हो बउआ, दुपहरिया में एक बेर खाना मिलन ह… उहे खएले, फेनू बिहान खाएला मिलतई…। बाकी किछुओ न मिलल ह…। मीनापुर हाई स्कूल के समीप, शिवहर सड़क किनारे, धूप से बचने के लिए लकड़ी के सहारे फटा हुआ पन्नी टांग कर धूप से बचने की जद्दोजहद में जुटी पुरैनिया गांव की 65 वर्षीय मुसमात विस्फी देवी का दर्द बाढ़ राहत की कलई खोलने के लिए प्रयाप्त है। विस्फी बताती है कि यह पन्नी भी उसका अपना है। सरकार की ओर से अभी तक एक अदद प्लास्टिक भी नही मिला है।
सड़क किनारे गुजर बसर कर रहें महापति देवी हो या अशोक प्रसाद सभी की दास्तान कमोवेश एक जैसी है। राधा कुमारी और विरेन्द्र कुमार, यहां मौजूद दो दर्जन से अधिक बाढ़ पीड़ितो ने बताया कि लोग आतें हैं और फोटो खींच कर चलें जातें हैं। बतातें चलें कि यहां करीब 200 परिवार सड़क पर शरण लिए हुआ है। क्योंकि, उनके घर में चार से पांच फीट तक पानी भरा हुआ है।
मीनापुर चौक से थोड़ी दूर आगे बढ़ते ही रास्ता बंद है। शिवहर सड़क पर तीन से चार फीट पानी बह रहा है। लोग ट्रैक्टर से सड़क पार कर रहें हैं। यही पर कॉग्रेस नेता सुलतान अहमद खान बतातें है कि भीतर गांव में हालात और भी भयावह है। तुर्की, गंगटी, डाकबंगला व हथिआवर में लोग चौकी पर चौकी रख कर, भूखे प्यासे रतजग्गा करने को विवश है। कोइली से किसी तरह पानी हेल कर बाहर आये गरीबनाथ राय बतातें है कि पानी की तेज बहाव से मछुआ पुल के समीप जबरदस्त कटाव होने से पुल कभी भी उखड़ सकता है। लिहाजा, कोइली और टेंगराहां सहित करीब दो हजार लोगो दहशत में है।
इधर, प्रखंड मुख्यालय में नाव की मांग को लेकर पहुंचे दरहीपट्टी के शिवजी पासवान बतातें हैं कि सड़क टूट जाने से उनके गांव का करीब 700 परिवार गांव में ही फंसा हुआ है और उसको बाहर आने का कोई रास्ता नही है। ब्रहण्डा के मो. सदरुल खान बतातें है कि गांव में सैकड़ो परिवार भूखे प्यासे फंसा हुआ और अभी तक प्रशासन की ओर से कोई राहत नही पहुंचा है। पैगम्बरपुर के राजन कुमार, हरशेर के गौरीशंकर सिंह, तालिमपुर के प्रेमलाल राय, टेंगरारी के प्रो. लक्ष्मीकांत और झोंझा के राकेश कुमार सहित दर्जनो लोगो ने राहत नही मिलने पर नाराजगी प्रकट करते हुए बताया कि यहां बाढ़ पीड़ितो की सुधि लेने वाला कोई नही है।
This post was published on अगस्त 23, 2017 23:36
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