कॉग्रेस की परंपरागत लोकसभा सीट रायबरेली को लेकर सस्पेंस बढ़ता ही जा रहा है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि सोनिया गांधी अब लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेगी और रायबरेली से कॉग्रेस की टीकट पर प्रियंका बढ़ेरा का चुनाव मैदान में उतारना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि, इस सब के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आगामी लोकसभा चुनाव अमेठी से ही लड़ेंगे। लेकिन रायबरेली को लेकर कॉग्रेस पार्टी में जबरदस्त मंथन का दौर जारी है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव लड़ेंगी या फिर प्रियंका गांधी को चुनाव मैदान में उतारा जायेगा?
मोदी को हराने की रणनीति
कॉग्रेस पार्टी वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। कांग्रेस पार्टी सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए अभी से कमर कस चुकी है। हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का अमेठी से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। वर्तमान में वह यहीं से सांसद हैं। सूत्र बतातें है कि रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव लड़ेंगी या फिर प्रियंका गांधी? इस पर गांधी परिवार में गंभीर मंथन का दौर जारी है। यदि प्रियंका बढ़ेरा चुनाव के मैदान में उतरती है, तो यही से उनके राजनीतिक पारी की शुरूआत मानी जायेगी।
सीटो के तालमेल पर अटका पेंच
लोकसभा चुनाव के लिए कॉग्रेस उत्तर प्रदेश में गठबंधन की रणनीति पर सहमत हो चुकी है। लेकिन अभी सीटें तय किया जाना बाकी है। अगर यूपी में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा, तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती है। जानकार बतातें है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दो लक्ष्यो पर एक साथ काम करने की रणनीति बनाई है। भाजपा को पराजित करना कॉग्रेस का पहला लक्ष्य होगा और दूसरे चरण में चुनाव नतीजे आने के बाद तय होगा कि महागठबंधन का पीएम उम्मीदवार कौन होगा? कॉग्रेस के रणनीतिकारो को भरोसा है कि अगर गठबंधन की राजनीति फिट बैठ गया तो यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में भाजपा को जबरदस्त नुकसान हो सकता है और भाजपा को केन्द्र की सत्ता गंवानी पड़ सकती है।
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This post was published on अगस्त 3, 2018 20:53
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