KKN गुरुग्राम डेस्क | तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग का एक हिस्सा ढहने से 8 मजदूर फंस गए हैं। इस हादसे के बाद बचाव अभियान (Rescue Operation) बड़े पैमाने पर जारी है, लेकिन State Disaster Response Force (SDRF) और National Disaster Response Force (NDRF) की टीमों को बचाव कार्य में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही ये परेशानियां
रेस्क्यू टीम को टनल के अंदर पहुंचने का कोई सीधा रास्ता नहीं मिल रहा है। सुरंग की छत गिरने से सभी एंट्री पॉइंट ब्लॉक हो गए हैं और कीचड़ और पानी से रास्ता पूरी तरह भरा हुआ है।
SDRF के एक अधिकारी ने बताया कि टनल के अंदर जाने का कोई सुरक्षित मार्ग नहीं बचा है, जिससे फंसे मजदूरों तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है। ऐसे में बचाव दल वैकल्पिक उपायों पर काम कर रहे हैं।
कैसे हुआ हादसा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसे के वक्त 50 से ज्यादा मजदूर टनल में काम कर रहे थे। वे करीब 13.5 किलोमीटर अंदर थे, तभी अचानक तेज पानी का बहाव हुआ और सुरंग का एक हिस्सा ढह गया।
हादसे का पूरा घटनाक्रम:
✔ 50 मजदूर टनल में काम कर रहे थे।
✔ अचानक पानी का तेज बहाव आया और एक हिस्सा ढह गया।
✔ 42 मजदूर किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे।
✔ 8 मजदूर और 2 इंजीनियर अंदर फंस गए।
NDRF के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने टनल बोरिंग मशीन (Tunnel Boring Machine – TBM) के पास जाकर फंसे मजदूरों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। करीब 200 मीटर लंबा हिस्सा मलबे से भरा हुआ है।
रेस्क्यू तभी शुरू होगा जब टनल के अंदर भरा पानी निकाला जाएगा और रास्ता साफ किया जाएगा।
रेस्क्यू ऑपरेशन: सरकार की ओर से क्या इंतजाम किए गए?
तेलंगाना सरकार ने NDRF, SDRF और Singareni Collieries के विशेषज्ञों को बचाव कार्य में शामिल किया है। टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए हाई-पावर पंप्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।
रेस्क्यू में अब तक उठाए गए कदम:
✔ 145 NDRF जवान हैदराबाद से बुलाए गए।
✔ 120 SDRF कर्मी बचाव कार्य में लगे हैं।
✔ 100 HP पंप और 250 KV जनरेटर लाया गया।
✔ टनल में ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित की गई।
✔ ड्रोन का इस्तेमाल कर हालात का जायजा लिया जा रहा है।
फंसे मजदूरों की पहचान, कौन-कौन शामिल हैं?
टनल में 8 मजदूर और इंजीनियर फंसे हुए हैं, जिनमें से कुछ उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
सरकार ने भारतीय सेना की Engineering Task Force (ETF) को भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल किया है। सेना की Medical Corps टीम भी तैयार है ताकि बचाए गए मजदूरों को तुरंत मेडिकल सहायता दी जा सके।
टनल ढहने की वजह क्या थी?
अधिकारियों के मुताबिक, 13 किलोमीटर तक टनल सुरक्षित थी, लेकिन 14वें किलोमीटर पर संरचना ढह गई। बताया जा रहा है कि अचानक पानी भरने से मिट्टी बह गई और सुरंग की छत गिर गई।
रेस्क्यू टीम को इस बात की भी चिंता है कि कहीं टनल का कोई और हिस्सा भी न गिर जाए।
PM मोदी ने दिया मदद का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से बातचीत की और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
राहुल गांधी ने जताई चिंता
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस हादसे पर दुख जताया और रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अपडेट लिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बचाव कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए पूरी तरह सक्रिय है।
आगे क्या होगा?
✔ रेस्क्यू टीम पहले टनल में भरा पानी निकालेगी।
✔ फिर मलबे को साफ करने का काम शुरू किया जाएगा।
✔ छोटे रोबोटिक उपकरण और ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
✔ टीम मजदूरों से संपर्क साधने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है।
बचाव कार्य में 3 सबसे बड़ी चुनौतियां
- फंसे मजदूरों की स्थिति अज्ञात – उन्हें ऑक्सीजन मिल रही है, लेकिन उनकी हालत कैसी है, इसका पता नहीं।
- मलबा हटाने में लग सकता है समय – पानी निकालने के बाद ही साफ-सफाई का काम शुरू होगा।
- टनल की स्थिरता पर सवाल – अगर और कोई हिस्सा गिरा, तो रेस्क्यू और मुश्किल हो जाएगा।
तेलंगाना टनल हादसे ने पूरे देश को हिला दिया है। रेस्क्यू ऑपरेशन दिन-रात जारी है और बचाव दल फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें बचाने में कितना समय लगेगा।
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