Financial Horoscope Scorpio)

धन लाभ के प्रबल संकेत, सोच-समझकर करें निवेश

आर्थिक दृष्टि से आज का दिन वृश्चिक राशि के लोगों के लिए शुभ है। आय के नये स्रोत बन सकते हैं और पहले से किये गए निवेश से अच्छा रिटर्न मिलेगा। फाइनेंशियल प्लानिंग में समझदारी दिखाएं।

  • पार्ट-टाइम या फ्रीलांस काम से आय बढ़ेगी।

  • पुराने निवेशों से लाभ मिलेगा, विशेषकर SIP या म्यूचुअल फंड्स से।

  • इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खरीद सकते हैं, लेकिन लग्जरी वस्तुओं पर ज्यादा खर्च न करें।

  • कुछ जातक स्टॉक मार्केट या लॉटरी में हाथ आजमाने का सोच सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञ से सलाह लें।

वृश्चिक राशि स्वास्थ्य राशिफल (Health Horoscope Scorpio)

स्वास्थ्य में बरतें सतर्कता, दिल और कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचें

आज के दिन वृश्चिक राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना चाहिए। विशेषकर हृदय और कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी समस्याओं के संकेत मिल रहे हैं। खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

  • तले-भुने और अत्यधिक तेलयुक्त भोजन से बचें।

  • जूस, फल, सलाद को आहार में शामिल करें।

  • जो लोग जिम नहीं जा रहे हैं, वे हल्के योग या वॉक से शुरुआत करें।

  • गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार के एडवेंचर स्पोर्ट्स से दूर रहना चाहिए।

 विशेष सुझाव

  • आज अपनी योजना को अमल में लाने का उत्तम समय है।

  • सीनियर्स, परिवार और पार्टनर की सलाह को नज़रअंदाज़ न करें।

  • दिनभर उत्साहित और जागरूक रहें, छोटी सी चूक बड़ा नुकसान कर सकती है।

  • आध्यात्मिक अभ्यास या मेडिटेशन करने से मानसिक शांति मिलेगी।

24 मई 2025 का दिन वृश्चिक राशि वालों के लिए नए अवसरों से भरा हुआ है। चाहे वह करियर हो, प्रेम जीवन हो या आर्थिक स्थिति, हर क्षेत्र में सफलता मिलने के योग हैं। केवल जरूरत है तो सकारात्मक सोच, धैर्य और समझदारी की। आज का दिन आपके जीवन की दिशा बदल सकता है – इसे व्यर्थ न जाने दें।

अभिनेत्री निकिता दत्ता और उनकी मां को हुआ कोविड, सोशल मीडिया पर दी स्वास्थ्य जानकारी

Actress Nikita Dutta and her mother tested positive for COVID-19

बॉलीवुड अभिनेत्री निकिता दत्ता, जो ज्वेल थीफकबीर सिंह और कई हिट टीवी शोज़ में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए जानी जाती हैं, हाल ही में कोविड-19 पॉजिटिव पाई गई हैं। खास बात यह है कि उनकी मां भी इस संक्रमण की चपेट में आ गई हैं। निकिता ने खुद इस बात की जानकारी अपने इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए दी है।

जबकि देश के कई हिस्सों में कोविड की रफ्तार धीमी पड़ चुकी है, निकिता का यह अपडेट इस बात का प्रमाण है कि वायरस अब भी हमारे बीच मौजूद है और सतर्कता अभी भी उतनी ही जरूरी है।

निकिता दत्ता ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

23 मई 2025 को निकिता ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से एक स्टोरी शेयर करते हुए लिखा:

“कोविड मेरी मां और मुझे नमस्ते कहने आया है। उम्मीद है कि यह बिन बुलाया मेहमान ज्यादा दिन नहीं रुकेगा। इस छोटे से क्वारंटीन के बाद फिर मिलेंगे। सभी सुरक्षित रहें।”

इस संदेश के माध्यम से उन्होंने अपने फॉलोअर्स को सूचित किया कि वे और उनकी मां दोनों ही संक्रमित हैं और फिलहाल घर में ही आइसोलेशन में हैं। उनके इस ईमानदार और सहज पोस्ट को फैंस ने सराहा और हजारों लोगों ने उनके लिए दुआएं भेजीं।

कौन हैं निकिता दत्ता?

निकिता दत्ता एक जानी-मानी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने छोटे और बड़े पर्दे दोनों पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। टेलीविजन शो एक दूजे के वास्ते से लोकप्रियता हासिल करने वाली निकिता ने कबीर सिंहद बिग बुल और ज्वेल थीफ जैसी फिल्मों में भी शानदार अभिनय किया है।

वह सिर्फ अभिनय ही नहीं, बल्कि अपनी फिटनेस, वेलनेस और पॉजिटिव लाइफस्टाइल के लिए भी मशहूर हैं। ऐसे में उनका यह स्वास्थ्य अपडेट उनके फॉलोअर्स के लिए एक रियलिटी चेक भी है।

स्वास्थ्य स्थिति और लक्षण

हालांकि निकिता ने अपने लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है, लेकिन उनके संदेश से यह साफ है कि दोनों की स्थिति फिलहाल स्थिर है और वे होम आइसोलेशन में हैं। निकिता की उम्र और फिटनेस को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि वे जल्दी ठीक हो जाएंगी।

हालांकि उनकी मां की उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए फैंस उनके लिए विशेष चिंता जता रहे हैं।

भारत में कोविड-19 की स्थिति: मई 2025

2025 में भारत में महामारी का प्रकोप तो कम हो गया है, लेकिन कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। देश के कई शहरों में बीच-बीच में संक्रमण के छोटे-बड़े क्लस्टर सामने आते रहते हैं। खासकर मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहरी क्षेत्रों में फिल्म स्टूडियो और शूटिंग सेट कोविड के लिए संवेदनशील बने हुए हैं।

इसलिए प्रशासन बार-बार लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील कर रहा है।

बॉलीवुड में कोविड-19 से निपटने के उपाय

बॉलीवुड इंडस्ट्री ने शूटिंग के दौरान सुरक्षा के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जैसे:

  • कलाकारों और तकनीकी टीम का नियमित कोविड टेस्ट

  • सेट पर मेडिकल टीम की उपस्थिति

  • शूटिंग के समय को बांटना और भीड़भाड़ से बचाव

  • मास्क और सैनिटाइज़र का अनिवार्य प्रयोग

फिर भी, निकिता जैसे मामलों से पता चलता है कि संक्रमण का खतरा अब भी बरकरार है।

सेलेब्रिटी पारदर्शिता की अहमियत

बॉलीवुड में अक्सर सितारे अपनी समस्याएं सार्वजनिक नहीं करते, लेकिन निकिता दत्ता की पारदर्शिता एक सकारात्मक उदाहरण है। उन्होंने यह दिखाया कि एक सार्वजनिक व्यक्ति होने के बावजूद बीमारी को छुपाना नहीं, बल्कि साझा करना ज्यादा जिम्मेदारी भरा कदम है।

उनका यह कदम न केवल जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि समाज में बीमारी को लेकर बनी झिझक को भी तोड़ता है। इससे लोग समय रहते टेस्ट करवा सकते हैं और संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं।

फैंस की प्रतिक्रिया

निकिता की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर फैंस ने प्यार और शुभकामनाओं की बाढ़ ला दी। कई बॉलीवुड सेलेब्स ने भी उनके साहस और ईमानदारी की तारीफ की। एक फैन ने लिखा, “आपका हिम्मत वाला रवैया इंस्पायरिंग है, जल्द स्वस्थ हों।” वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, “आप और आपकी मां के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।”

सावधानी की जरूरत: आम लोगों के लिए सुझाव

निकिता के केस से हमें एक बार फिर याद आता है कि सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। आम लोग इन बातों का विशेष ध्यान रखें:

  1. लक्षण नजर आते ही टेस्ट करवाएं
    बुखार, खांसी, कमजोरी जैसे लक्षण को नजरअंदाज न करें।

  2. भीड़-भाड़ वाली जगहों में मास्क जरूर पहनें
    मॉल, थिएटर, सार्वजनिक वाहन आदि में मास्क जरूरी है।

  3. घर में बुजुर्गों का खास ध्यान रखें
    संक्रमण से उन्हें अधिक खतरा होता है।

  4. बीमार होने पर घर में रहें
    दूसरों को संक्रमित होने से बचाने के लिए आइसोलेशन में रहें।

  5. दूसरों के प्रति सहानुभूति रखें
    बीमार व्यक्ति को दोष देने के बजाय उनका साथ दें।

निकिता दत्ता के आगामी प्रोजेक्ट्स

निकिता दत्ता वर्तमान में कई पेशेवर प्रोजेक्ट्स में व्यस्त हैं:

  • उनका एक नया OTT शो इस साल के अंत तक रिलीज होने वाला है

  • ब्रांड एंडोर्समेंट और शूटिंग प्रोजेक्ट्स भी लाइन में हैं

  • एक रोमांटिक थ्रिलर फिल्म की प्री-प्रोडक्शन मीटिंग्स चल रही थीं

स्वास्थ्य ठीक होते ही वे इन कामों को दोबारा शुरू करेंगी। उनकी टीम के अनुसार, वह वर्चुअल तरीके से जुड़े रहने की कोशिश कर रही हैं।

निकिता दत्ता और उनकी मां का कोविड पॉजिटिव होना इस बात की याद दिलाता है कि वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है। उनकी ईमानदारी, धैर्य और अपने फैंस को आश्वस्त करने का तरीका बेहद सराहनीय है।

उनकी इस जिम्मेदार पहल से यह भी सीखने को मिलता है कि स्वास्थ्य समस्याओं को छिपाने के बजाय खुलेपन और जागरूकता से निपटना ही बेहतर विकल्प है।

निकिता के फैंस, बॉलीवुड के साथी और पूरा इंडस्ट्री परिवार उनके और उनकी मां के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

बिहार की जाति आधारित राजनीति: चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी और उपेंद्र कुशवाहा की ताकत का विश्लेषण

