हत्या के आरोप में पुलिस ने फंसाया था
उत्तर प्रदेश। कानपुर शहर के चर्चित रेहान हत्याकांड में आरोपित बने बीसीए के छात्र को आखिरकार गूगल ने बचा ही लिया। गूगल से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर एडीजे प्रथम की कोर्ट ने किदवई नगर पुलिस की दलीलों को खारिज करते हुए बीसीए छात्र को दोषमुक्त करार दिया है और देर रात बीसीए के छात्र को जेल प्रशासन ने रिहा कर दिया है। मामले में किदवई नगर पुलिस की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए कोर्ट ने कार्रवाई का आदेश भी दिया है।
बतातें चलें कि 20 अगस्त 2016 को जूही लाल कालोनी में दस वर्षीय रेहान का शव मिला था। किदवई नगर पुलिस ने इस मामले में पहले अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई और बाद में रेहान के पड़ोस में रहने वाले एयरफोर्स के वारंट अफसर भगवान सिंह के बेटे और बीसीए के छात्र जय प्रताप सिंह उर्फ मोहित को जेल भेज दिया था। इसके बाद परिजनों ने गूगल के माध्यम से साक्ष्य जुटाए और जय के आईपी पते के माध्यम से कोर्ट में यह साक्ष्य रखा कि उनका बेटा अपराध के समय पर मौके पर था ही नहीं। यहीं से पुलिस की कहानी उल्टी पड़ गई।