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एम बी ए चायवाला (MBA Chaiwala) की सक्सेस स्टोरी

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कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता बस जरूरत होती है उस काम को सही तरीके से लोगों के सामने लाने की। इसका एक जीता-जागता प्रमाण है एम बी ए चायवाला (MBA Chaiwala)। जिसने अपनी एम बी ए की पढाई छोड़कर चाय बेचने का काम शुुरू कर दिया। आज एम बी ए चायवाला (MBA Chaiwala) पूरे भारत मे अपने चाय के लिए जाना जाता है।

कौन है एम बी ए चायवाला (MBA Chaiwala)?

प्रफुल्ल बिल्लोरे उर्फ एम बी ए चायवाला का जन्म 14 जनवरी 1996 को मध्यप्रदेश, इंदौर के धार जिले मे एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। प्रफुल्ल बचपन से ही पढ़ाई मे काफी अच्छे थे। प्रफुल्ल आगे अपनी एम बी ए की पढ़ाई को पूरा करना चाहते थे। पर कौन जनता था कि आगे चलकर प्रफुल्ल एम बी ए की पढ़ाई छोड़कर चाय का स्टाॅल लगाएंगे और एम बी ए चायवाला (MBA Chaiwala) बन जाएंगे।

इसने अपना नाम एम बी ए चाय वाला (MBA Chaiwala) ही क्‍यों रखा?

आपको बता दे कि प्रफुल्ल बिल्लोरे ने अपने चाय स्टॉल की शुरुआत Mr. Billore चायवाला के नाम से की थी। प्रफुल्ल को लगता था कि Mr. Billore चायवाला नाम कुछ अधूरा सा है और इसमे कुछ जोड़ने की जरूरत है। बाद  मे सोचते-सोचते उन्हे ये ख्याल आया की उन्होंने अपनी शुरुआत अहमदाबाद से की तो क्यों ना अपने स्टॉल का नाम मे अहमदाबाद भी जोड़ दिया जाए। तब जाकर प्रफुल्ल ने अपने चाय स्टॉल का नाम  Mr. Billore अहमदाबादिया चायवाला कर दिया। आगे चलकर उनका स्टॉल लोगों के बीच काफी फेमस होने लगा। उनके चाय की डिमांड बढ़ने लगी। लोग प्रफुल्ल को MBA चायवाला के नाम से जानने लगे। एम बी ए चायवाला (MBA Chaiwala) का नाम सुनकर लोगों को लगता है कि यह डिग्री वाला एमबीए है मगर ऐसा नहीं है। MBA चायवाला Mr. Billore Ahmedabadiya Chaiwala का शॉर्ट फॉर्म है।

MBA की पढ़ाई छोड़ने और चाय का स्टॉल लगाने के बीच की स्टोरी

प्रफुल्ल बिल्लोरे ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी पूरी स्टोरी साझा की थी। प्रफुल्ल ने बताया कि उनका रुझान पढ़ाई मे काफी अच्छा था। उन्होंने अपनी BBA की पढ़ाई पूरी करने के बाद MBA मे एडमिशन के लिए CAT की तैयारी शुरू कर दी थी। वह रोज 8-10 घंटे पढ़ाई किया करते थे। लगभग दो से ढाई साल के तैयारी के बावजूद उनका CAT का एग्जाम क्लियर नहीं हो पाया जिस वजह से प्रफुल्ल को काफी हताशा भी हुई। लेकिन इस सबके बावजूद उन्हे यह समझ आ गया था कि वे लगातार प्रयास के बावजूद भी 91-95% तक ही जा सकते हैं। जबकि इतने मे उनका कैट नहीं क्लियर होता और उनका एमबीए के टॉप इंस्टीट्यूट मे एडमिशन का सपना अधूरा रह जाता। बस इतना समझते ही प्रफुल्ल ने पढ़ाई बीच मे ही छोड़ दी। यह प्रफुल्ल के सपने का अंत नहीं एक नई शुरुआत थी। प्रफुल्ल देश के अन्य जगहों जैसे बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, गुड़गाव आदि मे कम पैसे/बिना पैसे मे घूमना शुरू कर दिया। इन सभी जगहों पर जाने की वजह से उनकी जानकारियां तथा अनुभव काफी बढ़ा।