Caste-Based Politics in Bihar: Evaluating the Strength of Chirag Paswan, Jitan Ram Manjhi, Mukesh Sahani, and Upendra Kushwaha

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार की राजनीति में जाति की भूमिका हमेशा से निर्णायक रही है। जहां देश के कई राज्यों में विचारधारा और विकास के मुद्दे चुनावों का केंद्र होते हैं, वहीं बिहार में जातीय समीकरण आज भी सत्ता की चाबी हैं। विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक, वोटों का गणित जातीय संतुलन से तय होता है।

बिहार में इस जाति-आधारित राजनीति को आकार देने वाले प्रमुख नेता हैं — चिराग पासवानजीतन राम मांझीमुकेश सहनी और उपेंद्र कुशवाहा। ये सभी नेता अपने-अपने समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं और राज्य की क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भले ही जेडीयू, राजद और भाजपा जैसे बड़े दल वर्चस्व में हों, लेकिन ये जातीय दल गठबंधन राजनीति और वोट बैंक साधने में अहम किरदार निभाते हैं।

बिहार में जातीय राजनीति का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

जाति बिहार की राजनीति में हमेशा से प्रभावी रही है, लेकिन मंडल आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद इसने एक नया मोड़ लिया। पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग और दलित समाज में राजनीतिक चेतना का विस्तार हुआ।

लालू प्रसाद यादव (यादव समुदाय), नीतीश कुमार (कुर्मी) और रामविलास पासवान (दलित) जैसे नेताओं ने जाति को आधार बनाकर राजनीति की एक नई धारा स्थापित की। आज उनके दिखाए रास्ते पर नए नेता चल रहे हैं और जातीय समर्थन जुटाकर अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रहे हैं।

चिराग पासवान: युवा दलित चेहरे की नई उम्मीद

  • पार्टी: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)

  • जातीय आधार: पासवान (दलित)

  • राजनीतिक प्रभाव: मध्यम से उच्च

चिराग पासवान, दिवंगत नेता रामविलास पासवान के बेटे हैं और एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख हैं। वे बिहार के प्रमुख दलित समुदाय — पासवानों — का नेतृत्व करते हैं। 2020 विधानसभा चुनावों में उन्हें झटका जरूर लगा, लेकिन जमुई, खगड़िया और हाजीपुर जैसे इलाकों में उनका प्रभाव अभी भी बरकरार है।

वे खुद को युवा नेतृत्व के रूप में प्रस्तुत करते हैं जो दलित अधिकार, बुनियादी ढांचे के विकास और राष्ट्रवाद को प्रमुखता देते हैं। भाजपा से संभावित गठबंधन उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर ताकतवर बनाता है, भले ही उनका जनाधार सीमित हो।

जीतन राम मांझी: अनुभवी दलित नेता

  • पार्टी: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) – HAM(S)

  • जातीय आधार: मुसहर (महादलित)

  • राजनीतिक प्रभाव: कम से मध्यम

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी महादलित समुदाय के वरिष्ठ नेता हैं। उनकी पार्टी का जनाधार सीमित है लेकिन विशेष परिस्थितियों में उनकी भूमिका ‘किंगमेकर’ की हो जाती है।

महागठबंधन और एनडीए दोनों में वे समय-समय पर सहयोगी रहे हैं। उनकी पार्टी की असली ताकत रणनीतिक गठबंधन में छिपी है, जहां वे सीमित वोट शेयर के बावजूद महत्वपूर्ण बन जाते हैं।

मुकेश सहनी: “सहनी का बेटा” और ईबीसी का उभरता चेहरा

  • पार्टी: विकासशील इंसान पार्टी (VIP)

  • जातीय आधार: निषाद/सहनी (EBC)

  • राजनीतिक प्रभाव: बढ़ता हुआ

मुकेश सहनी, एक समय के बॉलीवुड सेट डिजाइनर, अब निषाद समुदाय के सबसे मुखर नेता हैं। “सहनी का बेटा” टैगलाइन के साथ उन्होंने बिहार की मछुआरा जातियों को एकजुट किया है।

2020 में वे एनडीए के साथ रहे, लेकिन अब स्वतंत्र राह पर हैं। भले ही विधानसभा में कोई सीट न मिली हो, लेकिन भागलपुर, पटना और गोपालगंज जैसे इलाकों में उनका प्रभाव बढ़ रहा है।

उनकी मांग है कि निषाद समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा मिले — यही उनकी राजनीति का मुख्य एजेंडा है।

उपेंद्र कुशवाहा: कोइरी/कुशवाहा समुदाय के नेता

  • पार्टी: राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLJD)

  • जातीय आधार: कोइरी/कुशवाहा (OBC)

  • राजनीतिक प्रभाव: मध्यम

पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा अब अपनी पार्टी RLJD के माध्यम से कुशवाहा समुदाय का नेतृत्व कर रहे हैं।

वे पहले भाजपा और बाद में राजद गठबंधन का हिस्सा रहे, लेकिन स्थायी आधार नहीं बना पाए। बावजूद इसके, बक्सर, भोजपुर और औरंगाबाद जैसे क्षेत्रों में उनका जातीय समर्थन बना हुआ है, जो उन्हें गठबंधन राजनीति में प्रासंगिक बनाता है।

नेताओं की राजनीतिक पूंजी का तुलनात्मक विश्लेषण

नेता जातीय आधार राजनीतिक पार्टी 2020 विधानसभा प्रदर्शन 2024 लोकसभा संभावनाएं मुख्य ताकत
चिराग पासवान पासवान (दलित) LJP (रामविलास) सहयोगियों से 1 सीट जमुई, हाजीपुर में मजबूत राष्ट्रीय पहचान
जीतन राम मांझी मुसहर (महादलित) HAM(S) 4 सीटें सीमित क्षेत्रीय प्रभाव अनुभव और वरिष्ठता
मुकेश सहनी निषाद (EBC) VIP 0 सीटें वोट बैंक विभाजन की क्षमता जनप्रिय प्रचार शैली
उपेंद्र कुशवाहा कुशवाहा (OBC) RLJD न्यूनतम भोजपुर में मध्यम प्रभाव नीति आधारित राजनीति

गठबंधन की राजनीति में भूमिका

इन नेताओं के पास भले ही व्यापक जनाधार न हो, लेकिन गठबंधन की राजनीति में इनकी भूमिका बेहद अहम है। ये नेता 2–5% वोट शेयर पर प्रभाव डाल सकते हैं, जो कि त्रिकोणीय या बहुकोणीय मुकाबलों में जीत-हार तय कर सकता है।

भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल हों या जेडीयू और राजद जैसे क्षेत्रीय दल — इन नेताओं की संख्यात्मक से अधिक रणनीतिक अहमियत है।

चुनौतियाँ और भविष्य की राह

  • नेतृत्व उत्तराधिकार: चिराग ने पिता की विरासत संभाली है, लेकिन मांझी और कुशवाहा जैसे नेताओं के बाद का नेतृत्व स्पष्ट नहीं है।

  • जाति से आगे बढ़ने की जरूरत: इन पार्टियों को विकास, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा।

  • युवाओं से जुड़ाव: चिराग और सहनी सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार के जरिए युवाओं को बेहतर तरीके से प्रभावित कर रहे हैं।

  • गठबंधन में स्थिरता: बार-बार पाला बदलना भरोसे को कमजोर करता है, स्थिरता जरूरी है।

बिहार की जाति-आधारित राजनीति में चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी और उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेता भले ही अकेले चुनाव न जीत सकें, लेकिन वे गठबंधन निर्माण में सबसे जरूरी कड़ी हैं।

आगामी चुनावों में इनकी भूमिका न केवल सीटों की गणना तय करेगी बल्कि राजनीतिक विमर्श, नीतियों और वोटर सोच को भी दिशा देगी। यह इन्हीं पर निर्भर करता है कि ये नेता केवल जाति तक सीमित रहेंगे या एक नए बिहार के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब पाकिस्तान का क्या होगा

राजस्थान की वीर भूमि से उठा प्रधानमंत्री का गर्जन – और कांप उठा पाकिस्तान! क्या ये सिर्फ शब्द हैं या युद्ध की अगुवाई…? प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा, वो भारत के इतिहास में एक टर्निंग पॉइंट हो सकता है।  ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब भारतीय सेना ने आतंक के अड्डों को जमींदोज़ किया,  तब पाकिस्तान ने फिर साजिश की…  लेकिन अब भारत चुप नहीं रहेगा… भारत अब जवाब नहीं, हिसाब करता है!

YRKKH 23 मई एपिसोड: बंसल हाउस पर कृष का राज, अरमान की भावनात्मक टूटन और मायरा के सवाल ने मचाया हड़कंप

 YRKKH 23 May Update: Krish Rules Bansal House, Armaan’s Emotional Outburst Shakes Everyone

KKN गुरुग्राम डेस्क | ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ का 23 मई 2025 का एपिसोड भावनाओं से भरपूर, टकरावों से जुड़ा और पारिवारिक राजनीति की जटिलताओं से भरा रहा। बंसल हाउस (पूर्व में पौद्दार हाउस) में अब पारंपरिक सत्ता नहीं, बल्कि कृष का वर्चस्व देखने को मिलता है। वहीं, अरमान और अभिरा की पुरानी यादें एक नए मोड़ पर आकर भावनात्मक विस्फोट करती हैं। मायरा की मासूम जिज्ञासा पूरी कहानी को और उलझा देती है। आइए इस एपिसोड की पूरी जानकारी विस्तार से जानते हैं।

विद्या और कावेरी की उदासी देख भड़की अभिरा

एपिसोड की शुरुआत होती है अभिरा से, जो विद्या और कावेरी के चेहरे पर उदासी देखकर पूछती है कि उन्हें दुख किसने दिया — फूफा-सा ने या कृष ने? विद्या खुलासा करती हैं कि यह दुख कृष के कारण है। यह सुनकर अभिरा गुस्से में आ जाती है और कृष से बात करना चाहती है। लेकिन कावेरी और विद्या उसे रोक लेती हैं। कावेरी पुरानी यादों में खो जाती हैं, जिसे देखकर अभिरा और विद्या उन्हें समझाने की कोशिश करती हैं।

