KKN गुरुग्राम डेस्क | केरल की 24 वर्षीय महिला ग्रीष्मा को सोमवार को नेय्यत्तिनकारा सेशन कोर्ट ने अपने प्रेमी शेरोन राज की हत्या के जुर्म में मृत्युदंड की सजा सुनाई। 2022 में हुए इस निर्मम अपराध ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और रिश्तों में विश्वास, धोखा और न्याय के मुद्दों पर बहस को जन्म दिया।
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Toggleमामले का विवरण: एक दुखद प्रेम कहानी का अंत
यह मामला ग्रीष्मा, जो कि कन्याकुमारी की निवासी और अंग्रेजी की स्नातकोत्तर छात्रा थीं, और शेरोन राज, तिरुवनंतपुरम के पारसल्ला के रहने वाले एक अंतिम वर्ष के स्नातक छात्र, के बीच प्रेम संबंध से शुरू हुआ। दोनों की मुलाकात 2021 में हुई थी, लेकिन यह रिश्ता मार्च 2022 में तब जटिल हो गया जब ग्रीष्मा के परिवार ने उनकी शादी एक सेना अधिकारी से तय कर दी।
हालांकि ग्रीष्मा ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया, लेकिन उन्होंने शेरोन के साथ संबंध जारी रखा।
शेरोन की हत्या: एक योजनाबद्ध अपराध
जहर देने के असफल प्रयास
जांच के दौरान यह सामने आया कि ग्रीष्मा ने शेरोन की हत्या की योजना पहले ही बना ली थी।
- ऑनलाइन सर्च:
ग्रीष्मा ने इंटरनेट पर जहर और दर्दनाशक दवाओं के शरीर पर प्रभाव के बारे में जानकारी जुटाई। - जहर देने के प्रयास:
उन्होंने शेरोन के पानी और जूस में गोलियां मिलाकर उसे जहर देने की कोशिश की। - जूस पीने की चुनौती:
अपनी मंशा छुपाने के लिए, उन्होंने शेरोन को “जूस पीने की चुनौती” दी, लेकिन शेरोन को कोई नुकसान नहीं हुआ।
घातक दिन: 14 अक्टूबर 2022
जब सभी प्रयास असफल रहे, तो 14 अक्टूबर 2022 को ग्रीष्मा ने शेरोन को अपने घर बुलाया। उन्होंने उसे आयुर्वेदिक औषधीय पेय पिलाया, जिसमें जहरीला रसायन (हर्बिसाइड) मिलाया गया था। इस पेय के स्वाभाविक कड़वे स्वाद के कारण शेरोन को कोई संदेह नहीं हुआ।
पेय पीने के बाद, शेरोन को गंभीर परेशानी होने लगी। वह लगातार उल्टी करने लगा और बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शेरोन की मृत्यु
25 अक्टूबर 2022 को, तिरुवनंतपुरम के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान, 23 वर्षीय शेरोन की कई अंगों के फेल होने के कारण मृत्यु हो गई। मृत्यु से पहले उन्होंने एक दोस्त से कहा था कि ग्रीष्मा ने उनके साथ धोखा किया है और उन्हें जहर दिया गया है।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी
शेरोन की मौत के बाद उनके परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 31 अक्टूबर 2022 को ग्रीष्मा को गिरफ्तार कर लिया गया।
मामले में आरोप और गिरफ्तारियां:
- ग्रीष्मा: मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार।
- मां और मामा: ग्रीष्मा की मां और मामा पर अपराध में सहायता और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया।
- ग्रीष्मा की मां को अदालत ने बरी कर दिया।
- मामा निर्मलाकुमारन नायर को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई।
आरोपों की कानूनी धाराएं:
- धारा 302 (हत्या): मृत्युदंड या आजीवन कारावास।
- धारा 328 (जहर देकर नुकसान पहुंचाना): कठोर सजा।
- धारा 364 (अपहरण और हत्या): 10 साल से अधिक की सजा।
- धारा 201 (सबूत नष्ट करना): 7 साल तक की सजा।
- धारा 34 (सामूहिक आपराधिक कृत्य):।
ग्रीष्मा का बयान और अपराध का उद्देश्य
पुलिस पूछताछ के दौरान, ग्रीष्मा ने कबूल किया कि वह शेरोन के साथ अपना रिश्ता खत्म करना चाहती थीं।
मृत्यु का उद्देश्य:
- ग्रीष्मा को डर था कि शेरोन उनके निजी पलों की तस्वीरें उनके होने वाले पति को दिखा सकते हैं।
- उन्होंने दावा किया कि यही डर उनके इस अपराध का कारण बना।
हालांकि, ग्रीष्मा ने अदालत में लगातार अपनी निर्दोषता का दावा किया और कहा कि असली अपराधी अब तक पकड़े नहीं गए हैं।
कोर्ट का फैसला: मृत्यु दंड
नेय्यत्तिनकारा सेशन कोर्ट ने ग्रीष्मा को मृत्युदंड सुनाते हुए कहा कि यह अपराध “दुर्लभतम मामलों” में से एक है।
कोर्ट के मुख्य बिंदु:
- पूर्व नियोजित अपराध:
ग्रीष्मा ने कई महीनों तक इस अपराध की योजना बनाई थी। - निर्दयता:
उन्होंने जहर देकर अपने प्रेमी की हत्या की, जो उनके विश्वास पर निर्भर था। - सामाजिक संदेश:
कोर्ट ने कहा कि ऐसे अपराधों के लिए कड़ी सजा जरूरी है ताकि समाज में इसका उदाहरण बने।
समाज और परिवार पर प्रभाव
यह मामला रिश्तों में विश्वासघात और उसकी गंभीर परिणति का उदाहरण है।
परिवार का दुख
पीड़ित के परिवार ने कहा कि यह सजा उनके बेटे के लिए न्याय है। हालांकि, उन्होंने ग्रीष्मा के अपराध में शामिल अन्य लोगों की पहचान और कड़ी सजा की मांग की।
समाज में संदेश:
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि जहरीले रिश्ते और छिपे हुए अपराध कितने घातक हो सकते हैं।
क्या बदला जा सकता है?
सुरक्षा उपाय:
- मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता:
रिश्तों में समस्याओं को सुलझाने के लिए काउंसलिंग और समर्थन बढ़ाया जाए। - पारिवारिक संवाद:
परिवारों को बच्चों के साथ संवाद बढ़ाने और उनके रिश्तों की बेहतर समझ विकसित करने की जरूरत है।
ग्रीष्मा को शेरोन राज की हत्या के लिए सजा-ए-मौत मिलना न्याय का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस फैसले से यह संदेश गया है कि ऐसे अपराधों के लिए कोई जगह नहीं है।
हालांकि, यह घटना रिश्तों में विश्वास और पारदर्शिता की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। न्याय प्रणाली ने अपना काम किया है, लेकिन यह समाज की जिम्मेदारी है कि वह इस तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए कदम उठाए।
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