बजट 2025: क्या सीतारमण रोटी, कपड़ा, मकान को फिर से किफायती बना सकती हैं?

Budget 2025: Can Sitharaman make food, clothing and housing affordable again

KKN गुरुग्राम  डेस्क | बजट 2025 के आते ही, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने रोटी (भोजन), कपड़ा (वस्त्र), और मकान (आवास) की बढ़ती लागत को हल करने की एक बड़ी चुनौती है। महंगाई, स्थिर आय और आपूर्ति शृंखला की बाधाओं के कारण ये तीन प्रमुख क्षेत्र दबाव में हैं। आगामी बजट से करोड़ों लोगों को राहत और स्थायी समाधान की उम्मीद है।

रोटी: खाद्य महंगाई और खाद्य सुरक्षा पर ध्यान

खाद्य महंगाई की समस्या

खाद्य महंगाई ने एक गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। हाल के आंकड़े चिंताजनक हैं:

  • टमाटर की कीमतों में 161% सालाना वृद्धि हुई।
  • आलू की कीमतों में 65% वृद्धि दर्ज की गई।

वर्तमान उपाय और चुनौतियाँ

  1. खाद्य सब्सिडीप्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) जैसे कार्यक्रमों ने 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाया, लेकिन पिछली बजट में खाद्य सब्सिडी आवंटन में कटौती हुई।
  2. संरचनात्मक मुद्दे: कृषि उत्पादन और आपूर्ति शृंखला प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है।

बजट 2025 से उम्मीदें

  • विस्तारित सब्सिडी: PMGKAY और उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं के लिए अधिक धन आवंटन।
  • कर राहत: आवश्यक खाद्य पदार्थों पर कर छूट।
  • किसानों के लिए समर्थन: कृषि अवसंरचना और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में सुधार।

मकान: हर किसी के लिए सस्ते आवास

आवास की लागत संकट

भारत में घर खरीदना अभी भी एक सपना है क्योंकि 2024 में मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में संपत्ति की कीमतों में 13-30% की वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत स्वीकृत 1.2 करोड़ घरों में से केवल 91 लाख घर ही पूरे हुए हैं।

अब तक की सरकारी पहलें

  1. 2024-25 बजट में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के लिए आवंटन में 20.4% की वृद्धि हुई।
  2. सस्ते किराये के आवास परिसर (ARHC) योजना की शुरुआत प्रवासी मजदूरों को लाभ पहुंचाने के लिए की गई।

बजट 2025 से उम्मीदें

  • कर छूट में वृद्धि: होम लोन पर अधिक कर छूट।
  • शहरी आवास को बढ़ावा: PMAY के लिए अधिक धनराशि और डेवलपर्स को प्रोत्साहन।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP): निर्माण प्रक्रियाओं में देरी को दूर करने के लिए सुधार।

कपड़ा: भारत के वस्त्र उद्योग को पुनर्जीवित करना

वस्त्र उद्योग की समस्याएँ

45 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देने वाला वस्त्र क्षेत्र घरेलू मांग में कमी और बढ़ती लागत से जूझ रहा है।

वर्तमान स्थिति

  1. 2024-25 बजट में वस्त्र क्षेत्र के लिए 4,417 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
  2. वैश्विक वस्त्र निर्यात में भारत की हिस्सेदारी अब भी 3.9% पर स्थिर है।

बजट 2025 से उम्मीदें

  • GST में कमी: आवश्यक वस्त्रों पर GST दर घटाना।
  • आधुनिकीकरण के लिए प्रोत्साहनतकनीकी उन्नयन कोष योजना (TUFS) के तहत विस्तार।
  • निर्यात को बढ़ावा: भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को सुधारने के लिए नीतियाँ।

संतुलन: विकास और सस्तेपन का संगम

रोटी, कपड़ा, मकान की लागत का संकट भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। बजट 2025 को त्वरित राहत और दीर्घकालिक सुधारों के बीच संतुलन बनाना होगा।

संभावित उपाय

  • मध्यम वर्ग के लिए कर राहत: आय बढ़ाने और खर्च शक्ति बढ़ाने के लिए।
  • रोजगार सृजन: बुनियादी ढांचे और विनिर्माण में निवेश।
  • प्रमुख क्षेत्रों में सुधार: कृषि, आवास और वस्त्र में संरचनात्मक बदलाव।

क्या बजट 2025 इन उम्मीदों पर खरा उतरेगा? पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

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