बंसल हाउस पर चलता है सिर्फ कृष का हुक्म

अब पौद्दार हाउस को बंसल हाउस कहा जाता है और यहां रहने वाले सभी सदस्य — चाचा-सा, चाची-सा, कियारा, काजल, कृष और फूफा-सा — एक छत के नीचे हैं। पर असल सत्ता अब किसी बुजुर्ग या परंपरा के पास नहीं, बल्कि कृष के पास है। घर के सभी फैसले उसके अनुसार होते हैं। चाहे वह घरेलू मामला हो या व्यक्तिगत — सब कुछ कृष की अनुमति से ही होता है।

कियारा की शादी में जाने की इच्छा पर कटाक्ष

कियारा अंजलि की शादी में जाने की अनुमति कृष से मांगती है। इस पर कृष तंज कसते हुए कहता है कि जब खुद की शादी नहीं संभाल पाई तो दूसरों की शादी में जाकर क्या करेगी? कियारा यह सुनकर उदास हो जाती है, लेकिन कृष बाद में उसे जाने की अनुमति भी देता है और पैसे भी देता है। यह स्पष्ट करता है कि कृष न केवल फैसले लेता है बल्कि अपनी बातों से दूसरों को नीचा दिखाना भी जानता है।

अभिरा को हुआ विद्या और दादी के साथ हुए फ्रॉड का शक

अभिरा को यह पता चलता है कि विद्या और दादी-सा को किसी ने आर्थिक धोखाधड़ी का शिकार बनाया है। वह बिना देर किए बैंक मैनेजर से भिड़ जाती है और जवाब मांगती है। यह दृश्य दिखाता है कि अभिरा सिर्फ भावनाओं में बहने वाली महिला नहीं है, बल्कि अन्याय के खिलाफ खड़ी होने वाली एक मजबूत किरदार भी है।

मायरा ने अरमान और गीतांजलि को बताया अपने पेरेंट्स

दूसरी तरफ, मायरा कुछ अजनबियों के सामने अरमान और गीतांजलि को अपने माता-पिता बताती है। अरमान तुरंत सफाई देता है कि गीतांजलि उसकी मां नहीं है, लेकिन मायरा मासूमियत से कहती है कि जो उसका ख्याल रखती है वही उसकी मां है। यह संवाद दर्शकों के दिल को छू जाता है।

मायरा का सवाल: “मेरी असली मां कौन है?”

मायरा का अगला सवाल अरमान को झकझोर देता है — “मेरी असली मां कौन है?” अरमान इसे टालने की कोशिश करता है, लेकिन मायरा अपनी जिद पर अड़ी रहती है। वह कहती है कि उसे यह जानने का अधिकार है। अरमान के लिए यह सवाल केवल एक प्रश्न नहीं, बल्कि एक भावनात्मक तूफान है जो उसकी पुरानी ज़िंदगी को फिर से खंगाल देता है।

अभिरा की कल्पना में उलझा अरमान

मायरा के सवालों से परेशान अरमान, अपनी कल्पनाओं में अभिरा को देखने लगता है। वह सोचता है कि अगर अभिरा सामने होती तो वह क्या सवाल करती? इस कल्पना और वास्तविकता के बीच जूझते हुए अरमान खुद पर काबू नहीं रख पाता और पूकी पर गुस्सा निकाल देता है।

एपिसोड के प्रमुख विषय

  • सत्ता और नियंत्रण: बंसल हाउस में कृष का प्रभुत्व इस बात का संकेत है कि पारिवारिक सत्ता अब बुजुर्गों के हाथ में नहीं रही।

  • मातृत्व और पहचान: मायरा के सवाल, कि मां वही होती है जो ख्याल रखे — पारंपरिक सोच को चुनौती देते हैं।

  • सच्चाई से भागना: अरमान की हिचकिचाहट यह दिखाती है कि कभी-कभी सच्चाई बताना सबसे मुश्किल काम होता है।

  • नारी शक्ति: अभिरा का मजबूत रवैया इस बात का उदाहरण है कि महिलाएं जब चाहें, किसी भी अन्याय के खिलाफ खड़ी हो सकती हैं।

किरदारों की भूमिका में बदलाव

  • अभिरा: निडर, सशक्त और न्याय के लिए लड़ने वाली नायिका।

  • अरमान: भीतर से टूटा हुआ, असमंजस में घिरा और भावनात्मक रूप से डांवाडोल।

  • कृष: सत्ता के शीर्ष पर लेकिन नैतिकता से दूर।

  • मायरा: मासूम, जिज्ञासु और भावनात्मक गहराई से भरपूर।

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ का 23 मई का एपिसोड दर्शकों को भावनात्मक, सामाजिक और पारिवारिक जटिलताओं की गहराई तक ले जाता है। एक ओर जहां कृष की सत्ता घर में भय का माहौल बनाती है, वहीं अभिरा और मायरा अपने-अपने सवालों से दर्शकों का दिल जीत लेती हैं।

यह एपिसोड न सिर्फ पारिवारिक नाटक का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि रिश्तों में सच्चाई, अधिकार और प्रेम कितना अहम होता है।

Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin: सवी की वापसी से बढ़ी शो की TRP, भाविका शर्मा की री-एंट्री पर मेकर्स ने दी प्रतिक्रिया

Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin Off Air: Is Declining TRP Leading to the Show’s Shutdown?

KKN गुरुग्राम डेस्क | स्टार प्लस का हिट शो “गुम है किसी के प्यार में (GHKKPM)” एक बार फिर चर्चा में है। हाल ही में शो में सवी के किरदार में भाविका शर्मा की धमाकेदार वापसी हुई है और इसके साथ ही शो की TRP में बड़ा उछाल देखा गया है।

बीते कुछ हफ्तों से शो की रेटिंग में गिरावट आ रही थी, लेकिन जैसे ही भाविका ने दोबारा एंट्री की, दर्शकों की रुचि फिर से जाग उठी। अब शो टॉप 5 की रेस में वापसी कर चुका है।

 क्यों खास है सवी का किरदार?

सवी शो की एक अहम और पसंदीदा किरदार रही है, जिसे भाविका शर्मा ने जीवंत बनाया था। वह निडर, मजबूत और भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई एक महिला का प्रतीक बनीं। जब वह शो से बाहर हुईं, तो दर्शकों को उनकी कमी साफ महसूस हुई।

भाविका की वापसी ने न सिर्फ शो की कहानी में नया मोड़ जोड़ा है, बल्कि दर्शकों की भावनाओं को भी गहराई से छू लिया है।

TRP में जबरदस्त उछाल

BARC (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) के आंकड़ों के अनुसार, सवी की री-एंट्री के बाद से शो की टीआरपी में 40% तक का इजाफा दर्ज किया गया है। एक हफ्ते पहले जहां शो की रेटिंग 1.5 के आसपास थी, वहीं वापसी के सप्ताह में यह 2.4 तक पहुंच गई।

एक इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने बताया:

“भाविका शर्मा के किरदार में दर्शकों का जुड़ाव बेहद गहरा है। उनकी स्क्रीन पर वापसी ने दर्शकों को फिर से टीवी सेट्स के सामने ला खड़ा किया है।”

 मेकर्स का बयान: “हम जानते थे कि दर्शक सवी को मिस कर रहे हैं”

शो की प्रोडक्शन टीम से जुड़े एक वरिष्ठ सदस्य ने इस फैसले पर बात करते हुए कहा:

“हम जानते थे कि सवी का किरदार दर्शकों के दिल के करीब है। इसलिए हमने कहानी को इस तरह मोड़ा कि भाविका की वापसी स्वाभाविक लगे। उनकी वापसी ने पूरी टीम में एक नई ऊर्जा भर दी है।”

 फैंस की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर मची धूम

जैसे ही सवी की वापसी का प्रोमो टीवी पर प्रसारित हुआ, #SaviIsBack#BhavikaSharma और #GHKKPM जैसे हैशटैग ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रेंड करने लगे।

फैंस ने क्या कहा?

  • “अब शो में जान आ गई है। सवी के बिना कुछ अधूरा था।”

  • “भाविका की एक्टिंग और डायलॉग डिलीवरी कमाल की है। शो फिर से देखने लायक बना है।”

  • “थैंक यू मेकर्स, आपने सवी को वापस लाकर सही फैसला लिया।”

फैंस ने इंस्टाग्राम पर एडिटेड वीडियो, रील्स और पोस्ट की भरमार कर दी है।

 कहानी में नया ट्विस्ट

भाविका की वापसी सिर्फ कास्टिंग चेंज नहीं, बल्कि कहानी में एक बड़ा मोड़ भी है। उनकी एंट्री के साथ ही:

  • पुराने रिश्तों की परतें खुल रही हैं

  • नए सस्पेंस और इमोशनल मोमेंट्स सामने आ रहे हैं

  • लव ट्रायंगल या फैमिली ड्रामा जैसे एंगल्स विकसित हो रहे हैं

शो की स्क्रिप्ट को इस वापसी के हिसाब से बेहद सलीके से लिखा गया है ताकि सवी की एंट्री दर्शकों के लिए यादगार बन जाए।

 पर्दे के पीछे की कहानी

सूत्रों की मानें तो:

  • भाविका की वापसी पर पिछले कई हफ्तों से चर्चा चल रही थी।

  • सोशल मीडिया पोल्स, फीडबैक और व्यूअर रिसर्च में दर्शकों ने उनकी वापसी की जबरदस्त मांग की।

  • शूटिंग शेड्यूल और कहानी की री-स्टक्चरिंग के बाद भाविका ने वापसी की हामी भरी।

एक टीम मेंबर ने बताया:

“भाविका तभी लौटना चाहती थीं जब उन्हें कहानी में मजबूती से पेश किया जाए। उनकी यह शर्त प्रोडक्शन टीम ने पूरी की।”

 अन्य शोज़ से मुकाबला

सवी की वापसी के बाद GHKKPM फिर से टॉप हिंदी सीरियल्स की लिस्ट में शामिल हो गया है। अब इसका मुकाबला हो रहा है:

  • अनुपमा

  • इमली

  • ये रिश्ता क्या कहलाता है

प्राइम टाइम (8 से 10 बजे) के स्लॉट में GHKKPM ने एक बार फिर मजबूत पकड़ बनाई है।

 भाविका शर्मा ने क्या कहा?