MBA Chaiwala ने कहां से की अपनी शुरुआत

प्रफुल्ल बिल्लोरे देश मे बहुत से जगहों को घूमते-घूमते अहमदाबाद पहुंचे। अहमदाबाद पहुंचकर उनकी जिंदगी मे एक ठहराव आया। यहां आकर प्रफुल्ल ने देखा कि यहां हर कोई किसी ना किसी काम मे लगा है। गुजरात-अहमदाबाद के अधिकतर लोग किसी ना किसी व्यवसाय से जुड़े होते है या व्यवसायी होते है। साथ ही वे अपने काम के पक्के होते हैं। ये देखकर प्रफुल्ल ने अहमदाबाद मे ही एक छोटा चाय का ठेला लगाकर शुरुआत करने की सोची। उस समय प्रफुल्ल ने अपनी जीविका चलाने के लिए मैक्डॉनल्ड में 35 रुपया प्रति घंटे के दर से स्वीपर का काम करना शुरू कर दिया था।

एमबीए चायवाला का जॉब के लिए जद्दो-जहद

प्रफुल्ल बिल्लोरे ने अपनी डिग्री के साथ कई जगह जॉब के लिए अप्लाई किया, लेकिन उनकी डिग्री के साथ उनकी अच्छी इंग्लिश देखकर किसी ने उन्हे जॉब पर नहीं रखा। प्रफुल्ल काफी टैलेंटेड होने के साथ अच्छी इंग्लिश बोलते थे इसलिए लोगों को लगता था कि वे कहीं उनकी जगह ना हथिया ले। इन सभी वजहों से उन्हे जॉब नहीं मिल पा रही थी। आखिर मे झूठ बोलकर कि वे गरीब परिवार से आते और उनको जॉब की जरूरत है कहकर उनको नौकरी मिली। ये नौकरी मैक्डॉनाल्ड कंपनी मे एक स्वीपर की थी जिसे प्रति घंटे के लिए 35 रुपया दिया जाता था। प्रफुल्ल को कमाने के साथ-साथ नये-नये चीजे सीखने समझने का मौका मिला। कुछ ही दिनों बाद उनका स्वीपर से वेटर मे प्रमोशन हो गया और वे लोगों से औडर लेने लग गये। प्रफुल्ल पहली बार किताबों की दुनिया से निकलकर असल दुनिया के इस अनुभव से जुड़ रहे थे। प्रफुल्ल इस दौरान अलग-अलग तरह के लोगों से मिले जो उनके लिए उनकी जिंदगी का एक बड़ा अवसर बन गया।

चाय का स्टॉल लगाने का ख्याल कैसे आया

जब प्रफुल्ल मैक्डॉनाल्ड मे काम कर रहे थे उसी दौरान उन्होंने सोचा कि कब तक वह दूसरी जगहों पर नौकरी करते रहेंगे। प्रफुल्ल ने सोचा कि जब मैक्डॉनाल्ड बर्गर बेचकर सबसे बड़ी फूड कंपनी बन सकता है तो क्यों ना वो भी खुद का कुछ शुरू करें। तभी प्रफुल्ल उर्फ आज के MBA Chaiwala ने खुद का स्टॉल लगाने की सोची। प्रफुल्ल का मानना है कि चाहे आप देश के किसी कोने मे चले जाए वहां के सड़क, चौराहों पर एक चाय की टपरी जरूर देखने को मिल जाती है।चाहे चाय का स्वाद, रंग अलग-अलग हो लेकिन चाय की मांग हर जगह है।

एमबीए चाय वाले की शुरुआती मुश्किले

जब MBA chaiwala उर्फ प्रफुल्ल बिल्लोरे ने अपना चाय का स्टॉल लगाने की ठानी तो उनके सामने बहुत सी कठनाइयां आने लगी।

