अमेरिका। वह दिन अब दूर नही… जब एड्स यानी एचआईवी संक्रमित लोग भी अपना इलाज करा सकेंगे। विशेषज्ञ एचआईवी संक्रमण से निपटने का तरीका ईजाद करने के बेहद ही करीब पहुंच गए हैं।
अमेरिका के अटलांटा स्थित इमोरी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि बहुत जल्द एचआईवी संक्रमण रोकने का टीका हकीकत बन जाएगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि ट्रेग कोशिकाएं एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में संक्रमण फैलने से रोकती हैं। यह कोशिकाएं एक तरह की रेगुलेटरी लिंफोसाइट होता हैं।
शोधकर्ता के लिए भ्रूण में एचआईवी संक्रमण रोकने की वजह का पता लगना बड़ी उपलब्धी मानी जा रही है। इससे उन तरीकों को ईजाद करने में आसानी होगी, जिससे प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक तौर पर मजबूत बनाने का रास्ता तलाशने में मदद मिलेगी।
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने 64 शिशुओं के खून की जांच की, जो एचआईवी संक्रमण से मुक्त थे। उन्होंने एचआईवी संक्रमण के साथ जन्म लेने 28 अन्य शिशुओं के खून की भी जांच की। उन्होंने देखा कि संक्रमण रहित शिशुओं में ट्रेग सेल्स की संख्या अधिक थी। इसके मुकाबले एचआईवी संक्रमित शिशुओं में अन्य लिंफोसाइट के प्रकार सक्रिय और काफी अधिक थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि एचआईवी वायरस सिर्फ सक्रिय कोशिकाओं को संक्रमित करता है। इसलिए ट्रेग सेल्स अन्य लिंफोसाइट्स को सक्रिय होने से रोक कर एचआईवी संक्रमण से बचाया जा सकता है। इस शोध को अमेरिकन सोसाइटी फॉर माईक्रोबायोलॉजी की सालाना बैठक में पेश किया जा चुका है।