भाविका ने एक इंटरव्यू में अपनी वापसी पर कहा:

“मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपने घर लौट आई हूं। सवी सिर्फ एक किरदार नहीं है, बल्कि मेरी पहचान बन चुकी है। दर्शकों से मिला प्यार दिल को छूने वाला है।”

उन्होंने यह भी कहा कि इस बार उनका किरदार और भी मजबूत, गहराई वाला और प्रेरणादायक होगा।

 ब्रांड्स और विज्ञापनदाताओं की वापसी

TRP बढ़ने से ब्रांड्स और विज्ञापनदाताओं का भरोसा भी शो पर लौटा है। अब शो के दौरान:

  • FMCG प्रोडक्ट्स

  • महिलाओं से जुड़ी वस्तुएं

  • डिजिटल ऐप्स और ओटीटी प्रमोशंस

के विज्ञापन फिर से दिखने लगे हैं, जिससे शो की कमर्शियल वैल्यू में भी इजाफा हुआ है।

आगे क्या होगा?

मेकर्स शो में:

  • रक्षाबंधन या गणेश चतुर्थी के आसपास स्पेशल एपिसोड

  • क्रॉसओवर एपिसोड्स

  • हाई वोल्टेज ड्रामा

जैसे कई सरप्राइज एलिमेंट्स प्लान कर रहे हैं। कहानी को अब और भावनात्मक और रोमांचक बनाने पर ज़ोर है।

Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री व्रत कब है, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्त्व की पूरी जानकारी

Vat Savitri Vrat 2025: When is Vat Savitri Vrat, complete information

KKN गुरुग्राम डेस्क | वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। 2025 में यह व्रत सोमवार, 26 मई को मनाया जाएगा।

इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और वट वृक्ष (बरगद का पेड़) की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करती हैं। यह व्रत सावित्री और सत्यवान की पौराणिक कथा पर आधारित है, जिसमें सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और भक्ति से यमराज से अपने पति के प्राण वापस ले लिए थे।

 वट वृक्ष की पूजा का महत्व

वट वृक्ष को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। मान्यता है कि इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महादेव का वास होता है। वट वृक्ष की पूजा करने से तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

व्रत करने वाली महिलाएं वट वृक्ष की परिक्रमा करती हैं, कच्चा सूत बांधती हैं और पूजन सामग्री अर्पित करती हैं। यह परंपरा पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती, दीर्घायु और कल्याण का प्रतीक है।

वट सावित्री व्रत 2025: शुभ मुहूर्त

26 मई 2025 को व्रत के दिन कुल तीन प्रमुख शुभ मुहूर्त बन रहे हैं:

पूजा मुहूर्त समय मुहूर्त का प्रकार
पहला मुहूर्त सुबह 8:52 से 10:25 बजे तक शुभ चौघड़िया
दूसरा मुहूर्त 11:51 से दोपहर 12:46 बजे तक अभिजीत मुहूर्त
तीसरा मुहूर्त दोपहर 3:45 से शाम 5:28 बजे तक दोपहर पूजन योग

इन समयों में से किसी एक में व्रती महिलाएं व्रत पूजन कर सकती हैं, हालांकि अभिजीत मुहूर्त को सबसे शुभ माना जाता है।

 वट सावित्री व्रत 2025 की पंचांग जानकारी

  • नक्षत्र: भरणी (सुबह 08:23 तक)

  • योग: शोभन (सुबह 07:01 तक), फिर अतिगण्ड (रात्रि 26:54 तक)

  • करण: शकुनि (दोपहर 12:11 तक), चतुष्पाद (रात्रि 22:21 तक)

  • सूर्य राशि: वृषभ

  • चंद्र राशि: वृषभ (दोपहर 13:40 तक)

  • गुलिक काल: 14:01 से 15:44 बजे तक

  • अमृत काल: 27:25 से 28:50 (अगली सुबह)

 वट सावित्री व्रत की पूजा सामग्री

व्रत पूजन के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • अगरबत्ती, धूपबत्ती

  • सात प्रकार के अनाज

  • सावित्री-सत्यवान की मूर्ति या चित्र

  • काला चना

  • मिठाई

  • दीया (घी वाला)

  • कच्चा सूत, चावल, कुमकुम, हल्दी

  • पान के पत्ते

  • मौसमी फल (जैसे आम, खरबूजा, तरबूज)

  • व्रत कथा पुस्तक

इन सभी सामग्री को थाली में सजाकर व्रती महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं।

 व्रत विधि: वट सावित्री पूजन कैसे करें?

  1. प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. पूजन सामग्री से सजी थाली तैयार करें।

  3. नजदीकी वट वृक्ष के पास जाएं।

  4. वट वृक्ष की सात परिक्रमा करें और कच्चा सूत (धागा) पेड़ के चारों ओर लपेटें।

  5. दीपक जलाएं, धूप-दीप से पूजा करें और व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें।

  6. व्रत के दौरान मंत्रों का जाप करें।

  7. अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें।

 मंत्र जो व्रत में पढ़े जाते हैं

पति की दीर्घायु और गृहकल्याण के लिए महिलाएं निम्न मंत्रों का जाप करती हैं:

  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”

  • “ॐ सावित्री सत्यवानाय नमः”

  • “ॐ त्र्यंबकं यजामहे…” (महामृत्युंजय मंत्र)

इन मंत्रों का श्रद्धा और भक्ति से जाप करने से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ता है।

व्रत का लाभ और धार्मिक विश्वास

वट सावित्री व्रत करने से निम्नलिखित लाभ माने जाते हैं:

  • पति की लंबी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य

  • वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य

  • परिवार की समृद्धि और सुख-शांति

  • नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा

  • संतान सुख और वंशवृद्धि का आशीर्वाद

साथ ही, यह व्रत सतित्व, नारी शक्ति और दृढ़ निश्चय का प्रतीक भी है।

 कहां-कहां मनाया जाता है यह व्रत?

वट सावित्री व्रत खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और दिल्ली में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इसे वट पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है, जो कुछ दिन बाद आता है।

“जब सिंदूर बारूद बन जाता है तो दुनिया देखती है क्या होता है” — बीकानेर में बोले पीएम मोदी

India Surpasses Japan to Become the World’s 4th Largest Economy: IMF Report Signals Further Growth Ahead

KKN गुरुग्राम डेस्क | बीकानेर (राजस्थान): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और पाकिस्तान पर कड़े रुख को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने केवल 22 मिनट में पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 बड़े आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सेनाओं को पूरी छूट दी है और हमारे जवानों ने मिलकर ऐसा रणनीतिक चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

 “जब सिंदूर बारूद बन जाता है…”

प्रधानमंत्री मोदी का सबसे चर्चित बयान रहा:

“दुनिया ने देख लिया कि जब सिंदूर बारूद बन जाता है, तो क्या होता है।”

यह बयान जनता के बीच जोश भरने वाला था और सोशल मीडिया पर भी यह #SindoorToBarood ट्रेंड करने लगा। इस बयान में उन्होंने भारतीय परंपरा और ताकत को जोड़ते हुए एक सांस्कृतिक और सैन्य संदेश दिया।

22 मिनट में तबाह किए गए 9 आतंकी अड्डे

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने आतंकी हमले का जवाब देने में देरी नहीं की और 22 मिनट की कार्रवाई में 9 बड़े आतंकी ठिकानों को खत्म कर दिया गया। यह हमला पूरी तरह सटीकआधुनिक हथियारों और इंटेलिजेंस आधारित ऑपरेशन पर आधारित था।

“हमने 22 अप्रैल को हमला झेला और 22 मिनट में दुश्मन को सबक सिखा दिया,” – पीएम मोदी

यह जवाब ऑपरेशन सिंदूर के नाम से चर्चित हो रहा है और इसे भारत की नई सैन्य नीति का उदाहरण माना जा रहा है।

सेना को मिली पूरी छूट

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सेना को नीतिगत और संचालनात्मक छूट दी है। अब सेना को निर्णय लेने के लिए राजनीतिक हरी झंडी का इंतजार नहीं करना पड़ता। यही कारण है कि आज भारतीय सेना त्वरित निर्णय लेकर सफल ऑपरेशन कर रही है।

“हमारी तीनों सेनाओं ने मिलकर पाकिस्तान के आतंकवाद को ऐसा जवाब दिया है कि उन्हें संभलने का मौका तक नहीं मिला।”

 बीकानेर से संदेश क्यों?