  • प्रफुल्ल ने पहले कभी चाय नहीं बनाई थी। उनके पास चाय बनाने का कोई बर्तन नहीं था, वे कहां अपना ठेला लगाए इसकी कोई जगह मालूम नहीं थी। वे कैसे इसकी शुरुआत करे इस बात की हिचक भी मन मे थी। उनके पैरेंट्स क्या सोचेंगे, लोग क्या कहेंगे सोचते-सोचते 30-40 दिन बीत गये। आखिर वो दिन आ ही गया प्रफुल्ल ने किसी बात कि परवाह किए बिना सड़क के किनारे अपना चाय का ठेला लगाया।
  • प्रफुल्ल बिल्लोरे ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्होंने अपने पिता से पढ़ाई के नाम पर 10-15 हजार रुपये लिए और अपने चाय का ठेला शुरू किया।
  • पहले दिन प्रफुल्ल बिल्लोरे की सिर्फ कुछ ही कप चाय बिकी और उन्होंने 150 रुपया कमाया। अगले ही दिन प्रफुल्ल ने सोचा अगर लोग उनके चाय के ठेले के पास नहीं आ रहे है तो क्या हुआ वे खुद लोगों के पास जाकर उन्हे अपनी चाय ऑफर करेंगे। यहां प्रफुल्ल की वेल एजुकेशन भी काम आई। प्रफुल्ल अंग्रेजी बोलते थे और चाय बेच रहे थे लोगों को इस बात ने काफी आकर्षित किया।  वो लोगों के पास जाकर अपना चाय ऑफर करते, साथ ही एक अच्छा नोट भी देते थे। लोग उनके बारे मे जानने के  लिए उनके टी-स्टॉल के पास आने लगे।
  • धीरे-धीरे लोग उनसे जुड़ने लगे उनका टी स्टॉल भी चलने लगा। प्रफुल्ल ने लगभग 4 महीने तक मैक्डॉनाल्ड मे 9-6 बजे का शिफ्ट किया और साथ मे शाम के 6-11 बजे तक अपना टी-स्टॉल चलाया। जब उनका चाय का स्टॉल चलने लगा तो प्रफुल्ल ने मैक्डॉनल्ड की जॉब छोड़ दी और अपना पूरा समय अपने टी-स्टॉल मे लगाने लगे।
  • काफी लोग प्रफुल्ल के टी स्टॉल से जुड़ रहे थे। इसमे से किसी ने इनका एमबीए चायवाला करके एक वीडियो बनाया जो वायरल हो गया। जिस वजह से यह बात उनके माता-पिता को मालूम हो गई कि प्रफुल्ल चाय बेच रहे है। प्रफुल्ल ने पढ़ाई के नाम पर झूठ बोला इस बात से उनके माता-पिता काफी निराश हुए। लेकिन बाद मे उन्होंने प्रफुल्ल की बात समझी और उनको सपोर्ट भी किया।

MBA चायवाला  का संघर्ष

प्रफुल्ल बिल्लोरे उर्फ एम बी ए चायवाला का टी स्टॉल रफ्तार पकड़ ही रहा था कि किसी ने कंप्लेन कर दी। एम बी ए चायवाला को अपना टी स्टॉल वहां से हटाना पड़ा। कुछ ही समय मे काफी लोग उनसे जुड़ चुके थे, जो उनसे फिर से टी स्टॉल के जरिये जुडने के लिए बेताब थे। एम बी ए चायवाला का टी स्टॉल  लोगों को जोड़ने का, उन्हे जानकारी देने का एक नेटवर्किंग प्वाइंट बन गया था।

