केरल की नर्स Nimisha Priya के खिलाफ चल रहे हाई-प्रोफाइल मर्डर केस में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। जिस यमनी नागरिक Talal Abdo Mahdi की हत्या के मामले में वह दोषी ठहराई गई हैं, उसके भाई ने तीसरी बार याचिका दायर कर तुरंत फांसी देने की मांग की है। यह मामला 2017 से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है।
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तीसरी बार फांसी की याचिका दायर
मृतक Talal के भाई Abdul Fattah Mahdi ने फेसबुक पोस्ट में जानकारी दी कि उन्होंने यमन के Deputy Attorney General को नया आवेदन सौंपा है। इस आवेदन में उन्होंने निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सज़ा को तुरंत लागू करने की मांग की है। Fattah ने यह भी बताया कि उन्होंने इस मामले पर व्यक्तिगत रूप से Deputy Attorney General से मुलाकात की है।
सोशल मीडिया पर उन्होंने एक पत्र भी साझा किया है, जिस पर कथित तौर पर Talal के उत्तराधिकारियों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र में हत्या को यमन के इतिहास का अभूतपूर्व अपराध बताते हुए Nimisha Priya को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की गई है।
केस का बैकग्राउंड
Kerala के पलक्कड़ जिले के Kollengode की रहने वाली 38 वर्षीय नर्स Nimisha Priya को जुलाई 2017 में Talal Abdo Mahdi की हत्या का दोषी पाया गया। आरोप है कि Nimisha ने अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए Mahdi को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
उनकी फांसी की तारीख पहले 16 जुलाई तय हुई थी, लेकिन राजनयिक और धार्मिक नेताओं के हस्तक्षेप के बाद इसे टाल दिया गया।
सज़ा और अपील खारिज
साल 2020 में यमन की अदालत ने Nimisha को मौत की सज़ा सुनाई। नवंबर 2023 में देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने उनकी अपील खारिज कर दी। वर्तमान में वे यमन की राजधानी Sana’a की एक जेल में बंद हैं, जो ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है।
पीड़ित परिवार ने Blood Money यानी मुआवजा लेने से साफ इनकार कर दिया है, जिससे किसी भी तरह की सज़ा में राहत की संभावना लगभग खत्म हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय और कूटनीतिक पहलू
यह मामला भारत और विदेश में काफी ध्यान खींच रहा है। भारत का विदेश मंत्रालय इस पर नज़र बनाए हुए है और कई मानवाधिकार समूह मानवीय आधार पर सज़ा पर पुनर्विचार की मांग कर चुके हैं।
हालांकि, पीड़ित परिवार अपनी मांग पर अडिग है कि सज़ा में देरी न हो। Abdul Fattah की लगातार याचिकाएं यह संकेत देती हैं कि वे किसी भी तरह की नरमी के खिलाफ हैं।
जेल में वर्तमान स्थिति
Sana’a जेल में Nimisha Priya का रहना, हूती प्रशासन की कानूनी व्यवस्था के अधीन है, जिससे मामला और जटिल हो गया है। उनका कानूनी दल विकल्प तलाश रहा है, लेकिन पीड़ित परिवार के मुआवजा न लेने के फैसले ने सभी रास्ते कठिन बना दिए हैं।
संभावित असर
इस मामले का परिणाम भविष्य में विदेशों में भारतीय नागरिकों से जुड़े कानूनी मामलों में कूटनीतिक हस्तक्षेप की मिसाल बन सकता है। साथ ही यह प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और उनके कानूनी अधिकारों से जुड़े कई सवाल भी उठाता है।
फिलहाल, Nimisha Priya का भविष्य यमनी अधिकारियों के अगले कदम पर निर्भर है। पीड़ित परिवार का दबाव और उनकी लगातार याचिकाएं यह दिखाती हैं कि यह मामला जल्द खत्म होने के आसार नहीं हैं।
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