बीकानेर राजस्थान का सीमा क्षेत्र है और पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ जिला है। यहां से इस तरह का राष्ट्रीय सुरक्षा पर आधारित भाषण देना रणनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है। यह न केवल सीमा पर रहने वाले नागरिकों को भरोसा देने का काम करता है, बल्कि राजनीतिक संदेश भी देता है कि सरकार आतंकी खतरे को हल्के में नहीं ले रही।

 22 अप्रैल का हमला: पृष्ठभूमि

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 हिंदू नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। हमले को धार्मिक आधार पर लक्षित हत्या माना गया और भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इसके पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ बताया।

इसके बाद भारत सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कर दिया कि अब आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई होगी, चाहे वो पाकिस्तान में कहीं भी हों।

सामरिक प्रभाव

भारत की इस त्वरित कार्रवाई से कई अहम सामरिक संदेश गए:

  • पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को भारी नुकसान

  • भारत की इंटेलिजेंस और सैन्य समन्वय क्षमता का प्रदर्शन

  • रणनीतिक संयम के साथ आक्रामक नीति

  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना का मनोबल उच्च

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की यह रणनीति अब “सख्त जवाब, सीमित समय में” की नीति पर केंद्रित है।

भारत-पाक संबंधों पर असर

इस कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और बिगड़ गए हैं। पाकिस्तान की तरफ से अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य सतर्कता बढ़ा दी गई है। विश्लेषकों का मानना है कि भारत ने अब नियमों को बदल दिया है, और अब आतंकवाद का जवाब सीधा और सटीक होगा।

 जन प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया पर हलचल

प्रधानमंत्री के “सिंदूर बारूद बन गया” वाले बयान ने सोशल मीडिया पर नई चर्चा शुरू कर दी। Twitter/X, Instagram और Facebook पर लोग इस बयान को देशभक्ति का प्रतीक मानते हुए शेयर कर रहे हैं।

प्रमुख ट्रेंडिंग हैशटैग्स:

  • #SindoorToBarood

  • #ModiInBikaner

  • #IndiaStrikesBack

  • #OperationSindoor

एक यूज़र ने लिखा:

“अब देश चुप नहीं बैठता। आतंकवाद का जवाब आतंकवाद से नहीं, ताकत से मिलता है।”

 राजनीतिक दृष्टिकोण और 2025 का चुनावी प्रभाव

पीएम मोदी का यह भाषण आगामी लोकसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को प्रमुखता देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पहले भी, 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक को चुनावी मुद्दा बनाया गया था।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह भाषण खासतौर से युवा, सैनिक परिवारों और मध्य वर्ग को प्रभावित करेगा।

बिहार में जल्द होगी BPSC TRE-4 परीक्षा, 1.60 लाख से अधिक शिक्षकों की होगी नियुक्ति

BPSC Announces 7279 Teaching Vacancies for Special Schools in Bihar

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुधारने और सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से जल्द ही TRE-4 शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें 1.60 लाख से अधिक पदों पर शिक्षकों की बहाली की जाएगी।

राज्य के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि TRE-4 परीक्षा अगस्त की शुरुआत से पहले कराई जाएगी और 10 अगस्त 2025 तक सभी शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा।

 BPSC TRE-4 परीक्षा की मुख्य बातें

  • परीक्षा का आयोजन अगस्त से पहले किया जाएगा

  • 1,60,000 से अधिक शिक्षकों के पदों पर बहाली होगी

  • ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया 10 अगस्त तक पूरी होगी

  • दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष शिक्षकों की भी होगी नियुक्ति

  • 6,421 अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति जल्द होगी

  • सभी परीक्षाएं जैसे सक्षमता परीक्षा और विशेष शिक्षक परीक्षा भी समय पर होंगी

 किन पदों पर होगी नियुक्ति?

BPSC TRE-4 परीक्षा के तहत राज्यभर के सरकारी स्कूलों में निम्नलिखित पदों पर बहाली होगी:

  • प्राथमिक शिक्षक (कक्षा 1 से 5)

  • माध्यमिक शिक्षक (कक्षा 6 से 8)

  • हाई स्कूल शिक्षक (कक्षा 9 से 10)

  • उच्च माध्यमिक शिक्षक (कक्षा 11 से 12)

इस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित योग्यताएं पूरी करनी होंगी:

  • मान्यता प्राप्त संस्थान से बी.एड./डी.एल.एड.

  • CTET/STET उत्तीर्ण होना आवश्यक

  • उम्र सीमा सरकार के नियमानुसार होगी

 ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया भी होगी पूरी

शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के सभी वर्तमान शिक्षकों का स्थानांतरण और पदस्थापन 10 अगस्त 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। इससे उन शिक्षकों को फायदा मिलेगा जो वर्षों से दूरदराज के क्षेत्रों में कार्यरत हैं और अब अपने गृह जिले में नियुक्ति की आशा कर रहे हैं।

“हम शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रत्येक विद्यालय में पर्याप्त संख्या में शिक्षक होंगे, और इससे पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार होगा।” – सुनील कुमार, शिक्षा मंत्री

 दिव्यांग छात्रों के लिए 7,279 विशेष शिक्षक होंगे नियुक्त

शिक्षा मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि दिव्यांग छात्रों की शिक्षा के लिए विशेष शिक्षक बहाल किए जाएंगे। इसके लिए राज्य के स्कूलों की पहचान कर ली गई है और 7,279 पदों पर विशेष शिक्षकों की बहाली BPSC के माध्यम से की जाएगी।

इन शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे दिव्यांग छात्रों की जरूरतों को समझकर बेहतर शिक्षण प्रदान कर सकें।

 अनुकंपा नियुक्ति के तहत 6,421 पदों पर बहाली

राज्य सरकार ने उन उम्मीदवारों के लिए भी राहत की घोषणा की है जिनके परिजन सरकारी सेवा में रहते हुए निधन हो चुके हैं। ऐसे मामलों में 6,421 पदों पर अनुकंपा नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए सभी नियम तैयार कर लिए गए हैं और जल्द ही बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

 अन्य परीक्षाएं जैसे सक्षमता परीक्षा भी होंगी समय पर

शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि सक्षमता परीक्षा और विशेष शिक्षक परीक्षा भी अपने निर्धारित समय पर कराई जाएंगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक सभी लंबित बहालियों को पूरा किया जाए, ताकि नए सत्र में पढ़ाई में कोई बाधा न आए।

 TRE-4 भर्ती का महत्व

BPSC TRE-4 परीक्षा बिहार की अब तक की सबसे बड़ी शिक्षक बहाली प्रक्रिया में से एक होगी। इससे न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि राज्य में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इस परीक्षा के माध्यम से:

  • ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी दूर होगी

  • सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधरेगी

  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) को लागू करने में मदद मिलेगी

  • स्थानीय युवाओं को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे

 संभावित टाइमलाइन

प्रक्रिया अनुमानित तारीख
TRE-4 परीक्षा अधिसूचना जारी जून 2025
आवेदन की प्रक्रिया जून–जुलाई 2025
TRE-4 परीक्षा की संभावित तिथि जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत
शिक्षकों का ट्रांसफर व पोस्टिंग 10 अगस्त 2025 तक
विशेष शिक्षकों की बहाली अगस्त 2025 से शुरू
अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया अगस्त–सितंबर 2025 तक

 उम्मीदवारों के लिए सुझाव

जो अभ्यर्थी BPSC TRE-4 परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए:

  • पुराने सालों के प्रश्नपत्र हल करें

  • CTET/STET की तैयारी करें

  • B.Ed./D.El.Ed. से जुड़े दस्तावेज अपडेट रखें

  • BPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें

बिहार में सुधा दूध हुआ महंगा, उपभोक्ताओं को महंगाई का बड़ा झटका

Sudha milk becomes expensive in Bihar, consumers get a big shock due to inflation

KKN गुरुग्राम डेस्क | महंगाई की मार झेल रहे बिहारवासियों के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। राज्य की प्रमुख डेयरी सहकारी संस्था बिहार स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन (COMFED) ने लोकप्रिय सुधा ब्रांड के दूध की कीमतों में वृद्धि की घोषणा की है। नई दरें 22 मई 2025 से लागू कर दी गई हैं।

इस निर्णय के तहत सुधा के लगभग सभी दूध उत्पादों—गोल्ड, टोंड, डबल टोंड, शक्ति और काऊ मिल्क—की कीमतों में ₹2 से ₹3 प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की गई है। वहीं आधे लीटर पैक में ₹1 की बढ़ोतरी की गई है।

 नई कीमतें (1 लीटर के लिए)

दूध वेरिएंट पुरानी कीमत नई कीमत वृद्धि
सुधा गोल्ड मिल्क ₹62 ₹65 ₹3
सुधा टोंड मिल्क ₹49 ₹52 ₹3
सुधा डबल टोंड ₹45 ₹48 ₹3
सुधा शक्ति मिल्क ₹56 (अनुमान) ₹58 ₹2
सुधा काऊ मिल्क ₹50 (अनुमान) ₹52 ₹2

COMFED का कहना है कि यह मूल्य वृद्धि पूरे बिहार में लागू होगी और सभी रिटेल आउटलेट्स तथा डेयरी विक्रेताओं को इसकी जानकारी दे दी गई है।

 तीन वर्षों में ₹12 प्रति लीटर की वृद्धि

पिछले तीन वर्षों में सुधा दूध की कीमतों में कुल ₹12 प्रति लीटर तक की वृद्धि हो चुकी है। 2022 में जो दूध ₹53 में मिलता था, आज वही दूध ₹65 तक पहुंच चुका है। यह लगभग 25% वृद्धि है, जो आम उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर डाल रही है।

 COMFED का बयान: किसानों और उत्पादन लागत को देखते हुए लिया गया फैसला

COMFED के अधिकारियों ने बयान जारी कर बताया कि यह मूल्य वृद्धि बिना विकल्प के लिया गया निर्णय है। संगठन के अनुसार, दूध उत्पादन की लागत में भारी इजाफा हुआ है, खासकर:

  • पशु चारे की कीमतों में 40% से अधिक की वृद्धि

  • ईंधन और परिवहन खर्च में बढ़ोतरी

  • दुग्ध उत्पादकों की लगातार कीमत बढ़ाने की मांग

  • प्रशासनिक और प्रसंस्करण खर्च में वृद्धि

“दूध उत्पादक किसान लंबे समय से अधिक दाम की मांग कर रहे थे। उन्हें उचित लाभ देना हमारी जिम्मेदारी है। यही वजह है कि हमने दूध की खरीद दर भी बढ़ा दी है,” – COMFED अधिकारी

 किसानों को राहत, लेकिन चुनौतियां बनी हुई हैं

राज्य भर के हजारों छोटे और मध्यम वर्गीय दूध उत्पादक इस निर्णय से आंशिक राहत महसूस कर रहे हैं। नालंदा, समस्तीपुर, वैशाली और बेगूसराय जैसे जिलों के किसानों ने बताया कि चारे की बढ़ती लागत और घटते मुनाफे के कारण वे नुकसान में चल रहे थे।

“₹20 किलो भूसा का रेट अब ₹35 हो गया है। दूध की लागत बढ़ गई थी। यह मूल्य वृद्धि जरूरी थी, लेकिन सरकार को चारे पर सब्सिडी देनी चाहिए,” – रमेश कुमार, दुग्ध उत्पादक, मुजफ्फरपुर

 शहरी उपभोक्ताओं पर महंगाई की मार

पटना, भागलपुर, दरभंगा और गया जैसे शहरों में रहने वाले लोग, जो पहले से ही सब्जी, गैस और राशन की कीमतों से परेशान हैं, अब दूध की महंगाई से और चिंतित हो गए हैं।

“हम रोज़ाना 2 लीटर दूध लेते हैं, अब महीने में ₹180 से ₹200 ज्यादा खर्च होगा। बच्चों और बुजुर्गों के लिए दूध ज़रूरी है, इसमें कटौती नहीं कर सकते,” – नेहा सिन्हा, पटना निवासी

दूध के दाम बढ़ने से पनीर, मिठाई और दही जैसी चीज़ों के दाम में भी इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है।

 विपक्ष का हमला, सरकार पर महंगाई रोकने में विफल रहने का आरोप

विपक्षी दलों ने दूध की कीमतों में वृद्धि को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा:

“महंगाई पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। अब जनता के लिए दूध जैसी बुनियादी चीज़ भी लग्ज़री बन गई है।”

हालांकि, बिहार सरकार ने साफ किया कि COMFED एक स्वायत्त संस्था है और उसकी कीमत निर्धारण प्रक्रिया में सरकार का सीधा हस्तक्षेप नहीं होता।

 अन्य राज्यों की तुलना में सुधा दूध अब भी सस्ता?

