सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में दीवाली के मौके पर पटाखे जलाने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने यह अनुमति दीवाली के दौरान चार दिनों के लिए दी है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। इस फैसले के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और खुशी जताई।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रेखा गुप्ता का आभार
सुप्रीम कोर्ट से पटाखे जलाने की अनुमति मिलने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर करते हुए कोर्ट का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि दिल्ली सरकार के विशेष अनुरोध पर, राजधानी में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद। गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय दीवाली जैसे पवित्र पर्व पर जनभावनाओं और उत्साह का सम्मान करता है, साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति संतुलित दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।
रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए स्वच्छ और हरित दिल्ली के संकल्प के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उनका उद्देश्य है कि दीवाली जैसे त्योहारों की रौनक बनी रहे और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके। इस दीपावली, हम सब मिलकर ग्रीन पटाखों के साथ उत्सव और पर्यावरण संरक्षण का सामंजस्य स्थापित करें और “हरित एवं खुशहाल दिल्ली” के संकल्प को साकार करें।
कपिल मिश्रा का बयान: दिल्ली में बदलाव, हिंदू त्योहारों पर अब नहीं होगा बैन
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार के कानून मंत्री कपिल मिश्रा का भी बयान आया। मिश्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब सरकार बदली है, और हिंदू त्योहारों पर कोई बैन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कई सालों बाद दिल्लीवाले परंपरागत तरीके से दीवाली मना सकेंगे। कपिल मिश्रा ने इस फैसले को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि ग्रीन पटाखों को अनुमति देने का उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय सही दिशा में एक कदम है।
कपिल मिश्रा ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने जनता की आवाज को सर्वोच्च न्यायालय के सामने रखा और इससे अनुमति मिल गई। मिश्रा ने इस फैसले में सीएम रेखा गुप्ता के योगदान को सराहा और इसे दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ी जीत बताया।
दीवाली पर पटाखों का मुद्दा: पर्यावरण और परंपरा का संतुलन
पटाखों पर रोक का मुद्दा पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली में चर्चा का विषय रहा है। विशेष रूप से प्रदूषण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को लेकर कई बार पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ग्रीन पटाखों के उपयोग को अनुमति दी गई है, जो पर्यावरण के लिए कम हानिकारक होते हैं। इस फैसले से यह संकेत मिलता है कि सरकार और कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि त्योहारों की खुशियों में कोई कमी न हो, और पर्यावरण पर इसका न्यूनतम असर पड़े।
दीवाली जैसे प्रमुख हिंदू त्योहार को लेकर लोगों की भावनाएं गहरी होती हैं, और ग्रीन पटाखों का उपयोग इस त्योहार की परंपरा को बनाए रखते हुए प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा। यह कदम उन लोगों के लिए एक राहत का कारण है जो प्रदूषण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पटाखों के खिलाफ थे। वहीं, यह भी सुनिश्चित करता है कि लोगों को दीवाली का आनंद लेने का पूरा अवसर मिले।
दिल्ली सरकार का पर्यावरण संरक्षण के प्रति संकल्प
दिल्ली सरकार का यह कदम केवल ग्रीन पटाखों तक सीमित नहीं है। सरकार ने पहले ही कई योजनाएं शुरू की हैं ताकि दिल्ली का पर्यावरण बेहतर हो सके। प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम, कूड़ा प्रबंधन, और हरित क्षेत्र का विस्तार शामिल है। ग्रीन पटाखों को बढ़ावा देने का निर्णय भी इस व्यापक योजना का हिस्सा है।
दीवाली के दौरान बढ़ने वाला प्रदूषण दिल्ली के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन जाता है। ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल से इस समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। यह कदम प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ त्योहारों के दौरान पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
दिल्ली में दीवाली: परंपरा और पर्यावरण का सामंजस्य
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय दिल्ली में दीवाली के जश्न को पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संतुलित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। ग्रीन पटाखों के उपयोग से यह सुनिश्चित किया गया है कि लोगों को अपनी परंपराओं का पालन करते हुए पर्यावरण की रक्षा भी करनी होगी। इससे त्योहारों के दौरान प्रदूषण की मात्रा कम हो जाएगी और शहर में स्वच्छ हवा की स्थिति बनी रहेगी।
रेखा गुप्ता और कपिल मिश्रा जैसे नेताओं का यह कहना है कि इस फैसले से दीवाली का उत्सव पूरी तरह से पारंपरिक तरीके से मनाया जा सकेगा, जबकि पर्यावरण की रक्षा भी सुनिश्चित होगी। इस संतुलन के साथ, दिल्ली सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा रास्ता तैयार किया है जो दीवाली के उल्लास को बढ़ाएगा, जबकि प्रदूषण को भी नियंत्रित किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला दिल्लीवासियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। अब लोग दीवाली के पर्व को अपनी पारंपरिक खुशियों के साथ मना सकते हैं, जबकि पर्यावरण का भी ख्याल रखा जाएगा। दिल्ली सरकार की इस पहल से यह साबित होता है कि सरकार परंपराओं और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। ग्रीन पटाखों के उपयोग को अनुमति देने से यह सुनिश्चित किया गया है कि दीवाली का आनंद लिया जा सके, और साथ ही दिल्ली की हवा भी साफ रहे।
दिल्ली सरकार, सुप्रीम कोर्ट और दिल्लीवासियों के सामूहिक प्रयासों से यह सुनिश्चित किया गया है कि दीवाली का पर्व न केवल खुशी का प्रतीक बने, बल्कि पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी भी दिखाई दे।



