पहले राहगीरो के लिए था मुसीबत अब बना मीठाई कारीगर, शराबबंदी से बदल गयी सुरेश की तकदीर, शराब छोड़ने पर ही बसा घर, बचपन मे ही उठ गया मां-बाप का साया
संतोष कुमार गुप्ता
मीनापुर: शराबबंदी ने सुरेश को नया जीवन दे दिया है। मुस्तफागंज बाजार का सुरेश अब पुरी तरह बदल गया है। पहले लोग उसको शराबी का डरावना चेहरा देखकर डर जाते थे। उसको दूर से ही देखकर अपना रूट बदल देते थे। सभ्य लोग तो मुंह को ढक कर उससे बचने की कोशिश करते थे। किंतु अब सुरेश का नया चेहरा लोगो के सामने है। उसको लोग मीठाई कारीगर के रूप मे खोजते है। उसकी दिनचर्या भी बदल गयी है। अब वह सुबह सुबह शराब की जगह वह चाय का चुस्की लेता है। इतना ही नही सुबह मे सुरेश के हाथ का बना चाय हर कोई पसंद करता है। शराबबंदी से पहले मुस्तफागंज गांव के सुरेश कुमार से हर कोई परेशान रहता था। वह नशे मे धूत होकर स्कूल-कॉलेज जाने वाले लड़कियो को बहुत परेशान कर देता था। फब्तिया कस कर लड़कियो को चलना मुहाल कर दिया था। मुख्य मार्ग मे चलने वाले बस व ट्रक के आगे लेटकर परिचालन बाधित कर देता था। वह सड़क पर ही चिन्ह काटना शुरू कर देता था। सरकारी दफ्तरो मे घुस कर हंगामा बरपा देता था। ऐसा बात नही की वह शराब खरीदने के लिए वह कहीं मजदूरी भी करता था। वह शराब के पैसे के लिए किसी का भी पैर पकड़ लेता। जब तक पैसे नही मिल जाते वह पैर नही छोड़ता। किंतु अब सुरेश बदल चुका है.उसकी दुनिया और दिनचर्या बदल गयी है। उसके माता पिता मूल रूप से कांटी के रहने वाले थे। किंतु वह लम्बे समय से गंजबाजार पर मायके मे ही रह गयी। सुरेश ने ठीक से होश भी नही सम्भाला कि माता गीता देवी व पिता रामवृक्ष शर्मा का साया सिर से उठ गया। उसके पास अपना जमीन भी नही था। होटल मे काम करने के बाद वह शराब पीने लगा तथा सभ्य लोगो को परेशान करने लगा। उसके बाद उसे काम मिलना बंद हो गया। इसके बाद शराब के पैसे के लिए लोगो का दाढी और पैर पकड़ना शुरू कर दिया। उसके लिए कई जगहो से रिश्ते आये.किंतु शराबी समझ कर सभी ने रिजेक्ट कर दिया। इसी बीच सीएम ने एक अप्रैल से शराबबंदी की घोषणा कर दी। सीएम की घोषणा होते ही सुरेश को शराब छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। शिवहर जिले के तरीयानी थाना के सरपट्टी गांव के गुड्डी देवी से उसने शादी रचा ली। उसका दाम्प्त्य जीवन बेहतर तरीके से कट रहा है। सुरेश के घर मे अब खुशहाली लौट आयी है। उसकी पत्नी गर्भवती है। उसके घर मे अब किलकारी गुंजेगी। सुरेश नियमित रूप से पत्नी के स्वाथ्य चेकअप करा रहा है। सुरेश ने पांच धूर जमीन लेकर अपना आशियाना बना लिया है। उसके घर मे गैस सिलेंडर,टीवी व टाटा स्काय का अंटिना भी लगा लिया है। वह मिठाई का बेहतर कारीगर है। उसका जगह जगह मांग है। वह सुबह मे निकलता है तो चाय के दुकान पर दिखता है। पत्नी के लिए भी वह चाय खुद खरीद कर ले जाता है। वह शादी व अन्य सामारोह मे चार सौ से पांच सौ रूपया के रोज पर मीठाई बनाने जाता है।
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