हालांकि बिहार में सुधा दूध महंगा हुआ है, लेकिन यह अभी भी अमूल, मदर डेयरी और पराग जैसे राष्ट्रीय ब्रांड्स की तुलना में सस्ता है। उदाहरण के लिए:

  • दिल्ली में अमूल गोल्ड ₹66 प्रति लीटर है

  • लखनऊ में पराग ₹64 प्रति लीटर बिक रहा है

लेकिन बिहार जैसे राज्य, जहां औसत आय राष्ट्रीय औसत से कम है, वहां ₹2–₹3 की वृद्धि भी आम आदमी पर भारी पड़ती है।

 महंगाई और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर प्रभाव

दूध जैसी आवश्यक वस्तु के दाम बढ़ने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर सीधा असर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अन्य ब्रांड्स और राज्यों में भी दूध महंगा हुआ तो अप्रैल-जून तिमाही में खाद्य महंगाई और बढ़ सकती है।

सरकारी योजनाओं पर असर

दूध की कीमत बढ़ने से मिड-डे मीलआंगनवाड़ी पोषण योजना और बाल विकास योजनाओं पर भी असर पड़ सकता है। यदि सरकार बजट नहीं बढ़ाती, तो बच्चों को मिलने वाले दूध की मात्रा या गुणवत्ता में कटौती की संभावना है।

पटना के पालीगंज में क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान फायरिंग, मुखिया प्रतिनिधि अंजनी सिंह सहित तीन घायल

Crime at Patna's Paras Hospital: Criminals Open Fire on Prisoner on Parole

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार की राजधानी पटना के पालीगंज इलाके से एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पालीगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महतो टोला गांव में एक क्रिकेट टूर्नामेंट के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के दौरान अज्ञात बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में मुखिया प्रतिनिधि अंजनी सिंह समेत तीन लोग घायल हो गए।

घटना बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात करीब 12:30 बजे की बताई जा रही है। कार्यक्रम के दौरान दो बाइक पर सवार चार हमलावर मौके पर पहुंचे और मंच के पास खड़े लोगों को निशाना बनाते हुए गोलीबारी शुरू कर दी।

हमले में कौन-कौन घायल हुए?

पुलिस और चश्मदीदों के अनुसार, इस हमले में मुखिया प्रतिनिधि अंजनी सिंह को चार गोलियां पैर में लगीं, जबकि दो अन्य व्यक्ति राजा और धर्मेंद्र, जो दर्शक के रूप में मौजूद थे, उन्हें एक-एक गोली लगी।
घायलों को तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां अंजनी सिंह का इलाज जारी है।

डॉक्टरों के मुताबिक, अंजनी सिंह की हालत अब स्थिर है और उन्हें जल्द ही दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। राजा और धर्मेंद्र को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।

मुख्य निशाना थे अंजनी सिंह

इस पूरे हमले में यह स्पष्ट है कि मुखिया प्रतिनिधि अंजनी सिंह को ही मुख्य रूप से निशाना बनाया गया था। टूर्नामेंट के आयोजनकर्ता और मुख्य अतिथि भी वही थे। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जैसे ही पुरस्कार वितरण शुरू हुआ, तभी हमलावरों ने निशाना साधा।

अंजनी सिंह के भाई ने इस हमले के पीछे पुरानी रंजिश का दावा किया है। उनका कहना है कि पहले भी बदमाशों ने अंजनी सिंह पर हमला करने की कोशिश की थी। इस बाबत थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी और सुरक्षा की गुहार भी लगाई गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की

पुलिस ने शुरू की जांच, FIR दर्ज

पालीगंज डीएसपी-2 उमेश्वर चौधरी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि,

“यह घटना रानी तालाब थाना क्षेत्र के महतो टोला गांव में हुई है। दो बाइक पर चार बदमाश आए और पुरस्कार वितरण के दौरान फायरिंग की। तीन लोग घायल हुए हैं। पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुटी हुई है।”

पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है और हमलावरों की पहचान के लिए स्थानीय सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। साथ ही, आसपास के इलाकों में छापेमारी भी शुरू कर दी गई है।

क्या है हमले की वजह?

घटना के पीछे की वजह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों और परिवार वालों का मानना है कि यह हमला राजनीतिक या व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा हो सकता है। अंजनी सिंह पंचायत स्तर पर सक्रिय हैं और कई स्थानीय मुद्दों में मुखर रहे हैं, जिससे उनका स्थानीय विरोधियों से टकराव होता रहा है।

पुलिस इन सभी कोणों पर जांच कर रही है और जल्द ही मुख्य साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी की उम्मीद जताई जा रही है।

गांव में फैली दहशत, लोगों ने की सुरक्षा की मांग

घटना के बाद महतो टोला गांव और आसपास के इलाकों में भय और तनाव का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई और नियमित पुलिस गश्ती की मांग की है।

“अगर पहले पुलिस ने ध्यान दिया होता, तो आज ये घटना नहीं होती,” — यह कहना है गांव के एक बुजुर्ग का, जो टूर्नामेंट के दर्शकों में शामिल थे।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और प्रशासनिक समीक्षा

इस वारदात को लेकर स्थानीय नेताओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह घटना यह दर्शाती है कि बिहार में ग्रामीण इलाकों की कानून व्यवस्था कितनी कमजोर हो गई है।

कुछ नेताओं ने मांग की है कि:

  • आयोजित कार्यक्रमों में सुरक्षा मुहैया कराई जाए

  • पूर्व में दर्ज शिकायतों की समीक्षा हो

  • दोषी पुलिसकर्मियों पर भी हो कार्रवाई

जिला प्रशासन की ओर से एक टीम को मौके पर भेजा गया है और घटना की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है

बिहार में बढ़ते अपराध पर सवाल

यह घटना बिहार में हो रही लगातार अपराध की घटनाओं की कड़ी में एक और उदाहरण बन गई है। हाल के महीनों में पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली जैसे जिलों से भी कई फायरिंग और हत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि स्थानीय राजनीति, ज़मीनी विवाद और अपराधिक तत्वों की मिलीभगत के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में हिंसा की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

पालीगंज की यह घटना यह साफ दर्शाती है कि सार्वजनिक आयोजनों में भी अब सुरक्षा की आवश्यकता है। एक सामान्य खेल आयोजन, जो युवाओं को जोड़ने और प्रेरित करने का माध्यम था, वह अपराध का मैदान बन गया

अभी पुलिस की जांच जारी है, और पूरे राज्य की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या बिहार पुलिस इस बार आरोपियों को पकड़ने में सफल हो पाएगी या नहीं

दीपिका कक्कड़ की तबीयत को लेकर बड़ा अपडेट: लिवर में ट्यूमर, अगले हफ्ते सर्जरी की तैयारी

Deepika Kakkar’s Health Update: Husband Shoaib Ibrahim Reveals Tumor Diagnosis and Emotional Struggle

KKN गुरुग्राम डेस्क | टीवी इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ इन दिनों अपनी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर चर्चा में हैं। उनके पति और अभिनेता शोएब इब्राहिम ने हाल ही में अपने व्लॉग के जरिए दीपिका की सेहत को लेकर जो अपडेट दिया, उसने फैंस को भावुक कर दिया है। शोएब ने खुलासा किया कि दीपिका के लिवर के बाएं हिस्से में ट्यूमर पाया गया है और उनकी तबीयत हाल ही में बहुत खराब हो गई थी।

इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर फैंस लगातार दीपिका की सलामती की दुआ कर रहे हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं।

अचानक बिगड़ी तबीयत, ब्रेस्ट में दर्द और फिर फ्लू

शोएब ने बताया कि जब दीपिका ने अपने बेटे रुहान को ब्रेस्टफीड कराना बंद किया, तो उनके ब्रेस्ट में गांठें (लम्प्स) बनने लगीं जिससे उन्हें काफी दर्द होने लगा। यह दर्द इतना ज्यादा बढ़ गया कि दीपिका को तेज बुखार हो गया, जो बाद में फ्लू में तब्दील हो गया। शोएब ने कहा,

“दीपिका की हालत अचानक से बहुत खराब हो गई थी। दर्द असहनीय था। रातभर हम सबने बर्फ की पट्टियां रखीं, दवाइयां दीं, लेकिन बुखार कम नहीं हुआ।”

अस्पताल में भर्ती, फिलहाल चल रहा इलाज

बुखार और फ्लू के चलते जब हालत नहीं सुधरी, तो परिवार ने उन्हें कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में डॉक्टरों ने पहले दीपिका के फ्लू को कंट्रोल में लिया और इसके बाद ही ट्यूमर से जुड़ी जांच प्रक्रिया शुरू की गई। शोएब ने बताया कि ट्यूमर की स्थिति को समझने के लिए जरूरी टेस्ट अब हो चुके हैं और रिपोर्ट्स का इंतजार किया जा रहा है।

