Home Economy ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को किया बंद! भारत में मंडराने लगा तेल...

ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को किया बंद! भारत में मंडराने लगा तेल संकट, क्या कहा केंद्रीय मंत्री ने

KKN न्यूज। मिडिल ईस्ट में युद्ध के साए के बीच ईरान ने सबसे बड़ा दांव चलते हुए होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दिया है। अब भारत पर इसका क्या असर होगा? जानिए केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का जवाब और आगे की रणनीति।

अब संकट नहीं, संकट का ऐलान

ईरान ने आधिकारिक रूप से होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दिया है, जो दुनिया के सबसे व्यस्त और अहम तेल ट्रांजिट रूट्स में से एक है। यह निर्णय तब आया है जब इजरायल और ईरान के बीच जंग चरम पर पहुंच चुकी है और अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया है।

अब यह केवल आशंका नहीं, एक वास्तविक वैश्विक आपूर्ति संकट है, जिसका सीधा प्रभाव भारत पर भी पड़ा है।

भारत की तेल आपूर्ति पर तुरंत असर

भारत हर दिन करीब 5.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल की खपत करता है, जिसमें से 1.5 से 2 मिलियन बैरल तेल होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर आता है। ईरान के इस कदम के बाद भारत की इस सप्लाई लाइन पर ताला लग गया है।

केंद्रीय मंत्री का बयान – भारत घबराया नहीं, तैयार है

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस आपात स्थिति पर बयान जारी करते हुए कहा:

सरकार ने ऐसी स्थिति की आशंका पहले से भांप ली थी और हर स्तर पर तैयारी पूरी है। हमारे पास वैकल्पिक मार्ग हैं, और तेल कंपनियों के पास 3 से 4 हफ्ते तक का स्टॉक मौजूद है। देश में फिलहाल तेल संकट जैसी कोई स्थिति नहीं है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय बैठकें की हैं और भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है।

तेल कीमतों पर दिखने लगा असर

होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने की घोषणा के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 100 डॉलर के पार पहुंच गई है। भारत जैसे आयात-निर्भर देशों के लिए यह महंगाई और वित्तीय घाटे की दोहरी मार लेकर आ सकता है।

पुरी ने कहा:

“कीमतें अब बाजार की भावना पर निर्भर करेंगी। पर यह तय है कि जब एक-तिहाई वैश्विक तेल आपूर्ति रुक जाए, तो अस्थिरता बढ़ेगी। हम अपने नागरिकों के हित में सभी जरूरी कदम उठाएंगे।”

वैकल्पिक आपूर्ति पर भारत की नजर

भारत अब तेजी से अमेरिका, अफ्रीका, रूस और दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्रों से आयात बढ़ाने की दिशा में सक्रिय हो गया है। इसके साथ ही रणनीतिक तेल भंडारण को सक्रिय किया गया है, ताकि देश में आपूर्ति की निरंतरता बनी रहे।

“हम पहले से ही तेल के स्रोतों में विविधता ला चुके हैं। पारंपरिक और नए दोनों साझेदारों से बातचीत जारी है,” पुरी ने कहा।

मोदी सरकार की कूटनीति भी एक्टिव मोड में

इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान, सऊदी अरब और अमेरिका सहित सभी बड़े नेताओं से कूटनीतिक बातचीत तेज कर दी है। भारत तनाव घटाने और तेल आपूर्ति बहाल करने के लिए शांतिपूर्ण समाधान की वकालत कर रहा है।

आम आदमी पर क्या होगा असर

अगर स्थिति जल्द सामान्य नहीं हुई, तो भारत में आम आदमी को पेट्रोल-डीजल के दामों में उछाल, LPG की कीमतों में बढ़ोतरी और ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ने जैसे प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। इसका सीधा असर खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर भी पड़ेगा।

भारत के सामने होगी चुनौती

ईरान द्वारा होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने का ऐलान वैश्विक ऊर्जा बाजार के लिए एक बड़ा झटका है। भारत इस फैसले से प्रभावित जरूर हुआ है, लेकिन सरकार की तैयारी और रणनीतिक निर्णयों के चलते फिलहाल संकट नियंत्रण में है।

अब नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या कूटनीति इस संकट को हल कर पाएगी, या दुनिया एक लंबे ऊर्जा संकट की ओर बढ़ेगी।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Show comments

Exit mobile version