एम बी ए चायवाला की दुबारा वापसी

प्रफुल्ल बिल्लोरे ने फिर दुबारा से टी स्टॉल लगाने का फैसला किया। लेकिन इस बार एम बी ए चायवाला ने ये सुनिश्चित कर लिया कि जहां वे अपना टी स्टॉल लगाएंगे वहां से कोई उन्हे हटा ना सके। प्रफुल्ल बिल्लोरे ने एक अस्पताल के सामने का जगह 10000 रुपया प्रति माह के रूप मे रेंट पर ले लिया। वहां फिर से अपना टी स्टॉल लगाया। कुछ दिनों तक प्रफुल्ल के मन मे यह सवाल दौड़ता रहा कि क्या वे 10000 रुपया प्रति माह का खर्च निकाल पाएंगे। इसबार एम बी ए चाय वाला ने अपने टी स्टॉल के साथ एक क्रिएटिवीटी जोड़ दी थी। कुछ ही दिनों मे MBA चाय वाला का चाय का ठेला तेजी से चलने लगा और काफी फेमस हो गया। एमबीए चाय वाला के रूप मे प्रफुल्ल बिल्लोरे को एक नई पहचान मिल गई साथ ही और भी ज्यादा लोग एमबीए चायवाला के टी स्टॉल से जुडने लगे। आज एमबीए चायवाला के ब्रांच मे चाय के अलावा और भी तरह के वेभरेज, फ्रेंच-फ्राइज, मस्काबन आदि मिलते हैं।

प्रफुल्ल बिल्लोरे उर्फ एम बी ए चायवाला का चाय के साथ फोटो

वैलेंटाइन डे स्पेशल ट्रीट

प्रफुल्ल ने वैलेंटाइन डे के दिन सभी सिंगल लोगों के लिए फ्री चाय ऑफर की। यह वायरल हो गया और सिंगल लोग एम बी ए चाय वाला की दुकान पर पहुंचने लगे। इस स्पेशल ट्रीट की वजह से काफी सारे नए लोग एमबीए चायवाले के टी स्टॉल से जुड़े।

MBA Chaiwala का इनकम

आज MBA chaiwala काफी फेमस है। आज प्रफुल्ल बिल्लोरे नेशनल इवेंट भी करते है और उनका नेटवर्किंग बहुत बड़ा है। इनके नेटवर्किंग के जरिये काफी सारे लोगों को जॉब तथा अन्य आइडिया मिले। आज एमबीए चाय वाला का टर्न ओवर 5-6 करोड़ रुपये है। आज इनके साथ 40-50 लोगों की टीम काम कर रही है। अभी एमबीए चायवाला की 5-6 आउटलेट्स खुल चुकी है और आगे चलकर ऐसी और भी आउटलेट्स खुलेंगी। आज एमबीए चायवाले के एक फ्रेंचाइज की कीमत 10-12 लाख रुपये है।

MBA चाय वाला की उपलब्धियां

आज एमबीए चाय वाला हर जगह फेमस है। हर कोई इसके बारे मे जान रहा है। MBA चाय वाला शादियों में, इवेंट्स में, फंड रेजिंग में, पॉलिटिकल कैम्पेन में, फ्रेंचाईजी में, चायपत्ती की सप्लाई आदि जो चीजे चाय के इर्द-गिर्द है इसमें अपनी सर्विस दे रहे है। जिस यूनिवर्सिटी मे दाखिला लेना प्रफुल्ल बिल्लोरे का कभी सपना था आज उस यूनिवर्सिटी मे गेस्ट के तौर पर जाकर प्रफुल्ल दूसरे स्टूडेंट्स को इनकरेज कर रहे हैं।                                                                                                                                                                                             आज प्रफुल्ल का अपना ई-कॉमर्स का प्लैटफॉर्म और सोशल मीडिया डिजिटल मार्केटिंग कंपनी है। प्रफुल्ल सोशल मीडिया के पावर को समझते है। प्रफुल्ल लोगों को डिजिटल वर्ल्ड के बारे मे सीखाते है, वे खुद इसमे मेन्टॉर है। प्रफुल्ल बिल्लोरे का अपना MBA चायवाला कर के एक एकैडमी है जिसमे वे लोगों को आन्टरप्रेन्योरशिप के बारे मे सीखाते है।

 MBA Chaiwala के अनुसार

प्रफुल्ल बिल्लोरे ने एक वीडियो मे कहा था कि अगर आप ऑब्जर्व  करना सीख जाते है तो जिंदगी आपको सिखाने लगती है (If you have start observing then life has been your ). जब आपको पता होता है कि ये आपको नहीं पता है तब आपके सीखने की उम्मीद ज्यादा होती है (When you know you ‘t know you have a better chance of learning).


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