लिवर में ट्यूमर की पुष्टि, जल्द होगी सर्जरी

दीपिका के लिवर के लेफ्ट लोब में ट्यूमर की पुष्टि हो चुकी है और डॉक्टरों का कहना है कि इस ट्यूमर को जल्दी से जल्दी सर्जरी के जरिए निकालना जरूरी है। शोएब ने कहा कि सर्जरी की डेट अभी फाइनल नहीं हुई है लेकिन अगले हफ्ते तक ऑपरेशन किया जाएगा।

“हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले हफ्ते तक सर्जरी हो जाएगी। बस रिपोर्ट आ जाएं, फिर आगे की प्रक्रिया तय होगी।”

बेटे रुहान ने दिखाया भावनात्मक संतुलन

इस मुश्किल वक्त में शोएब ने अपने बेटे रुहान की तारीफ करते हुए कहा कि वो हालात को बहुत अच्छे से समझ रहा है। पहले जहां वह दिन में कई बार मां का दूध पीता था, अब वह ज़्यादा मांग नहीं करता। कभी-कभी रोता है लेकिन आसानी से संभल जाता है।
शोएब ने कहा,

“अल्लाह का शुक्र है कि रुहान ने खुद को संभाला है। वह अब ज़्यादा परेशान नहीं होता और सब कुछ समझने लगा है।”

सोशल मीडिया पर फैंस और सेलेब्स का समर्थन

दीपिका की तबीयत को लेकर जैसे ही खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर #PrayForDeepika और #GetWellSoonDeepika जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। फैंस के अलावा टीवी इंडस्ट्री और बॉलीवुड से भी कई सितारों ने शोएब और दीपिका को समर्थन और हिम्मत देने वाले संदेश भेजे हैं।

एक फैन ने लिखा:

“दीपिका मेरी फेवरेट एक्ट्रेस हैं। उनकी मुस्कान और एक्टिंग बहुत दिल से जुड़ी होती है। भगवान से दुआ है कि वह जल्दी ठीक हों।”

शोएब का फैंस से भावुक संदेश

शोएब ने कहा कि वह इस बात के लिए माफी मांगते हैं कि वह पहले दीपिका की तबीयत को लेकर अपडेट नहीं दे पाए। उन्होंने कहा,

“स्थिति ही कुछ ऐसी थी कि हमें कुछ समझ नहीं आया। लेकिन अब जब चीजें थोड़ी स्थिर हो रही हैं तो मैं चाहता हूं कि आप सब हमारे लिए दुआ करें। मुझे अल्लाह पर पूरा भरोसा है कि सब ठीक होगा।”

दीपिका का करियर और लोकप्रियता

दीपिका कक्कड़ ने अपने करियर की शुरुआत टीवी शो ‘ससुराल सिमर का’ से की थी और वह बिग बॉस सीजन 12 की विजेता भी रही हैं। वह अपनी सादगी, व्यवहार और पारिवारिक जीवन के चलते सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय हैं। उनकी और शोएब की जोड़ी को फैंस काफी पसंद करते हैं और उन्हें एक आदर्श कपल मानते हैं।

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: अभीरा की जिंदगी में आया नया मिस्ट्री मैन, धीरज धूपर नहीं ये अभिनेता निभाएगा किरदार

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: Mystery Man in Abhira's Life Revealed – It's Not Dheeraj Dhoopar!

KKN गुरुग्राम डेस्क | स्टार प्लस का सुपरहिट टीवी शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ एक बार फिर अपने दिलचस्प ट्रैक के कारण सुर्खियों में है। हाल ही में शो में 7 साल का लीप (Leap) दिखाया गया है, जिसने सभी प्रमुख किरदारों की जिंदगी बदल कर रख दी है। जहां एक ओर अरमान (रोहित पुरोहित) और अभीरा (समृद्धि शुक्ला) की राहें अलग हो चुकी हैं, वहीं अब शो में एक नया मिस्ट्री मैन एंट्री करने वाला है।

पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि इस नए किरदार के लिए धीरज धूपर को कास्ट किया गया है, लेकिन ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, शो में अभीरा के नए साथी के रूप में टीवी अभिनेता राहुल शर्मा की एंट्री होगी।

कौन हैं राहुल शर्मा?

राहुल शर्मा एक लोकप्रिय टीवी अभिनेता हैं जिन्होंने इससे पहले कई चर्चित शोज में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • ‘काल भैरव रहस्य’

  • ‘मिटेगी लक्ष्मण रेखा’

  • ‘एक गहराई’

  • ‘तेरी मेरी लव स्टोरीज़’

उनकी ऑन-स्क्रीन मौजूदगी और अभिनय कौशल ने उन्हें दर्शकों का फेवरेट बना दिया है। अब ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में उनकी एंट्री एक नई प्रेम कहानी और ड्रामेटिक ट्विस्ट लेकर आएगी।

 अभीरा और अरमान की राहें क्यों हुईं जुदा?

शो के मौजूदा ट्रैक में दिखाया गया है कि अभीरा और अरमान अब साथ नहीं हैं। दोनों के बीच गलतफहमियों और पारिवारिक दबाव के चलते दूरी आ गई है। अरमान अब अपनी बेटी पुकी के साथ गीतांजलि नाम की महिला के साथ रह रहा है, जबकि अभीरा ने पोड्डार परिवार को छोड़ दिया है और अब वह एक स्वतंत्र वकील के रूप में अपने सपनों को साकार करने में जुटी है।

अलगाव के प्रमुख कारण:

  • पारिवारिक हस्तक्षेप और मतभेद

  • भरोसे की कमी

  • करियर और आत्मनिर्भरता की दिशा में अभीरा की सोच

 लीप के बाद क्या बदला शो में?

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में 7 साल का लीप आने के बाद कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं:

  • अरमान और अभीरा अलग हो चुके हैं

  • बेटी पुकी अब अरमान के साथ रहती है

  • अरमान की जिंदगी में आई है गीतांजलि, जो एक नई महिला है

  • अभीरा एक स्वतंत्र वकील बन चुकी है और अपने पुराने जीवन से पूरी तरह कट चुकी है

  • रूही का किरदार निभाने वाली गर्विता साधवानी शो से बाहर हो चुकी हैं

 अब क्या होगा आगे? अभीरा की जिंदगी में आएगा प्यार या फिर नया संघर्ष?

राहुल शर्मा की एंट्री एक नए पुरुष किरदार के रूप में होगी, जो अभीरा की जिंदगी में ताज़गी और नई उम्मीद लेकर आएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह एक सीनियर वकील या सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका में दिख सकते हैं, जो अभीरा की सोच और आदर्शों से प्रभावित होगा।

संभावित ट्रैक:

  • धीरे-धीरे अभीरा और राहुल का नज़दीक आना

  • अरमान की ईर्ष्या और पछतावा

  • पुकी की मासूमियत दोनों के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकती है

  • क्या अभीरा अरमान को भुला पाएगी या फिर पुराना प्यार लौट आएगा?

 सोशल मीडिया पर फैंस की प्रतिक्रिया

जैसे ही राहुल शर्मा का नाम सामने आया, सोशल मीडिया पर फैंस के रिएक्शन की बाढ़ आ गई:

“धीरज की जगह राहुल आए हैं, थोड़ा अजीब लगा लेकिन ट्रैक काफी दिलचस्प है।”
“राहुल और समृद्धि की नई जोड़ी का इंतजार रहेगा।”
“शो फिर से रोमांचक हो गया है। अभीरा को अब खुशी मिलनी चाहिए।”

 ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ की पृष्ठभूमि

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ भारतीय टेलीविजन का सबसे लंबा चलने वाला धारावाहिक है। इसे राजन शाही द्वारा डीकेपी प्रोडक्शंस के बैनर तले बनाया गया है। शो की शुरुआत 2009 में हुई थी और यह आज भी दर्शकों का पसंदीदा बना हुआ है।

प्रमुख जोड़ीदारों की पीढ़ियां:

  • अक्षरा–नैतिक (हिना खान और करण मेहरा)

  • नायरा–कार्तिक (शिवांगी जोशी और मोहसिन खान)

  • अक्षरा–अभिमन्यु (प्रणाली राठौर और हर्षद चोपड़ा)

  • अभीरा–अरमान (समृद्धि शुक्ला और रोहित पुरोहित)

हर पीढ़ी ने अपने हिस्से का संघर्ष, प्रेम, परिवार और समाज से जुड़ी कहानियां दिखाई हैं।

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में राहुल शर्मा की एंट्री एक नए अध्याय की शुरुआत है। अभीरा के संघर्ष और आत्मनिर्भरता की कहानी में अब एक नया साथी जुड़ने जा रहा है। क्या यह रिश्ता बनेगा, बिगड़ेगा या फिर पुराना प्यार लौटेगा – यह देखना वाकई रोमांचक होगा।

अभीरा की जिंदगी में आने वाला मिस्ट्री मैन अब रहस्य नहीं रहा, लेकिन उसके साथ आने वाली कहानी यकीनन दर्शकों को बांध कर रखेगी।

अमृत भारत स्टेशन योजना: पीएम मोदी करेंगे 103 नये विकसित रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन, 18 राज्यों में विकास की नई शुरुआत

PM Modi to Inaugurate 103 Redeveloped Amrit Bharat Railway Stations Across 18 States

KKN गुरुग्राम डेस्क | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 86 जिलों में स्थित 103 अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। यह रेलवे स्टेशन अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित किए गए हैं, जिसका उद्देश्य भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय और आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाना है।

रेलवे मंत्रालय के अनुसार, इन सभी स्टेशनों को करीब 1,100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देना है, बल्कि प्रत्येक स्टेशन की पहचान को स्थानीय संस्कृति और विरासत से जोड़ना भी है।

 क्या है अमृत भारत स्टेशन योजना (Amrit Bharat Station Scheme)?

