KKN गुरुग्राम डेस्क | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कई सख्त कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आपात बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें शीघ्र भारत से बाहर किया जाए, विशेषकर वे जिनके वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी है।
Article Contents
यह निर्देश भारत की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई की रणनीति का हिस्सा है।
अमित शाह का स्पष्ट संदेश – एक भी पाकिस्तानी अवैध रूप से भारत में न रहे
गृह मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, अमित शाह ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से व्यक्तिगत रूप से बात की और उन्हें आदेश दिया कि:
-
जिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा समाप्त हो चुका है, उन्हें तुरंत ट्रैक किया जाए।
-
ऐसे नागरिकों को कानूनी प्रक्रिया के तहत पाकिस्तान वापस भेजा जाए।
-
राज्य स्तर पर स्थानीय एजेंसियां विशेष अभियान चलाकर इनकी पहचान और सत्यापन करें।
शाह का यह निर्देश सीधा और सख्त है — “राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।”
सभी पाकिस्तानी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द
गृह मंत्रालय ने केंद्र सरकार के निर्देश पर सभी प्रकार के पाकिस्तानी वीजा जैसे:
-
टूरिस्ट वीजा
-
बिजनेस वीजा
-
स्टूडेंट वीजा
को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्णय लिया है।
साथ ही, विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को इस निर्णय की जानकारी औपचारिक पत्र के माध्यम से दे दी है। यह कदम न केवल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की सख्त कूटनीतिक नीति का भी संकेत देता है।
सिंधु जल संधि निलंबित, पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका
भारत ने सिंधु जल संधि को भी स्थगित करने का ऐलान किया है। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई थी, जिसके अंतर्गत पाकिस्तान को सिंधु नदी की जलधारा का एक बड़ा हिस्सा मिलता है।
इस फैसले के बाद:
-
पाकिस्तान के 21 करोड़ लोगों की जल निर्भरता पर असर पड़ेगा।
-
कृषि, पेयजल और सिंचाई व्यवस्था बाधित होगी।
-
पाकिस्तान पर आर्थिक और सामाजिक दबाव बढ़ेगा।
भारत ने इस निर्णय की सूचना जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवश्री मुखर्जी के माध्यम से पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा को लिखित रूप से भेज दी है।
गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठकें, हर राज्य में अभियान तेज
गृह मंत्री अमित शाह ने इन फैसलों के साथ ही एक उच्चस्तरीय बैठक भी की, जिसमें शामिल रहे:
-
जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल
-
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और वरिष्ठ अधिकारी
-
गृह मंत्रालय के उच्चाधिकारी
बैठक में निम्न बिंदुओं पर चर्चा हुई:
-
राज्य स्तर पर पाक नागरिकों की पहचान प्रक्रिया
-
कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं की समीक्षा
-
सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा सतर्कता बढ़ाना
-
पाकिस्तान से संबंधित संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी
राज्यों को यह निर्देश दिए गए हैं कि विशेष निगरानी टीमों का गठन कर तत्काल कार्रवाई करें।
इन राज्यों में बढ़ी सक्रियता: पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र
पाकिस्तानी नागरिकों की सबसे अधिक उपस्थिति पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में है। इन राज्यों में पहले से ही विशेष जांच अभियान शुरू हो चुके हैं। स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियां:
-
विवाह या व्यापार के बहाने रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की जांच कर रही हैं।
-
विश्वविद्यालयों, होटलों, गेस्ट हाउस और शरणार्थी कॉलोनियों में पहचान प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
पहलगाम आतंकी हमला: भारत के सख्त रुख की वजह
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें पर्यटक और स्थानीय नागरिक शामिल थे। शुरुआती जांच के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठनों की भूमिका सामने आई है।
इस हमले ने एक बार फिर देश को आतंरिक सुरक्षा को लेकर सजग कर दिया है और सरकार के लिए यह स्पष्ट संदेश बन गया कि आतंकवाद के खिलाफ अब और समझौता नहीं होगा।
कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बनाने की रणनीति
भारत सरकार का यह रुख केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सभी स्तरों पर दबाव की रणनीति है:
-
कूटनीतिक स्तर पर अलग-थलग करना
-
आर्थिक निर्भरता (जल संधि) को चुनौती देना
-
सामाजिक रूप से पाकिस्तान की भारत में उपस्थिति खत्म करना
विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत का एक मल्टी-लेयर रेस्पॉन्स है, जिसमें हर स्तर पर पाकिस्तान को जवाब दिया जा रहा है।
आगे और सख्ती के संकेत, कैबिनेट समिति करेगी समीक्षा
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में:
-
अन्य उच्च जोखिम वाले देशों के नागरिकों पर वीजा नियम सख्त हो सकते हैं।
-
विदेशी नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) अपडेट किया जा सकता है।
-
बॉर्डर सिक्योरिटी पर नई रणनीतियों की घोषणा की जा सकती है।
एक विशेष कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) मई की शुरुआत में फिर बैठक कर स्थिति की समीक्षा करेगी।
पहलगाम आतंकी हमले ने भारत को एक बार फिर चेताया है कि रक्षा नीति को सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रखा जा सकता।
गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सरकार ने जो फैसले लिए हैं — वीजा रद्दीकरण, पाक नागरिकों की वापसी, और सिंधु जल संधि का निलंबन — ये सभी इस बात का संकेत हैं कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, आक्रामक नीति अपना रहा है।
आने वाले हफ्ते में इन नीतियों के प्रभाव जमीनी स्तर पर भी नजर आने लगेंगे, और यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान किस तरह से प्रतिक्रिया देता है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे कैसे देखता है।
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.