बिहार में 51,389 शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग शुरू, एक सप्ताह में सभी को मिलेगा स्कूल आवंटन

Rajasthan Anganwadi Vacancy 2025

KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हजारों अभ्यर्थियों का इंतजार अब खत्म हो गया है। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के तहत चयनित 51,389 शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है। सबसे पहले अरवल जिले में शिक्षकों को स्कूल आवंटित किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले एक सप्ताह में सभी शिक्षकों को स्कूल आवंटन कर दिया जाएगा

यह प्रक्रिया बिहार शिक्षा विभाग द्वारा चरणबद्ध तरीके से पूरी की जा रही है, जिससे राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षक वितरण को संतुलित किया जा सके।

 अरवल से हुई शुरुआत, जिलेवार पोस्टिंग जारी

3 मई 2025 को बिहार सरकार ने अरवल जिले से ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया की शुरुआत की। अब प्रत्येक दिन अलग-अलग जिलों में शिक्षकों को स्कूल आवंटन किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने बताया कि शिक्षकों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS के माध्यम से स्कूल की जानकारी भेजी जाएगी

एक अधिकारी ने बताया,

“हमारा लक्ष्य है कि सात दिनों के भीतर सभी चयनित शिक्षकों को उनके स्कूलों में पोस्ट कर दिया जाए। प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है।”

 तीसरे चरण की BPSC शिक्षक भर्ती से जुड़े शिक्षक

इस ट्रांसफर पोस्टिंग प्रक्रिया में वे सभी शिक्षक शामिल हैं, जिन्हें BPSC की तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा में चयनित किया गया था। इन शिक्षकों को मार्च 2025 में औपबंधिक नियुक्ति पत्र (Provisional Appointment Letter) दिए गए थे। हालांकि, स्कूल आवंटन अब मई में किया जा रहा है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मार्च में गांधी मैदान, पटना में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान 8 जिलों के 10,000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे थे, जबकि शेष शिक्षकों को जिला मुख्यालय स्तर पर नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।

 अब तक की प्रक्रिया का टाइमलाइन

घटनातारीख
औपबंधिक नियुक्ति पत्र जारीमार्च 2025
गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र वितरणमार्च 2025
ट्रांसफर पोस्टिंग की शुरुआत3 मई 2025
पूर्ण स्कूल आवंटन की समय सीमा10 मई 2025 (लक्ष्य)

यह टाइमलाइन दर्शाती है कि सरकार ने पूरी प्रक्रिया को समयबद्ध और व्यवस्थित ढंग से क्रियान्वित करने की योजना बनाई है।

 शिक्षकों को कैसे मिलेगा स्कूल आवंटन?

शिक्षकों को उनके स्कूल आवंटन की जानकारी SMS के माध्यम से उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी। इसके अलावा:

  • सूचना शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी।

  • किसी त्रुटि या समस्या की स्थिति में जिला शिक्षा कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

 नीतीश कुमार का संबोधन: महिलाओं और शिक्षा पर विशेष जोर

गांधी मैदान में आयोजित शिक्षक नियुक्ति समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था:

“2005 से पहले बिहार की स्थिति क्या थी, सभी को पता है। आज लड़के और लड़कियां दोनों पढ़ रहे हैं, महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। हमने शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है।”

उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं की भागीदारी से शिक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। उनकी सरकार का फोकस हमेशा रहा है – “सबका साथ, सबका विकास।”

 बिहार शिक्षा प्रणाली के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह कदम?

बिहार लंबे समय से शिक्षकों की कमी, असमान शिक्षक वितरण और दूरदराज के इलाकों में स्टाफिंग की समस्याओं से जूझ रहा है। इस बड़े पैमाने पर की जा रही शिक्षक ट्रांसफर पोस्टिंग:

  • रिक्त पदों को भरने में मदद करेगी।

  • छात्र-शिक्षक अनुपात को बेहतर बनाएगी।

  • ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करेगी।

  • शिक्षकों को स्थायित्व और पारदर्शिता देगी।

जिलेवार प्रक्रिया और निगरानी

अरवल के बाद, अन्य प्रमुख जिलों जैसे पटना, गया, भागलपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, और नालंदा में पोस्टिंग की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

प्रत्येक जिले में:

  • शिक्षक पहचान और दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाएगा।

  • स्कूल आवंटन की पुष्टि कर ज्वाइनिंग लेटर जारी किए जाएंगे।

  • स्कूल प्रमुखों को सूचना भेजी जाएगी ताकि नए शिक्षक का स्वागत और कार्यभार शुरू किया जा सके।

 पारदर्शिता और शिकायत निवारण व्यवस्था

सरकार ने स्पष्ट किया है कि ट्रांसफर पोस्टिंग प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और मेरिट आधारित होगी। यदि किसी शिक्षक को आवंटन में समस्या हो, तो वह:

  • जिला स्तर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

  • ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से रिव्यू की मांग कर सकते हैं।

  • शिक्षा विभाग के हेल्पडेस्क से मार्गदर्शन ले सकते हैं।

 शिक्षकों की प्रतिक्रिया

अधिकांश नव-नियुक्त शिक्षकों ने पोस्टिंग प्रक्रिया की शुरुआत पर संतोष व्यक्त किया है।

“हम मार्च से इंतजार कर रहे थे। अब जब SMS आ गया है, तो लग रहा है कि अब वाकई नौकरी शुरू हो रही है,” – समस्तीपुर की एक शिक्षिका ने कहा।

शिक्षा से जुड़े संगठनों ने सरकार की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है, साथ ही यह आग्रह भी किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्टिंग के साथ बुनियादी सुविधाएं जैसे आवास और सुरक्षा भी दी जाए।

चुनौतियां भी मौजूद हैं

जहां यह प्रक्रिया एक बड़ा कदम है, वहीं कुछ चुनौतियां भी सामने हैं:

  • कुछ इलाकों में स्कूल तक पहुंचना कठिन है।

  • महिला शिक्षकों के लिए आवास और परिवहन की व्यवस्था

  • नए शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और ओरिएंटेशन की आवश्यकता।

  • स्कूलों में निगरानी और उपस्थिति की सख्ती

सरकार ने संकेत दिया है कि अगला चरण प्रशिक्षण और कार्यभार ग्रहण (joining) पर केंद्रित होगा।

51,389 शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया न केवल शिक्षकों के लिए एक नई शुरुआत है, बल्कि यह बिहार की सरकारी स्कूल शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। एक सुव्यवस्थित, पारदर्शी और डिजिटल प्रक्रिया के जरिए सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर बच्चे को योग्य शिक्षक मिल सके

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