अमृत भारत स्टेशन योजना भारतीय रेलवे की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके अंतर्गत देश के 1,300 से अधिक स्टेशनों को आधुनिक रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है।

इस योजना के प्रमुख उद्देश्य:

  • यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराना

  • दिव्यांगजनों के लिए पहुंच योग्य ढांचा

  • प्रत्येक स्टेशन का स्थानीय सांस्कृतिक अभिव्यक्ति से मेल खाना

  • हरित ऊर्जा और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा देना

  • मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट से कनेक्टिविटी

किन राज्यों में हैं ये 103 स्टेशन?

उद्घाटन होने वाले 103 रेलवे स्टेशन 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित हैं। इनमें शामिल हैं:

  • आंध्र प्रदेश

  • असम

  • बिहार

  • छत्तीसगढ़

  • गुजरात

  • हरियाणा

  • हिमाचल प्रदेश

  • झारखंड

  • कर्नाटक

  • केरल

  • मध्य प्रदेश

  • महाराष्ट्र

  • पुडुचेरी

  • राजस्थान

  • तमिलनाडु

  • तेलंगाना

  • उत्तर प्रदेश

  • पश्चिम बंगाल

इन स्टेशनों को रणनीतिक रूप से चुना गया है ताकि यात्री भार, क्षेत्रीय महत्त्व और आर्थिक गतिविधियों के अनुसार उनकी भूमिका को और मजबूत किया जा सके।

 प्रमुख राज्यों के महत्वपूर्ण स्टेशन

महाराष्ट्र – 15 स्टेशन

उद्घाटन होने वाले स्टेशन: चिंचपोकली, माटुंगा, परेल, धुले, केडगांव, लासलगांव, मुर्तिजापुर जंक्शन आदि।

उत्तर प्रदेश – 18 स्टेशन

स्टेशन जैसे: बरेली शहर, बिजनौर, इज्जतनगर, ईदगाह आगरा जंक्शन, सहारनपुर जंक्शन, हाथरस सिटी, सिद्धार्थनगर शामिल हैं।

गुजरात – 18 स्टेशन

स्टेशन: ओखा, मोरबी, लिंबडी, पालीताना, समाखियाली, जामजोधपुर, डेरोल, कोसांबा जंक्शन आदि।

तमिलनाडु – 9 स्टेशन

स्टेशन: चिदंबरम, श्रीरंगम, मन्नारगुडी, तिरुवन्नामलाई, वृद्धाचलम जंक्शन, सेंट थॉमस माउंट आदि।

राजस्थान – 8 स्टेशन

स्टेशन: देशनोक, फतेहपुर शेखावाटी, बूंदी, गोविंदगढ़, राजगढ़, मंडावर-महुआ रोड आदि।

 पीएम मोदी का बीकानेर दौरा और देशनोक स्टेशन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के बीकानेर पहुंचेंगे, जहां वह 26,000 करोड़ रुपये की लागत वाली कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। उनका कार्यक्रम करणी माता मंदिर (देशनोक) में पूजा-अर्चना से शुरू होगा।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी अमृत भारत योजना के तहत पुनर्विकसित देशनोक रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करेंगे। इसी मौके पर वह नई बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

स्टेशनों में क्या-क्या खास होगा?

अमृत भारत योजना के तहत विकसित स्टेशनों में निम्नलिखित विशेषताएं रहेंगी:

  • आधुनिक कांकोर्स और प्रवेश द्वार

  • दिव्यांगजनों के लिए रैंप और लिफ्ट्स

  • डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, सीसीटीवी निगरानी

  • स्वच्छ और स्मार्ट शौचालय

  • प्रतीक्षालय, फूड कोर्टग्रीन एरिया

  • स्थानीय आर्किटेक्चर और कलाकृति

  • हरित ऊर्जा जैसे सोलर पैनल और वर्षा जल संचयन

इन सभी सुविधाओं से यात्रियों को सुरक्षित, स्वच्छ और सुलभ यात्रा अनुभव मिलेगा।

 योजना की सामाजिक और आर्थिक उपयोगिता

  • यात्रियों के अनुभव में सुधार

  • स्थानीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा

  • रोज़गार सृजन के नए अवसर

  • पर्यावरण अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर

  • हर क्षेत्र को मिलेगा परिवहन में समान अवसर

आज प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने वाले 103 रेलवे स्टेशन सिर्फ आधारभूत संरचना नहीं, बल्कि भारत की नई विकास यात्रा का प्रतीक हैं। ये स्टेशन न केवल यात्रियों को आधुनिक सुविधा देंगे, बल्कि स्थानीय संस्कृति, स्वच्छता और सुविधा का मेल भी होंगे।

अमृत भारत स्टेशन योजना भारत की स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। आने वाले वर्षों में इस योजना के अंतर्गत और भी स्टेशनों का विकास होगा, जो भारत को रेलवे के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेगा।

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मुजफ्फरपुर पुलिस महकमे में बड़ी कार्रवाई: बालू और शराब माफिया से साठगांठ के आरोप में 13 पुलिसकर्मी होंगे बर्खास्त

Muzaffarpur Police Scandal: 13 Officers Face Dismissal Over Alleged Links With Sand and Liquor Mafia

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और अपराधियों से साठगांठ को लेकर एक बार फिर बड़ा मामला सामने आया है। जिले के 13 पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें दो दारोगा, नौ पुलिसकर्मी और चार चौकीदार शामिल हैं। इन सभी पर बालू और शराब माफिया से मिलीभगत, ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित रहने और विभागीय आदेशों की अनदेखी करने के आरोप हैं।

इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक (SSP) सुशील कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी को निलंबित कर दिया है और अब इनके खिलाफ बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

आरोप: बालू और शराब माफिया से मिलीभगत

पिछले कुछ महीनों से मुजफ्फरपुर में अवैध बालू खनन और शराब कारोबार तेजी से बढ़ा है। इसी सिलसिले में जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि कुछ पुलिसकर्मी और चौकीदार इन माफियाओं से सीधे या परोक्ष रूप से संपर्क में हैं। कई बार इन अधिकारियों द्वारा माफियाओं को सूचना देना, छापेमारी से पहले सतर्क कर देना और अवैध कारोबार में सहूलियत देना जैसे गंभीर आरोप सामने आए।

 इन 9 पुलिसकर्मियों को किया गया निलंबित

निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों के नाम और पद निम्नलिखित हैं:

नाम पद
संतोष कुमार दारोगा
जितेन्द्र कुमार दारोगा
शिव नारायण यादव हवलदार
आरती कुमारी महिला सिपाही
गरिमा सुधा महिला सिपाही
प्रियंका कुमारी महिला सिपाही
उषा किरण महिला सिपाही
विक्रम कुमार सिपाही
अरुण कुमार महतो सिपाही

इन सभी पुलिसकर्मियों को पहले नोटिस भेजा गया, मोबाइल कॉल के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने ड्यूटी पर वापस लौटने की कोशिश नहीं की। इसके चलते SSP ने इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

 ड्यूटी से गैरहाजिर रहना बना बड़ी कार्रवाई की वजह

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये सभी कर्मचारी कई महीनों से बिना सूचना के ड्यूटी से गायब हैं। इससे न केवल थानों के कार्यों में रुकावट आ रही है, बल्कि कई आपराधिक मामलों की जांच भी प्रभावित हो रही है। इन पुलिसकर्मियों की गैरहाजिरी ने विभाग की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

“इन पुलिसकर्मियों को कई बार नोटिस देकर बुलाया गया, लेकिन इन्होंने जानबूझकर आदेशों की अनदेखी की। इसलिए इन्हें निलंबित किया गया है और अब बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है,” – SSP सुशील कुमार

DIG का निर्देश बना कार्रवाई की वजह

तिरहुत रेंज के DIG चंदन कुमार कुशवाहा ने कुछ समय पहले सभी जिलों के SP और SSP को निर्देश दिया था कि जो पुलिसकर्मी बिना सूचना के ड्यूटी से फरार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस आदेश के तहत मुजफ्फरपुर पुलिस ने सघन जांच अभियान चलाया और ऐसे कर्मियों की सूची तैयार की जो लंबे समय से ड्यूटी पर नहीं आए थे।

 सरैया थाना के 4 चौकीदार भी सस्पेंड

मुजफ्फरपुर के सरैया थाना क्षेत्र में तैनात चार चौकीदारों को भी अवैध शराब और बालू माफिया से संबंध रखने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

निलंबित चौकीदारों के नाम:

  • रंजीत कुमार

  • सुनील कुमार

  • राजकिशोर कुमार

  • महेंद्र राय

इन सभी चौकीदारों पर आरोप है कि ये अवैध गतिविधियों में लिप्त माफियाओं को संरक्षण दे रहे थे और पुलिस को सटीक इनपुट देने में विफल रहे। इनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठने के बाद SSP ने खुद सरैया थाना का औचक निरीक्षण किया, जिसमें इनके खिलाफ ठोस सबूत मिले।

 विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया

  1. नोटिस और संपर्क के बाद भी उपस्थित न होने पर निलंबन आदेश जारी किया गया।

  2. SSP द्वारा गठित जांच टीम ने सभी मामलों की समीक्षा की।

  3. सभी कर्मियों को सामान्य जीवन यापन भत्ता पर रखा गया।

  4. अब इन सभी को पुलिस सेवा से बर्खास्त करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

 इस कार्रवाई के पीछे मुख्य उद्देश्य क्या है?

  • पुलिस विभाग में अनुशासन बहाल करना

  • माफिया और अपराधियों से साठगांठ खत्म करना

  • आम जनता का पुलिस पर भरोसा बनाए रखना

  • विभागीय कार्यों की प्रभावशीलता में सुधार लाना

मुजफ्फरपुर में हुई यह बड़ी कार्रवाई सिर्फ एक उदाहरण नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि बिहार पुलिस अब जवाबदेही और पारदर्शिता के नए रास्ते पर आगे बढ़ रही है। अपराधियों से मिलीभगत रखने वाले कर्मियों को अब बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो।

SSP सुशील कुमार की इस कार्रवाई से एक कड़ा संदेश गया है कि कर्तव्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार अब स्वीकार नहीं होंगे। यह निर्णय आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी अनुशासन का आधार बन सकता है

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